इस अंक की झलकियां
संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त; 10 बिल पारित
संसद में पारित होने वाले बिल्स में बांध सुरक्षा, 2019, कृषि कानून रिपील बिल, 2021 और उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन बिल, 2021 शामिल हैं।
आधार को मतदाता सूची से लिंक करने वाला बिल संसद में पारित
चुनाव कानून (संशोधन) बिल, 2021 में आधार विवरण को मतदाता सूची के डेटा से लिंक करने का प्रावधान है और यह निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में नामांकन के लिए कई पात्रता तिथियों का प्रावधान करता है।
छह बिल विस्तृत समीक्षा के लिए संसदीय समितियों को भेजे गए
इनमें बाल विवाह निषेध (संशोधन) बिल, 2021, जैव विविधता (संशोधन) बिल, 2021, सीए, सीडब्ल्यूए और सीएस (संशोधन) बिल, 2021, और मध्यस्थता बिल, 2021 शामिल हैं।
राष्ट्रीय कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम के दिशानिर्देशों में संशोधन
कोविड-19 की दो नई वैक्सीन और पहली एंटी-वायरल ड्रग को ईयूए दिया गया
दो वैक्सीन्स कोरबेवैक्स और कोवोवैक्स, तथा एंटी वायरल दवा मोलनुपिराविर को कोविड-19 के इलाज के लिए सीमित उपयोग का इमरजेसी यूज ऑथराइजेशन दिया गया है।
2021-22 की दूसरी तिमाही के दौरान मौजूदा घाटा खाता 1.3%
व्यापार घाटा बढ़ने और निवेश आय के शुद्ध व्यय में बढ़ोतरी के कारण 2021-22 की दूसरी तिमाही में भारत के चालू खाता संतुलन में 9.6 बिलियन USD का रिकॉर्ड घाटा दर्ज किया गया।
पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 पर कमिटी रिपोर्ट पेश
कमिटी ने सुझाव दिया कि बिल में पर्सनल और नॉन-पर्सनल डेटा के संरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। डेटा फिड्यूशरीज़ को हर उस पर्सनल डेटा के ब्रीच की रिपोर्ट करनी चाहिए जिसे वे प्रोसेस करते हैं।
पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल, 2020 पर स्टैंडिंग कमिटी ने रिपोर्ट पेश की
कमिटी ने सेंट्रल पेस्टिसाइड बोर्ड की शक्तियों में विस्तार किया है ताकि वह पंजीकरण कमिटी के कामकाज पर नजर रख सके और कहा है कि कीटनाशकों को दो वर्षों के अंदर पंजीकृत किया जाना चाहिए।
उपभोक्ता आयोगों के क्षेत्राधिकार पर उपभोक्ता संरक्षण नियम अधिसूचित
जिला आयोगों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ने के कारण नियम जिला, राज्य और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों के आर्थिक क्षेत्राधिकारों को कम करते हैं।
सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले उद्योग को बढ़ावा देने वाले इनीशिएटिव्स को अधिसूचित किया गया
सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले तथा संबंधित घटकों के डिजाइन तथा मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाली विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं को अधिसूचित किया गया।
विभिन्न मुद्दों और योजनाओं के कार्यान्वयन पर कमिटियों ने रिपोर्ट सौंपी
इनमें प्रधानमंत्री स्वनिधि सहित कई योजनाओं की समीक्षा शामिल है। टेलीकॉम/इंटरनेट सेवाओं के सस्पेंशन और उनके प्रभावों, तथा मीडिया कवरेज के नैतिक मानकों से संबंधित रिपोर्ट्स भी सौंपी गई हैं।
कैग ने विभिन्न विषयों पर अपनी रिपोर्ट्स सौंपी
इनमें भूजल प्रबंधन और रेगुलेशंस, तथा नए इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना और उनके कामकाज की समीक्षा करने वाली रिपोर्ट्स शामिल हैं।
संसद
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त; 10 बिल पारित, छह बिल्स कमिटियों को भेजे गए
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर, 2021 से 22 दिसंबर, 2021 तक चला। कुल 18 दिन बैठकें हुईं।[1] सत्र 23 दिसंबर तक चलना तय हुआ था, लेकिन इसे एक दिन पहले समाप्त कर दिया गया।
सत्र के दौरान संसद ने 10 बिल पारित किए (विनियोग बिल को छोड़कर)। इनमें से छह बिल सत्र के दौरान पेश किए गए जिनमें से तीन अध्यादेशों, जैसे दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैबलिशमेंट (संशोधन) बिल, 2021, केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) बिल, 2021 और नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ (संशोधन) बिल, 2021 का स्थान लेते हैं। सत्र के दौरान पारित होने वाले अन्य बिल्स में कृषि कानून रिपील बिल, 2021, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन बिल, 2021 और चुनाव कानून (संशोधन) बिल, 2021 शामिल हैं।
सत्र के दौरान पेश अन्य सभी बिल्स (उनमें से छह) को विस्तृत समीक्षा के लिए कमिटियों के पास भेज दिया गया। ये बिल्स हैं: (i) बाल विवाह निषेध (संशोधन) बिल, 2021 (ii) चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कॉस्ट और वर्क्स एकाउंटेंट्स तथा कंपनी सचिव (संशोधन) बिल, 2021, (iii) जैव विविधता (संशोधन) बिल, 2021, (iv) वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन बिल, 2021, (v) मध्यस्थता बिल, 2021, और (vi) राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग बिल, 2021।
शीतकालीन सत्र 2021 के दौरान लेजिलेटिव बिजनेस पर अधिक विवरण के लिए कृपया देखें। सत्र के दौरान संसद के कामकाज पर अधिक विवरण के लिए कृपया देखें।
कोविड-19
31 दिसंबर, 2021 तक भारत में कोविड-19 के 3.5 करोड़ पुष्ट मामले थे।[2] इनमें से 3.4 करोड़ (98%) मरीजों का इलाज हो चुका है/उन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है और 4.8 लाख लोगों (1.3%) की मृत्यु हुई है। 31 दिसंबर, 2021 तक 84 करोड़ लोगों को वैक्सीन की कम से कम पहली डोज़ मिल गई है जिनमें से 61 करोड़ लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं।[3] देश और विभिन्न राज्यों में दैनिक मामलों की संख्या के लिए कृपया यहां देखें।
राष्ट्रीय कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम के दिशानिर्देशों में संशोधन
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मद्देनजर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्राथमिकता प्राप्त समूह के लिए तीसरी डोज़ और बच्चों के वैक्सीनेशन के संबंध में राष्ट्रीय वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं।[4] दिशानिर्देश 3 जनवरी, 2022 से प्रभावी होंगे। मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
कोविड के लिए दो नई वैक्सीन्स और पहली एंटी वायरल ड्रग को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन मिला
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने कोविड-19 के लिए दो वैक्सीन्स कोरबेवैक्स और कोवोवैक्स, तथा एक एंटी वायरल दवा मोलनुपिराविर के सीमित उपयोग के लिए इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन दिया है।[6]
कोरबेवैक्स को बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सहयोग से विकसित किया है।6 कोवोवैक्स को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने नोवावैक्स से लाइसेंस के अंतर्गत विकसित किया है।6 इनके अलावा, भारत में छह कोविड-19 वैक्सीन्स को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन दिया गया है। ये हैं: (i) कोविशील्ड, (ii) कोवैक्सिन, (iii) स्पुतनिक-वी, (iv) एमआरएनए-1273 (मॉडर्न वैक्सीन), (v) जेनसेन, और (vi) जायकोवि-डी।[7],[8],[9],[10],[11] इन वैक्सीन्स को 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि कोवैक्सीन 15 से 18 वर्ष के बच्चों को भी लगाई जा सकती है। इस महीने 12-18 वर्ष के बच्चों के लिए भी इसे इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन दिया गया है।4
मोलनुपिराविर एक एंटी वायरल ड्रग है जिसे मर्क ने बनाया है। इसे वयस्क मरीजों के इलाज के लिए 13 कंपनियां बना रही हैं।6 यह कोविड-19 की पहली एंटी वायरल ड्रग है जिसे देश में मंजूरी मिली है।
ओमिक्रॉन के मद्देनजर कोविड-19 की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी
Shubham Dutt (shubham@prsindia.org)
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पूरे भारत में नए और अत्यधिक संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन की बढ़ने के साथ कोविड-19 की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किए। गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इन दिशानिर्देशों द्वारा निर्धारित रोकथाम उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है।[12] यह आदेश 31 जनवरी, 2022 तक लागू रहेगा। दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें सस्पेंड
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नए ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ ओमिक्रॉन के कारण 31 जनवरी, 2022 तक कमर्शियल अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों के सस्पेंशन को बढ़ाने के लिए एक अधिसूचना जारी की है।[13]
मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के शुरू होने के कारण अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गई थीं।[14] तब से कई बार प्रतिबंध बढ़ाया गया है। सितंबर 2021 में डीजीसीए ने अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध 30 अक्टूबर, 2021 तक बढ़ा दिया।[15] नवंबर 2021 में डीजीसीए ने 15 दिसंबर, 2021 से कमर्शियल अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी।[16]
समष्टि आर्थिक (मैक्रोइकोनॉमिक) विकास
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट क्रमशः 4% और 3.35% पर अपरिवर्तनीय
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) ने अपना द्विमासिक मौद्रिक नीतिगत वक्तव्य जारी कर दिया है।[17] कमिटी ने फैसला किया है कि पॉलिसी रेपो रेट (जिस दर पर आरबीआई बैंकों को ऋण देता है) 4% की दर पर बरकरार है। कमिटी के अन्य फैसलों में निम्नलिखित शामिल हैं:
