स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट का सारांश

अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) बिल, 2023

  • रक्षा संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: श्री जुएल ओरम) ने 21 जुलाई, 2023 को अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) बिल, 2023 पर अपनी रिपोर्ट सौंपी। बिल अंतर-सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड को यह अधिकार देने का प्रयास करता है कि वे अपनी कमान के तहत आने वाले सेवाकर्मियों पर अनुशासनात्मक या प्रशासनिक नियंत्रण रख सकते हैं, भले ही वे किसी भी सेवा के हों। मौजूदा अंतर-सेवा संगठनों को बिल के तहत गठित माना जाएगा। केंद्र सरकार एक अंतर-सेवा संगठन का गठन कर सकती है, जिसमें तीन सैन्य सेवाओं, थलसेना, नौसेना और वायु सेना में से कम से कम दो से संबंधित कर्मचारी होंगे। कमिटी बिल के प्रावधानों से सहमत थी। कुछ प्रमुख निष्कर्षों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • अन्य बलों पर लागूयह बिल केंद्र सरकार को भारत में स्थापित और बनाए गए किसी भी बल को अधिसूचित करने का अधिकार देता है, जिस पर यह बिल लागू होगा। यह बल थलसेना, नौसेना और वायु सेना के कर्मियों के अतिरिक्त होगा। कमिटी ने कहा कि इस प्रावधान का उद्देश्य सैन्य जरूरतों का पूरा करना है जिसके तहत थलसेना, नौसेना या वायु सेना के साथ अन्य बलों को तैनात करने की आवश्यकता हो सकती है। सामान्य परिस्थितियों में बिल के प्रावधान अंतर-सेवा संगठन से जुड़ी तीन रक्षा सेवाओं के अलावा अन्य सैन्य बलों के कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे। कमिटी ने सुझाव दिया कि एक्ट के लागू होने के बाद अपेक्षित अधिसूचना जल्द से जल्द जारी की जानी चाहिए।

  • कार्यवाहियों के निष्कर्ष: कमिटी को सूचित किया गया था कि अंतर-सेवा संगठनों के प्रमुखों के समक्ष लाए गए मामलों के निर्णयों के लिए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है। कमिटी ने सुझाव दिया कि अंतर-सेवा संगठनों के प्रमुखों के समक्ष लाए गए सभी मामलों में कार्यवाहियों को जल्द पूरा करने के तरीके और साधनों को तैयार किया जाए। 

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