बिल का सारांश

स्टेट बैंक्स (रिपील और संशोधन) बिल, 2017

  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 21 जुलाई, 2017 को लोकसभा में स्टेट बैंक्स (रिपील और संशोधन) बिल, 2017 पेश किया।
     
  • रिपील: यह बिल दो एक्ट्स: (i) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (सबसिडियरी बैंक्स) एक्ट, 1959, और (ii) स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद एक्ट, 1956 को रद्द (रिपील) करने का प्रयास करता है। इन एक्ट्स के तहत स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ ट्रावनकोर, और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद की स्थापना की गई थी। ये सभी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की सबसिडियरीज हैं।
     
  • फरवरी 2017 में केंद्रीय कैबिनेट ने इस बात की मंजूरी दी थी कि एसबीआई इन सबसिडियरी बैंकों का अधिग्रहण (एक्वायर) कर सकती है। बिल इसके परिणामस्वरूप प्रस्तुत किया गया है।
     
  • एसबीआई एक्ट, 1955 में संशोधन : बिल सबसिडियरी बैंकों से संबंधित संदर्भों को हटाने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट, 1955 में संशोधन का प्रयास करता है। इन संदर्भों में निम्नलिखित शामिल हैं : (i) 1955 के एक्ट में सबसिडियरी बैंक की परिभाषा, और (ii) सबसिडियरी बैंक के लिए आरबीआई के एजेंट के रूप में कार्य करने की एसबीआई की शक्तियां।

 

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