इस अंक की झलकियां
कैबिनेट ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए विभिन्न उपायों को मंजूरी दी
केंद्रीय कैबिनेट ने कई उपायों को मंजूरी दी जिसमें 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के कारण बकाया भुगतान के लिए मोहलत देना और गैर दूरसंचार राजस्व को हटाने के लिए समायोजित सकल राजस्व की परिभाषा में संशोधन करना शामिल है।
कोरबेवैक्स के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी मिली
भारतीय ड्रग कंट्रोलर जनरल (डीसीजीआई) ने वयस्कों में चरण III के क्लिनिकल ट्रायल्स और बच्चों एवं किशोरों (पांच वर्ष और उससे अधिक आयु के) में चरण II/III के पीडियैट्रिक ट्रायल्स के लिए कोरबेवैक्स को मंजूरी दे दी है।
नेशनल एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए सरकारी गारंटी मंजूर
कैबिनेट ने नेशनल एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी सिक्योरिटी रेसिट्स की मदद के लिए 30,600 करोड़ रुपए की सरकारी गारंटी को मंजूरी दी है। इस कंपनी को बैंकों के स्ट्रेस्ड एसेट्स को रिसॉल्व करने के लिए बनाया गया है।
ट्रिब्यूनल (सेवा शर्तें) नियम, 2021 अधिसूचित
ट्रिब्यूनल में पूर्व अनुभव वाले व्यक्ति को नियुक्ति में अतिरिक्त वेटेज दिया जाएगा। पुनर्नियुक्ति के लिए व्यक्ति के ट्रिब्यूनल संबंधी पूर्व प्रदर्शन पर विचार किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को शुरू किया
प्रत्येक नागरिक को डिजिटल हेल्थ आइडेंटिटी दी जाएगी। नागरिकों के हेल्थ रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से स्टोर किया जाएगा ताकि उनके गुम होने का खतरा न हो।
2021-22 की पहली तिमाही में चालू खाता अधिशेष जीडीपी का 0.9%
2021-22 की पहली तिमाही में चालू खाते में 6.5 बिलियन USD (जीडीपी का 0.9%) का अधिशेष दर्ज किया गया, जबकि 2020-21 की पहली तिमाही में 19.1 बिलियन USD (जीडीपी का 3.7%) का अधिशेष हुआ था।
जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने, आईटी सिस्टम में सुधार के लिए मंत्री समूहों का गठन
जीएसटी परिषद ने कहा कि कर चोरी को कम करने और अनुपालन आसान करने के लिए जीएसटी आईटी प्रणाली में सुधार की जरूरत है। दरों को युक्तिसंगत बनाने का उद्देश्य दर संरचना को आसान बनाना, वर्गीकरण से संबंधित विवादों को कम करना और राजस्व बढ़ाना है।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का गठन, संयोजन एवं कार्य अधिसूचित
ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिए योजना अधिसूचित
योजना 2022-27 की अवधि के दौरान घरेलू स्तर पर निर्मित बैटरी इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन फ्यूल सेल वेहिकल तथा उन्नत ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी कंपोनेंट्स की वृद्धिशील बिक्री पर इंसेंटिव देती है।
कैबिनेट ने 2021-22 में बोई जाने वाली रबी फसलों के लिए एमएसपी को मंजूर किया
2021-22 में गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,015 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है जोकि पिछले वर्ष 2020-21 की एमएसपी से 2% अधिक है (1,975 रुपए प्रति क्विंटल)।
सीबीडीटी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की समय सीमा फिर बढ़ाई
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 2021-22 के मूल्यांकन वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी है।
वाणिज्य संबंधी स्टैंडिंग कमिटी ने निर्यात बढ़ाने पर अपनी रिपोर्ट दी
कमिटी ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं को विस्तार देने पर अपनी रिपोर्ट सौपी। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी रुकावटों को दूर करने के लिए सुझाव दिए गए हैं।
कोविड-19
30 सितंबर, 2021 तक भारत में कोविड-19 के 3.4 करोड़ पुष्ट मामले थे।[1] इनमें से 3.3 करोड़ (98%) मरीजों का इलाज हो चुका है/उन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है और 4.5 लाख लोगों (1.3%) की मृत्यु हुई है। 30 सितंबर, 2021 तक 65 करोड़ लोगों को वैक्सीन की कम से कम पहली डोज़ मिल गई है जिनमें से 24 करोड़ लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं।[2] देश और विभिन्न राज्यों में दैनिक मामलों की संख्या के लिए कृपया यहां देखें।
कोविड-19 को मृत्यु का कारण बताने वाले मेडिकल सर्टिफिकेट्स के लिए दिशानिर्देश जारी
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के कारण मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को ‘कॉज ऑफ डेथ’ का मेडिकल सर्टिफिकेट देने संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं।[3] फिलहाल राज्य सरकार के मांगने पर वह मेडिकल प्रैक्टीशनर डेथ सर्टिफिकेट देता है जिसने मृत्यु से पहले उस व्यक्ति की देखभाल की थी।[4] इस डेथ सर्टिफिकेट को रजिस्ट्रार के पास भेजा जाता है जोकि मृत्यु को रजिस्टर करता है और फिर चीफ रजिस्ट्रार को वह सर्टिफिकेट फॉरवर्ड कर देता है।[5],[6] दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कोविड-19 मृत्यु की स्थिति में रजिस्ट्रार या चीफ रजिस्ट्रार को अनुरोध करने पर मृतक के परिजनों को सर्टिफिकेट देना होगा।3 इसके अतिरिक्त सर्टिफिकेट में कोविड-19 को मृत्यु का कारण निर्दिष्ट होना चाहिए। दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
कोविड-19 मृत्यु में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) जिन मामलों में मरीज की मृत्यु अस्पताल या घर में होती है और डेथ सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, (ii) टेस्टिंग या कोविड-19 मामले के तौर पर क्लिनिकली पता चलने की तारीख से 30 दिनों के भीतर मृत्यु, और (iii) कोविड-19 के मामले के तौर पर अस्पताल में भर्ती होने और फिर 30 दिनों से ज्यादा समय तक अस्पताल में रहने वाले मरीजों की मृत्यु।
कुछ और परिस्थितियों, जैसे जहर देना, आत्महत्या, नरसंहार और दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मृत्यु को कोविड-19 मृत्यु नहीं माना जाएगा, इसके बावजूद कि कोविड-19 एक संलग्न स्थिति हो।
जिला स्तरीय कमिटी में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) एडीशनल जिला कलेक्टर, (ii) चीफ मेडिकल ऑफिस- हेल्थ, और (iii) इस विषय का एक्सपर्ट। कमिटी को कोविड-19 मृत्यु के लिए सरकारी दस्तावेज जारी करने के आवेदन और परिजन की शिकायत के जमा होने के 30 दिनों के भीतर उसे निपटाना होगा।
आने वाले त्यौहारी मौसम में कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दिशानिर्देश जारी
Shubham Dutt (shubham@prsindia.org)
गृह मामलों के मंत्रालय ने त्यौहारी मौसम के दौरान कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आदेश जारी किया है।[7] आदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी पर आधारित है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 31 अक्टूबर, 2021 तक इस एडवाइजरी को लागू करने की अपेक्षा है।
नई एडवाइजरी की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
कोरबेवैक्स के क्लिनिकल ट्रायल्स को मंजूरी मिली
Omir Kumar (omir@prsindia.org)
भारतीय ड्रग कंट्रोलर जनरल (डीसीजीआई) ने वयस्कों में चरण III के क्लिनिकल ट्रायल्स और बच्चों एवं किशोरों (पांच वर्ष और उससे अधिक आयु के) में चरण II/III के पीडियैट्रिक ट्रायल्स के लिए कोरबेवैक्स को मंजूरी दे दी है।[8] कोरबेवैक्स को बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सहयोग से बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने कोविड-19 वैक्सीन के तौर पर विकसित किया है।8
अब तक भारत में कोविड-19 की छह वैक्सीन्स को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन मिल चुका है। ये हैं: (i) कोविशील्ड, (ii) कोवैक्सीन, (iii) स्पूतनिक-वी, (iv) एमआरएनए-1273 (मॉडर्ना वैक्सीन), (v) जैनसेन, और (vi) जायकोव-डी।[9],[10],[11],[12],[13] ये वैक्सीन 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोगों को लगाई जा सकती हैं। जायकोव-डी को 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। मई 2021 में दो से 18 वर्ष की आयु के बच्चों में पीडियैट्रिक ट्रायल्स के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी दी गई है।[14]
