बिल का सारांश

डीएनए टेक्नोलॉजी (प्रयोग और लागू होना) रेगुलेशन बिल, 2018

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्ष वर्धन ने 9 अगस्त, 2018 को लोकसभा में डीएनए टेक्नोलॉजी (प्रयोग और लागू होना) रेगुलेशन बिल, 2018 पेश किया। इस बिल में कुछ लोगों की पहचान स्थापित करने हेतु डीएनए टेक्नोलॉजी के प्रयोग के रेगुलेशन का प्रावधान है।
     
  • डीएनए डेटा का प्रयोग: बिल के अंतर्गत डीएनए टेस्टिंग की अनुमति केवल बिल की अनुसूची में उल्लिखित मामलों के लिए दी जाएगी (जैसे भारतीय दंड संहिता, 1860 के अंतर्गत अपराधों, पेटरनिटी से संबंधित मुकदमों या असहाय बच्चों की पहचान के लिए)।
     
  • डीएनए डेटा के प्रयोग के लिए अनुमति: डीएनए प्रोफाइल तैयार करते समय जांच अधिकारियों द्वारा किसी व्यक्ति के शारीरिक पदार्थों को इकट्ठा किया जा सकता है। कुछ स्थितियों में इन पदार्थों को इकट्ठा करने के लिए अधिकारियों को उस व्यक्ति की सहमति लेनी होगी। सात साल तक की सजा पाने वाले गिरफ्तार व्यक्तियों की डीएनए टेस्टिंग के लिए अधिकारियों को उनकी सहमति हासिल करनी होगी। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को सात साल से ज्यादा की सजा दी गई है या फांसी की सजा दी गई है तो अधिकारियों को ऐसे व्यक्तियों की डीएनए टेस्टिंग के लिए उनकी सहमति लेने की जरूरत नहीं है। इसके अतिरिक्त किसी पीड़ित व्यक्ति, या लापता व्यक्ति के संबंधी, या नाबालिग या विकलांग व्यक्ति की डीएनए टेस्टिंग के लिए अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे उस पीड़ित व्यक्ति से, संबंधी से, या नाबालिग या विकलांग व्यक्ति के माता-पिता या अभिभावक से सहमति हासिल करें। अगर किसी भी मामले में सहमति नहीं मिलती तो अधिकारी मेजिस्ट्रेट के पास जा सकते हैं।
     
  • डीएनए डेटा बैंक: बिल में राष्ट्रीय डीएनए डेटा बैंक और हर राज्य में, या दो या दो से अधिक राज्यों में क्षेत्रीय डीएनए डेटा बैंक की स्थापना का प्रावधान है। राष्ट्रीय डेटा बैंक डीएनए लेबोरेट्रीज़ से मिलने वाले डीएनए प्रोफाइल्स को स्टोर करेंगे और क्षेत्रीय बैंकों से डीएनए डेटा प्राप्त करेंगे। हर डेटा बैंक से अपेक्षा की जाती है कि वे निम्नलिखित श्रेणियों के डेटा का रखरखाव करेंगे: (i) क्राइम सीन इंडेक्स, (ii) संदिग्ध व्यक्तियों (सस्पेक्ट) या विचाराधीन कैदियों (अंडरट्रायल्स) के इंडेक्स, (iii) अपराधियों के इंडेक्स, (iv) लापता व्यक्तियों के इंडेक्स, और (v) अज्ञात मृत व्यक्तियों के इंडेक्स।
     
  • सूचना का संरक्षण: बिल के अंतर्गत डीएनए रेगुलेटरी बोर्ड से यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि डीएनए बैंकों, लेबोरेट्रीज़ और अन्य व्यक्तियों के डीएनए प्रोफाइल्स से संबंधित सूचनाओं को गोपनीय रखा जाएगा। डीएनए डेटा को केवल व्यक्तियों की पहचान के लिए प्रयोग किया जा सकता है। हालांकि बिल डेटा बैंक से सूचना हासिल करने के लिए केवल वन टाइम कीबोर्ड सर्च की अनुमति देता है। इस सर्च में इंडेक्स और डीएनए सैंपल की सूचनाओं के बीच तुलना की अनुमति है लेकिन सैंपल की सूचना इंडेक्स में शामिल नहीं होगी।
     
