बिल का सारांश

जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) बिल, 2023 

  • जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) बिल, 2023 को लोकसभा में 26 जुलाई, 2023 को पेश किया गया। बिल जन्म और मृत्यु पंजीकरण एक्ट, 1969 में संशोधन करता है। एक्ट में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के रेगुलेशन का प्रावधान है।

  • जन्म और मृत्यु का डेटाबेसएक्ट भारत के रजिस्ट्रार-जनरल की नियुक्ति का प्रावधान करता है जो जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए सामान्य निर्देश जारी कर सकता है। बिल में कहा गया है कि रजिस्ट्रार जनरल पंजीकृत जन्म और मृत्यु का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाएगा। मुख्य रजिस्ट्रार (राज्यों द्वारा नियुक्त) और रजिस्ट्रार (प्रत्येक स्थानीय क्षेत्र क्षेत्राधिकार के लिए राज्यों द्वारा नियुक्त) पंजीकृत जन्म और मृत्यु के डेटा को राष्ट्रीय डेटाबेस के साथ शेयर करने के लिए बाध्य होंगे। मुख्य रजिस्ट्रार राज्य स्तर पर ऐसा ही डेटाबेस बनाएगा। बिल में भारत के रजिस्ट्रार-जनरल का नाम बदलकर भारत का रजिस्ट्रार जनरल भी किया गया है।

  • माता-पिता और सूचना देने वालों का आधार विवरण जरूरी: एक्ट में कुछ व्यक्तियों को रजिस्ट्रार को जन्म और मृत्यु की जानकारी देनी होती है। उदाहरण के लिएजिस अस्पताल में बच्चा पैदा हुआ हैउसके प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को जन्म की जानकारी देनी होती है। बिल में कहा गया है किजन्म के मामलों मेंनिर्दिष्ट व्यक्तियों को माता-पिता और सूचना देने वालेयदि उपलब्ध होका आधार नंबर भी प्रदान करना होगा। यह प्रावधान निम्नलिखित पर लागू होता है(i) जेल में जन्म होने की स्थिति में, जेलरऔर (ii) होटल या लॉज का प्रबंधक, अगर ऐसे स्थान पर जन्म हुआ है। इसके अलावा यह निर्दिष्ट व्यक्तियों की सूची का विस्तार करता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) गैर-संस्थागत एडॉप्शन की स्थिति में एडॉप्टिव माता-पिता, (ii) सरोगेसी के माध्यम से जन्म की स्थिति में जैविक माता-पिताऔर (iii) सिंगल पेरेंट या अविवाहित मां से जन्मे बच्चे की स्थिति में पेरेंट।

  • कनेक्टिंग डेटाबेसबिल में कहा गया है कि राष्ट्रीय डेटाबेस को ऐसे अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा सकता है, जो दूसरे डेटाबेस तैयार या मेनटेन करते हैं। इन डेटाबेस में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) जनसंख्या रजिस्टर, (ii) मतदाता सूची, (iii) राशन कार्डऔर (iv) अधिसूचित कोई अन्य राष्ट्रीय डेटाबेस। राष्ट्रीय डेटाबेस के उपयोग को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। इसी प्रकार राज्य डेटाबेस को उन अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा सकता है, जो राज्य के दूसरे डेटाबेस को तैयार या मेनटेन करते हैं। यह राज्य सरकार की मंजूरी के अधीन होगा।

  • जन्म प्रमाणपत्र का उपयोग: बिल में यह अपेक्षित है कि बिल के प्रभाव में आने पर या उसके बाद पैदा हुए व्यक्तियों के जन्म की तारीख और स्थान को साबित करने के लिए जन्म और प्रमाणपत्र का उपयोग किया जाएगा। इस जानकारी का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाएगा: (i) किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश, (ii) मतदाता सूची तैयार करना, (iii) सरकारी पद पर नियुक्तिऔर (iv) केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित कोई अन्य उद्देश्य।

  • इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र: एक्ट में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति: (i) रजिस्ट्रार से यह कह सकता है कि वह जन्म और मृत्यु रजिस्टर में किसी प्रविष्टि की तलाश करेऔर (ii) रजिस्टर में जन्म या मृत्यु से संबंधित कोई उद्धरण प्राप्त कर सकता है। यह राज्य सरकार के नियमों के अधीन है। बिल इसमें संशोधन करके उद्धरण के बजाय जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र (इलेक्ट्रॉनिक या अन्य रूप से) प्राप्त करने का प्रावधान करता है।

  • मृत्यु प्रमाणपत्र अनिवार्यएक्ट में प्रावधान है कि राज्य सरकारें रजिस्ट्रार को यह आदेश दे सकती हैं कि वह निर्दिष्ट व्यक्तियों से किसी की मृत्यु के कारण से संबंधित प्रमाणपत्र प्राप्त करे। बिल इसमें संशोधन करता है, और प्रावधान करता है कि चिकित्सा संस्थानों में होने वाली मौतों के लिएऐसे संस्थानों को रजिस्ट्रार को मृत्यु के कारण के संबंध में एक प्रमाणपत्र प्रदान करना होगा। प्रमाणपत्र की एक प्रति निकटतम रिश्तेदार को प्रदान की जाएगी। अगर मृत्यु किसी अन्य स्थान पर होती हैतो उस व्यक्ति की देखभाल करने वाला चिकित्सक प्रमाणपत्र जारी करेगा। प्रमाणपत्र निर्दिष्ट व्यक्तियों को जारी किया जाएगा और उन्हें रजिस्ट्रार को यह जानकारी प्रदान करनी होगी।

  • पंजीकरण का विवरण प्रदान करनाएक्ट के तहत जन्म या मृत्यु का पंजीकरण करने के बादरजिस्ट्रार को इसे पंजीकृत करने वाले व्यक्ति को निर्धारित जानकारी का उद्धरण निःशुल्क प्रदान करना होगा। बिल में यह प्रावधान करते हुए संशोधन किया गया है कि रजिस्ट्रार को उस व्यक्ति को सात दिनों के भीतर प्रमाणपत्र प्रदान करना होगा।

  • अपील की प्रक्रिया: रजिस्ट्रार या जिला रजिस्ट्रार की किसी कार्रवाई या आदेश से पीड़ित कोई भी व्यक्ति क्रमशः जिला रजिस्ट्रार या मुख्य रजिस्ट्रार के पास अपील कर सकता है। यह अपील कार्रवाई या आदेश प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर की जानी चाहिए। जिला रजिस्ट्रार या मुख्य रजिस्ट्रार को अपील की तारीख से 90 दिनों के भीतर अपना निर्णय देना होगा।

 

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