कोविड-19 वैक्सीन के आयात को दिसंबर 2021 तक कस्टम्स ड्यूटी से छूट मिली
Suyash Tiwari (suyash@prsindia.org)
वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 वैक्सीन्स के आयात पर कस्टम्स ड्यूटी से छूट दे दी है।[15] यह छूट तीन महीने की अवधि के दौरान मिलेगी (अक्टूबर-दिसंबर 2021)।
भारत में फंसे विदेशी नागरिकों के लिए वीज़ा और स्टिपुलेशन अवधि बढ़ाई गई
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
गृह मामलों के मंत्रालय ने भारत में फंसे विदेशी नागरिकों के लिए भारतीय वीज़ा या स्टे स्टिपुलेशन अवधियों को 30 सितंबर, 2021 तक बढ़ा दिया है।[16] विदेशी नागरिकों को ओवरस्टे पैनेल्टी नहीं चुकानी होगी या समय बढ़ाने के लिए कोई अतिरिक्त आवेदन जमा नहीं कराना होगा। अगर 30 सितंबर के बाद वीजा एक्सटेंशन की जरूरत होती है तो संबंधित विदेशी नागरिक पेमेंट आधार पर इस एक्सटेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। देश छोड़ने से पहले वे निशुल्क निकासी अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पहले यह वीजा और स्टे स्टिपुलेशन अवधि 31 अगस्त, 2021 तक वैध थी।[17]
भारत में पहले से मौजूद अफगान नागरिकों को अलग दिशानिर्देशों के अंतर्गत वीजा एक्सटेंशन दिया जाएगा। 16
अधिसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध अक्टूबर अंत तक
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
भारत में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आगमन पर दिशानिर्देशों के दायरे में संशोधन
Aditya Kumar (aditya@prsindia.org)
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए दिशानिर्देशों के दायरे में संशोधन किए हैं।[20] यह 3 सितंबर, 2021 से लागू हुआ है। दिशानिर्देशों को पहले फरवरी 2021 में संशोधित किया गया था और इसमें भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कुछ शर्तें निर्दिष्ट हैं।[21] उदाहरण के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट (बोर्डिंग से 72 घंटे पहले किया हुआ) के साथ एक सेल्फ डेक्लेरेशन फॉर्म जमा कराना होगा। दिशानिर्देशों में युनाइटेड किंगडम, यूरोप, पश्चिम एशिया से आने वाले यात्रियों के लिए अतिरिक्त शर्तों रखी गई हैं (जैसे भारतीय हवाईअड्डों पर पहुंचने पर अनिवार्य रूप से मॉलीक्यूलर टेस्ट कराना, और अपनी ट्रैवल हिस्ट्री का विवरण देना)।21
संशोधित दिशानिर्देश निम्नलिखित देशों से आने वाले यात्रियों को भी इन शर्तों के अधीन करते हैं: (i) दक्षिण अफ्रीका, (ii) बांग्लादेश, (iii) बोत्सवाना, (iv) चीन, (v) मॉरीशस, (vi) न्यूजीलैंड, और (vii) जिम्बाब्वे।20
संचार
Saket Surya (saket@prsindia.org)
कैबिनेट ने दूरसंचार विभाग के लिए विभिन्न उपायों को मंजूरी दी
केंद्रीय कैबिनेट ने दूरसंचार विभाग के लिए विभिन्न उपायों को मंजूरी दी है।[22] इन उपायों के जरिए लिक्विडिटी डालने, निवेश एवं प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (टीएसपीज़) पर रेगुलेटरी दबाव कम करने के प्रयास किए गए हैं। मुख्य उपायों में निम्नलिखित शामिल हैं:
भविष्य की नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम के लिए कोई स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क नहीं लिया जाएगा। स्पेक्ट्रम शेयरिंग के लिए अतिरिक्त शुल्क भी हटा दिया जाएगा। बकाया भुगतान में देरी होने पर लागू ब्याज दर 1 अक्टूबर, 2021 (पहले की तुलना में 2% कम) से कम हो जाएगी। ऐसे विलंबित भुगतानों पर कोई जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज नहीं लगाया जाएगा।
समष्टि आर्थिक (मैक्रोइकोनॉमिक) विकास
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
2021-22 की पहली तिमाही में चालू खाता संतुलन जीडीपी का 0.9%
2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत के चालू खाते में 6.5 बिलियन USD (जीडीपी का 0.9%) का अधिशेष दर्ज किया गया, जबकि 2020-21 की पहली तिमाही में 19.1 बिलियन USD (जीडीपी का 3.7%) का अधिशेष हुआ था।[26] ऐसा वार्षिक आधार पर व्यापक व्यापार घाटे के कारण हुआ था। 2020-21 की चौथी तिमाही में चालू खाता संतुलन में 8.2 बिलियन USD (जीडीपी का 1%) का घाटा दर्ज किया गया था। पूंजी खाते में ऐसे लेनदेन को दर्शाया जाता है जोकि भारत की कंपनियों के एसेट/लायबिलिटीज़ की स्थिति को बदलते हैं। पूंजी खाते में शुद्ध प्रवाह (अंतर्वाह घटा बहिर्वाह, यानी इनफ्लो घटा आउटफ्लो) पिछले वर्ष 2020-21 में इसी अवधि की मुकाबले बढ़कर 25.8 बिलियन USD हो गया था। पिछले वर्ष का शुद्ध प्रवाह 1.4 बिलियन USD था। इसका कारण यह है कि 2020-21 की पहली तिमाही में 0.1 बिलियन USD के विदेशी निवेश का शुद्ध प्रवाह हुआ, जबकि 2021-22 की पहली तिमाही में यह बढ़कर 12.3 बिलियन USD हो गया।
2021-22 की पहली तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार 31.9 बिलियन USD बढ़ गया, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में इसमें 19.8 बिलियन USD की बढ़ोतरी हुई थी।
तालिका 1: भुगतान संतुलन, ति1 2021-22 (बिलियन USD)
|
ति1 |
ति4 |
ति1 |
चालू खाता |
19.1 |
-8.2 |
6.5 |
पूंजी खाता |
1.4 |
12.3 |
25.8 |
भूल चूक और लेनी देनी |
-0.6 |
-0.7 |
-0.4 |
मुद्रा भंडार में परिवर्तन |
19.8 |
3.4 |
31.9 |
स्रोत: भारतीय रिजर्व बैंक; पीआरएस
वित्त
सीबीडीटी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की समय सीमा फिर बढ़ाई
Suyash Tiwari (suyash@prsindia.org)
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मूल्यांकन वर्ष 2021-22, यानी वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी है।[27] पहले यह समय सीमा मई 2021 तक बढ़ाई गई थी ताकि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर करदाताओं को राहत दी जा सके।[28] फिर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से रिटर्न और विभिन्न रिपोर्ट्स को फाइल करने में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए इस समय सीमा को और बढ़ाया गया।
व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा 30 सितंबर, 2021 से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 कर दी गई है। जिन लोगों को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 या दूसरे किसी कानून और कंपनियों के लिए अपने खातों को ऑडिट करवाना है, उनके लिए इस समय सीमा को 30 नवंबर, 2021 से बढ़ाकर 15 फरवरी, 2022 कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि पहले की ही तरह, यह उन लोगों पर लागू नहीं होगा जिनका देय कर भुगतान एक लाख रुपए से ज्यादा है (पहले से भुगतान किए गए या आय से काटे गए कर की एकाउंटिंग के बाद)।
जीएसटी परिषद ने दरों को युक्तिसंगत बनाने और आईटी प्रणाली में सुधार के लिए मंत्री समूह गठित किए
Suyash Tiwari (suyash@prsindia.org)
जीएसटी परिषद ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और प्रणालीगत सुधार के लिए दो मंत्रीसमूह (जीओएम) बनाए।[29],[30] जीओएम के संदर्भ की शर्तें और संयोजन इस प्रकार है:
जीओएम में कर्नाटक (कनवीनर), बिहार, गोवा, केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि शामिल होंगे। जीओएम को दो महीने में अपनी रिपोर्ट देनी होगी और अल्पावधि और मध्यम अवधि में संशोधनों को लागू करने का रोडमैप देना होगा। वह किसी भी तत्काल और जरूरी बदलाव के लिए अंतरिम रिपोर्ट भी सौंप सकता है।
जीओएम में महराष्ट्र (कनवीनर के तौर पर), आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, ओड़िशा और तमिलनाडु के प्रतिनिधि शामिल होंगे। जीओएम परिषद को समय-समय पर सुझाव देगा और सुधारों के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा।
सेबी ने वैकल्पिक आधार पर टी+1 रोलिंग सेटेलमेंट शुरू किया
