ज्वाइंट कमिटी की रिपोर्ट का सारांश

जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल, 2022

  • जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल, 2022 पर गठित ज्वाइंट कमिटी (चेयर: श्री पी.पी.चौधरी) ने 17 मार्च, 2023 को अपनी रिपोर्ट पेश की। विभिन्न कानूनों के तहत अपराधों को अपराध मुक्त करके, और जेल की सजा को हटाकर, यह बिल कारोबारी सुगमता को बढ़ाने का प्रयास करता है। कुल मिलाकर यह बिल 42 कानूनों में संशोधन का प्रयास करता है। कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • सजा में संशोधनबिल मूल एक्ट्स में विभिन्न उल्लंघनों और अपराधों के लिए जुर्माने और अर्थदंड को कम करता है। यह कुछ जुर्मानों (फाइन) को अर्थदंड (पैनेल्टी) में बदलता है जिन्हें न्यायिक प्रक्रिया के जरिए लगाने की जरूरत नहीं है। कुछ प्रावधानों के लिए कमिटी ने अर्थदंड की गंभीरता में संशोधन का सुझाव दिया है। जैसे कमिटी ने सुझाव दिया है कि फार्मेसी एक्ट, 1948 के तहत राज्य रजिस्टर ऑफ फार्मासिस्ट में दर्ज होने का झूठा दावा करने पर अर्थदंड बढ़ाया जाना चाहिए। पहली बार यह अपराध करने पर वर्तमान में पांच सौ रुपए का अर्थदंड है। बिल के तहत पहली बार अपराध करने पर 50,000 रुपए तक का अर्थदंड लगाया जाएगा। कमिटी ने इस अर्थदंड को बढ़ाकर एक लाख रुपए करने का सुझाव दिया है। दूसरे अपराधों को क्षमा योग्य बनाया गया है, जैसे कि वन एक्ट, 1927 के तहत मवेशियों का अनाधिकार प्रवेश।

  • सजा पर अधिनिर्णयबिल में केंद्र सरकार के लिए प्रावधान है कि वह निम्नलिखित के लिए एडजुडिकेटिंग अधिकारियों की नियुक्ति करेगी (i) उल्लंघनों की जांच करना, (ii) सबूत के लिए व्यक्तियों को बुलाना, और (iii) अर्थदंड पर फैसला देना और दंड लगाना। बिल कुछ कानूनों से सजा के रूप में कारावास को हटाता है लेकिन उनके लिए एडजुडिकेटिंग अधिकारियों का प्रावधान नहीं करता। कमिटी ने ऐसा करने वाले संशोधनों का सुझाव दिया। यह कोई मौजूदा अधिकारी या निकाय हो सकता है, जैसे सरकारी सिक्योरिटीज़ एक्ट, 2006 के तहत उल्लंघनों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक। अन्य कानूनों के लिए कमिटी ने सुझाव दिया कि किसी निर्दिष्ट रैंक के अधिकारी को एडजुडिकेटिंग अधिकारी के रूप में अधिसूचित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए कमिटी ने सुझाव दिया है कि बॉयलर्स एक्ट, 1923 के तहत निर्दिष्ट एडजुडिकेटिंग अधिकारी, जिला मेजिस्ट्रेट हो सकता है। इसके अतिरिक्त कमिटी ने ऐसे संशोधनों का सुझाव दिया जोकि केंद्र सरकार को एडजुडिकेटिंग अधिकारी के फैसलों के लिए अपीलीय अधिकारी की नियुक्ति की अनुमति दें। कुछ कानूनों के लिए सुझाए गए संशोधन निर्दिष्ट करते हैं कि अपीलीय अधिकारियों को एडजुडिकेटिंग अधिकारी से कम से कम एक रैंक ऊपर का होना चाहिए। जिन कानूनों के लिए कमिटी ने इन संशोधनों का सुझाव दिया है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) बॉयलर्स एक्ट, 1923, (ii) रबर एक्ट, 1947, और (iii) फार्मेसी एक्ट, 1948।

 

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