बिल का सारांश

इंडियन मेडिसिन सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) बिल, 2020

  • इंडियन मेडिसिन सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) बिल, 2020 को 14 सितंबर, 2020 को राज्यसभा में पेश किया गया। यह बिल इंडियन मेडिसिन सेंट्रल काउंसिल एक्ट, 1970 में संशोधन करता है। एक्ट सेंट्रल काउंसिल के गठन का प्रावधान करता है जोकि भारतीय औषधि प्रणाली (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा सहित) की शिक्षा और प्रैक्टिस को रेगुलेट करता है। यह बिल 24 अप्रैल, 2020 को जारी इंडियन मेडिसिन सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश, 2020 का स्थान लेता है।
  • सेंट्रल काउंसिल का सुपरसेशन: बिल में प्रावधान है कि सेंट्रल काउंसिल 24 अप्रैल, 2020 (अध्यादेश की तारीख से) से अधिकतम एक वर्ष के लिए सुपरसीड की जाएगी। सेंट्रल काउंसिल को सुपरेशन की तारीख के एक साल के भीतर पुनर्गठित करना होगा। इस अंतरिम अवधि में केंद्र सरकार बोर्ड ऑफ गवर्नर का गठन करेगी जोकि सेंट्रल काउंसिल की शक्तियों का इस्तेमाल करेगा।
  • बोर्ड ऑफ गवर्नर्स: बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में अधिकतम दस सदस्य होंगे। सदस्यों में भारतीय औषधि के क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति और प्रतिष्ठित प्रशासक शामिल होंगे। वे नामित सदस्य हो सकते हैं या पदेन सदस्य, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। केंद्र सरकार बोर्ड के चेयरपर्सन के रूप में एक सदस्य को चुनेगी।
  • बोर्ड 1970 के एक्ट के अंतर्गत गठित सेंट्रल काउंसिल (जिसे सुपरसीड किया गया है) की शक्तियों का इस्तेमाल करेगा। इनमें भारतीय औषधि की प्रैक्टिस और शिक्षा को रेगुलेट करना शामिल है। 
  • केंद्र सरकार की शक्तियां: बोर्ड और सेंट्रल काउंसिल (पुनर्गठन के बाद) नीतिगत मामलों (तकनीकी और प्रशासनिक मामलों के अतिरिक्त) से संबंधित सवालों पर केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।

 

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