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने ऑप्शनल बेसिस पर टी+1 सेटलमेंट साइकिल शुरू किया है।[31] टी+1 सेटलमेंट साइकिल के अंतर्गत ट्रांजैक्शन के लागू होने के एक दिन बाद एक्सचेंज में उसे सेटल किया जाता है। इस वक्त सेबी टी+2 साइकिल पेश करता है जिसके अंतर्गत ट्रांजैक्शन के लागू होने के दो दिन बाद उसे सेटल किया जाता है।
स्टॉक एक्सचेंज किसी भी स्क्रिप्स (स्टॉक्स) पर टी+1 सेटेलमेंट साइकिल का प्रस्ताव दे सकता है। स्टॉक एक्सचेंज को सेटेलमेंट साइकिल में किसी भी तरह का बदलाव करने पर कम से कम एक महीने पहले इसका नोटिस देना होगा। किसी स्क्रिप के लिए टी+1 सेटेलमेंट साइकिल चुनने के बाद स्टॉक एक्सचेंज को कम से कम 6 महीने की अवधि के लिए इसे अनिवार्य रूप से जारी रखना होगा। फिर एक महीने का नोटिस देकर वह टी+2 साइकिल पर लौट सकता है। ये प्रावधान 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होंगे।
इरडाई ने साइबर बीमा के लिए प्रॉडक्ट स्ट्रक्चर पर दिशानिर्देश जारी किए
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडाई) ने साइबर बीमा के लिए प्रॉडक्ट स्ट्रक्चर के दिशानिर्देश जारी किए हैं।[32] साइबर बीमा का मतलब है, साइबर अपराधों के खिलाफ कारोबारियों और व्यक्तियों के लिए बीमा। इन दिशानिर्देशों के जरिए साइबर बीमा कवरेज में कमियों को दूर करने की कोशिश की गई है। दिशानिर्देशों के मुख्य सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
इसके अतिरिक्त बीमा प्रॉडक्ट्स ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड को या तो कवर नहीं करते या फिर बहुत कम कवरेज देते हैं। ऐसे फ्रॉड में कभी खरीदार को सामान नहीं मिलता, और कभी विक्रेता को बेचे गए सामान का भुगतान नहीं मिलता। इरडाई ने सुझाव दिया है कि बीमा कंपनियां ऐसे नुकसान को सीमित कवरेज दे सकती हैं।
ट्रेड क्रेडिट बीमा संबंधी दिशानिर्देशों में संशोधन
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडाई) ने इरडाई (ट्रेड क्रेडिट बीमा) दिशानिर्देश, 2021 को जारी किया। [33] 2021 के दिशानिर्देश ट्रेड क्रेडिट बीमा, 2016 का स्थान लेते हैं।[34] ट्रेड क्रेडिट बीमा खरीदारों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं का भुगतान न करने के जोखिम से कारोबारियों की सुरक्षा करता है। ये संशोधित दिशानिर्देश 1 नवंबर, 2021 से लागू होंगे। संशोधित दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:33
कैबिनेट ने नेशनल एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड की सिक्योरिटी रेसिट्स के लिए गारंटी मंजूर की
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
केंद्रीय कैबिनेट ने नेशनल एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) द्वारा जारी सिक्योरिटी रेसिट्स की मदद के लिए 30,600 करोड़ रुपए की सरकारी गारंटी को मंजूरी दी है।[35] बैंकों ने स्ट्रेस्ड एसेट्स को एकजुट करने के लिए एनएआरसीएल को स्थापना की है ताकि उनका रेज़ोल्यूशन हो सके। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का स्वामित्व 51% होगा। एनएआरसीएल में करीब दो लाख करोड़ रुपए के स्ट्रेस्ड एसेट्स को अधिग्रहित करने का प्रस्ताव है। हर स्ट्रेस्ड एसेट की कीमत 500 करोड़ रुपए से अधिक की होगी। वह 15% नकद और शेष 85% के लिए सिक्योरिटी रेसिट जारी करके इन एसेट्स का अधिग्रहण करेगा। इन सिक्योरिटी रेसिट्स पर सरकारी गारंटी पांच वर्ष के लिए वैध होगी। गारंटी में सिक्योरिटी रेसिट की फीस वैल्यू और वास्तविक वसूली के बीच के अंतर को कवर किया जाएगा। गारंटी चालू करने के लिए स्ट्रेस्ड एसेट का लिक्विडेशन या रेज़ोल्यूशन अनिवार्य है। एनएआरसीएल को गारंटी फीस चुकानी होगी जोकि समय के साथ बढ़ जाएगी। सरकार के अनुसार, चूंकि एसेट्स का पूल होगा, यह उम्मीद करना उपयुक्त होगा कि कई एसेट्स से होने वाली वसूली अधिग्रहण की लागत से अधिक होगी।
आरबीआई ने कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन को मंजूरी दी
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कार्ड-ऑन-फाइल टोकेनाइजेशन सेवाओं को मंजूरी दे दी है।[36],[37] कार्ड-ऑन-फाइल उन एंटिटीज़ द्वारा कार्ड के वास्तविक विवरणों के स्टोरेज को कहा जाता है जोकि कार्ड भुगतान के लेनदेन से जुड़े होते हैं, जैसे मर्चेंट्स, पेमेंट गेटअवेज़ और पेमेंट एग्रीगेटर्स। कार्ड-ऑन-फाइल सेवाओं का लक्ष्य भविष्य के लेनदेन में ग्राहकों को अधिक सुविधा प्रदान करना होता है। हालांकि आरबीआई ने कहा है कि कई एंटिटीज़ को ऐसे विवरण उपलब्ध कराने से कार्ड डेटा के चोरी होने का जोखिम बढ़ता है। इसके अतिरिक्त 2019 में आरबीआई के पहले के एक सर्कुलर के हिसाब से कार्ड इश्यूअर और कार्ड नेटवर्क्स के अतिरिक्त लेनदेन की श्रृंखला की किसी एंटिटी को 1 जनवरी, 2022 से कार्ड के वास्तविक विवरण को स्टोर करने की अनुमति नहीं है। टोकनाइजेशन इस चिंता को दूर करने वाली तकनीकों में से एक है। टोकनाइजेशन में कोड या टोकन के साथ कार्ड के वास्तविक विवरण को बदला जाता है जोकि कार्ड, टोकन रिक्वेस्टर और मर्चेंट के कॉम्बिनेशन के लिए यूनीक होता है।
कार्ड इश्यूअर को इश्यू किए गए या उनसे संबद्ध कार्ड्स के लिए कार्ड टोकनाइडेशन सेवा देने की अनुमति होगी। प्रमाणीकरण की अतिरिक्त शर्त का अनुरोध करके ग्राहक की स्पष्ट मंजूरी के साथ कार्ड डेटा का टोकनाइजेशन किया जाएगा। कार्ड इश्यूअर ग्राहकों को यह सुविधा देगा कि वे उन सभी व्यापारियों (मर्चेंट्स) की सूची दे सकते हैं जिनके लिए उन्होंने कार्ड-ऑन-फाइल का विकल्प चुका है और किसी भी टोकन को डी-रजिस्टर करने का मौका दिया जाएगा। व्यापारी कार्डहोल्डर को टोकन को डी-रजिस्टर करने का विकल्प भी देंगे।
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2019 में आरबीआई ने कार्ड नेटवर्क्स को किसी भी थर्ड-पार्टी ऐप प्रोवाइडर को संपर्क रहित लेनदेन, इन-ऐप भुगतान, क्यूआर कोड-आधारित भुगतान, या टोकन स्टोरेज व्यवस्था जैसे यूज केसेज़ के लिए कार्ड टोकनाइजेशन सेवाओं की पेशकश करने की अनुमति दी थी।[38] डिवाइस आधारित टोकनाइजेशन की अनुमति दी गई थी। उसमें कार्ड टोकनाइजेशन की सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए कुछ शर्तें और शिकायत निवारण को भी निर्दिष्ट किया गया था। ये शर्तें कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन पर भी लागू होंगी।
आरबीआई ने स्टैंडर्ड एसेट्स के सिक्योरिटाइजेशन के लिए निर्देश जारी किए
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारतीय रिजर्व बैंक (स्टैंडर्ड एसेट्स का सिक्योरिटाइजेशन) निर्देश, 2021 को जारी किया है।[39] सिक्योरिटाइजेशन ऐसे लेनदेन होते हैं जिनमें एसेट्स में क्रेडिट रिस्क को ट्रेडेबल सिक्योरिटीज़ में रीपैकेज करके पुनर्वितरित किया जाता है। इन सिक्योरिटीज़ में अलग-अलग रिस्क प्रोफाइल्स होते हैं जिनका अलग-अलग श्रेणियों के निवेशकों द्वारा मूल्यांकन किया जा सकता है। निर्देशों में निम्नलिखित से संबंधित सिक्योरिटाइजेशन लेनदेन को रेगुलेट करने का प्रयास किया गया है: (i) अधिसूचित कमर्शियल बैंक, (ii) भारत के प्रमुख वित्तीय संस्थान, (iii) लघु वित्त बैंक, और (iv) सभी गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान। स्टैंडर्ड एसेट्स के सिक्योरिटाइजेशन पर 2006 के दिशानिर्देश रद्द रहेंगे।[40] 2021 के निर्देशों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
तालिका 2: लोन्स के प्रकार और एमआरआर का मूल्य
लोन |
एमआरआर |
24 महीने तक की मूल परिपक्वता के साथ अंडरलाइंग लोन्स, आवासीय मार्गेज समर्थित सिक्योरिटीज़ |
लोन्स की 5% बुक वैल्यू का सिक्योरिटाइजेशन |
24 महीने से अधिक की मूल परिपक्वता, बुलेट रीपेमेंट्स वाले लोन |
लोन्स की 10% बुक वैल्यू का सिक्योरिटाइजेशन |
स्रोत: आरबीआई (स्टैंडर्ड एसेट्स का सिक्योरिटाइजेशन) निर्देश, 2021; पीआरएस
सेबी ने म्यूचुल फंड्स के लिए रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क जारी किया
