ज्वाइंट कमिटी की रिपोर्ट का सारांश

बहु-राज्यीय सहकारी समिति (संशोधन) बिल, 2022

  • बहु-राज्यीय सहकारी समिति (संशोधन) बिल, 2022 पर ज्वाइंट कमिटी (चेयर: श्री चंद्र प्रकाश जोशी) ने 15 मार्च, 2023 को अपनी रिपोर्ट सौंपी। यह बिल बहु-राज्यीय सहकारी समिति एक्ट, 2002 में संशोधन करता है जो एक से अधिक राज्यों में काम करने वाली बहु-राज्यीय सहकारी समितियां को रेगुलेट करता है। बिल को 7 दिसंबर, 2022 को लोकसभा में पेश किया गया था और 20 दिसंबर, 2022 को ज्वाइंट कमिटी को भेज दिया गया था। अपनी रिपोर्ट में कमिटी ने बिल के अधिकतर संशोधनों की पुष्टि की है।

  • सहकारी वर्ष के स्थान पर वित्तीय वर्षएक्ट में 31 मार्च को समाप्त होने वाले वर्ष को सहकारी वर्ष कहा गया है। बिल सहकारी वर्ष शब्दों को "सहकारी वर्ष या वित्त वर्ष करता है। कमिटी ने कहा कि चूंकि दोनों शब्द समूह एक ही अवधि (1 अप्रैल-31 मार्च) की तरफ संकेत करते हैं, इसलिए सहकारी वर्ष के स्थान पर वित्तीय वर्ष कर दिया जाना चाहिए।

  • बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949कमिटी को अपने सबमिशन में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा था कि कुछ प्रस्तावित संशोधनों का असर बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के कुछ प्रावधानों के तहत कामकाज पर पड़ सकता है। बिल में प्रावधान है कि बहु-राज्यीय सहकारी बैंक भी गठन, रेगुलेशन और बंद होने से संबंधित मामलों के लिए 1949 के एक्ट के प्रावधानों के अधीन होंगे। हालांकि आरबीआई ने कहा है कि इससे बहु-राज्यीय सहकारी बैंकों के संबंध में 1949 के एक्ट के प्रावधानों को प्रमुखता नहीं मिलती। उसने सुझाव दिया है कि बिल में यह प्रावधान होना चाहिए कि सहकारी बैंकों के मामले में 2002 के एक्ट की एप्लिकेबिलिटी, 1949 के एक्ट और आरबीआई द्वारा जारी नियमों और रेगुलेशंस के अधीन होगी। कमिटी ने आरबीआई की मांग के अनुसार बिल में किसी परिवर्तन का सुझाव नहीं दिया है।

 

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