बिल का सारांश

ऑनलाइन गेमिंग का प्रमोशन और रेगुलेशन बिल, 2025

 

  • ऑनलाइन गेमिंग का प्रमोशन और रेगुलेशन बिल, 2025 को 20 अगस्त, 2025 को लोकसभा में पेश किया गया। इस बिल का उद्देश्य ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाना और कुछ अन्य ऑनलाइन गेम्स को बढ़ावा देना और रेगुलेट करना है।

  • ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध: बिल ऑनलाइन मनी गेम्स और संबंधित सेवाएं पेश करने या उनमें सहायता करने पर प्रतिबंध लगाता है। ऑनलाइन मनी गेम्स को ऐसे ऑनलाइन गेम्स के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें यूज़र धन या अन्य लाभ प्राप्त करने की उम्मीद में धन या अन्य दांव लगाता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि खेल कौशल, संयोग या दोनों पर आधारित है। अन्य दांवों में क्रेडिट, सिक्के और टोकन शामिल हैं जो धन के बराबर या धन में परिवर्तित किए जा सकते हैं। बिल ऐसे खेलों के लिए विज्ञापन करने और वित्तीय लेनदेन को आसान बनाने पर भी प्रतिबंध लगाता है। यह केंद्र सरकार को अधिकार देता है कि वह ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं से संबंधित किसी भी जानकारी को सार्वजनिक पहुंच से रोक सकती है।

  • ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा: बिल केंद्र सरकार को अधिकार देता है कि वह ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को मान्यता देने और विकसित करने के लिए कदम उठाए। ई-स्पोर्ट को ऐसे ऑनलाइन गेम के रूप में परिभाषित किया गया है: (i) जो मल्टी-स्पोर्ट्स ईवेंट के अंग के रूप में खेला जाता है, (ii) जिसे राष्ट्रीय स्पोर्ट्स गवर्नेंस एक्ट, 2025 के तहत मान्यता प्राप्त है, (iii) जिसका परिणाम केवल शारीरिक निपुणता, मानसिक चपलता, रणनीतिक सोच या इसी तरह के कौशल जैसे कारकों द्वारा निर्धारित होता है, और (iv) जिसमें मल्टीप्लेयर फॉरमेट में संगठित प्रतिस्पर्धी ईवेंट्स शामिल होते हैं और जिन्हें पूर्व निर्धारित नियमों के अनुसार प्रशासित किया जाता है। इसमें पंजीकरण शुल्क और पुरस्कार राशि का भुगतान शामिल हो सकता है। हालांकि इसमें कोई शर्त या अन्य दांव लगाना, या ऐसे दांवों से किसी भी प्रकार की जीत की उम्मीद शामिल नहीं होनी चाहिए। ऑनलाइन सोशल गेम का अर्थ है, केवल मनोरंजन या कौशल विकास के लिए पेश किया जाने वाला ऑनलाइन गेम। इसमें सदस्यता शुल्क या एकमुश्त प्रवेश शुल्क का भुगतान शामिल हो सकता है, लेकिन दांव के बदले में कोई दांव या मौद्रिक लाभ शामिल नहीं होना चाहिए।

केंद्र सरकार निम्नलिखित कर सकती है: (i) ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स के पंजीकरण के लिए एक तंत्र बनाना, (ii) ई-स्पोर्ट्स इवेंट्स के संचालन के लिए दिशानिर्देश निर्दिष्ट करना, (iii) ई-स्पोर्ट्स के लिए प्रशिक्षण अकादमियों की स्थापना करना, (iv) ई-स्पोर्ट टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा देना, और (v) सुरक्षित सोशल गेमिंग कंटेंट तक सार्वजनिक पहुंच बढ़ाने वाली पहलों को सहयोग देना।

  • ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित प्राधिकरण: केंद्र सरकार एक प्राधिकरण का गठन कर सकती है जिसके पास निम्नलिखित शक्तियां होंगी: (i) यह निर्धारित करना कि क्या कोई ऑनलाइन गेम ऑनलाइन मनी गेम की श्रेणी में आता है, और (ii) ऑनलाइन गेम्स को मान्यता देना, उनका वर्गीकरण और पंजीकरण। सरकार प्राधिकरण की संरचना और नियुक्तियों के लिए नियम व शर्तें निर्धारित करेगी। वह किसी भी मौजूदा प्राधिकरण को ये शक्तियां प्रदान कर सकती है।

  • तलाशी और वारंट के बिना गिरफ्तारी: बिल प्राधिकृत अधिकारियों को बिना वारंट के किसी भी स्थान में प्रवेश करने और तलाशी लेने का अधिकार देता है। इन स्थानों में भवन, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और वर्चुअल डिजिटल स्पेस (जैसे ईमेल और सोशल मीडिया) शामिल हैं। वे तलाशी के दौरान पाए गए किसी संदिग्ध को बिना वारंट के गिरफ्तार भी कर सकते हैं। प्रवेश, तलाशी और गिरफ्तारी के संबंध में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के प्रावधान लागू होंगे।

  • अपराध और दंड: ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाएं प्रदान करने पर तीन वर्ष तक का कारावास, एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। ऑनलाइन मनी गेम्स का विज्ञापन करने पर दो वर्ष तक का कारावास, 50 लाख रुपए तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। ऐसी सेवाओं के लिए वित्तीय लेनदेन की सुविधा प्रदान करने पर तीन वर्ष तक की कैद, एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। बिल में निर्दिष्ट किया गया है कि ऑनलाइन गेमिंग सेवाएं प्रदान करने और ऐसे खेलों के लिए वित्तीय लेनदेन की सुविधा प्रदान करने के अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।

केंद्र सरकार या प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देशों या दिशानिर्देशों का पालन न करने पर 10 लाख रुपए तक की सिविल पैनेल्टी लगाई जा सकती है। इसके परिणामस्वरूप: (i) पंजीकरण का निलंबन या उसे रद्द किया जा सकता है, और (ii) केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित एक निश्चित अवधि के लिए खेलों की पेशकश, सुविधा और प्रचार पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। सुनवाई का अवसर प्रदान करने के बाद ऐसी कार्रवाई की जाएगी।

 

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