2021-22 की दूसरी तिमाही में चालू खाता घाटा जीडीपी का 1.3%
2021-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत के चालू खाता संतुलन में 9.6 बिलियन USD (जीडीपी का 1.3%) का घाटा दर्ज किया गया, जबकि 2020-21 की दूसरी तिमाही में 15.3 बिलियन USD (जीडीपी का 2.4%) का अधिशेष हुआ था।[18] ऐसा मुख्य रूप से बढ़ते व्यापार घाटे और निवेश आय के शुद्ध व्यय में वृद्धि के कारण हुआ था। 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में चालू खाते की शेष राशि में 6.6 बिलियन USD (जीडीपी का 0.9%) का अधिशेष दर्ज किया गया था।18
पूंजी खाते में शुद्ध प्रवाह (अंतर्वाह घटा बहिर्वाह, यानी इनफ्लो घटा आउटफ्लो) 2020-21 की दूसरी तिमाही में 15.9 बिलियन USD की तुलना में बढ़कर 40.1 बिलियन USD हो गया। पूंजी खाता उन लेन-देन को दर्ज करता है जिनसे भारत में एंटिटीज़ के एसेट्स/लायबिलिटी की स्थिति में परिवर्तन होता है।
2021-22 की दूसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में 31.2 बिलियन USD की वृद्धि हुई, जबकि 2020-21 की दूसरी तिमाही में यह 31.6 बिलियन USD थी।
तालिका 1: भुगतान संतुलन, ति2 2021-22 (बिलियन USD)
|
ति2 |
ति1 |
ति2 |
चालू खाता |
15.3 |
6.6 |
-9.6 |
पूंजी खाता |
15.9 |
25.5 |
40.1 |
भूल चूक और लेनी देनी |
0.4 |
-0.2 |
0.7 |
मुद्रा भंडार में परिवर्तन |
31.6 |
31.9 |
31.2 |
स्रोत: भारतीय रिजर्व बैंक; पीआरएस
वित्त
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कॉस्ट और वर्क्स एकाउंटेंट्स तथा कंपनी सचिव (संशोधन) बिल, 2021 पेश
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कॉस्ट और वर्क्स एकाउंटेंट्स तथा कंपनी सचिव (संशोधन) बिल, 2021 को लोकसभा में पेश किया गया।[19] बिल चार्टर्ड एकाउंटेंट्स एक्ट, 1949, कॉस्ट और वर्क्स एकाउंटेंट्स एक्ट, 1959 और कंपनी सचिव एक्ट, 1980 में संशोधन करने का प्रयास करता है। ये तीनों एक्ट्स क्रमशः चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कॉस्ट और वर्क्स एकाउंटेंट्स तथा कंपनी सचिव के पेशों के रेगुलेशन का प्रावधान करते हैं। बिल इन एक्ट्स के अंतर्गत अनुशासनात्मक तंत्र को मजबूत करने का प्रयास करता है, और भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान, भारतीय कॉस्ट एकाउंटेंट्स संस्थान तथा भारतीय कंपनी सचिव संस्थान के सदस्यों के खिलाफ मामलों के समयबद्ध निपटान का प्रावधान करता है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल को वित्त संबंधी स्टैंडिंग कमिटी को भेजा गया है। बिल पर पीआरएस के सारांश के लिए कृपया देखें।
एनडीपीएस एक्ट, 1985 में ड्राफ्टिंग की त्रुटि को सही करने वाला बिल संसद में पारित
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ (संशोधन) बिल, 2021 को संसद में पारित कर दिया गया।[20] यह बिल नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ (संशोधन) अध्यादेश, 2021 का स्थान लेता है।[21] बिल ड्राफ्टिंग की एक चूक को दुरुस्त करने के लिए नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ एक्ट, 1985 में संशोधन करता है।[22] यह एक्ट नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थों से संबंधित कुछ कार्यों (जैसे मैन्यूफैक्चर, परिवहन और उपभोग) को रेगुलेट करता है।22
आरबीआई ने एनबीएफसीज़ के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई संरचना जारी की
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) संरचना जारी की है।[24] पीसीए संरचना के अंतर्गत सुपरवाइजरी पहल की जा सकती है और इसके जरिए सुपरवाइज्ड इकाई से अपनी वित्तीय स्थिति को बहाल करने के उपायों को लागू करने की अपेक्षा की जाती है। आरबीआई ने कहा किया कि एनबीएफसी आकार में बढ़ गए हैं और वित्तीय प्रणाली के अन्य क्षेत्रों से पर्याप्त रूप से जुड़े हुए हैं। पीसीए संरचना एनबीएफसी पर लागू होने वाले सुपरवाइजरी उपायों को मजबूत करने का प्रयास करती है। यह संरचना 1 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होगी। संचालन के तीन वर्ष बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। इसकी मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
सेबी ने शेयर जारी करने के फ्रेमवर्क में संशोधन किए
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने सेबी (पूंजी और प्रकटीकरण शर्तों को जारी करना) रेगुलेशन, 2018 में संशोधनों को मंजूरी दी है।[25],[26] 2018 के रेगुलेशंस शेयरों के पब्लिक इश्यू के लिए फ्रेमवर्क प्रदान करते हैं। इन संशोधनों को प्राथमिक बाजार सलाहकार समिति की सिफारिशों के आधार पर अनुमोदित किया गया है। मुख्य परिवर्तनों में निम्नलिखित शामिल हैं:
गैर रणनीतिक सीपीएसईज़ के निजीकरण, बंद करने के लिए दिशानिर्देश जारी
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) ने गैर-रणनीतिक क्षेत्र में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) के लिए नई सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (पीएसई) नीति के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।[28] फरवरी 2021 में नई पीएसई नीति जारी की गई जिसने अधिकांश सीपीएसई को रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में वर्गीकृत किया।[29] रक्षा, बैंकिंग, बिजली और पेट्रोलियम कुछ रणनीतिक क्षेत्र थे जबकि शेष क्षेत्रों को गैर-रणनीतिक के रूप में वर्गीकृत किया गया था। गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में सीपीएसई का निजीकरण किया जाना है, या उन्हें बंद किया जाना है। इन दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
सेबी ने रीटेल निवेशकों की एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग पर परामर्श पत्र जारी किया
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने रीटेल निवेशकों द्वारा एल्गोरिदम व्यापार पर एक परामर्श पत्र जारी किया।[30] एल्गोरिदम या एल्गो ट्रेडिंग के अंतर्गत कंप्यूटर लाइव स्टॉक की कीमतों की निगरानी करते हैं और दिए गए मानदंड पूरे होने पर ऑर्डर शुरू करते हैं। निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं:
परामर्श पत्र पर टिप्पणियां 15 जनवरी, 2022 तक आमंत्रित की गई हैं।
सेबी ने एक कमोडिटी एक एक्सचेंज मॉडल पर टिप्पणियां आमंत्रित कीं
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने "एक कमोडिटी एक एक्सचेंज" पर एक परामर्श पत्र जारी किया।[31] सेबी ने गौर किया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट कमोडिटी के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स का कारोबार सिर्फ एक विशेष कमोडिटी एक्सचेंज में लिक्विड कॉन्ट्रैक्ट (जिसे आसानी से कारोबार किया जा सकता है) के रूप में किया जाता है। डेरिवेटिव एक ऐसा इंस्ट्रूमेंट है जो सिक्योरिटीज़ और कमोडिटी जैसी अंडरलाइंग एसेट से अपना मूल्य प्राप्त करता है। सेबी ने गौर किया कि भारत को कमोडिटी के खास एक्सचेंज के यूनिट सेट्स का पता लगाना चाहिए। इससे लिक्विडिटी के फ्रैगमेंटेशन को कम करने में मदद मिलेगी। प्रस्तावित फ्रेमवर्क की प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
प्रस्तावित फ्रेमवर्क पर 6 जनवरी, 2022 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
विधि एवं न्याय
Shubham Dutt (shubham@prsindia.org)
आधार से मतदाता सूची के डेटा को लिंक करने वाला बिल संसद में पारित
चुनाव कानून (संशोधन) बिल, 2021 को संसद में पारित कर दिया गया।[32] बिल चुनावी सुधारों को लागू करने के लिए जन प्रतिनिधित्व एक्ट, 1950 और जन प्रतिनिधित्व एक्ट, 1951 में संशोधन करता है।[33],[34] 1950 का एक्ट चुनावों के लिए सीटों के आबंटन और निर्वाचन क्षेत्रों के सीमांकन, मतदाताओं की अहर्ता (क्वालिफिकेशंस) और मतदाता सूची की तैयारी से संबंधित प्रावधान करता है। 1951 के एक्ट में चुनाव कराने तथा चुनावों से संबंधित अपराध और विवादों से जुड़े प्रावधान हैं। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की अतिरिक्त पेंशन की आयु स्पष्ट करने वाला बिल संसद में पारित
उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन बिल, 2021 संसद में पारित कर दिया गया।[35] बिल निम्नलिखित में संशोधन का प्रयास करता है: (i) उच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) एक्ट, 1954 और (ii) सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) एक्ट, 1958।[36],[37] ये कानून भारत के उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन और सेवा की शर्तों को रेगुलेट करते हैं।
एक्ट्स के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के सभी रिटायर्ड न्यायाधीश और उनके परिवार के सदस्य पेंशन या फैमिली पेंशन के हकदार होते हैं। उन्हें एक निर्दिष्ट पैमाने के अनुसार एक निश्चित आयु प्राप्त करने पर पेंशन या फैमिली पेंशन की अतिरिक्त राशि भी मिलती है। इस पैमाने में पांच आयु वर्ग हैं (न्यूनतम 80, 85, 90, 95 और 100 वर्ष) और आयु के साथ अतिरिक्त राशि बढ़ती जाती है (पेंशन या फैमिली पेंशन के 20% से 100%)। बिल स्पष्ट करता है कि व्यक्ति अतिरिक्त पेंशन या फैमिली पेंशन का उस महीने की पहली तारीख से ही हकदार हो जाएगा, जिस महीने में वह संबंधित आयु वर्ग के अंतर्गत न्यूनतम आयु का हो रहा होगा।
उल्लेखनीय है कि 2018 और 2020 में दो उच्च न्यायालयों के आदेश के बाद यह बिल लाया गया। बिल इस विधायी मंतव्य को स्पष्ट करता है कि रिटायर होने वाले न्यायाधीश को उस महीने की पहली तारीख से अतिरिक्त राशि का लाभ मिले, जिसमें वह संबंधित आयु वर्ग की न्यूनतम आयु प्राप्त कर रहा हो, न कि उस उम्र में प्रवेश करने की पहली तारीख को, जैसा कि उच्च न्यायालयों ने व्याख्या की थी।
बिल के पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