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने म्यूचुअल फंड्स के लिए रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क (आरएमएफ) जारी किया।[41] म्यूचुअल फंड निवेशकों से स्टॉक और बॉन्ड जैसी वित्तीय संपत्तियों में निवेश करने के लिए फंड जुटाते हैं। फ्रेमवर्क में कुछ पद्धतियां और प्रक्रियाएं शामिल हैं। जोखिम प्रबंधन के लिए सभी म्यूचुअल फंडों को उनका पालन करना चाहिए। इससे पहले 2002 में म्यूचुअल फंड्स के जोखिम प्रबंधन पर एक सर्कुलर जारी किया गया था। 2021 का सर्कुलर उसका स्थान लेता है।[42] सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) को 1 जनवरी, 2022 तक इस सर्कुलर का पालन करना होगा। फ्रेमवर्क की प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
गोल्ड एक्सचेंज और वॉल्ट मैनेजर्स के रेगुलेशन के फ्रेमवर्क को सेबी की मंजूरी
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने गोल्ड एक्सचेंज और सेबी (वॉल्ट मैनेजर्स) रेगुलेशन, 2021 के लिए फ्रेमवर्क को मंजूरी दी है।[43] गोल्ड एक्सचेंज के लिए प्रस्तावित फ्रेमवर्क के अंतर्गत गोल्ड को रिप्रेजेंट करने वाले इंस्ट्रूमेंट को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद (ईजीआर) कहा जाएगा और इसे सिक्योरिटीज़ के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। इसमें किसी भी दूसरी सिक्योरिटी की तरह ट्रेड, क्लीयर और सेटल किया जाएगा। एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज ईजीआर में ट्रेडिंग शुरू कर सकता है। स्टॉक एक्सचेंज में क्रमशः खरीदार और विक्रेता को ईजीआर और फंड ट्रांसफर करके ट्रांजैक्शन किया जाएगा। ईजीआर की स्थायी वैधता होगी।
एक वॉल्ट मैनेजर भारत में पंजीकृत कंपनी होनी चाहिए और उसकी कुल संपत्ति कम से कम 50 करोड़ रुपए होनी चाहिए। वॉल्ट मैनेजर को सेबी इंटरमीडियरी के रूप में रेगुलेट किया जाएगा।
वॉल्ट मैनेजर ईजीए का निर्माण करने हेतु जमा किए गए सोने के लिए वॉल्टिंग सेवाएं प्रदान करेगा। वॉल्ट मैनेजर के कामों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) जमा स्वीकार करना, (ii) सोने का स्टोरेज और सेफकीपिंग, (iii) ईजीआर बनाना, और (iv) सोना निकालना।
सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लिए फ्रेमवर्क को मंजूरी दी
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने सोशल इंटरप्राइज़ेज की फंड रेजिंग के लिए सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसआई) के निर्माण को मंजूरी दी है।43 एसएसई मौजूदा स्टॉक एक्सचेंज के लिए अलग सेगमेंट होगा। एसएसई में भागीदार संस्थाओं में गैर-लाभकारी संगठन और लाभकारी सामाजिक उद्यम शामिल हैं जिनके प्राथमिक लक्ष्य सोशल इंटेंट और इंपैक्ट हैं। पात्र गैर-लाभकारी संगठन एसएसई के साथ पंजीकरण के बाद इक्विटी, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, सोशल इंपैक्ट फंड और डेवलपमेंट इंपैक्ट बॉन्ड्स के जरिए धन जुटा सकते हैं। सोशल इंपैक्ट का ऑडिट एसएसई पर पंजीकृत/फंड जुटाने वाले सामाजिक उद्यमों के लिए अनिवार्य होगा।
250 करोड़ रुपए से कम नेटवर्थ वाली कंपनियों के ऑडिट पर परामर्श पत्र जारी
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
नेशनल फाइनांशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (एनएफआरए) ने 250 करोड़ रुपए से कम की नेटवर्थ वाली कंपनियों के लिए वैधानिक ऑडिट और ऑडिटिंग मानकों पर एक परामर्श पत्र जारी किया।[44] एनएफआरए एकाउंटिंग और ऑडिटिंग नीतियों और मानकों के निर्माण और निर्धारण पर केंद्र सरकार को सुझाव देता है। अथॉरिटी ने गौर किया कि 250 करोड़ रुपए का नेटवर्थ एक अहम सीमा है जिससे कंपनी (एकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स) नियम, 2021 और भारतीय एकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स के तहत एकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स का पालन करने वाली कंपनियां अलग हो जाती हैं। कंपनी एक्ट, 2013 के अंतर्गत सभी कंपनियों के लिए वैधानिक ऑडिट अनिवार्य है।[45] एनएफआरए ने कहा कि: (i) इनमें से कई कंपनियों का ऑडिट एक दिखावा हो सकता है, (ii) ऑडिटर्स को किए गए वर्तमान भुगतान और ऑडिटिंग के मानकों की सच्ची भावना के अनुपालन में ऑडिट करने की अनुमानित लागत के बीच मेल नहीं है, और (iii) इनमें से अधिकांश कंपनियां लिमिटेड लायबिलिटी का लाभ उठाने या बैंक ऋण प्राप्त करने के लिए कंपनियों के रूप में गठित परिवार के स्वामित्व वाली संस्थाएं हैं।
एनएफआरए ने गौर किया कि ऐसी छोटी कंपनियों को अनिवार्य ऑडिट से छूट देने से व्यवसाय करने में आसानी होगी और अनुपालन का बोझ और लागत कम हो जाएगी। इसके मद्देनजर पृष्ठभूमि को देखते हुए, एनएफआरए ने टिप्पणियों को आमंत्रित किया है कि: (i) क्या ऐसी कंपनियों को कुछ सीमा के आधार पर अनिवार्य वैधानिक ऑडिट से छूट दी जानी चाहिए, और (ii) क्या इन कंपनियों के लिए अलग से ऑडिटिंग मानकों की आवश्यकता है।
परामर्श पत्र पर 10 नवंबर, 2021 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
आईएफएससी ने सतत धन प्रवाह पर एक्सपर्ट कमिटी बनाई
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
इरडाई ने ड्राफ्ट श्योरिटी इंश्योरेंस कॉन्ट्रैक्ट्स दिशानिर्देशों पर टिप्पणियां आमंत्रित कीं
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडाई) ने इरडाई (श्योरिटी इंश्योरेंस कॉन्ट्रैक्ट्स) दिशानिर्देश, 2021 को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किया है।[48] श्योरिटी इंश्योरेंस कॉन्ट्रैक्ट ऐसा कॉन्ट्रैक्ट होता है जोकि किसी तीसरे व्यक्ति के डीफॉल्ट की स्थिति में एक तरह का वादा होता है, या उसकी लायबिलिटी पूरी करता है। श्योरिटी वह व्यक्ति होता है जोकि गारंटी देता है, प्रमुख देनदार वह व्यक्ति होता है जिसके डीफॉल्ट की गारंटी दी जाती है और लेनदार वह होता है जिसे गारंटी दी जाती है। श्योरिटी इंश्योरेंस एक त्रिपक्षीय कॉन्ट्रैक्ट होता है। दिशानिर्देश श्योरिटी गारंटी कारोबार को बढ़ावा देने और उसे रेगुलेट करने का प्रयास करते हैं। ड्राफ्ट दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
ड्राफ्ट इरडाई (भारतीय बीमा सूचना ब्यूरो) रेगुलेशंस, 2021 पर टिप्पणियां आमंत्रित
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडाई) ने ड्राफ्ट इरडाई (भारतीय बीमा सूचना ब्यूरो) रेगुलेशंस, 2021 पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[49] भारतीय बीमा सूचना ब्यूरो (आईआईबी) को 2009 में बनाया गया था।49 बीमा कंपनियों को प्रोसेसिंग और प्रसारित करने के लिए आईआईबी को डेटा सौंपना होता है। ड्राफ्ट रेगुलेशन में आईआईबी के कुछ कार्यों और बाध्यताओं को प्रस्तावित किया गया है। साथ ही, इसके अंतर्गत ब्यूरो रेगुलेट होने वाली एंटिटीज़ से डेटा कलेक्शन कर सकता है। ड्राफ्ट रेगुलेशंस की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
विधि एवं न्याय
ट्रिब्यूनल (सेवा शर्तें) नियम, 2021 अधिसूचित
Aditya Kumar (aditya@prsindia.org)
वित्त मंत्रालय ने ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट, 2021 के अंतर्गत ट्रिब्यूनल (सेवा शर्तें) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है।[50],[51] एक्ट ने कई मौजूदा अपीलीय निकायों को समाप्त किया है और उनके कार्यों को मुख्य रूप से उच्च न्यायालयों को हस्तांतरित किया है। इसके अतिरिक्त उसने केंद्र सरकार को ट्रिब्यूनल्स के सदस्यों की क्वालिफिकेशन और कुछ सेवा शर्तों (जैसे पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया, वेतन और भत्तों) के संबंध में नियम बनाने का अधिकार दिया है। अधिसूचित नियमों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
उल्लेखनीय है कि ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट उस अध्यादेश का स्थान लेता है जिसे ऐसे ही प्रावधानों के साथ अप्रैल 2021 में जारी किया गया था।[52] सर्वोच्च न्यायालय ने इस अध्यादेश की समीक्षा की और कुछ प्रावधानों (जैसे चार वर्ष का कार्यकाल) को निरस्त कर दिया, चूंकि वे सर्वोच्च न्यायालय के पिछले फैसलों का पालन नहीं करते थे।[53] उल्लेखनीय है कि अपने पहले के कई फैसलों में सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ दिशानिर्देश दिए थे कि किस तरह कार्यपालिका से ट्रिब्यूनल्स की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए।[54],[55],[56],[57],[58] भारत में ट्रिब्यूनल प्रणाली के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां देखें।
