स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट का सारांश

कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी (संशोधन) बिल, 2023

  • कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: श्री पी.सी. गद्दीगौदर) ने 21 जुलाई, 2023 को 'कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी (संशोधन) बिल, 2023' पर अपनी रिपोर्ट पेश की। बिल कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी, 2005 में संशोधन करता है। एक्ट एक्वाकल्चर को रेगुलेट करता है और इस रेगुलेशन के लिए एक अथॉरिटी की स्थापना करता है। कोस्टल एक्वाकल्चर का तात्पर्य नियंत्रित स्थितियों में मछलियों को पालने और उनकी फार्मिग को कहा जाता है। कमिटी के प्रमुख निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • सीआरज़ेड क्षेत्रों में कुछ एक्वाकल्चर गतिविधियों की अनुमतिबिल समुद्र के नो-डेवलपमेंट ज़ोन्स और खाड़ियों/नदियों/बैकवाटर के बफर ज़ोन में हैचरीज़न्यूक्लियस ब्रीडिंग सेंटर्स और ब्रूड स्टॉक मल्टीप्लिकेशन सेंटर्स स्थापित करने की अनुमति देता है। फिशरीज़ विभाग का कहना था कि एक्ट के तहत इन क्षेत्रों में कोस्टल एक्वाकल्चर पर प्रतिबंध है क्योंकि उस समय कोस्टल एक्वाकल्चर में सिर्फ झींगा पालन शामिल था। उसने कहा कि नई एक्वाकल्चर गतिविधियों जैसे हैचरीज़ब्रूड स्टॉक मल्टीप्लिकेशन सेंटर्स और न्यूक्लियस ब्रीडिंग सेंटर्स को समुद्री जल तक पहुंच के लिए तट के निकट होने की आवश्यकता होती है।   विभाग ने कहा कि जबकि सीआरज़ेड ने ऐसी गतिविधियों की अनुमति दी थी, लेकिन राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल ने कानून में स्पष्ट प्रावधान न होने के कारण उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। कमिटी ने कहा कि इन गतिविधियों को 1991 और 2011 की कोस्टल रेगुलेशन ज़ोन्स (सीआरजेड) अधिसूचनाओं के तहत छूट दी गई थीऔर बिल इन छूटों के लिए वैधानिक समर्थन प्रदान करता है। कमिटी ने प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार कर लिया।

  • अथॉरिटी का संयोजनअथॉरिटी में 11 सदस्य होंगे, जिनमें तीन सदस्य कोस्टल एक्वाकल्चर, तटीय पारिस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ तथा चार सदस्य रोटेशनल आधार पर तटीय राज्यों के प्रतिनिधि होंगे। कमिटी ने कहा कि अथॉरिटी में तटीय राज्यों और संबंधित हितधारकों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। विभाग ने बताया कि बिल के तहत गठित कमिटियों में किसान संघ के सदस्यों और किसान उत्पादक संगठनों को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। यह देखते हुए कि बिल के तहत ऐसा प्रतिनिधित्व अनिवार्य नहीं हैकमिटी ने सुझाव दिया कि सभी तटीय राज्योंहितधारकों और सार्वजनिक प्रतिनिधियों (जैसे समुदाय के सदस्यों) को अथॉरिटी या कमिटियों में प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।

  • अध्यक्ष की रिक्तिएक्ट के तहत अध्यक्ष की अनुपस्थिति की स्थिति मेंउपस्थित सदस्यों द्वारा चुना गया सदस्य बैठक की अध्यक्षता कर सकता है। बिल अध्यक्ष को अधिकृत करता है कि वह अपनी गैर मौजूदगी में एक पीठासीन सदस्य को नामित कर सकता है। अगर अध्यक्ष और  मनोनीत सदस्य दोनों अनुपस्थित हों तो उपस्थित सदस्यों द्वारा चुना गया कोई सदस्य बैठक की अध्यक्षता कर सकता है। कमिटी ने कहा कि बिल में अध्यक्ष का पद रिक्त होने की स्थिति में किसी प्रक्रिया का प्रावधान नहीं है और सुझाव दिया कि इस संबंध में प्रावधान किया जाना चाहिए।

  • इनपुट्स का रेगुलेशनबिल में कहा गया है कि अथॉरिटी कोस्टल एक्वाकल्चर के इनपुट्स के लिए मानक तय करेगीउन्हें प्रमाणित, उनकी निगरानी करेगीउनका निषेध और रेगुलेशन करेगी। इनमें एंटीबायोटिक्सप्रोबायोटिक्स और थेरेप्यूटेंट्स शामिल हैं। वर्तमान में अथॉरिटी के पास यह सुनिश्चित करने के लिए एक स्वैच्छिक सर्टिफिकेशन प्रणाली है कि इनपुट्स में एंटीबायोटिक्स नहीं हैं। कमिटी ने कहा कि गुणवत्ता में सुधार के लिए झींगा किसान जिन दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, उनमें प्रतिबंधित एंटीबायोटिक्स होते हैंजिनके अवशेष निर्यात स्तर पर पाए जाते हैं। आयातक देशों द्वारा ऐसे शिपमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कमिटी ने सुझाव दिया कि प्राधिकरण अपनी सर्टिफिकेशन प्रणाली को अनिवार्य बनाए।

  • परिसर में दाखिले का अधिकार: एक्ट एक अधिकृत व्यक्ति को किसी भी कोस्टल एक्वाकल्चर भूमि/एन्क्लोजर में प्रवेश करने और उसका निरीक्षण/सर्वेक्षण/उसे तोड़ने का अधिकार देता है, लेकिन इसके लिए उसे न्यूनतम 24 घंटे का नोटिस देना होगा। बिल नोटिस की आवश्यकता को समाप्त करता हैबशर्ते कि कारण लिखित में दर्ज किए जाएं। कमिटी ने पाया कि बिल उन कारणों को परिभाषित नहीं करता है जिसके तहत किसी अधिकारी को पूर्व सूचना के बिना प्रवेश करने के लिए अधिकृत किया जाएगा। विभाग ने उत्तर दिया कि अनुमोदन केवल असाधारण मामलों में दिया जाएगा, जहां पूर्व सूचना निरीक्षण के उद्देश्य को विफल कर देगी (जैसे कि अवैध एंटीबायोटिक उपयोग)। हालांकि कमिटी ने प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार कर लियालेकिन इस बात का उल्लेख किया कि विभाग को इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय करने चाहिए।

 

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