मध्यस्थता को बढ़ावा देने वाला बिल राज्यसभा में पेश किया गया
राज्यसभा में मध्यस्थता बिल, 2021 पेश किया गया।[38] मध्यस्थता एक किस्म का वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) होता है जिसमें एक स्वतंत्रत व्यक्ति (मध्यस्थ) की सहायता से विभिन्न पक्ष अपने विवादों को निपटाने का प्रयास करते हैं (अदालत के बाहर)। बिल मध्यस्थता (ऑनलाइन मध्यस्थता सहित) को बढ़ावा देने का प्रयास करता है तथा मध्यस्थता समझौते के परिणामस्वरूप निपटारे को लागू करने का प्रावधान करता है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल कार्मिक, जन शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी स्टैंडिंग कमिटी को भेज दिया गया है। बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
ड्राफ्ट नोटरीज़ (संशोधन) बिल, 2021 परामर्श के लिए जारी किया गया
विधि एवं न्याय मंत्रालय ने ड्राफ्ट नोटरीज़ (संशोधन) बिल, 2021 को परामर्श के लिए जारी किया।[39],[40] ड्राफ्ट बिल नोटरीज़ एक्ट, 1952 में संशोधन का प्रस्ताव रखता है।[41] एक्ट नोटरीज़ के पेशे को रेगुलेट करता है। नोटरीज़ वे व्यक्ति होते हैं जोकि कुछ कानूनी औपचारिकताओं (जैसे कॉन्ट्रैक्ट्स, डीड्स और दूसरे दस्तावेजों के सत्यापन को अटेस्ट या सर्टिफाई करना) को करने के लिए अधिकृत होते हैं। ड्राफ्ट बिल में प्रस्तावित मुख्य संशोधनों में निम्नलिखित शामिल हैं:
कार्मिक
प्रवर्तन निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने वाला बिल संसद में पारित
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) बिल, 2021 को संसद में पारित कर दिया गया।[42] यह केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अध्यादेश, 2021 का स्थान लेता है।[43] बिल केंद्रीय सतर्कता आयोग एक्ट, 2003 में संशोधन करने का प्रयास करता है।[44]
एक्ट के अंतर्गत प्रवर्तन निदेशक की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा एक कमिटी (केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की अध्यक्षता में) के सुझाव के आधार पर न्यूनतम दो वर्ष के लिए की जाती है। बिल कहता है कि निदेशक का कार्यकाल नियुक्ति की प्रारंभिक तारीख से पांच वर्ष पूरे होने तक एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
सीबीआई निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने वाला बिल संसद में पारित
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैबलिशमेंट (संशोधन) बिल, 2021 को संसद में पारित कर दिया गया।[45] यह दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैबलिशमेंट (संशोधन) अध्यादेश, 2021 का स्थान लेता है।[46] बिल दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैबलिशमेंट एक्ट, 1946 में संशोधन करता है।[47] एक्ट के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा एक कमिटी (प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में) के सुझाव के आधार पर न्यूनतम दो वर्ष की अवधि क लिए सीबीई के निदेशक की नियुक्ति का प्रावधान है। बिल कहता है कि निदेशक का कार्यकाल नियुक्ति की प्रारंभिक तारीख से पांच वर्ष पूरे होने तक एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
पेंशनभोगियों की शिकायतों पर स्टैंडिंग कमिटी ने रिपोर्ट सौंपी
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: सुशील कुमार मोदी) ने ‘पेंशनभोगियों की शिकायतें- पेंशन अदालतों के प्रभाव और केंद्रीयकृत पेंशनभोगी शिकायत निवारण एवं निरीक्षण प्रणाली (सीपेनग्राम्स)’ पर अपनी रिपोर्ट सौंपी।[48] 31 मार्च, 2020 तक भारत में केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों (इसमें फैमिली पेंशनभोगी शामिल हैं) की संख्या लगभग 66.7 लाख थी। कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्न शामिल हैं:
रिपोर्ट पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
सरकार के शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने पर रिपोर्ट सौंपी गई
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: सुशील कुमार मोदी) ने ‘भारत सरकार के शिकायत निवारण तंत्र की मजबूती’ पर अपनी रिपोर्ट सौंपी।[49] कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्न शामिल हैं:
रिपोर्ट पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
महिला एवं बाल विकास
लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संशोधन) बिल, 2021 पेश किया गया।[50] बिल महिलाओं के विवाह की न्यूनतम आयु को बढ़ाने के लिए बाल विवाह निषेध एक्ट, 2006 में संशोधन करता है।[51] बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल को शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा एवं खेल संबंधी स्टैंडिंग कमिटी को भेजा गया है। बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
पर्यावरण
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
वन्य जीव (संरक्षण) एक्ट, 1971 में संशोधन करने वाला बिल लोकसभा में पेश
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने लोकसभा में वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन बिल, 2021 पेश किया।[52] बिल वन्य जीव (संरक्षण) एक्ट, 1972 में संशोधन करता है। एक्ट वन्य प्राणियों, पक्षियों और पौधों के संरक्षण को रेगुलेट करता है।[53] बिल कानून के अंतर्गत संरक्षित प्रजातियों को बढ़ाने, और वन्य जीवों तथा वनस्पतियों की संकटग्रस्त प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर केंद्रित कन्वेंशन (साइट्स) को लागू करने का प्रयास करता है।52 बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल विज्ञान एवं तकनीक, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी स्टैंडिंग कमिटी को भेजा गया है। बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
जैव विविधता एक्ट, 2002 में संशोधन करने वाला बिल पेश किया गया और ज्वाइंट कमिटी को भेजा गया
जैव विविधता (संशोधन) बिल, 2021 को लोकसभा में पेश किया।[55] बिल जैव विविधता एक्ट, 2002 में संशोधन करता है। एक्ट में जैव विविधता के संरक्षण, उसके घटकों के सतत उपयोग और जैविक संसाधनों के उपयोग से प्राप्त होने वाले लाभों के निष्पक्ष एवं समतामूलक बंटवारे के प्रावधान हैं।[56] बिल शोध और पेटेंट के आवेदनों को सरल बनाने, वन्य औषधीय पौधों की उपज को प्रोत्साहित करने, तथा देसी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।55 बिल में प्रस्तावित मुख्य संशोधनों में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमिटी के पास भेज दिया गया है। बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
जल संसाधन
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
बांध सुरक्षा बिल, 2019 को संसद में पारित कर दिया गया।[57] बिल देश भर में निर्दिष्ट बांधों की चौकसी, निरीक्षण, परिचालन और रखरखाव संबंधी प्रावधान करता है।57 बिल इन बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत प्रणाली का भी प्रावधान करता है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने दिसंबर 2021 में ‘भूजल प्रबंधन और रेगुलेशन’ पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट जारी की।[58] रिपोर्ट 2013-18 की अवधि के दौरान 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश (अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, मिजोरम और सिक्किम को छोड़कर) भूजल प्रबंधन और रेगुलेशन के ऑडिट प्रदर्शन के निष्कर्ष प्रस्तुत करती है। यह भूजल प्रबंधन पर योजनाओं के कार्यान्वयन का भी मूल्यांकन करती है। कैग के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
रिपोर्ट पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (सीसीईए) ने 2021-26 के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को जारी रखने को मंजूरी दे दी है।[59] यह योजना पहले 2015-20 के लिए लागू थी।[60] फिर इसे मार्च 2021 तक बढ़ाया गया।60 2021-26 के लिए योजना की अनुमानित लागत (उसके तीन घटकों सहित) 93,068 करोड़ रुपए है।
पीएमएसकेवाई एक अंब्रैला योजना है जिसके दो मुख्य घटक हैं, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) और हर खेत को पानी (एचकेकेपी)। इन्हें जल शक्ति मंत्रालय कार्यान्वित करता है। इसमें वॉटरशेड घटक भी शामिल है जिसे ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूसंसाधन विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। पीएमएसकेवाई में कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा कार्यान्वित प्रति बूंद अधिक फसल योजना भी शामिल है। एआईबीपी, एचकेकेपी और वाटरशेड घटक को 2026 तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है।
इस योजना के निम्नलिखित लक्ष्य हैं: (i) खेतों में पानी की फिजिकल पहुंच बढ़ाना, (ii) आश्वस्त सिंचाई के अंतर्गत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करना, (iii) खेतों में पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार करना, और (iv) स्थायी जल संरक्षण प्रथाओं को लागू करना।
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
केंद्रीय कैबिनेट ने नदी प्रॉजेक्ट की केन-बेतवा इंटरलिंकिंग को मंजूरी दी।[61] प्रॉजेक्ट की लागत 44,605 करोड़ रुपए अनुमानित है (2020-21 के मूल्य स्तर पर)। केंद्र सरकार प्रॉजेक्ट के लिए 36,920 करोड़ रुपए का अनुदान और 3,027 करोड़ रुपए का ऋण देगी और इस प्रॉजेक्ट को आठ वर्षों में पूरा होना प्रस्तावित है। प्रॉजेक्ट के अंतर्गत एक बांध और एक नहर बनाई जाएगी जो दो नदियों को जोड़ेगी। इससे केन नदी से बेतवा नदी में पानी भेजा जाएगा। प्रॉजेक्ट से: (i) मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की वार्षिक सिंचाई होगी, (ii) लगभग 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा, और (iii) 103 मेगावॉट की हाइड्रोपावर और 27 मेगावाट का सोलर पावर उत्पादित होगा।