वर्तमान में 2021 के एक्ट को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है क्योंकि इसमें अध्यादेश के वे प्रावधान भी शामिल हैं जिन्हें अदालत ने निरस्त कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों से नियमों के अनुपालन की तुलना करने के लिए कृपया देखें।
नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ (अध्यादेश), 2021
Suyash Tiwari (suyash@prsindia.org)
नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ (संशोधन) अध्यादेश, 2021 को जारी किया गया है।[59] अध्यादेश नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ एक्ट, 1985 में संशोधन करता है।[60] जब इस एक्ट को 2014 में संशोधित किया गया था, तब उसके एक प्रावधान में ड्राफ्टिंग की एक चूक रह गई थी। यह प्रावधान ड्रग्स के अवैध व्यापार का वित्त पोषण करने वाले या इसमें लगे लोगों को शरण देने वाले लोगों के लिए दंड से संबंधित है। अध्यादेश ड्राफ्टिंग की चूक को दुरुस्त करने का प्रयास करता है।
अध्यादेश के पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
स्वास्थ्य
Aditya Kumar (aditya@prsindia.org)
केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया
केंद्र सरकार ने 27 सितंबर, 2021 को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को शुरू किया।[61] इसके अंतर्गत हर नागरिक को डिजिटल हेल्थ आईडी दिया जाएगा। नागरिकों के हेल्थ रिकॉर्ड्स को डिजिटल तरीके से स्टोर किया जाएगा ताकि हेल्थ रिकॉर्ड के गुम होने की घटनाओं से बचा जा सके। नागरिकों के पास यह विकल्प होगा कि वे मेडिकल प्रैक्टीशनर्स के साथ हेल्थ रिकॉर्ड्स को शेयर करने के लिए अपनी सहमति दें।
इसके अतिरिक्त मिशन डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम में इंटरऑपरेबिलिटी को एनेबल करेगा। इसका यह मतलब है कि डिजिटल हेल्थ प्रोवाइडर्स को सिंगल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कई सेवा विकल्प मिलेंगे।
परिवहन
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का गठन; संयोजन और कार्य अधिसूचित
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन एक्ट, 1988 के प्रावधानों के अंतर्गत राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का गठन किया।[62], [63] राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड सड़क सुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन से संबंधित पहलुओं पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देगा।62 बोर्ड में चार से आठ पूर्णकालिक सदस्यों होंगे (चेयरमैन सहित) जिनकी नियुक्ति सर्च-कम-सिलेक्शन कमिटी की सलाह से केंद्र सरकार करेगी।62 बोर्ड में निम्नलिखित अल्पकालिक पदेन सदस्य भी होंगे: (i) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रतिनिधि, और (ii) राज्यों के प्रतिनिधि, जिन्हें जरूरत के हिसाब से नामित किया जाएगा। 62 बोर्ड में नियुक्ति की शर्तों, सेवा की अवधि और शर्तें और कार्यों से संबंधित नियमों को अधिसूचित किया गया है।[64] नियमों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
वाहन स्क्रैपिंग केंद्र के पंजीकरण और कार्यों के नियम अधिसूचित किए गए
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग केंद्र के पंजीकरण और कार्य) नियम, 2021 को अधिसूचित किया।[65] इन नियमों को मोटर वाहन एक्ट, 1988 के प्रावधानों के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है।[66] 1988 का एक्ट केंद्र सरकार को उन मोटर वाहनों की रीसाइकिलिंग के नियम बनाने का अधिकार देता है जिनके प्रयोग का समय पूरा हो गया है।52 2021 के नियम एक पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया प्रदान करते हैं, जो डिस्मैंटलिंग और स्क्रैपिंग करने के लिए अधिकृत होगी। नियमों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
ड्रोन मैन्यूफैक्चरिंग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स मंजूर
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
केंद्रीय कैबिनेट ने भारत में ड्रोन्स और ड्रोन कंपोनेंट्स की मैन्यूफैक्चरिंग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है।[67] ड्रोन कंपोनेंट्स में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) एयरफ्रेम, (ii) प्रोपल्शन सिस्टम, (iii) फ्लाइट कंट्रोल मॉड्यूल, और (iv) बैटरी। इस योजना के लिए तीन वित्तीय वर्षों (2021-22 से शुरू) में 120 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। यह योजना केवल उन मैन्यूफैक्चरर्स के लिए उपलब्ध है जो एक वर्ष में अपने बिक्री कारोबार के कम से कम 40% का वैल्यू एडिशन करते हैं। मैन्यूफैक्चरर्स को हर साल वैल्यू एडिशन के 20% तक इंसेंटिव दिया जाएगा। हर मैन्यूफैक्चरर के इंसेंटिव प्रोत्साहन की सीमा 30 करोड़ रुपए होगी, जो कुल वित्तीय परिव्यय का 25% है। योजना के अंतर्गत इंसेंटिव लेने के लिए मैन्यूफैक्चरर्स का न्यूनतम वार्षिक बिक्री कारोबार होना जरूरी है।
तालिका 1: न्यूनतम वार्षिक कारोबार (करोड़ रुपए में)
भारतीय एमएसएमई और स्टार्टअप्स |
भारतीय गैर-एमएसएमई |
||
ड्रोन |
कंपोनेंट |
ड्रोन |
कंपोनेंट |
2 |
0.5 |
4 |
1 |
नोट: एमएसएमई-सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, स्रोत: नागरिक उड्डयन मंत्रालय; पीआरएस
रेल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोचिंग स्टॉक को लीज पर देने का प्रस्ताव
Saket Surya (saket@prsindia.org)
ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशंस के रेगुलेशन से संबंधित मोटर वाहन नियमों में संशोधन अधिसूचित
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन (इक्कीसवां संशोधन) नियम, 2021 को अधिसूचित किया। ये नियम ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों की मान्यता, रेगुलशन और नियंत्रण के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में प्रावधान जोड़ते हैं।[69] 2021 के नियमों की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
इसके अतिरिक्त नियम टेस्टिंग स्टेशनों के लिए न्यूनतम मैनपावर की जरूरत को निर्दिष्ट करते हैं। इनमें शामिल हैं: (i) एक सेंटर हेड/मैनेजर, (ii) दो लेन तक के लिए एक सिस्टम एनालिस्ट, और (iii) हर शिफ्ट में दो लेन ऑपरेटर। इसके अतिरिक्त नियम स्टेशनों पर जरूरी कर्मचारियों की क्वालिफिकेशन का विवरण भी देते हैं।
बंदरगाहों पर कचरा निस्तारण संबंधी ड्राफ्ट नियमों पर टिप्पणियां आमंत्रित
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने मर्चेंट शिपिंग (भारतीय बंदरगाहों पर वेस्ट रिसेप्शन सुविधाओं का प्रावधान) नियम, 2021 के ड्राफ्ट पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[70] मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 1958 के अंतर्गत ड्राफ्ट नियमों को अधिसूचित किया गया है।[71] 1958 का एक्ट मर्केंटाइल मरीन, मर्चेंट शिपिंग और समुद्री प्रदूषण की रोकथाम के रेगुलेशन का प्रावधान करता है। ड्राफ्ट नियमों की मुख्य विशेषताएं हैं:70
ड्राफ्ट नियमों पर 13 अक्टूबर तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
भारी उद्योग
Saket Surya (saket@prsindia.org)
ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिए पीएलआई योजना अधिसूचित
भारी उद्योग मंत्रालय ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को अधिसूचित किया है।[72],[73],[74] इस योजना के अंतर्गत पात्र कंपनियों को घरेलू स्तर पर निर्मित उन्नत ऑटोमोटिव उत्पादों की बिक्री में वृद्धि पर इंसेंटिव मिलेगा। यह योजना 2022-23 से शुरू होकर पांच वर्षों में लागू की जाएगी। योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
शिक्षा
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए स्टीयरिंग कमिटी गठित
शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा बनाने के लिए नेशनल स्टीयरिंग कमिटी का गठन किया है।[75] राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्कूली शिक्षा, प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा, शिक्षक शिक्षा और वयस्क शिक्षा के लिए क्रमशः राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के विकास को अनिवार्य करती है।[76] कमिटी का कार्यकाल तीन साल का होगा और इसकी अध्यक्षता डॉ. के कस्तूरीरंगन (इसरो के पूर्व प्रमुख) करेंगे।
समिति के संदर्भ की शर्तों में शामिल हैं: (i) राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा का विकास, (ii) राज्य स्तरीय पाठ्यक्रम की रूरेखा से इनपुट्स की समीक्षा, और (iii) राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न हितधारकों, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड, विषय से संबंधित विशेषज्ञों और शिक्षाविदों के साथ समन्वय करना।
सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एडॉप्शन रेगुलेशस, 2017 में संशोधनों को अधिसूचित किया है।[77] ये संशोधन किशोर न्याय एक्ट, 2015 के अंतर्गत अधिसूचित किए गए हैं जोकि केंद्र सरकार को इंटर-कंट्री एडॉप्शंस को रेगुलेट करने की शक्ति देते हैं।[78] 2017 के रेगुलेशंस अप्रवासी भारतीयों (एनआरआआईज़), भारतीय विदेशी नागरिकों, (ओसीआई) और हेग एडॉप्शन कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ता देश में रहने वाले विदेशी एडॉप्टिव पेरेंट्स द्वारा भारतीय बच्चों के एडॉप्शन को निर्दिष्ट करते हैं।[79] हेग एडॉप्शन कन्वेंशन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच समन्वय स्थापित करना है ताकि इंटर कंट्री चाइल्ड एडॉप्शन के लिए सुरक्षात्मक उपायों को लागू किया जा सके।[80]
2021 के संशोधनों में निम्नलिखित के अंतर्गत एडॉप्शन के सभी मामलों के लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई है: (i) संभावित एडॉप्टिव पेरेंट्स या भारत के बाहर रहने वाले एडॉप्टिव पेरेंट्स द्वारा हिंदू एडॉप्शन और रखरखाव एक्ट, 1956 के तहत आने वाले मामले, और (ii) हेग एडॉप्शन कन्वेंशन के बाहर के देशों से संबंधित।77 हिंदू एडॉप्शन और रखरखाव एक्ट, 1956 हिंदुओं (बौद्ध, जैन और सिख सहित) के लिए एडॉप्शन और रखरखाव को रेगुलेट करता है।[81] 2021 के संशोधनों की मुख्य विशेषताएं हैं:
मिड डे मील्स योजना में परिवर्तन और विस्तार को मंजूरी
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
आर्थिक मामलों पर कैबिनेट कमिटी ने स्कूलों में मिड डे मील की राष्ट्रीय योजना का नाम बदलकर पीएम पोषण कर दिया है और 2021-22 से 2025-26 तक उसके विस्तार को मंजूरी दे दी है।[82] इस योजना को अप्रैल 2008 में शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा I-VIII में पढ़ने वाले बच्चों को गर्म पका भोजन देना है।[83] योजना में कुछ परिवर्तनों को मंजूर किया गया है जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
पर्यावरण
Aditya Kumar (aditya@prsindia.org)
प्लास्टिक कचरा प्रबंधन (दूसरा संशोधन) नियम, 2021 अधिसूचित
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन (दूसरा संशोधन) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है।[84] 2021 के नियम प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम, 2016 में संशोधन करते हैं।[85] 2016 के नियमों में प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन (जैसे रीसाइकिलिंग और प्रोसेसिंग) के लिए उपायों का प्रावधान है।
2021 के नियमों में निर्दिष्ट किया गया है कि रेडी टू ईट या ड्रिंक फूड स्टफ्स को स्टोर, कैरी, डिस्पेंस या पैकेज करने के लिए रीसाइकिल्ड प्लास्टिक से बने उत्पादों को इस्तेमाल किया जा सकता है।102 इन उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले उत्पादों को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अथॉरिटी द्वारा जारी मानदंडों का पालन करना चाहिए। इससे पहले रीसाइकिल्ड प्लास्टिक से बने उत्पादों को इन उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाया गया था।85
कृषि
Suyash Tiwari (suyash@prsindia.org)
कैबिनेट ने 2021-22 में बोई जाने वाली रबी फसलों के लिए एमएसपी को मंजूर किया
केंद्रीय कैबिनेट ने 2021-22 में उगाई जाने वाली, यानी मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दे दी।[86] गेहूं के लिए एमएसपी 2,015 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है जोकि पिछले वर्ष की एमएसपी से 2% अधिक है (1,975 रुपए प्रति क्विंटल)। तालिका 4 में 2020-21 की तुलना में 2021-22 में उगाई जाने वाली रबी फसलों के एमएसपी में बदलावों को प्रदर्शित किया गया है।
तालिका 2: 2020-21 और 2021-22 के बीच रबी फसलों के लिए एमएसपी में परिवर्तन (रुपए प्रति क्विंटल)
फसल |
2020-21 |
2021-22 |
परिवर्तन |
गेहूं |
1,975 |
2,015 |
2.0% |
जौ |
1,600 |
1,635 |
2.2% |
चना |
5,100 |
5,230 |
2.5% |
दलहन |
5,100 |
5,500 |
7.8% |
सफेद और पीली सरसों |
4,650 |
5,050 |
8.6% |
सूरजमुखी |
5,327 |
5,441 |
2.1% |
स्रोत: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय; पीआरएस
खरीफ मौसम 2021-22 के लिए फसल उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान जारी
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीफ मौसम 2021-22 के खाद्यान्न और कमर्शियल फसलों के उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान जारी किए हैं।[87] तालिका 5 में पिछले वर्ष (2020-21) के खरीफ अनुमानों की तुलना इस वर्ष के अग्रिम अनुमान से की गई है। यहां कुछ झलकियां पेश की जा रही हैं:
तालिका 5: खरीफ 2021-22 में उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान (मिलियन टन)
फसल |
चौथे अग्रिम अनुमान खरीफ 2020-21 |
पहले अग्रिम अनुमान खरीफ 2021-22 |
2020-21 में परिवर्तन |
खाद्यान्न (क+ख) |
149.6 |
150.5 |
0.6% |
क. अनाज |
140.9 |
141.0 |
0.1% |
चावल |
104.4 |
107.0 |
2.5% |
मोटा अनाज |
36.5 |
34.0 |
-6.7% |
ख. दालें |
8.7 |
9.5 |
8.7% |
तूर |
4.3 |
4.4 |
3.5% |
उड़द |
1.6 |
2.1 |
28.1% |
मूंग |
2.0 |
2.1 |
2.0% |
तिलहन |
24.0 |
23.4 |
-2.7% |
सोयाबीन |
12.9 |
12.7 |
-1.4% |
मूंगफली |
8.6 |
8.3 |
-3.5% |
कपास* |
35.4 |
36.2 |
2.4% |
गन्ना |
399.3 |
419.3 |
5.0% |
नोट: *मिलियन गाठें, प्रत्येक का वजन 170 किलोग्राम
स्रोत: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय; पीआरएस
वाणिज्य
स्टैंडिंग कमिटी ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर रिपोर्ट सौंपी
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
वाणिज्य संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: वी. विजयसाय रेड्डी) ने 11 सितंबर, 2021 को ‘निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी सुविधाओं का विस्तार’ विषय पर अपनी रिपोर्ट सौंपी।[88] कमिटी ने कहा कि विश्वव्यापी निर्यात में भारत का हिस्सा बहुत छोटा है (2.1%)। उसने यह भी कहा कि 2019-20 से भारतीय निर्यात में संकुचन आया है (2020 में 15.73% की गिरावट)। कमिटी के मुख्य सुझावों और निष्कर्षों में निम्नलिखित शामिल हैं:
कमिटी ने यह भी कहा कि निर्यातकों को अपनी निर्यात बाध्यता को पूरा करने में मुश्किलें आ रही हैं क्योंकि यह बाध्यता उस तारीख से गिनी जाती है, जिस तारीख से पूंजी उत्पाद के लिए आयात का ऑथराइजेशन जारी किया गया था। कमिटी ने निम्नलिखित सुझाव दिए हैं: (i) मशीनरी की कमीशनिंग की तारीख से निर्यात बाध्यता की अवधि की शुरुआत को गिना जाए, और (ii) इंस्टॉलेशन सर्टिफिकेट को सौंपने की समय अवधि में रियायत दी जाए।
रिपोर्ट पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
विदेशी व्यापार नीति 2015-2020 अगले साल मार्च तक प्रभावी रहेगी
Tushar Chakrabarty (tushar@prsindia.org)
