बिल का सारांश

सांख्यिकी का संग्रह (संशोधन) बिल, 2017

  • सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री डी.वी.सदानंद गौड़ा ने 20 मार्च, 2017 को लोकसभा में सांख्यिकी का संग्रह (संशोधन) बिल, 2017 पेश किया। यह बिल सांख्यिकी का संग्रह एक्ट, 2008 में संशोधन का प्रयास करता है।
     
  • 2008 के एक्ट में केंद्र, राज्य एवं स्थानीय सरकारों को सामाजिक, आर्थिक, जनसंख्यिकी, वैज्ञानिक और पर्यावरणीय पहलुओं से संबंधित सांख्यिकी को इकट्ठा करने का अधिकार दिया गया है। यह सूचनाएं एकत्र करने के लिए सांख्यिकी अधिकारियों की नियुक्ति की अनुमति देता है और सूचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रावधान प्रस्तुत करता है।
     
  • 2008 के एक्ट का क्षेत्राधिकार: 2008 का एक्ट जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं है। बिल इसके क्षेत्राधिकार को जम्मू कश्मीर तक बढ़ाता है जिससे संविधान की संघ सूची और समवर्ती सूची, जो जम्मू कश्मीर पर लागू होती है, के तहत आने वाले विषयों से संबंधित सांख्यिकी का संग्रह किया जा सके। इन विषयों में नागरिकता, बैंकिंग, श्रम और वन जैसे मामले आते हैं।
     
  • नोडल अधिकारी: बिल केंद्र या राज्य सरकार की ओर से नोडल अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान करता है। नोडल अधिकारी उस सरकार, जिसके द्वारा उसकी नियुक्ति की गई है, के तहत सांख्यिकी गतिविधियों का समन्वय और पर्यवेक्षण करेगा। इसके अतिरिक्त नोडल अधिकारी की शक्तियों और कर्तव्यों को केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित किया जा सकता है।
     
  • सूचना का प्रयोग: 2008 का एक्ट इस बात का प्रावधान करता है कि एक्ट के तहत संग्रह की गई सूचनाओं का प्रयोग सिर्फ सांख्यिकी के उद्देश्य के लिए किया जा सकता है।
     
  • बिल इस प्रावधान को हटाता है। वह केंद्र सरकार को यह निर्धारित करने की अनुमति देता है कि ऐसी सूचनाओं को सांख्यिकी के उद्देश्य के लिए किस तरह से प्रयोग किया जाएगा।                                                   

 

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