खेल
राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग बिल, 2021 को लोकसभा में पेश किया गया।[62] बिल खेलों में डोपिंग पर प्रतिबंध लगाने और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी की स्थापना करने का प्रयास करता है। यह एजेंसी मौजूदा राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी का स्थान लेगी। एथलीट्स खेल प्रदर्शन में सुधार करने के लिए कुछ प्रतिबंधित पदार्थों का उपभोग करते हैं और इसे डोपिंग कहा जाता है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल को शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा एवं खेल संबंधी स्टैंडिंग कमिटी को भेजा गया है। बिल पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
स्वास्थ्य
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी को रेगुलेट करने वाला बिल संसद में पारित
असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) बिल, 2020 को संसद में पारित कर दिया गया।[63] स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी स्टैंडिंग कमिटी ने बिल की समीक्षा की और सेरोगेसी एवं एआरटी सेवाओं को रेगुलेट करने के लिए कॉमन अथॉरिटीज़ बनाने का सुझाव दिया।[64] बिल में इन सुझावों को शामिल किया गया है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल पर अधिक विवरण के लिए कृपया देखें।
सेरोगेसी को रेगुलेट करने वाला बिल संसद में पारित
सेरोगेसी (रेगुलेशन) बिल, 2019 को संसद में पारित कर दिया गया।[65] बिल सेरोगेसी को ऐसे कार्य के रूप में पारिभाषित करता है जिसमें कोई महिला किसी इच्छुक कपल के लिए बच्चे को जन्म देती है और जन्म के बाद उस इच्छुक कपल को बच्चा सौंप देती है। राज्यसभा की सिलेक्ट कमिटी ने इस बिल की समीक्षा की और उसने कई संशोधनों का सुझाव दिया।[66] बिल में सिलेक्ट कमिटी के इन सुझावों को शामिल किया गया और फिर उसे संसद में पारित कर दिया। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल पर अधिक विवरण के लिए कृपया देखें।
राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) बिल, 2021 संसद में पारित
राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) बिल, 2021 (नाइपर बिल) को संसद में पारित कर दिया गया।[67] बिल राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा और अनुसंधान एक्ट, 1998 में संशोधन का प्रयास करता है। 1998 के एक्ट के अंतर्गत पंजाब में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा और अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई थी और उसे राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया था। राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का अर्थ है, किसी एक्ट के अंतर्गत स्थापित एक स्वायत्त संस्थान जिसके पास परीक्षाएं संचालित करने, डिग्रियां, डिप्लोमा और दूसरी शैक्षणिक पदवियां या टाइटिल्स देने की शक्ति हो। राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को केंद्र सरकार से वित्त पोषण प्राप्त होता है। बिल को रसायन एवं उर्वरक संबंधी स्टैंडिंग कमिटी को भेजा गया था और उसने नाइपर्स के कामकाज में सुधार के संबंध में कुछ सुझाव दिए थे।[68] बिल के मुख्य संशोधनों में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिल पर अधिक विवरण के लिए कृपया देखें।
कृषि
कृषि, पशुपालन एवं खाद्य प्रसंस्करण संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: पी.सी.गद्दीगौदर) ने 21 दिसंबर, 2021 को पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल, 2020 पर अपनी रिपोर्ट पेश की।[69] इस बिल को 23 मार्च, 2020 को पेश किया गया था। बिल इन्सेटिसाइड्स एक्ट, 1968 का स्थान लेता है। यह पेस्टिसाइड्स यानी कीटनाशकों की मैन्यूफैक्चरिंग, आयात, बिक्री, स्टोरेज, वितरण, प्रयोग और निस्तारण को रेगुलेट करने का प्रयास करता है ताकि सुरक्षित कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और मनुष्यों, पशुओं एवं पर्यावरण के जोखिम को कम किया जा सके। कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
मीडिया एवं ब्रॉडकास्टिंग
Saket Surya (saket@prsindia.org)
पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 पर ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमिटी (चेयर: पी.पी.चौधरी) की रिपोर्ट को संसद के पटल पर रखा गया।[70] इस बिल को दिसंबर 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था।[71] बिल व्यक्तियों के पर्सनल डेटा को सुरक्षा प्रदान करता है और डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी (डीपीए) की स्थापना करता है। कमिटी के मुख्य निष्कर्षो और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
रिपोर्ट पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
Saket Surya (saket@prsindia.org)
इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले उद्योग को बढ़ावा देने वाले विभिन्न इनीशिएटिव्स को अधिसूचित किया है।[72] इनका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में उच्च घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना है। मुख्य विवरणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: डॉ. शशि थरूर) ने ‘मीडिया कवरेज में नैतिक मानक’ विषय पर अपनी रिपोर्ट पेश की।[78] जनवरी 2020 तक देश में 1.45 लाख अखबार, 387 न्यूज और करंट अफेयर्स चैनल और ऑल इंडिया रेडियो द्वारा संचालित 495 रेडियो स्टेशंस हैं। कमिटी ने सुझाव दिया कि इस रिपोर्ट में शामिल सभी पहलुएं को शमिल करने के लिए एक आयोग बनाया जाए और वह छह महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपे। कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: डॉ. शशि थरूर) ने ‘टेलीकॉम सेवाओं/इंटनेट का सस्पेंशन और उसका असर’ पर अपनी रिपोर्ट सौंपी।[79] वर्तमान में दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल और सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के अंतर्गत टेलीकॉम सेवाओं का सस्पेंशन (इंटरनेट शटडाउन सहित) किया जाता है। ये नियम भारतीय टेलीग्राफ एक्ट, 1885 के अंतर्गत अधिसूचित किए गए हैं।[80],[81] 2017 के नियमों में यह प्रावधान है कि सार्वजनिक आपातकाल के आधार पर किसी क्षेत्र में टेलीकॉम सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है (एक बार में 15 दिनों तक)।80 1885 का एक्ट केंद्र सरकार को यह अधिकार देता है कि वह इंटरनेट सेवाओं सहित विभिन्न प्रकार की टेलीकॉम सेवाओं को रेगुलेट करे और उन्हें लाइसेंस प्रदान करे।81 कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
रिपोर्ट पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
ब्लॉकचेन पर राष्ट्रीय रणनीति जारी
Saket Surya (saket@prsindia.org)
इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने राष्ट्रीय ब्लॉकचेन रणनीति जारी की।[84] ब्लॉकचेन एक वितरित लेज़र तकनीक है जो व्यापार लेनदेन में शामिल विभिन्न पक्षों के बीच साझा लेजर पर आधारित है। ब्लॉकचेन में उपयोग होने वाला डेटा स्ट्रक्चर समय-अनुक्रमित तरीके से लेनदेन का एक अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड बनाए रखता है, जिससे लेनदेन को मान्य करने के लिए एक केंद्रीय इकाई की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। मंत्रालय ने ब्लॉकचेन को अपनाने में निम्नलिखित प्रमुख चुनौतियों पर उल्लेख किया: (i) मापनीयता और लेनदेन की गति, (ii) डेटा सुरक्षा और गोपनीयता, (iii) मानकीकरण और इंटरऑपरेबिलिटी, और (iv) कुशल श्रमबल। रणनीति की प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
कॉल डीटेल रिकॉर्ड्स के अनिवार्य स्टोरेज की अवधि दो वर्ष बढ़ाई गई
Saket Surya (saket@prsindia.org)
दूरसंचार विभाग ने कुछ प्रकार के रिकॉर्ड्स के लिए अनिवार्य स्टोरेज अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष करने के लिए एकीकृत लाइसेंस समझौते में संशोधन किया है। इनमें निम्नलिखित प्रकार के रिकॉर्ड्स शामिल हैं: (i) कमर्शियल रिकॉर्ड, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर), एक्सचेंज डिटेल रिकॉर्ड, और इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (आईपीडीआर) किसी टेलीकॉम नेटवर्क पर एक्सचेंज होने वाले कम्यूनिकेशन के संबंध में (ii) इंटरनेट टेलीफोनी सेवा सहित इंटरनेट के लिए सीडीआर/आईपीडीआर, और (iii) इंटरनेट एक्सेस, ईमेल, इंटरनेट टेलीफोनी और इंटरनेट आधारित टेलीविजन जैसी सेवाओं के लिए सभी ग्राहकों के लॉग इन/लॉग आउट विवरण।[85] इन रिकॉर्ड्स में कॉल, एसएमएस, या इंटरनेट एक्सेस के इवेंट के बारे में कुछ विवरण होते हैं जैसे कॉल या एसएमएस के मामले में स्रोत और गंतव्य नंबर, इंटरनेट एक्सेस के मामले में कंप्यूटर या मोबाइल फोन का आईपी एड्रेस और डिवाइस आइडेंटिफिकेशन नंबर और कम्यूनिकेश का समय और अवधि। ये शर्तें दूरसंचार लाइसेंस के अंतर्गत सुरक्षा शर्तों का हिस्सा हैं।
Saket Surya (saket@prsindia.org)
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स (एमएसओ) की इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग पर दिशानिर्देशों को जारी किया।[86] एमएसओ केबल टीवी सर्विस प्रोवाइडर होते हैं। एमएसओ के बीच जिन मुख्य इंफ्रास्ट्रक्चर एलिमेंट्स को साझा करने की अनुमति है, वे हैं: (i) हेडएंड उपकरण (सैटेलाइट सिग्नल की प्रोसेसिंग के लिए) और टीवी चैनलों के सिग्नल के लिए ट्रांसपोर्ट स्ट्रीम, (ii) सब्सक्राइबर मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) और कंडीशनल एक्सेस सिस्टम (सीएएस) एप्लिकेशंस के लिए सामान्य हार्डवेयर। अनाधिकृत पहुंच को रोकने के लिए सीएएस का उपयोग किया जाता है। इससे पहले एक एमएसओ को अपना स्वतंत्र हेडएंड स्थापित करना पड़ता था। इंफ्रास्ट्रक्चर को साझा करने के इच्छुक एमएसओ को मंत्रालय को एक संयुक्त प्रस्ताव प्रस्तुत करना जरूरी है।
रूपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई के जरिए डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने वाली योजना अधिसूचित
Saket Surya (saket@prsindia.org)
इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने निम्नलिखित प्रकार के डिजिटल भुगतान के लिए अधिग्रहण करने वाले बैंकों को प्रोत्साहित करने हेतु एक योजना अधिसूचित की: (i) रूपे डेबिट कार्ड्स का इस्तेमाल करते हुए प्वाइंट ऑफ सेल और ई-कॉमर्स लेनदेन, और (ii) कम कीमत के पर्सन टू मर्चेंट भीम-यूपीआई लेनदेन (2,000 रुपए तक)।[87],[88] योजना 1 अप्रैल, 2021 से एक वर्ष की अवधि के लिए उपलब्ध होगी।87 अधिग्रहण करने वाला बैंक वह वित्तीय संस्था है जिसमें मर्चेंट का बैंक खाता होता है।
योजना के अंतर्गत अधिग्रहण करने वाले बैंक को एक निश्चित दर पर लेनदेन की कीमत का एक प्रतिशत चुकाया जाएगा (देखें तालिका 2)।88 सरकार, बीमा, म्यूचुअल फंड, रेलवे, अस्पताल और ईंधन जैसे विर्दिष्ट उद्योग कार्यक्रमों के अंतर्गत मर्चेंट्स को निम्न दर पर इन्सेंटिव्स दिए जाएंगे।88 इन्सेंटिव का पात्र होने के लिए बैंक को कम से कम निम्नलिखित हासिल करना होगा: (i) 2021-22 में रूपे डेबिट कार्ड लेनदेन की संख्या में 10% की वर्ष दर वर्ष वृद्धि, और (ii) भीम-यूपीआई लेनदेन की संख्या में 50% की वर्ष दर वर्ष वृद्धि।88 वृद्धि का आकलन करने के लिए पर्सन टू द मर्चेंट लेनदेन के अतिरिक्त लेनदेन पर भी विचार किया जाएगा।
तालिका 2: अधिग्रहण करने वाले बैंक को इन्सेंटिव की दर
मर्चेंट की श्रेणी |
रूपे डेबिट कार्ड के जरिए पीओएस और ईकॉम लेनदेन |
पर्सन टू मर्चेंट भीम—यूपीआई (2,000 रुपए तक) |
निर्दिष्ट उद्योग |
6 रुपए पर 0.15% की सीमा |
0.15% |
निर्दिष्ट उद्योग के अतिरिक्त |
100 रुपए पर 0.40% की सीमा |
0.25% |
नोट: पीओएस का मतलब है, प्वाइंट ऑफ सेल, ईकॉम का मतलब है ई-कॉमर्स
स्रोत: अधिसूचना संख्या 24(1)/2020-डीपीडी-भाग (2), इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, भारतीय गैजेट; पीआरएस
उद्योग
उद्योग संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: डॉ. के केशवा राव) ने ‘इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड मोबिलिटी- ऑटोमोबाइल उद्योग में संभावनाएं और चुनौतियां’ विषय पर अपनी रिपोर्ट सौंपी।[89] 2019 तक विश्व में ऑटोमोबाइल्स की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवीज़) का हिस्सा 2.3% था। भारत में ईवीज़ का हिस्सा 0.1% था। 2020-21 में भारत में करीब 1.59 लाख ईवीज़ की बिक्री हुई जोकि उसी अवधि में इंटरनल कंबशन ईंजन (आईसीई) बिक्री (1.79 करोड़) का 0.8% है। कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
रिपोर्ट पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण
Shubham Dutt (shubham@prsindia.org)
सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: रमा देवी) ने ‘अनुसूचित जातियों के लड़के-लड़कियों के लिए बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना (बीजेआरसीवाई)’ पर अपनी रिपोर्ट सौंपी।[90] बीजेआरसीवाई एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है जिसके अंतर्गत अनुसूचित जातियों (एससी) के विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों (हॉस्टल्स) का निर्माण किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत एससी विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों की नई इमारतों के निर्माण, मौजूदा छात्रावासों के विस्तार तथा उनकी मरम्मत और रखरखाव के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है। कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
रिपोर्ट पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
आवासन
आवासन एवं शहरी मामलों संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: जगदंबिका पाल) ने पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) पर अपनी रिपोर्ट सौंपी।[91] पीएम स्वनिधि को 2020 के जून माह में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंग के रूप में शुरू किया गया था ताकि फुटपाथी दुकानदारों को कोविड-19 के असर के बाद अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए कार्यशील पूंजी हेतु ऋण दिया जा सके। फुटपाथी दुकानदारों के जीविकोपार्जन का संरक्षण और रेगुलेशन एक्ट, 2014 में प्रावधान है कि सार्वजनिक स्थलों पर फुटपाथी दुकानदारों का रेगुलेशन और उनके अधिकार का संरक्षण किया जा सके। कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
रिपोर्ट पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
शिक्षा
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने दिसंबर 2021 में ‘नए इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना’ पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट जारी की है।[92] रिपोर्ट में 2008-09 के दौरान भुवनेश्वर, गांधीनगर, हैदराबाद, इंदौर, जोधपुर, मंडी, पटना और रोपड़ में स्थापित आठ नए आईआईटीज़ के प्रदर्शन ऑडिट के निष्कर्षों को प्रस्तुत किया गया है। इसमें 2014-19 के दौरान इन आईआईटीज़ की गतिविधियों को शामिल किया गया है। कैग के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
रिपोर्ट पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
रक्षा
रक्षा मंत्रालय ने कंटोनमेंट्स एक्ट, 2006 के अंतर्गत कंटोनमेंट भूमि प्रशासन नियम, 2021 को अधिसूचित किया है।[93] 2021 के नियम 1937 के कंटोनमेंट भूमि प्रशासन नियमों पर प्रभावी होंगे। वे कंटोनमेंट क्षेत्रों में भूमि के वर्गीकरण और प्रबंधन का प्रावधान करते हैं। नियमों की मुख्य विशेषताओं में निम्न शामिल हैं:
तालिका 3: कंटोनमेंट भूमि का वर्गीकरण और प्रबंधन
वर्गीकरण |
उपयोग |
प्रबंधन प्राधिकारी |
श्रेणी क-1 |
सैन्य प्राधिकारियों द्वारा फोर्टिफिकेशन और एयरोड्रोम्स जैसे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल |
रक्षा एस्टेट्स अधिकारी (कुछ क्षेत्र सैन्य प्राधिकारियों के अंतर्गत आ सकते हैं) |
श्रेणी क-2 |
सैन्य प्राधिकारियों द्वारा इस्तेमाल नहीं, लेकिन किसी अन्य उद्देश्य के लिए उनके उपयोग पर विशिष्ट सैन्य आपत्तियां हैं |
रक्षा एस्टेट्स अधिकारी |
श्रेणी ख-1 |
रक्षा विभाग या किसी अन्य मंत्रालय या केंद्र सरकार द्वारा इस्तेमाल |
भूमि पर नियंत्रण वाला मंत्रालय या विभाग |
श्रेणी ख-2 |
राज्य सरकार के विभाग द्वारा इस्तेमाल |
भूमि पर नियंत्रण वाली राज्य सरकार |
श्रेणी ख-3 |
निजी व्यक्ति द्वारा स्वामित्व |
रक्षा एस्टेट्स अधिकारी (सिविल एरिया में अधिसूचित क्षेत्र कंटोनमेंट बोर्ड के पास होंगे)
|
श्रेणी ख-4 |
किसी अन्य श्रेणी में शामिल न होने वाली भूमि |
|
श्रेणी ग |
बाजार, बूचड़खाने, और वॉटर वर्क्स जैसे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल |
कंटोनमेट बोर्ड |
स्रोत: रक्षा मंत्रालय; पीआरएस
उपभोक्ता मामले
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण एक्ट, 2019 के अंतर्गत उपभोक्ता संरक्षण (जिला आयोग, राज्य आयोग एवं राष्ट्रीय आय का क्षेत्राधिकार) नियम, 2021 को अधिसूचित किया।[94],[95] एक्ट जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का प्रावधान करता है।95 एक्ट वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य के आधार पर प्रत्येक स्तर पर आयोगों के अधिकतम आर्थिक क्षेत्राधिकार का प्रावधान करता है। 2021 के नियम आयोगों के क्षेत्राधिकारों में संशोधन करते हैं।
मंत्रालय के अनुसार, 2019 के एक्ट के अंतर्गत उपभोक्ता आयोगों के आर्थिक क्षेत्राधिकार के हिसाब से जो मामले पहले राष्ट्रीय और राज्य आयोगों में दायर किए जा सकते थे, वे अब जिला आयोगों में दायर किए जा रहे थे।[96] इससे जिला आयोगों पर काम का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया था और मामलों के निस्तारण में अत्यधिक विलंब हो रहा था। प्रत्येक स्तर पर क्षेत्राधिकारों में बदलाव निम्न प्रकार से किया गया है:
तालिका 4: उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों का आर्थिक क्षेत्राधिकार
|
2019 एक्ट |
2021 नियम |
जिला आयोग |
एक करोड़ रुपए तक |
50 लाख रुपए तक |
राज्य आयोग |
एक करोड़ रुपए से अधिक लेकिन 10 करोड़ रुपए से कम |
50 लाख रुपए से अधिक लेकिन दो करोड़ रुपए से कम |
राष्ट्रीय आयोग |
10 करोड़ रुपए से अधिक |
दो करोड़ रुपए से अधिक |
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण (डायरेक्ट सेलिंग) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है।[97] डायरेक्ट सेलिंग वस्तुओं या सेवाओं को प्रत्यक्ष रूप से अंतिम उपभोक्ता को बेचने को कहते हैं, जिसमें बिचौलिये की संलग्नता नहीं होती। नियमों को उपभोक्ता संरक्षण एक्ट, 2019 के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है।[98] एक्ट में केंद्र सरकार को यह अधिकार दिया गया है कि वह ई-कॉमर्स और डायरेक्ट सेलिंग में अनुचित कारोबारी आचरण को रोकने के उपाय कर सकती है। नियमों में डायरेक्ट सेलिंग एंटिटी और डायरेक्ट सेलर्स की बाध्यताओं को निर्दिष्ट किया गया है। डायरेक्ट सेलिंग एंटिटी अधिकृत लोगों (जिन्हें डायरेक्ट सेलर्स कहा जाता है) के जरिए वस्तुएं और सेवाएं बेच सकती है।97 नियमों की मुख्य विशेषताओं में निम्न शामिल हैं:
कम्यूनिकेशन
Saket Surya (saket@prsindia.org)