  • डीएनए डेटा को रखना: बिल कहता है कि डीएनए प्रोफाइल की इंट्री, उसे रखने या हटाने के मानदंडों को रेगुलेशन द्वारा निर्दिष्ट किया जाएगा। फिर भी बिल में निम्नलिखित व्यक्तियों के डीएनए डेटा को हटाने के प्रावधान हैं: (i) संदिग्ध व्यक्ति, अगर पुलिस रिपोर्ट फाइल की गई है या अदालत के आदेश दिए गए हैं, (ii) विचाराधीन कैदी, अगर अदालती आदेश दिए गए हैं, (iii) आग्रह करने पर किसी ऐसे व्यक्ति का प्रोफाइल जो संदिग्ध, अपराधी या विचाराधीन नहीं लेकिन क्राइम सीन के इंडेक्स या लापता व्यक्तियों के इंडेक्स में उसका डीएनए प्रोफाइल इंटर हो गया है। इसके अतिरिक्त बिल यह प्रावधान करता है कि क्राइम सीन इंडेक्स की सूचना को बरकरार रखा जाएगा।
     
  • डीएनए रेगुलेटरी बोर्ड: बिल में डीएनए रेगुलेटरी बोर्ड की स्थापना का प्रावधान है जोकि डीएनए डेटा बैंक और डीएनए लेबोरेट्रीज़ को सुपरवाइज करेगा। बायोटेक्नोलॉजी विभाग का सेक्रेटरी बोर्ड का एक्स ऑफिशियो चेयरपर्सन होगा। बोर्ड में 12 अतिरिक्त सदस्य होंगे जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) वाइस प्रेज़िडेंट के रूप में एक ऐसा प्रख्यात व्यक्ति जिसे बायोलॉजिकल साइंसेज़ में कम से कम 25 वर्ष का अनुभव हो, और (ii) नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) का डायरेक्टर जनरल और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (सीबीआई) का डायरेक्टर या उनके नॉमिनी (कम से कम ज्वाइंट डायरेक्टर के पद के अधिकारी)।
     
  • बोर्ड के कार्य: बोर्ड के कार्यों में निम्नलिखित शामिल है: (i) डीएनए लेबोरेट्रीज़ या डेटा बैंक्स की स्थापना से संबंधित सभी विषयों पर सरकारों को सलाह देना, (ii) डीएनए लेबोरेट्रीज़ को एक्रेडेशन देना, और (iii) डीएनए संबंधी मामलों पर काम करने हेतु कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल और दिशानिर्देश तैयार करना।
     
  • डीएनए लेबोरेट्रीज़: डीएनए टेस्टिंग करने वाली किसी भी लेबोरेट्री को बोर्ड से एक्रेडेशन हासिल करना होगा। बोर्ड इस एक्रेडेशन को रद्द कर सकता है। जिस कारणों से एक्रेडेशन रद्द किया जा सकता है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं : (i) अगर लेबोरेट्री डीएनए टेस्टिंग करने में असफल होती है, या (ii) एक्रेडेशन से जुड़ी शर्तों को पूरा करने में असफल होती है। एक्रेडेशन रद्द होने पर केंद्र सरकार या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किसी अन्य अथॉरिटी के समक्ष अपील की जा सकती है।
     
  • डीएनए लेबोरेट्रीज़ की बाध्यताएं: बिल के अंतर्गत हर डीएनए लेबोरेट्री से जिन बातों की अपेक्षा की जाती है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) डीएनए सैंपल्स के कलेक्शन, स्टोरिंग, टेस्टिंग और विश्लेषण में गुणवत्ता आश्वासन के मानदंडों का पालन करना, और (ii) डेटा बैंक में डीएनए सैंपल्स को जमा करना। जारी मामलों के लिए सैंपल जमा करने के बाद लेबोरेट्री से यह अपेक्षा की जाती है कि वह बायोलॉजिकल सैंपल को जांच अधिकारी को लौटा दे। दूसरे सभी मामलों में सैंपल को नष्ट कर दिया जाना चाहिए और संबंधित व्यक्ति को इस बारे में सूचना दे देनी चाहिए।
     
  • अपराध: बिल जिन विभिन्न अपराधों के लिए दंड विनिर्दिष्ट करता है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) डीएनए सूचना का खुलासा करना, या (ii) अनुमति के बिना डीएनए सैंपल का इस्तेमाल करना। उदाहरण के लिए डीएनए सूचना का खुलासा करने पर तीन वर्ष तक की कैद की सजा भुगतनी पड़ सकती है और एक लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

 

 

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