बिल का सारांश

मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) बिल, 2025

 

  • मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) बिल, 2025 को 7 अगस्त, 2025 को लोकसभा में पेश किया गया। यह बिल 9 जून, 2025 को जारी मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2025 का स्थान लेता है। अध्यादेश में मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर एक्ट, 2017 में संशोधन किया गया था, जो वस्तुओं और सेवाओं की अंतरराज्यीय आपूर्ति पर राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) लगाने और उसकी वसूली का प्रावधान करता है।

  • मानव उपभोग के लिए शराब पर छूट: एक्ट के तहत, मानव उपभोग हेतु मादक शराब को एसजीएसटी से छूट दी गई है। बिल में ऐसी शराब के निर्माण में प्रयुक्त एक्स्ट्रा-न्यूट्रल अल्कोहल या रेक्टिफाइड स्पिरिट को भी छूट प्रदान की गई है।

  • कुछ मामलों में देनदारियों का निर्धारण: बिल निम्नलिखित मामलों में देनदारियों के निर्धारण हेतु एक नई संरचना निर्दिष्ट करता है: (i) चुकाया न गया कर, (ii) कम चुकाया गया कर, (iii) गलत तरीके से वापस किया गया कर, और (iv) गलत तरीके से उपयोग किया गया इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी)। यह संरचना वित्तीय वर्ष 2024-25 से संबंधित देनदारियों पर लागू होगी। संबंधित अधिकारी वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख या रिफंड की तारीख से 42 महीनों के भीतर इस संबंध में एक नोटिस जारी करेगा।

  • एसजीएसटी वसूली से छूट: बिल राज्य सरकार को एसजीएसटी की वसूली में छूट देने का अधिकार देता है, अगर वह इस बात से संतुष्ट हो कि व्यापारिक लेनदेन की सामान्य पद्धतियों के परिणामस्वरूप किसी भी वस्तु या सेवा की आपूर्ति पर एसजीएसटी नहीं लगाया गया था या कम लगाया गया था।

  • अपील दायर के लिए पूर्व जमा राशि: एक्ट के तहत, किसी व्यक्ति को अपील दायर करने के लिए निर्दिष्ट राशि जमा करनी होगी। यह अपीलीय अथॉरिटी (न्यायिक अधिकारियों के आदेशों के खिलाफ) और अपीलीय ट्रिब्यूनल (अपीलीय प्राधिकरण के आदेशों के विरुद्ध) के समक्ष अपीलों पर लागू है। बिल विवादित कर के मामले में जमा राशि को 20% से घटाकर 10% करता है। एक्ट के तहत, अथॉरिटी के समक्ष अपील के लिए जमा राशि अधिकतम 25 करोड़ रुपए और ट्रिब्यूनल के लिए 50 करोड़ रुपए है। बिल इन दोनों सीमाओं को घटाकर 20 करोड़ रुपए करता है।

  • अपीलीय ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील की समय-सीमा: एक्ट के तहत, अपीलीय ट्रिब्यूनल में अपील आदेश की सूचना की तारीख से तीन महीने के भीतर दायर की जानी चाहिए। बिल इस अवधि को राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित तारीख तक, जो भी बाद में हो, बढ़ाने की अनुमति देता है।

  • कुछ बीमा सेवाओं को आपूर्ति नहीं माना जाएगा: एक्ट की अनुसूची III में उन गतिविधियों की सूची दी गई है जिन्हें वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति नहीं माना जाता है। इसलिए उन्हें एसजीएसटी की वसूली से छूट प्राप्त है। बिल सह-बीमा और पुनर्बीमा से संबंधित कुछ गतिविधियों को इस अनुसूची में जोड़ता है। प्रमुख बीमाकर्ता द्वारा सह-बीमाकर्ता को सह-बीमा प्रीमियम का आवंटन आपूर्ति नहीं माना जाएगा, जहां प्रमुख बीमाकर्ता पूरे प्रीमियम पर जीएसटी का भुगतान करता है। इसी प्रकार बीमाकर्ता द्वारा पुनर्बीमाकर्ता को दी जाने वाली सेवाओं को आपूर्ति नहीं माना जाएगा, जहां बीमाकर्ता प्रीमियम से कमीशन काटता है और पुनर्बीमाकर्ता कुल प्रीमियम (कमीशन सहित) पर जीएसटी का भुगतान करता है।

 

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