बिल का सारांश

बीमा (संशोधन) बिल, 2021
 

  • कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमन ने 15 मार्च, 2021 को राज्यसभा में बीमा (संशोधन) बिल, 2021 को पेश किया। बिल बीमा एक्ट, 1938 में संशोधन करता है। यह एक्ट बीमा कारोबार के कामकाज के लिए फ्रेमवर्क प्रदान करता है और बीमा कंपनी, उसके पॉलिसी धारकों, शेयर धारकों और रेगुलेटर (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के बीच संबंधों को रेगुलेट करता है। यह बिल भारतीय बीमा कंपनियों में अधिकतम विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाने का प्रयास करता है।
  • विदेशी निवेश: एक्ट में यह प्रावधान है कि विदेशी निवेशक किसी भारतीय बीमा कंपनी में 49% तक का पूंजी निवेश कर सकते हैं। इस भारतीय कंपनी पर किसी भारतीय एंटिटी का स्वामित्व और नियंत्रण होना चाहिए। बिल निवेश की इस सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% करता है और स्वामित्व और नियंत्रण के प्रतिबंध को हटाता है। हालांकि यह विदेशी निवेश केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट अतिरिक्त शर्तों के अधीन हो सकता है।
     
  • एसेट्स में निवेश: एक्ट में कहा गया है कि बीमा कंपनियों को एसेट्स में एक न्यूनतम सीमा तक निवेश करना होगा, जोकि उनकी बीमा दावों संबंधी देनदारियों को चुकाने के लिए पर्याप्त हो। अगर बीमा कंपनी भारत के बाहर निगमित हुई है या बाहर स्थित है, तो इन एसेट्स को भारत के किसी ट्रस्ट के पास होना चाहिए और ऐसे ट्रस्टी के अधिकार में होना चाहिए जोकि भारत का निवासी हो। एक्ट एक स्पष्टीकरण देता है कि यह प्रावधान भारत में निगमित हुई बीमा कंपनी पर भी लागू होगा: (i) जिसकी न्यूनतम 33% पूंजी पर भारत के बाहर रहने वाले निवेशकों का स्वामित्व है, या (ii) जिसकी गवर्निंग बॉडी के न्यूनतम 33% सदस्य भारत के बाहर रहते हैं। बिल इस स्पष्टीकरण को हटाता है। 

 

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