बिल का सारांश

मातृत्व लाभ (संशोधन) बिल, 2016

  • श्रम और रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने 11 अगस्त, 2016 को लोकसभा में मातृत्व लाभ (संशोधन) बिल, 2016 पेश किया।
     
  • बिल मातृत्व लाभ एक्ट, 1961 में संशोधन करता है। एक्ट प्रसव की अवधि में महिलाओं के रोजगार को रेगुलेट करता है और उन्हे मातृत्व लाभ प्रदान करता है। यह एक्ट कारखानों, खानों, बागानों, दुकानों और दूसरे इस्टैबलिशमेंट्स पर लागू होता है। बिल मातृत्व अवकाश की अवधि और प्रायोज्यता (एप्लीकेबिलिटी) से संबंधित प्रावधानों को संशोधित करता है।
     
  • मातृत्व अवकाश की अवधि : एक्ट कहता है कि प्रत्येक महिला 12 हफ्तों के मातृत्व अवकाश के लिए अधिकृत है। बिल इसे बढ़ाकर 26 हफ्ते करता है।
     
  • एक्ट कहता है कि मातृत्व अवकाश का लाभ प्रसव की संभावित तिथि से छह हफ्ते पहले नहीं उठाया जा सकता। बिल में इसे आठ हफ्ते किया गया है।
     
  • महिला के दो या दो से अधिक बच्चे होने पर, मातृत्व अवकाश का लाभ 12 हफ्ते के लिए ही प्रदान किया जाएगा जोकि संभावित प्रसव की तिथि से छह हफ्ते पहले नहीं लिया जा सकता।
     
  • एडॉप्शन या कमीशनिंग करने वाली महिलाओं के लिए मातृत्व लाभ : बिल में (i) तीन महीने से छोटे बच्चे को गोद लेने (एडॉप्ट करने) वाली महिला, और (ii) कमीशनिंग करने वाली महिला को 12 हफ्ते का मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। कमीशनिंग करने वाली महिला से आशय ऐसी बायोलॉजिकल मदर से है जो दूसरी महिला में इंप्लांट किए गए भ्रूण को तैयार करने के लिए अपने एग का इस्तेमाल करती है (जिसे सेरोगेसी भी कहते हैं)।
     
  • 12 हफ्ते के मातृत्व अवकाश को उस तारीख से गिना जाएगा, जिस तारीख को गोद लेने वाली या कमीशनिंग करने वाली महिला को बच्चा सौंपा गया है।
     
  • घर से काम करने का विकल्प : बिल में एक नया प्रस्ताव रखा गया है जिसमें कहा गया है कि नियोक्ता (इंप्लॉयर) किसी महिला को घर से काम करने की अनुमति दे सकता है। यह प्रावधान तभी लागू होगा जब महिला को सौंपे गए काम की प्रकृति ऐसी हो कि वह घर से भी किया जा सकता हो। मातृत्व अवकाश की अवधि के बाद इस लाभ को उठाया जा सकता है और इस लाभ की अवधि नियोक्ता और महिला कर्मचारी द्वारा परस्पर सहमति से तय की जाएगी।
     
  • क्रेश की सुविधा : बिल प्रस्ताव रखता है कि 50 या 50 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रत्येक इस्टैबलिशमेंट को एक निश्चित दूरी के अंदर क्रेश की सुविधा प्रदान करनी होगी। महिला को एक दिन में चार बार क्रेश जाकर बच्चे की देखभाल करने की अनुमति होगी। इसमें उसका विश्राम काल (रेस्ट) भी शामिल होगा।
     
  • मातृत्व अवकाश के अधिकार के संबंध में महिला कर्मचारियों को सूचित करना : बिल एक नए प्रावधान का प्रस्ताव रखता है जिसके तहत इस्टैबलिशमेंट किसी महिला को उसकी नियुक्ति के समय, उसे उपलब्ध होने वाले मातृत्व लाभ के संबंध में सूचना प्रदान करेगा। यह सूचना लिखित रूप में और इलेक्ट्रॉनिकली दी जाएगी।

 

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