अध्यादेश का सारांश

निर्दिष्ट बैंक नोट (दायित्वों की समाप्ति) अध्यादेश, 2016

  • निर्दिष्ट बैंक नोट (दायित्वों की समाप्ति) अध्यादेश, 2016 को 30 दिसंबर, 2016 को जारी किया गया।
     
  • अध्यादेश प्रावधान करता है कि 31 दिसंबर, 2016 से निर्दिष्ट बैंक नोट (500 रुपए और 1,000 रुपए के पुराने नोट) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का दायित्व नहीं रहेंगे। इसके अतिरिक्त अब केंद्र सरकार की ओर से इन नोटों की गारंटी नहीं दी जाएगी।
     
  • आरबीआई एक्ट, 1934 के तहत अधिसूचना जारी करते हुए 8 नवंबर, 2016 को इन नोटों को विमुद्रित कर दिया गया था। अधिसूचना में इस बात की अनुमति दी गई थी कि 30 दिसंबर, 2016 तक इन नोटों को बैंकों या पोस्ट ऑफिसों में जमा करा दिया जाए।
     
  • छूट की अवधि : केंद्र सरकार 31 दिसंबर, 2016 के बाद छूट की अवधि निर्दिष्ट करेगी जिस दौरान निम्नलिखित व्यक्ति आरबीआई में निर्दिष्ट नोटों को जमा कर सकते हैं : (i) ऐसा भारतीय नागरिक जो यह घोषणा करे कि वह 9 नवंबर, 2016 से 30 दिसंबर, 2016 के बीच भारत से बाहर था, या (ii) केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट किसी अन्य श्रेणी के व्यक्ति। पुराने नोट जमा कराने वाले ऐसे किसी भी व्यक्ति से आरबीआई द्वारा निर्दिष्ट घोषणा करने या वक्तव्य देने की अपेक्षा की जाएगी।
     
  • दावों का सत्यापन : आरबीआई यह सत्यापित करेगा कि निर्दिष्ट बैंक नोटों को जमा कराने में हुई देरी के लिए जो कारण दिए गए हैं, वे वास्तविक हैं। अगर आरबीआई इन कारणों से संतुष्ट होगा तो इन नोटों को उस व्यक्ति के खाते में जमा कर दिया जाएगा। इसमें शर्त यह है कि केवल उन्हीं व्यक्तियों के खातों में पुराने नोट जमा होंगे जिनके खातों की केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
     
  • अगर आरबीआई किसी व्यक्ति के खाते में नोट जमा करने से इनकार करता है तो वह व्यक्ति इसकी शिकायत 14 दिन के अंदर आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड से कर सकता है।
     
  • गलत घोषणा करने पर दंड : अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर गलत घोषणा करता है तो उस पर (i) 50,000 रुपए तक का, अथवा (ii) जमा की गई राशि से पांच गुना, इनमें से जो भी अधिक होगा, बतौर जुर्माना लगाया जाएगा।
     
  • निर्दिष्ट नोटों से संबंधित प्रतिबंध : 31 दिसंबर, 2016 के बाद से किसी व्यक्ति द्वारा निर्दिष्ट बैंक नोटों को रखना, हस्तांतरित करना या प्राप्त करना प्रतिबंधित है। अध्यादेश इस प्रतिबंध से निम्नलिखित छूट देता है : (i) कोई भी व्यक्ति अधिक से अधिक 10 पुराने नोट (कितने भी मूल्य वर्ग के) अपने पास रख सकता है, (ii) कोई भी व्यक्ति अध्ययन, अनुसंधान या न्यूमिज़मैटिक्स (मुद्रा या सिक्कों को संग्रह या अध्ययन करना) के लिए 25 नोट अपने पास रख सकता है, या (iii) कोई भी व्यक्ति न्यायालय के आदेश पर नोट अपने पास रख सकता है। इसके अतिरिक्त आरबीआई या उसके द्वारा अधिकृत किसी व्यक्ति को भी इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।
     
  • निर्दिष्ट बैंक नोटों को रखने पर दंड : निम्नलिखित स्थितियों के अतिरिक्त अगर कोई व्यक्ति निर्दिष्ट बैंक नोट अपने पास रखता है तो उस पर (i) 10,000 रुपए तक का, अथवा (ii) जमा की गई राशि से पांच गुना, इनमें से जो भी अधिक होगा, बतौर जुर्माना लगाया जाएगा।
     
  • कंपनियों के अपराध : अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी की ओर से इस अध्यादेश के तहत अपराध करता है तो इस अपराध के लिए कंपनी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
     
  • जुर्माना लगाने का अधिकार : अध्यादेश के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर प्रथम श्रेणी के मेजिस्ट्रेट की अदालत या मेट्रोपॉलिटन मेजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा।

 

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