बिल का सारांश

आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान संस्थान बिल, 2020

  • आयुष राज्यमंत्री श्रीपद येस्सो नाइक ने 10 फरवरी, 2020 को लोकसभा में आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान बिल, 2020 पेश किया। बिल तीन आयुर्वेद संस्थानों का विलय कर एक संस्थान- आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान संस्थान बनाने का प्रयास करता है। बिल इस संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करता है।
     
  • विलय: जिन मौजूदा संस्थानों का विलय किया जाएगा, वे हैं: (i) स्नातकोत्तर शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, जामनगर, (ii) श्री गुलाब कुंवर बा आयुर्वेद महाविद्यालय, जामनगर, और (iii) भारतीय आयुर्वेदिक फार्मास्यूटिकल्स विज्ञान संस्थान, जामनगर। प्रस्तावित संस्थान गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर के परिसर में स्थित होगा।
  • संस्थान का संयोजन: बिल के अनुसारसंस्थान में 15 सदस्य होंगे। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) आयुष मंत्री, (ii) आयुष मंत्रालय के आयुर्वेद सचिव एवं तकनीकी प्रमुख, (iii) गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव, (iv) संस्थान के निदेशक, (v) केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान परिषद के महानिदेशक, (vi) आयुर्वेद शिक्षाउद्योग और अनुसंधान के तीन विशेषज्ञऔर (vii) तीन संसद सदस्य। जामनगर के स्नातकोत्तर शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक संस्थान के पहले निदेशक के तौर पर नियुक्त किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त बिल कहता है कि संस्थान की एक गवर्निंग बॉडी होगी जोकि संस्थान की शक्तियों का इस्तेमाल करेगी और निर्दिष्ट तरीके से कार्य करेगी।
     
  • संस्थान का उद्देश्यबिल के अनुसारसंस्थान का निम्नलिखित उद्देश्य होगा: (i) आयुर्वेद और फार्मेसी की मेडिकल शिक्षा में शिक्षण के पैटर्न विकसित करना, (ii) आयुर्वेद की सभी शाखाओं में लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए शिक्षण केंद्रों को एक साथ लाना, (iii) आयुर्वेद की पोस्टग्रैजुएट शिक्षा में आत्मनिर्भरता हासिल करना ताकि इस क्षेत्र में विशेषज्ञों और मेडिकल शिक्षक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होंऔर (iv) आयुर्वेद के क्षेत्र में गहन अध्ययन और अनुसंधान करना।
     
  • संस्थान के कार्य: संस्थान के कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (iआयुर्वेद की स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा (फार्मेसी सहित) का प्रावधान, (iiआयुर्वेद में स्नातक और स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए पाठ्यक्रम और करिकुलम निर्दिष्ट करना, (iii) आयुर्वेद की विभिन्न शाखाओं में अनुसंधान की सुविधा प्रदान करना, (iv) आयुर्वेद और फार्मेसी में परीक्षाएं संचालित करना, डिग्री, डिप्लोमा और दूसरे डिस्टिंक्शंस और टाइटिल देना, और (v) आयुर्वेद के सपोर्टिंग स्टाफ जैसे नर्सों के लिए उत्तम दर्जे के कॉलेज और अस्पताल चलाना।
     
  • संस्थान का फंड: बिल में प्रावधान है कि अपने खर्चे के पूरा करने के लिए संस्थान एक फंड बनाएगा। इसमें केंद्र सरकार और अन्य स्रोतों से प्राप्त धनराशि, जैसे फीस और अन्य शुल्क जमा होंगे। भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक संस्थान के खातों का ऑडिट करेगा। 

 

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