बिल का सारांश

भारतीय वायुयान विधेयक, 2024

  • भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया। यह बिल विमान एक्ट, 1934 का स्थान लेने का प्रयास करता है। 1934 का एक्ट नागरिक उड्डयन क्षेत्र को रेगुलेट करता है। यह तीन वैधानिक प्राधिकरणों की स्थापना करता है, जो इस प्रकार हैं: (i) रेगुलेटरी काम करने और सुरक्षा की निगरानी करने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), (ii) सुरक्षा की देखरेख करने के लिए नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस), और (iii) विमान दुर्घटनाओं की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो। केंद्र सरकार इन प्राधिकरणों को निर्देश जारी कर सकती है और अगर आवश्यक हो तो जनहित में उनके आदेशों की समीक्षा भी कर सकती है। बिल 1934 के एक्ट के तहत रेगुलेटरी संरचना और अधिकांश प्रावधानों को बरकरार रखता है।
  • विमान के डिजाइन का रेगुलेशन: एक्ट विमानों से संबंधित कई गतिविधियों को रेगुलेट करता है जैसे मैन्यूफैक्चरिंग, स्वामित्व, उपयोग, संचालन और व्यापार। बिल इस प्रावधान को बरकरार रखता है और विमानों के डिजाइन को भी रेगुलेट करने का प्रयास करता है।

  • नियम बनाने की शक्तियां: यह एक्ट केंद्र सरकार को कई मामलों पर नियम बनाने का अधिकार देता है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) विमानों से संबंधित विशिष्ट गतिविधियों का रेगुलेशन और लाइसेंसिंग, प्रमाणन और निरीक्षण से संबंधित मामले, (ii) हवाई परिवहन सेवाओं का रेगुलेशन, और (iii) 1944 के अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संबंधी कन्वेंशन का कार्यान्वयन। बिल इन प्रावधानों को बरकरार रखा गया है और इसमें यह जोड़ता है कि केंद्र सरकार अंतर्राष्ट्रीय टेलीकम्यूनिकेशन कन्वेंशन के तहत रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर सर्टिफिकेट और लाइसेंस पर नियम बना सकती है।

  • अपीलीय व्यवस्था: एक्ट केंद्र सरकार को नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाने की अनुमति देता है। यह केंद्र सरकार को दंड के निर्णय के लिए एक अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार देता है। यह अधिकारी भारत सरकार के उप सचिव या उससे उच्च पद का होना चाहिए। अधिनिर्णय (एडजुडिकेटिंग) अधिकारी के फैसलों की अपील अपीलीय अधिकारी के समक्ष की जा सकती है, जो अधिनिर्णय अधिकारी से उच्च पद का होना चाहिए। बिल इस प्रावधान को बरकरार रखता है और इसमें अपील का एक अतिरिक्त स्तर जोड़ता है। प्रथम अपीलीय अधिकारी के फैसलों के खिलाफ द्वितीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील की जाएगी।  द्वितीय अपीलीय अधिकारी प्रथम अपीलीय अधिकारी से उच्च पद का अधिकारी होना चाहिए।

  • डीजीसीए और बीसीएएस के आदेशों के खिलाफ अपील: बिल में कहा गया है कि डीजीसीए या बीसीएएस के आदेश के खिलाफ अपील केंद्र सरकार के समक्ष की जाएगी। केंद्र सरकार के आदेशों के खिलाफ आगे किसी अपील की अनुमति नहीं दी जाएगी।

 

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