दूरसंचार विभाग ने ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग/वॉयसमेल/ऑडियोटेक्स सेवाओं के ऑथराइजेशन को शामिल करने के लिए यूनिफाइड लाइसेंस फ्रेमवर्क में परिवर्तनों को अधिसूचित किया है।[100] यूनिफाइड लाइसेंस फ्रेमवर्क के अंतर्गत एक्सेस सर्विस, इंटरनेट सर्विस और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दूरियों सहित टेलीकॉम सेवाओं के सभी प्रकारों को एक ही लाइसेंस दिया जाता है।[101] इस फ्रेमवर्क के दायरे में आने वाली एक या सभी सेवाओं के लिए ऑथराइजेशन दिया जा सकता है।101 वर्तमान में ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग/वॉयसमेल/ऑडियोटेक्स सेवाओं के लिए अलग से लाइसेंस दिए जाते हैं।100,[102] ऑडियोटेक्स सेवाओं में कॉल्स की ऑटोमैटिक आंसरिंग और कॉलर्स को ऑडियो इनफॉरमेशन का अनुवर्ती प्रावधान शामिल होता है।[103] इंटरैक्टिव वॉयर रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) भी इसके दायरे में आता है।103 मौजूदा लाइसेंसीज़ के लिए यूनिफाइड लाइसेंस में माइग्रेशन वैकल्पिक होगा।100
वर्तमान में तीनों सेवाओं के लिए अलग लाइसेंस व्यवस्था के अंतर्गत लाइसेंस फी नहीं चुकानी होती।[104] समायोजित सकल राजस्व (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) के 8% की दर से लाइसेंस फी अलग लाइसेंस व्यवस्था के अंतर्गत मौजूदा लाइसेंसधारियों के साथ-साथ यूनिफाइड लाइसेंस फ्रेमवर्क के अंतर्गत इन सेवाओं के नए लाइसेंसधारियों पर लागू होगी।100,104,[105] समायोजित सकल राजस्व कुछ करों तथा शुल्कों की कटौती के बाद सकल राजस्व का मूल्य होता है।103
Saket Surya (saket@prsindia.org)
भारतीय दूरसंचार रेगुलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) ने ‘दूरसंचार और ब्रॉडकास्टिंग क्षेत्र में कारोबारी सुगमता’ पर परामर्श पत्र जारी किया।[106] ट्राई ने कहा है कि दूरसंचार और ब्रॉडकास्टिंग क्षेत्र आर्थिक एवं सामाजिक विकास के मुख्य वाहकों के रूप में उभर रहे हैं। परामर्श पत्र का उद्देश्य भारत में इन दो क्षेत्रों के लिए एक अनुकूल कारोबारी माहौल बनाने के लिए प्रक्रियाओं, नीतियों और रेगुलेशंस में विभिन्न बाधाओं की पहचान करना और आवश्यक सुधार करना है।
परामर्श पत्र में निम्नलिखित एंटिटीज़ द्वारा इन दो क्षेत्रों के लिए अनुमति, पंजीकरण और लाइसेंस देने की प्रक्रियाएं शामिल हैं: (i) दूरसंचार विभाग, और अंतरिक्ष, (ii) सूचना और प्रसारण मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी और ऊर्जा मंत्रालय, और (iii) ट्राई। इसने निम्नलिखित पर विचार मांगे हैं: (i) सरलीकरण, डिजिटलीकरण, और आवेदन, अनुमोदन और अपील प्रक्रियाओं का एकीकरण, (ii) अनुपालन और ऑडिट शर्तों को सुव्यवस्थित करना, (iii) व्यापार के अवसरों की खोज में निवेशकों की सुविधा के लिए तंत्र, और (iv) लाइसेंसिंग, पंजीकरण और अनुमतियों की वर्तमान प्रणाली के साथ जुड़ी समस्याएं जो इन क्षेत्रों में कारोबारी सुगमता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करते हैं।
टिप्पणियां 19 जनवरी, 2022 तक आमंत्रित हैं।
Saket Surya (saket@prsindia.org)
भारतीय दूरसंचार रेगुलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) ने “भारत में डेटा सेंटर्स, डेटा कंटेंट नेटवर्क्स (सीडीएनज़) और इंटरकनेक्ट एक्सचेंजेज़ ऑफ इंडिया की स्थापना के जरिए डेटा इकोनॉमी को बढ़ावा देने हेतु रेगुलेटरी फ्रेमवर्क” पर परामर्श पत्र जारी किया।[107] ट्राई ने कहा कि डिजिटल इकोसिस्टम के लिए ये बुनियादी ढांचे के मुख्य तत्व हैं।
डेटा सेंटर्स ऐसी फिजिकल फेसिलिटीज़ होते हैं जिन्हें डेटा और एप्लिकेशंस को होस्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सीडीएन सर्वर्स और नेटवर्क्स के वितरित समूह वाली एक प्रणाली है। इसे नेटवर्क के उस बिंदु को कंटेंट को डिलिवर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जोकि यूजर रिक्वेस्ट के प्वाइंट के निकट होता है। यूजर की भौगोलिक स्थिति, वेबपेज के ओरिजिन और कंटेंट डिलिवरी सर्वर की लोकेशन के आधार पर सिस्टम कंटेंट की त्वरित डिलिवरी सुनिश्चित करता है। इंटरनेट एक्सचेंज प्वाइंट (आईएक्सपी) इंटकनेक्शन को एनेबल करके नेटवर्क मेंबर्स के बीच ट्रैफिक को जल्दी रूट करने और लागत प्रभावी बनाने वाली तकनीकी सुविधा है। कमर्शियल लिहाज से इंटरनेट ग्लोबल, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय प्रोवाइडर्स की हेरारकी है। पेरेंट सीडीएम के कंटेट या इंटरनेशनल डेटा सेंटर पर होस्टेड वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए ग्लोबल आईएक्सपी स्थानीय आईएक्सपी से इंटरकनेक्ट होते हैं और फिर स्थानीय डेटा सेंटर्स और इसके बाद चाइल्ड सीडीएनज़ को ट्रैफिक पास कर देते हैं। इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर सेवाओं के एक्सेस के लिए यूजर्स को लाइस्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं। ट्राई ने कहा कि यूजर रिक्वेस्ट को प्रोसस करने के लिए नेटवर्क को जितने हॉप्स की जरूरत है, वह बहुत महत्वपूर्ण है। दूसरे सबसे बड़े यूजर बेस और तेजी से बढ़ते इंटरनेट उपयोग के साथ देश में इन बुनियादी तत्वों के विस्तार की आवश्यकता है।
ट्राई ने निम्नलिखित पर विचार मांगे हैं: (i) डेटा सेंटर्स, सीडीएन और आईएक्सपी में वृद्धि और निवेश की सुविधा के लिए इन्सेंटिव्स और दीर्घकालिक उपाय, (ii) डेटा सेंटर्स के लिए बिल्डिंग, सुरक्षा, आपदा बहाली और सुरक्षा मानदंड, (iii) डेडिकेटेड फाइबर और बिजली जैसी सुविधाओं का एक्सेस और रियायती शुल्क या सब्सिडी के प्रावधान, (iv) भारत में एक एकीकृत डेटा सेंटर नीति और केंद्र-राज्य समन्वय की आवश्यकता, (v) भारत में सीडीएन और इंटरकनेक्ट एक्सचेंजों के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की जरूरत।
टिप्पणियां 13 जनवरी, 2022 तक आमंत्रित हैं।
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
भारतीय दूरसंचार रेगुलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) ने “टेलीवजन ब्रॉडकास्टिंग क्षेत्र में स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा” पर परामर्श पत्र जारी किया।[108] ट्राई ने कहा कि ब्रॉडकास्टिंग उपकरणों के ग्लोबल बाजार का आकार 2021 में लगभग 6.2 बिलियन USD का है। उत्तरी अमेरिका, यूरोप और चीन का बाजार में सबसे अधिक हिस्सा है। भारत में टेलीविजन (टीवी) पेनेंट्रेशन तुलनात्मक रूप से कम है (केवल 55%)। इसका यह मायने है कि अभी भी एक बड़ी क्षमता का दोहन नहीं किया गया है जो ब्रॉडकास्टिंग उपकरणों के स्थानीय निर्माण के माध्यम से भविष्य की मांग को पूरा करने का मौका देता है।
ब्रॉडकास्टिंग उपकरणों को निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है: (i) हेडेड उपकरण (सेटेलाइट सिग्नल्स को प्रोसेस करने के लिए), (ii) ट्रांसमिशन उपकरण (केबल सिग्नल्स के वितरण के लिए) और (iii) उपभोक्ता परिसर उपकरण (सेट-टॉप बॉक्स जैसे लास्ट माइल हार्डवेयर। ट्राई ने कहा कि उपकरणों की अधिकतर मांग या तो आयात द्वारा पूरी का जाती है या सेमी नॉक्ड-डाउन पार्ट्स का आयात किया जाता है जिन्हें फिर भारत में एसेंबल किया जाता है।
ट्राई ने निम्नलिखित पर विचार मांगे हैं: (i) टेलीविजन ब्रॉडकास्टिंग क्षेत्र में स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता, (ii) भारत में ब्रॉडकास्टिंग क्षेत्र की मांग को पूरा करने के लिए भारतीय निर्माताओं की क्षमता, (iii) भारतीय उपकरण मैन्यूफैक्चरर्स की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के उपाय, और (iv) ब्रॉडकास्टिंग क्षेत्र को उत्पादन से जुड़े इन्सेंटिव्स और इन इन्सेंटिव्स के दायरे में आने वाले उपकरणों के प्रकार।
टिप्पणियां 2 फरवरी, 2022 तक आमंत्रित हैं।
बिजली
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
केंद्रीय बिजली रेगुलेटरी कमीशन (सीईआरसी) ने ड्राफ्ट सीईआरसी (अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन प्रणाली की कनेक्टिविटी और जनरल नेटवर्क एक्सेस) रेगुलेशंस, 2021 पर टिप्पणियां आमंत्रित कीं।[109],[110] ड्राफ्ट रेगुलेशंस बिजली एक्ट, 2003 के अंतर्गत तैयार किए गए हैं। एक्ट सीईआरसी को बिजली के अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन को रेगुलेट करने का अधिकार देता है।[111] ड्राफ्ट रेगुलेशंस में अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन प्रणालियों (आईएसटीएस) के उपयोग के लिए उपभोक्ताओं, उत्पादन कंपनियों और वितरण लाइसेंसधारियों के लिए गैर-भेदभावपूर्ण ओपन एक्सेस का प्रावधान है।109 ड्राफ्ट रेगुलेशंस की मुख्य विशेषताओं में निम्न शामिल हैं:
टिप्पणियां 17 जनवरी 2021 तक आमंत्रित हैं।
[1] Vital Stats, Parliament functioning in Monsoon Session 2021, December 22, 2021, https://prsindia.org/files/parliament/session_track/2021/vital_stats/Winter_2021_Vital_Statistics.pdf.
[2] Ministry of Health and Family Welfare website, last accessed on January 1, 2021, https://www.mohfw.gov.in/index.html.
[3] “Cumulative Coverage Report of COVID-19 Vaccination”, Ministry of Health and Family Welfare, January 1, 2021, https://www.mohfw.gov.in/pdf/CummulativeCovidVaccinationReport31december2021.pdf.
[4] Guidelines for COVID-19 vaccination of children between 15-18 years and precaution dose to HCWs, FLWs & 60+ population with comorbidities, Ministry of Health and Family Welfare, December 27, 2021, https://www.mohfw.gov.in/pdf/GuidelinesforCOVID19VaccinationofChildrenbetween15to18yearsandPrecautionDosetoHCWsFLWs&60populationwithcomorbidities.pdf.
[5] Twitter, Bharat Biotech, December 25, 2021, https://twitter.com/BharatBiotech/status/1474786762039828480.