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने विदेशी व्यापार नीति 2015-2020 की वैधता 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी है।[89] यह नीति अप्रैल 2015 में लागू की गई थी (मार्च 2020 तक)। कोविड-19 महामारी के कारण इसकी वैधता दो पहले भी बढ़ाई जा चुकी है: (i) मार्च 2021 में अगले वर्ष तक, और (ii) मार्च 2021 में छह महीने के लिए।[90],[91] भारत में विदेशी व्यापार का रेगुलेशन विदेशी व्यापार (विकास एवं रेगुलेशन) एक्ट, 1992 के अंतर्गत किया जाता है।[92] एक्ट के अनुसार, केंद्र सरकार देश के लिए विदेशी व्यापार नीति को तैयार करती है जिसे एक खास अवधि के लिए लागू किया जा सकता है। यह नीति व्यापार संवर्धन और उसे सुगम बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं का प्रावधान करती है।
परिवहन और मार्केटिंग योजना में संशोधन
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कुछ कृषि उत्पादों, जैसे डेयरी उत्पादों के लिए परिवहन एवं मार्केटिंग सहायता योजना में संशोधन किए हैं।[93] योजना को 2019 में शुरू किया गया था ताकि कृषि उत्पादों के निर्यातकों पर माल ढुलाई की लागत की क्षतिपूर्ति की जा सके। यह मार्च 2021 तक लागू था। संशोधित योजना निम्नलिखित का प्रावधान करती है: (i) डेयरी उत्पादों को सहायता के लिए पात्र बनाया गया है, और (ii) सहायता दर को समुद्री मार्ग से निर्यात करने पर 50% बढ़ाया गया है और हवाई मार्ग से निर्यात करने पर 100%। संशोधित योजना 31 मार्च, 2022 तक लागू होगी।
खनन
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
कोयला आधारित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए रोडमैप बनाने हेतु टास्क फोर्स और एक्सपर्ट कमिटी बनाई गई
कोयला मंत्रालय ने कोयला आधारित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए रोडमैप बनाने हेतु टास्क फोर्स और एक्सपर्ट कमिटी बनाई है।[94] टास्क फोर्स के संदर्भ की शर्तों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) हर स्टेकहोल्डर मंत्रालय की भूमिका को चिन्हित करना, (ii) स्टेकहोल्डर मंत्रालयों के साथ समन्वय, और (iii) सब-कमिटीज़ का गठन। कमिटी के संदर्भ की शर्तों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) भारत में एक्सपर्ट्स की पहचान, (ii) हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी में चालू परियोजनाओं की समीक्षा, (iii) राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी संस्थानों के साथ समन्वय, और (iv) हाइड्रोजन उत्पादन के लिए रोडमैप की तैयारी (इसमें आर्थिक वायबिलिटी, पर्यावरणीय स्थिरता और पॉलिसी एनेबलर्स शामिल हैं)।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण
Shashank Srivastava (shashank@prsindia.org)
भ्रष्टाचार निवारण एक्ट, 1988 के अंतर्गत विशेष प्रकार के मामलों की प्रोसेसिंग के लिए सोप्स जारी किए गए
कार्मिक, जन शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने भ्रष्टाचार निवारण एक्ट, 1988 के अंतर्गत विशेष मामलों की प्रोसेसिंग के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (सोप्स) जारी किए हैं।[95] इन मामलों में किसी लोक सेवक द्वारा अपने सरकारी कार्यों या दायित्वों को निभाने के दौरान कथित रूप से अपराध करना शामिल है।
एक्ट में किसी पुलिस अधिकारी के लिए यह अनिवार्य है कि वह ऐसे अपराधों के संबंध में पूछताछ, जांच या छानबीन करने से पहले संबंधित सरकार (केंद्र या राज्य सरकार) या संबंधित अथॉरिटी (कोई भी सक्षम अथॉरिटी) से पूर्व अनुमति ले।
सोप्स में निर्दिष्ट किया गया है कि लोक सेवक को अनुचित लाभ देने वाला कोई भी कार्य इस एक्ट के अंतर्गत ऐसे अपराधों को स्थापित करने के लिए प्रमुख मानदंड है। वे पूर्व अनुमति की प्रक्रिया को एक समान और प्रभावी तरीके से लागू करने का प्रावधान करते हैं। सोप्स की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
उर्जा
Aditya Kumar (aditya@prsindia.org)
बिजली संबंधी सभी योजनाओं की निगरानी के लिए जिला स्तरीय कमिटी गठित
ऊर्जा मंत्रालय ने केंद्र सरकार की बिजली संबंधित सभी योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करने के लिए जिला स्तरीय कमिटीज़ बनाने का आदेश जारी किया है।[96] कमिटी की मुख्य जिम्मेदारियों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: (i) बिजली संबंधी केंद्र सरकार की सभी योजनाओं की प्रगति और क्वालिटी संबंधी मुद्दों की समीक्षा, (ii) सब-ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क का विकास, (iii) बिजली सप्लाई की क्वालिटी और विश्वसनीयता के कार्यों के असर की समीक्षा, और (iv) शिकायत और शिकायत निवारण प्रणाली की समीक्षा और विकास। कमिटी बिजली क्षेत्र के सुधारों और उनके कार्यान्वयन की प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी और उनकी निगरानी को सुनिश्चित करेगी। तीन महीनों में कम से कम एक बार कमिटी की बैठक होगी।
जिला स्तरीय कमिटी में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) चेयरपर्सन के रूप में जिले के सबसे वरिष्ठ सांसद, (ii) को-चेयरपर्सन्स के रूप में जिले के अन्य सांसद, (iii) मेंबर सेक्रेटरी के रूप में जिला कलेक्टर, (iv) जिले के विधायक, (v) जिले में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के सबसे वरिष्ठ प्रतिनिधि या नॉमिनी, और (vi) चीफ इंजीनियर या संबंधित वितरण कंपनी या बिजली विभाग का सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर।
रीन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट व्यवस्था में संशोधन
बिजली मंत्रालय ने रीन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट (आरईसी) व्यवस्था में परिवर्तनों की घोषणा की है।[97] मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय बिजली रेगुलेटरी आयोग (सीईआरसी) इन प्रस्तावित परिवर्तनों को प्रभावी बनाने के लिए रेगुलेशंस जारी करेगा। आरईसी बाजार आधारित उपाय है जोकि रीन्यूएबल एनर्जी (आरई) को बढ़ावा देता है और रीन्यूएबल पर्चेज ऑब्लिगेशंस (आरपीओ) के अनुपालन को सुगम बनाता है। आरपीओ के अंतर्गत वितरण लाइसेंसी को अपनी बिजली संबंधी जरूरत का कुछ हिस्सा रीन्यूएबल सोर्स से खरीदना पड़ता है। मंत्रालय ने जून 2021 में आरईसी व्यवस्था की रीडिजाइनिंग पर एक परामर्श पत्र सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किया था।[98]
रीन्यूएबल पावर जनरेटर्स (आरईसी होल्डर) को आरईसी जारी किया जाता है। एक आरईसी रीन्यूएबल सोर्स से उत्पादित एक मेगावॉट घंटा बिजली का प्रतिनिधित्व करता है। कोई एंटिटी अपने आरपीओ को पूरा करने के लिए किसी आरईसी होल्डर से आरईसी खरीद सकती है। एक आरईसी खरीदने वाली एंटिटी के लिए यह माना जाता है कि उसने रीन्यूएबल सोर्स से एक मेगावॉट घंटा बिजली खरीद ली है। प्रस्तावित मुख्य परिवर्तनों में निम्नलिखित शामिल हैं:
बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 में ड्राफ्ट संशोधनों पर टिप्पणियां आमंत्रित
बिजली मंत्रालय ने बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 में ड्राफ्ट संशोधनों पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[99] 2020 के नियम बिजली एक्ट, 2003 के अंतर्गत अधिसूचित किए गए थे और बिजली उपभोक्ताओं के अधिकारों से संबंधित प्रावधान करते हैं।[100],[101] ड्राफ्ट नियमों के प्रस्तावित मुख्य संशोधनों में निम्नलिखित शामिल हैं:
इसके अतिरिक्त ड्राफ्ट संशोधनों में प्रस्ताव है कि डिस्कॉम को अस्थायी कनेक्शन के अनुरोधों पर तत्काल विचार करना चाहिए। ऐसे कनेक्शन प्री-पेमेंट मीटर का उपयोग करके 48 घंटों के भीतर दिए जाने चाहिए। इससे अस्थायी कामकाज के लिए डीजल जेनरेटिंग सेटों के इस्तेमाल से बचा जा सकता है।
ड्राफ्ट संशोधनों पर 21 अक्टूबर, 2021 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
ड्राफ्ट सीईआरसी (डेविएशन सेटेलमेंट व्यवस्था और संबंधित मामले) रेगुलेशंस, 2021 पर टिप्पणियां आमंत्रित
