बिल का सारांश

आपराधिक दंड प्रक्रिया (पहचान) बिल, 2022

  • आपराधिक दंड प्रक्रिया (पहचान) बिल, 2022 को 28 मार्च, 2022 को लोकसभा में पेश किया गया। बिल कैदियों की पहचान एक्ट, 1920 का स्थान लेता है। एक्ट अपराध की जांच के लिए निर्दिष्ट व्यक्तियों, जैसे अपराधियों के बारे में कुछ पहचान योग्य सूचनाओं को जमा करने को अधिकृत करता है। बिल ऐसी सूचनाओं का दायरा बढ़ाता है और ऐसे व्यक्तियों का दायरा भी बढ़ाता है जिनके विवरण लिए जा सकते हैं। बिल राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) को इन विवरणों को जमा, स्टोर और संरक्षित करने के लिए अधिकृत करता है।

  • अपराधियों और अन्य व्यक्तियों के विवरणएक्ट में अपराधियों और दूसरे व्यक्तियों के फोटो और कुछ विवरणों को जमा करने की अनुमति दी गई है। इनमें उंगलियों के निशान और पैरों की छाप शामिल है। बिल विवरणों की इस सूची का दायरा बढ़ाता है। इसमें अब निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) हथेलियों की छाप, (ii) आइरिस और रेटिना स्कैन, (iii) व्यवहारगत विशेषताएं जैसे दस्तखत और हैंडराइटिंग, और (iv) दूसरे फिजिकल और बायोलॉजिकल सैंपल, जैसे खून, सीमन, बाल के सैंपल, और स्वैब्स और उनका एनालिसिस।

  • किन व्यक्तियों के विवरण लिए जा सकते हैं: एक्ट के अनुसार, निम्नलिखित व्यक्तियों से फोटो और निर्दिष्ट विवरण देने की अपेक्षा की जाती है(i) कुछ अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति (जैसे जिन अपराधों के लिए न्यूनतम एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा है), (ii) ऐसे व्यक्ति जिन्हें आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) के तहत अच्छा व्यवहार करने या शांति बनाए रखने के लिए सिक्योरिटी जमा कराने का आदेश दिया गया है, और (iii) ऐसे व्यक्ति, जिन्हें कम से कम एक वर्ष के कठोर कारावास के दंडनीय अपराध के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। बिल ऐसे लोगों के दायरे को बढ़ाता है और इसमें सभी अपराधियों, गिरफ्तार किए गए लोगों और निवारक निरोधक कानूनों के अंतर्गत हिरासत में लिए गए लोगों को शामिल करता है। गिरफ्तार व्यक्तियों को अपने बायोलॉजिकल सैंपल देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा, जब तक कि उन्होंने किसी महिला या बच्चे के खिलाफ अपराध नहीं किया होया कम से कम सात वर्ष के कारावास वाला दंडनीय अपराध नहीं किया हो।

  • विवरणों को बरकरार रखना: बिल में यह अपेक्षित है कि विवरण को जमा करने की तारीख से 75 वर्षों तक डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बरकरार रखा जाएगा। इस रिकॉर्ड को निम्नलिखित मामलों में नष्ट किया जा सकता है, (i) अगर व्यक्ति को पहले अपराधी सिद्ध नहीं किया गया है, और (ii) व्यक्ति को बिना मुकदमे के रिहा किया गया हैअदालत द्वारा छोड़ दिया गया है या सभी कानूनी उपाय करने के बाद भी बरी कर दिया गया है। अदालत या मेजिस्ट्रेट लिखित कारण दर्ज करने के बाद ऐसे व्यक्तियों के विवरणों को बरकरार रखने का निर्देश दे सकते हैं। 

  • विवरण देने का विरोध करना: बिल के अनुसार, विवरण देने का विरोध करना, या उससे इनकार करना भारतीय दंड संहिता, 1860 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा। ऐसे विरोध या इनकार की स्थिति में पुलिस अधिकारी या जेल अधिकारी राज्य सरकार या केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत निर्दिष्ट तरीके से विवरण जमा कर सकते हैं।

  • विवरण जमा करने के लिए अधिकृत व्यक्तिएक्ट के अंतर्गत ऐसे पुलिस अधिकारी विवरण जमा कर सकते हैं जो: (i) किसी पुलिस स्टेशन के प्रभारी हैं, (ii) सीआरपीसी के अंतर्गत जांच करते हैं, या (iii) कम से कम सब-इंस्पेक्टर के रैंक के हैं। बिल एक जेल अधिकारी (हेड वार्डर के पद से नीचे नहीं)या एक पुलिस अधिकारी (एक पुलिस स्टेशन का प्रभारीया कम से कम एक हेड कांस्टेबल के पद का) द्वारा विवरण जमा करने की अनुमति देता है। उल्लेखनीय है कि हेड कांस्टेबल आम तौर पर सब-इंस्पेक्टर से दो निचले पद पर होता है।

  • मेजिस्ट्रेट की शक्तियांबिल के अंतर्गत मेजिस्ट्रेट किसी व्यक्ति को जांच या सीआरपीसी के तहत कार्यवाही के लिए अपने विवरण देने का निर्देश दे सकता है। कुछ कारकों (जैसे संबंधित क्षेत्र) के आधार परमजिस्ट्रेट मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेटप्रथम श्रेणी का ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट या एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट हो सकता है।

  • एनसीआरबी की भूमिकाबिल एनसीआरबी को शक्ति देता है कि वह राज्य सरकारोंकेंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों या कानून प्रवर्तन करने वाली एजेंसियों से बिल के दायरे में आने वाले व्यक्तियों से संबंधित विवरण जमा कर सकता है। बिल के तहत एनसीआरबी के अन्य कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) निर्दिष्ट व्यक्तियों के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर विवरणों को स्टोर करना और उन्हें नष्ट करना, (ii) प्रासंगिक आपराधिक रिकॉर्ड्स के साथ विवरणों को प्रोसेस करनाऔर (iii) कानून प्रवर्तन करने वाली एजेंसियों को विवरण देना। इसके अतिरिक्त राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन एजेंसियों को अधिसूचित कर सकते हैं कि वे अपने क्षेत्राधिकार में निर्दिष्ट व्यक्तियों के विवरणों को जमा करें, उन्हें संरक्षित और साझा करें। 

  • नियम बनाने की शक्ति केंद्र सरकार को भी दी गई: एक्ट के अंतर्गत नियम बनाने की शक्ति सिर्फ राज्य सरकार के पास है। बिल केंद्र सरकार को भी यह शक्ति देता है। केंद्र या राज्य सरकार विभिन्न मामलों पर नियम बना सकती है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) विवरण जमा करने का तरीका, और (ii) एनसीआरबी द्वारा विवरणों को जमा, स्टोर, संरक्षित, नष्ट, प्रसारित और निस्तारित करने का तरीका।

 

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