बिल का सारांश

निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (दूसरा संशोधन) बिल, 2017

  • मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 11 अगस्त, 2017 को लोकसभा में निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (दूसरा संशोधन) बिल, 2017 पेश किया। बिल निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार एक्ट, 2009 में संशोधन करता है।
     
  • एक्ट के अंतर्गत स्कूल में प्राथमिक शिक्षा (कक्षा 1-8) पूरी होने तक किसी बच्चे को किसी कक्षा में नहीं रोका जा सकता। बिल इस प्रावधान में संशोधन करता है ताकि केंद्र या राज्य सरकार को इस बात का अधिकार प्रदान किया जा सके कि वे स्कूलों को कक्षा 5, कक्षा 8 या दोनों कक्षाओं में किसी बच्चे को रोकने की अनुमति दे सकें।
     
  • बिल कहता है कि हर शैक्षणिक वर्ष के अंत में कक्षा 5 और कक्षा 8 में नियमित परीक्षा ली जाएगी। अगर बच्चा इन परीक्षाओं में फेल हो जाता है तो उसे अतिरिक्त शिक्षा और दोबारा परीक्षा (परिणाम आने के दो महीने के भीतर) देने का अवसर दिया जाएगा।
     
  • अगर वह दोबारा परीक्षा में भी फेल हो जाता है तो उसे कक्षा 5, कक्षा 8 या दोनों कक्षाओं में रोका जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकार यह भी तय कर सकती हैं कि प्राथमिक शिक्षा पूरी होने तक बच्चे को किसी भी कक्षा न रोका जाए। इसके अतिरिक्त केंद्र या राज्य सरकार उस पद्धति और शर्तों को तय करेंगी जिसके अंतर्गत किसी बच्चे को किसी कक्षा में रोका जाएगा।

 

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