[6] Twitter handle of the Minister of Health and Family Welfare, Government of India, December 28, 2021, https://twitter.com/mansukhmandviya/status/1475699946544570372.
[7] “Press Statement by the Drugs Controller General of India (DCGI) on Restricted Emergency approval of COVID-19 virus vaccine”, Press Information Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, January 3, 2021.
[8] “Russia’s Sputnik V has been approved for emergency use in India, Govt. authorises foreign-produced COVID vaccines with emergency approval of WHO-listed agencies”, Press Information Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, April 13, 2021.
[9] Twitter handle of Press Information Bureau, June 29, 2021, https://twitter.com/PIB_India/status/1409843877482098688.
[10] Twitter handle of the Minister of Health and Family Welfare, Government of India, August 7, 2021, https://twitter.com/mansukhmandviya/status/1423915409791610886?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1423915409791610886%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fpib.gov.in%2FPressReleaseIframePage.aspx%3FPRID%3D1743567.
[11] “DBT-BIRAC supported ZyCoV-D developed by Zydus Cadila Receives Emergency Use Authorization”, Press Information Bureau, Ministry of Science and Technology, August 20, 2021.
[12] Order No 40-3/2020-DM-I(A), Ministry of Home Affairs, December 27, 2021, https://www.mha.gov.in/sites/default/files/MHAOrder_27122021.pdf.
[13] “No. 4/1/2020-IR”, Director General of Civil Aviation, December 9, 2021, https://www.dgca.gov.in/digigov-portal/Upload?flag=iframeAttachView&attachId=150829087.
[14] No.4/1/2020-IR, Director General of Civil Aviation, March 26, 2020, https://dgca.gov.in/digigovportal/Upload?flag=iframeAttachView&attachId=130618625.
[15] No. 4/1/2020-IR, Director General of Civil Aviation, September 28, 2021, https://www.dgca.gov.in/digigovportal/Upload?flag=iframeAttachView&attachId=150684415.
[16] “No. 4/1/2020-IR”, Director General of Civil Aviation, November 26, 2021, https://www.dgca.gov.in/digigov-portal/Upload?flag=iframeAttachView&attachId=150798370.
[17] Monetary Policy Statement, 2021-22, Resolution of the Monetary Policy Committee (MPC), December 6-8, 2021, Reserve Bank of India, December 8, 2021, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR13224993A3AFC54142A486167B2570F6C93F.PDF.
[18] Developments in India’s Balance of Payments during the Second Quarter (July-September) of 2021-22, Reserve Bank of India, December 31, 2021, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR1460E7BB6783CA524F92B8C2E1798084C77B.PDF.
[19] The Chartered Accountants, the Cost and Works Accountants and the Company Secretaries (Amendment) Bill, 2021 http://164.100.47.4/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/161_2021_ls_Eng.pdf.
[20] The Narcotic Drugs and Psychotropic Substances (Amendment) Bill, 2021, http://164.100.47.4/BillsTexts/LSBillTexts/PassedLoksabha/151C_2021_LS_E.pdf.
[21] The Narcotic Drugs and Psychotropic Substances (Amendment) Ordinance, 2021, September 30, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/230086.pdf.
[22] Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985, https://legislative.gov.in/sites/default/files/A1985-61.pdf.
[23] Court on its Own Motion vs The Union of India, High Court of Tripura, Criminal Reference No. 1 of 2020, June 4, 2021. https://services.ecourts.gov.in/ecourtindiaHC/cases/display_pdf.php?filename=U%2BbhtlrLe2adAHN8Tz%2F1d%2Feo6Wpl%2Fb%2FDZ9TPtLy5ivd1ySDDa7BclBtN7CzKBxiJ&caseno=Crl.Ref./1/2020&cCode=1&appFlag=.
[24] Prompt Corrective Action (PCA) Framework for Non-Banking Financial Companies (NBFCs), Reserve Bank of India, December 14, 2021, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/notification/PDFs/139PCANBFCSC3389782516C440DAF56D30473BF005B.PDF.
[25] SEBI Board Meeting, Securities and Exchange Board of India, December 28, 2021, https://www.sebi.gov.in/media/press-releases/dec-2021/sebi-board-meeting_55018.html.
[26] Securities and Exchange Board of India (Issue of Capital and Disclosure Requirements) Regulations, 2018, Securities and Exchange Board of India, September 11, 2018, https://www.sebi.gov.in/web/?file=https://www.sebi.gov.in/sebi_data/attachdocs/nov-2021/1636610000922.pdf#page=1&zoom=page-width,-15,842.
[27] Review of certain aspects of Public issue framework under SEBI (Issue of Capital and Disclosure Requirements) Regulations, 2018, Securities and Exchange Board of India, November 16, 2021, https://www.sebi.gov.in/reports-andstatistics/reports/nov-2021/consultation-paper-on-review-ofcertain-aspects-of-public-issue-framework-under-sebi-issueof-capital-and-disclosure-requirements-regulations2018_53983.html.
[28] No. DPE/3(1)/2021-DD, Department of Public Enterprises, Ministry of Finance, December 13, 2021, https://dpe.gov.in/sites/default/files/DPE_OM_DTD_13.12.21_Guidelines_on_New_PSE_Policy_0.pdf.
[29] No. 3/3/2020-DIPAM-IIB (E), Department of Investment and Public Asset Management, Ministry of Finance, February 4, 2021, https://dipam.gov.in/strategic-disinvestment.
[30] Consultation Paper on Algorithmic Trading by Retail Investors, Securities and Exchange Board of India, December 9, 2021, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/dec-2021/consultation-paper-on-algorithmic-trading-by-retail-investors_54515.html.
[31] Consultation Paper on Developing unique set of commodities, Securities and Exchange Board of India, December 7, 2021, https://www.sebi.gov.in/reports-and-statistics/reports/dec-2021/consultation-paper-on-developing-unique-set-of-commodities_54473.html.
[32] The Election Laws (Amendment) Bill, 2021, Lok Sabha, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2021/The%20Election%20Laws%20(Amendment)%20Bill,%202021.pdf.
[33] The Representation of the People Act, 1950, https://legislative.gov.in/sites/default/files/03_representation%20of%20the%20people%20act%2C%201950.pdf.
[34] The Representation of the People Act, 1951, https://legislative.gov.in/sites/default/files/04_representation%20of%20the%20people%20act%2C%201951.pdf.
[35] The High Court and Supreme Court Judges (Salaries and Conditions of Service) Amendment Bill, 2021, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2021/High%20Court%20Judges%20Bill,%202021.pdf.
[36] The High Court Judges (Salaries and Conditions of Service) Act, 1954, https://legislative.gov.in/sites/default/files/A1954-28.pdf.
[37] The Supreme Court Judges (Salaries and Conditions of Service) Act, 1958, https://legislative.gov.in/sites/default/files/A1958-41.pdf.
[38] The Mediation Bill, 2021, Rajya Sabha, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2021/Mediation%20Bill,%202021.pdf.
[39] Comments/views invited on the draft Notaries (Amendment) Bill, Ministry of Law and Justice, December 6, 2021, https://legalaffairs.gov.in/sites/default/files/Comments-Sought-on-NotariesAmendmentBill.pdf.
[40] The draft Notaries (Amendment) Bill, 2021, Ministry of Law and Justice, December 6, 2021, https://legalaffairs.gov.in/sites/default/files/Draft-of-NotariesAmendmentBill-2021.pdf.
[41] The Notaries Act, 1952, https://legalaffairs.gov.in/sites/default/files/The_Notaries_Act_1952_0.pdf.
[42] The Central Vigilance Commission (Amendment) Bill, 2021, Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions, December 3, 2021, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2021/CENTRAL%20VIGILANCE%20COMMISSION%20(AMENDMENT)%20BILL,%202021.pdf.
[43] CG-DL-E-14112021-231129, Gazette of India, Ministry of Law and Justice, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/231129.pdf.
[44] The Central Vigilance Commission Act, 2003, https://cvc.gov.in/sites/default/files/cvcact_0.pdf.
[45] The Delhi Special Police Establishment (Amendment) Bill, 2021, Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions, December 3, 2021, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2021/Delhi%20Special%20Police%20Establishment%20(Amendment)%20Bill,%202021.pdf.
[46] CG-DL-E-14112021-231130, Gazette of India, Ministry of
Law and Justice, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/231130.pdf.
[47] The Delhi Special Police Establishment Act, 1946,
https://legislative.gov.in/sites/default/files/A1946-25.pdf.
[48] Report no 110 on Pensioner’s Grievances - Impact of Pension Adalats and Centralised Pensioners Grievance Redress and Monitoring System (CPENGRAMS), December 10, 2021, https://rajyasabha.nic.in/rsnew/Committee_site/Committee_File/ReportFile/18/164/110_2021_12_12.pdf.
[49] Report No. 111: Strengthening of Grievance Redressal Mechanism of Government of India, Standing Committee on Personnel, Public Grievances, Law and Justice, December 10, 2021, https://rajyasabha.nic.in/rsnew/Committee_site/Committee_File/ReportFile/18/164/111_2021_12_12.pdf.
[50] The Prohibition of Child Marriage (Amendment) Bill, 2021, http://164.100.47.4/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/163_2021_ls_Eng.pdf.
[51] The Prohibition of Child Marriage Act, 2006, https://legislative.gov.in/sites/default/files/A2007-06.pdf.
[52] The Wild Life (Protection) Amendment Bill, 2021, Ministry of Environment, Forest and Climate Change, http://164.100.47.4/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/159_2021_ls_Eng.pdf.
[53] The Wild Life (Protection) Act, 1972, https://legislative.gov.in/sites/default/files/A1972-53_0.pdf.
[54] What is CITES?, CITES, https://cites.org/eng/disc/what.php.
[55] The Biological Diversity (Amendment) Bill, 2021, Ministry of Environment, Forest and Climate Change, http://164.100.47.4/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/158_2021_LS_Eng.pdf.
[56] The Biological Diversity Act, 2002, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2046/1/200318.pdf.
[57] The Dam Safety Bill, 2019, http://164.100.47.4/BillsTexts/LSBillTexts/PassedLoksabha/190C_2019_LS_Eng.pdf.
[58] Report of the Comptroller and Auditor General of India on Ground Water management and Regulation, https://cag.gov.in/uploads/download_audit_report/2021/Report%20No.%209%20of%202021_GWMR_English-061c19df1d9dff7.23091105.pdf.
[59] “Cabinet approves implementation of Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana for 2021-26” Ministry of Jal Shakti, Press Information Bureau, December 15, 2021.
[60] “Irrigation Schemes for the Benefit of Small and Marginal Farmers", Cabinet Committee on Economic Affairs, Press Information Bureau, August 2, 2021.
[61] “Cabinet approves Ken-Betwa Interlinking of Rivers Project”, Press Information Bureau, December 8, 2021.
[62] The National Anti-Doping Bill, 2021, http://164.100.47.4/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/160_2021_ls_Eng.pdf.
[63] The Assisted Reproductive Technology (Regulation) Bill, 2020, Lok Sabha, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2020/Assisted%20Reproductive%20Technology%20Bill%20Text%20passed%20by%20LS.pdf.
[64] 129th Report on the Assisted Reproductive Technology (Regulation) Bill, 2020, Standing Committee on Health and Family Welfare, March 19, 2021, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2020/SCR%20The%20Assisted%20Reproductive%20Technology%20(Regulation)%20Bill,%202020.pdf.
[65] The Surrogacy (Regulation) Bill, 2019, Lok Sabha, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2019/Bill%20text%20as%20passed%20by%20LS-%20Surrogacy%20bill,%202019.pdf.
[66] Report of the Select Committee on the Surrogacy Regulation Bill, 2019, February 5, 2020, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2019/Select%20Comm%20Report-%20Surrogacy%20Bill.pdf.
[67] The National Institute of Pharmaceutical Education and Research (Amendment) Bill, 2021, Lok Sabha, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2021/The%20National%20Institute%20Of%20Pharmaceutical%20Education%20And%20Research%20(Amendment)%20Bill,%202021.pdf.
[68] 23rd Report on the National Institute of Pharmaceutical Education and Research (Amendment) Bill, 2021, Standing Committee on Chemicals and Fertilisers, August 4, 2021, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2021/SCR%20-%20NIPER%20bill,%202021.pdf.
[69] Report no 36 on the Pesticide Management Bill, 2020, December 21, 2021, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2020/SC%20Report%20-%20Pesticide%20Bill.pdf.
[70] Report of the Joint Committee on the Personal Data Protection Bill, 2019, Lok Sabha, December 2021, http://164.100.47.193/lsscommittee/Joint%20Committee%20on%20the%20Personal%20Data%20Protection%20Bill,%202019/17_Joint_Committee_on_the_Personal_Data_Protection_Bill_2019_1.pdf.
[71] The Personal Data Protection Bill, 2019 as introduced in Lok Sabha on December 11, 2019, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2019/Personal%20Data%20Protection%20Bill,%202019.pdf.
[72] “Rs.76000 crore (>10 billion USD) approved for development of semiconductors and display manufacturing ecosystem in India; Setting up of India Semiconductor Mission (ISM) to drive this sector”, Ministry of Electronics and Information Technology, Press Information Bureau, December 15, 2021.
[73] No. EE-9/5/2021-R&D-E, Ministry of Electronics and Information Technology, The Gazette of India, December 21, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/232049.pdf.
[74] No. W-38/30/2021-IPHW, Ministry of Electronics and Information Technology, The Gazette of India, December 21, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/232055.pdf.
[75] F. No. W-38/6/2021-IPHW, Ministry of Electronics and Information Technology, The Gazette of India, December 21, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/232048.pdf.
[76] F. No. W-38/23/2021-IPHW, Ministry of Electronics and Information Technology, The Gazette of India, December 21, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/232047.pdf.
[77] Website of Semi-Conductor Laboratory as accessed on December 28, 2021, https://www.scl.gov.in/scl.html.
[78] Report no 27 on Ethical standards in media coverage, December 1, 2021, http://164.100.47.193/lsscommittee/Communications%20and%20Information%20Technology/17_Communications_and_Information_Technology_27.pdf.
[79] Report No: 26- Suspension of Telecom Services/Internet and its Impact, Standing Committee on Communications and Information Technology, December 1, 2021, “http://164.100.47.193/lsscommittee/Communications%20and%20Information%20Technology/17_Communications_and_Information_Technology_26.pdf.
[80] Temporary Suspension of Telecom Services (Public Emergency or Public Safety) Rules, 2017, Ministry of Communications, August 7, 2017, https://dot.gov.in/sites/default/files/Suspension%20Rules.pdf.
[81] The Indian Telegraph Act, 1885, https://dot.gov.in/act-rules-content/2442.
[82]Anuradha Bhasin Vs. UoI (WP No. 1031/2019), Supreme Court of India, January 10, 2020, https://main.sci.gov.in/supremecourt/2019/28817/28817_2019_2_1501_19350_Judgement_10-Jan-2020.pdf.
[83]CG-DL-E-10112020-223025, Ministry of Communications, Gazette of India, November 10, 2021, https://dot.gov.in/sites/default/files/2020_11_11%20PEPS%20AS.pdf.
[84] National Strategy on Blockchain, Ministry of Electronics and Information Technology, December 2021, https://www.meity.gov.in/writereaddata/files/National_BCT_Strategy.pdf.
[85] Notification No. 20-271/2010 AS-I Vol-III, Department of Telecommunications, December 21, 2021, https://dot.gov.in/sites/default/files/21122021%20UL%20CDR%20two%20years.pdf.
[86] F. No. 45001/8/2019-DAS, Ministry of Information and Broadcasting, December 30, 2021, https://mib.gov.in/sites/default/files/Guidelines%20for%20sharing%20of%20infrastructure.pdf.
[87] “Cabinet approves an incentive scheme for promotion of RuPay Debit Cards and low-value BHIM-UPI transactions (P2M)”, Union Cabinet, Press Information Bureau, December 15, 2021.
[88] Notification No. 24(1)/2020-DPD-Part (2), Ministry of Electronics and Information Technology, The Gazette of India; December 17, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/231960.pdf.
[89] Report no 309 on Electric & Hybrid Mobility – Prospects and Challenges in Automobile Industry, December 6, 2021, https://rajyasabha.nic.in/rsnew/Committee_site/Committee_File/ReportFile/17/163/309_2021_12_16.pdf.
[90] Report no. 26, Standing Committee on Social Justice and Empowerment: ‘Babu Jagjivan Ram Chhatrawas Yojana for SC boys and girls’, Lok Sabha, December 2, 2021, http://164.100.47.193/lsscommittee/Social%20Justice%20&%20Empowerment/17_Social_Justice_And_Empowerment_26.pdf.
[91] Report no 10 on PM Street Vendor’s Atmanirbhar Nidhi (PM SVANidhi), December 13, 2021, http://164.100.47.193/lsscommittee/Housing%20and%20Urban%20Affairs/17_Housing_and_Urban_Affairs_10.pdf.
[92] Report of the Comptroller and Auditor General of India on Performance Audit of Setting up of new Indian Institutes of Technology (IITs), https://cag.gov.in/uploads/download_audit_report/2021/Report%20No.%2020%20of%202021_IITs_English_PDF%20A-061c2ed6ce12811.66323547.pdf.
[93] CG-DL-E-02122021-231557, Ministry of Defence, December 2, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/231557.pdf.
[94] G.S.R. 912(E), Gazette of India, Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/232278.pdf.
[95] Consumer Protection Act, 2019, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2019/210422.pdf.
[96] “Centre notifies rules for Consumer Protection (Jurisdiction of the District Commission, the State Commission and the National Commission) Rules, 2021”, Press Information Bureau, Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution, December 30, 2021.
[97] G.S.R. 889 (E), Gazette of India, Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution, December 28, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/232214.pdf.
[98] The Consumer Protection Act, 2019, Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution, https://consumeraffairs.nic.in/sites/default/files/CP%20Act%202019.pdf.
[99] The Prize Chits and Money Circulation Schemes (Banning) Act, 1978, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1628/1/197843.pdf.
[100] “Licensing framework for Audio Conferencing/ Audiotex/ Voice Mail Services to be part of Unified License, decides Telecom Department”, Department of Telecommunications, Press Information Bureau, December 30, 2021.
[101] Website of Department of Telecommunications as accessed on December 30, 2021, https://dot.gov.in/unified-licnse.
[102] Notification No 846-53/2000-VAS, “Guidelines for issue of licence for voice mail/audiotext/unified messaging service”, Department of Telecommunications, July 16, 2001, https://dot.gov.in/sites/default/files/Guidelines%20for%20issue%20of%20license%20forVMS-Audiotex-UMS_0.pdf.
[103] “Consultation paper on Review of Voice Mail/Audiotex/Unified Messaging Services Licence”, https://www.trai.gov.in/sites/default/files/Consultation_Paper_Review_of_VMS_Audiotex_UMSL_14_june_2016.pdf.
[104] File No 11/10/2020-Policy, Department of Telecommunications, December 30, 2021, https://dot.gov.in/sites/default/files/Amendments%20in%20VoicemailAudiotexUMS%20dated%2030.12.2021%20w.e.f.01.01.2021.pdf.
[105] Notification No. 20-577/2016-AS-I (Vol-III), Department of Telecommunications, December 31, 2021, https://dot.gov.in/sites/default/files/Audiotex%20new%20chapter.pdf.
[106] Consultation Paper on “Ease of Doing Business in Telecom and Broadcasting Sector”, Telecom Regulatory Authority of India, December 8, 2021, https://trai.gov.in/sites/default/files/CP_08122021_0.pdf.
[107] Consultation Paper on “Regulatory Framework for Promoting Data Economy through Establishment of Data Centres, Content Delivery Networks, and Interconnect Exchanges in India”, Telecom Regulatory Authority of India, December 16, 2021, https://trai.gov.in/sites/default/files/CP_16122021_0.pdf.
[108] Consultation Paper on “Promoting Local Manufacturing in the Television Broadcasting Sector”, Telecom Regulatory Authority of India, December 22, 2021, https://trai.gov.in/sites/default/files/CP_22122021_0.pdf.
[109] Central Electricity Regulatory Commission (Connectivity and General Network Access to the inter-State Transmission System) Regulations, 2021, Central Electricity Regulatory Commission, December 16, 2021, https://cercind.gov.in/2021/draft_reg/Draft-CGNA-Regulations.pdf.
[110] Public Notice No. L-1/261/2021/CERC, Central Electricity Regulatory Commission, December 16, 2021, https://cercind.gov.in/2021/draft_reg/Notice-CGNA.pdf.
[111] The Electricity Act, 2003, https://cercind.gov.in/Act-with-amendment.pdf.
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