केंद्रीय बिजली रेगुलेटरी आयोग (सीईआरसी) ने ड्राफ्ट सीईआरसी (डेविएशन सेटेलमेंट व्यवस्था और संबंधित मामले) रेगुलेशंस, 2021 पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।[102],[103] ड्राफ्ट रेगुलेशंस यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि पावर ग्रिड के उपयोगकर्ता ग्रिड में बिजली निकासी और इंजेक्शन के शेड्यूल से डेविएट न हों। ग्रिड सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जाता है। ड्राफ्ट रेगुलेशंस अंतर-राज्यीय बिक्री और बिजली की खरीद में लगी सभी ग्रिड कनेक्टेड एंटिटीज़ पर लागू होगा।
ड्राफ्ट रेगुलेशंस में प्रस्ताव है कि खरीदार और विक्रेता को क्रमशः इंजेक्शन और निकासी के ब्लॉक समय से डेविएट होने पर कुछ शुल्क का भुगतान करना होगा। सभी क्षेत्रीय लोड डिस्पैच सेंटर्स को डेविएशन से जुड़ा डेटा संबंधित क्षेत्रीय पावर कमिटीज़ के सेक्रेटरी को उपलब्ध कराना होगा। कमिटीज़ के सेक्रेटरी डेटा और राज्य शुल्क की समीक्षा करेंगे। संबंधित एंटिटी को प्रभारों का विवरण जारी होने की तारीख से सात दिनों के भीतर प्रभारों का भुगतान करना होगा। विलंब के प्रत्येक दिन के लिए 0.04% की दर से विलंब भुगतान अधिभार लागू होगा।102
ड्राफ्ट रेगुलेशंस पर 8 अक्टूबर, 2021 तक टिप्पणियां आमंत्रित हैं।
शहरी विकास
भारत में अर्बन प्लानिंग की क्षमता में सुधार के लिए नीति आयोग की रिपोर्ट जारी; केंद्रीय क्षेत्र की योजना का सुझाव
Rajat Asthana (rajat@prsindia.org)
नीति आयोग ने सितंबर 2021 में ‘भारत में अर्बन प्लानिंग की क्षमता में सुधार’ पर अपनी रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011-36 के दौरान कुल जनसंख्या में 73% बढ़ोतरी के लिए शहरी वृद्धि ही जिम्मेदार होगी। इससे शहरीकरण के लाभ उठाने के अवसर मिलते है, साथ ही सतत विकास के लिए चुनौतियां भी पेश होती हैं। कमिटी के मुख्य निष्कर्षो और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
रिपोर्च पर पीआरएस सारांश के लिए कृपया देखें।
टेक्सटाइल
टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना अधिसूचित
टेक्सटाइल मंत्रालय ने टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना अधिसूचित की है।[104] इस योजना का उद्देश्य इंसेंटिव के जरिए कुछ मानव निर्मित फाइबर एपेरल और फैब्रिक्स, और तकनीकी वस्त्र उत्पादों के दस खंडों के उत्पादन को बढ़ावा देना है।104 तकनीकी वस्त्र नए जमाने के टेक्सटाइल्स हैं जिनकी एक निश्चित कार्यक्षमता होती है, और इन्हें प्राकृतिक या मानव निर्मित फाइबर का उपयोग करके बनाया जाता है (जैसे केवलर या स्पैन्डेक्स के रूप में), जो स्वास्थ्य सेवा, ऑटोमोबाइल, खेल और रक्षा जैसे क्षेत्रों में इस्तेमाल होते हैं।[105]
यह योजना वर्ष 2022-30 तक वैध है। योजना के अंतर्गत कुल खर्च 10,683 करोड़ रुपए होगा। अधिसूचित उत्पादों के उत्पादन के लिए योजना को विभिन्न संरचनाओं के साथ दो भागों में विभाजित किया गया है। केवल भारत में पंजीकृत एक मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी ही योजना में भाग लेने के लिए पात्र है। योजना के दोनों हिस्सों के अंतर्गत इंसेंटिव प्राप्त करने के लिए कंपनी को न्यूनतम निवेश और टर्नओवर के दोहरे मानदंडों को पूरा करना होगा (तालिका 6 देखें)। पहले दो वित्तीय वर्षों (2022-23 और 2023-24) को एक जेस्टेशन अवधि के रूप में माना जाएगा, जिसके बाद एक प्रतिभागी कंपनी से न्यूनतम टर्नओवर प्राप्त करने की उम्मीद की जाती है।
तालिका 6: भागीदारी और इंसेंटिव के लिए पात्रता मानदंड
|
न्यूनतम निवेश# (करोड़ रुपए में) |
न्यूनतम टर्नओवर (करोड़ रुपए में) |
पहलेवर्ष मे टर्नओवर पर इंसेंटिव## |
भाग-1 |
300 |
600 |
15% |
भाग-2 |
100 |
200 |
11% |
नोट: #संयंत्र, मशीनरी, उपकरण और लोक निर्माण (भूमि और प्रशासनिक भवन की लागत को छोड़कर) पर व्यय को निवेश माना जाता है। ##पहला वर्ष वित्तीय वर्ष 2024-25 है।
स्रोत: टेक्सटाइल्स मंत्रालय; पीआरएस।
योजना के तहत इंसेंटिव पांच साल (2025-26 से 2029-30) की अवधि के लिए उपलब्ध होंगे। पहले वर्ष (2024-25) में अधिसूचित उत्पादों के निर्माण और बिक्री के माध्यम से न्यूनतम कारोबार प्राप्त करने पर इंसेंटिव दिया जाएगा। पिछले वर्ष की तुलना में टर्नओवर में कम से कम 25% की वृद्धि प्राप्त करने पर बाद के वर्षों में इंसेंटिव दिया जाएगा। इन बाद के वर्षों में प्रोत्साहन दरों में हर साल 1% की कमी आएगी। एक साल पहले निवेश और प्रदर्शन लक्ष्य हासिल करने वाली कंपनियां एक साल पहले (यानी वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2028-29 के बीच) इंसेंटिव के लिए पात्र होंगी।
इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी
Saket Surya (saket@prsindia.org)
इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग के लिए पीएलआई योजना की अवधि एक वर्ष बढ़ाई गई
इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने अप्रैल 2020 में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को अधिसूचित किया था।[106] इस योजना के अंतर्गत पात्र कंपनियों को घरेलू स्तर पर निर्मित उत्पादों की वृद्धिशील बिक्री पर इंसेंटिव मिलता है (आधार वर्ष के रूप में 2019-20)। यह योजना मोबाइल फोन और सेमीकंडक्टर उपकरणों (ट्रांजिस्टर और डायोड) और सेंसर सहित निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक घटकों के निर्माण के लिए लागू है। पहले इस योजना को 2020-21 से 2024-25 के बीच पांच साल के लिए लागू किया जाना था। मंत्रालय ने योजना का कार्यकाल एक साल यानी 2025-26 तक बढ़ा दिया है। हालांकि, इस विस्तार के लिए कोई अतिरिक्त परिव्यय नहीं रखा गया है। पांच साल की अवधि के लिए स्वीकृत 38,601 करोड़ रुपए के परिव्यय को छह साल की अवधि के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।106
मीडिया एवं ब्रॉडकास्ट
Saket Surya (saket@prsindia.org)
पत्रकार कल्याण योजना के दिशानिर्देशों की समीक्षा करने के लिए कमिटी का गठन
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पत्रकार कल्याण योजना के दिशानिर्देशों की समीक्षा के लिए एक कमिटी (अध्यक्ष: श्री अशोक कुमार टंडन) का गठन किया।[107] यह योजना पत्रकारों और उनके परिवारों को आर्थिक तंगी की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान करती है।[108] निम्नलिखित स्थितियों में सहायता प्रदान की जाती है: (i) पत्रकार की मृत्यु, (ii) पत्रकार की विकलांगता के कारण जीविका में असमर्थता, (iii) बड़ी बीमारियों (जैसे कैंसर और लकवाग्रस्त होना) के इलाज की लागत, और (iv) ऐसी दुर्घटनाओं में गंभीर चोट जिनके कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। मंत्रालय ने कहा कि निम्नलिखित कारणों से इसकी समीक्षा की जरूरत थी: (i) कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में पत्रकारों की मौत, (ii) कामकाजी पत्रकारों की परिभाषा का विस्तार ताकि उसमें परंपरागत और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को शामिल किया जा सके, और (iii) योजना के तहत एक्रेडेशन प्राप्त और नॉन-एक्रेडेटेड पत्रकारों के बीच समानता पर विचार करने के लिए। कमिटी को अपने गठन की तारीख से दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।
[1] Ministry of Health and Family Welfare website, last accessed on October 1, 2021, https://www.mohfw.gov.in/index.html.
[2] “Cumulative Coverage Report of COVID-19 Vaccination”, Ministry of Health and Family Welfare, October 1, 2021, https://www.mohfw.gov.in/pdf/CummulativeCovidVaccinationReport30september2021.pdf.
[3] Guidelines for official document for COVID-19 Death, Ministry of Health and Family Welfare, September 3, 2021, https://health.tripura.gov.in/sites/default/files/upload_contents/MCCD.pdf.
[4] The Registration of Births and Deaths Act, 1969, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/11674/1/the_registration_of_births_and_deaths_act%2C_1969.pdf.
[5] Form 4 – Medical Certificate of Cause of Death, Office of the Registrar General and Census Commissioner, Government of India, as accessed on September 29, 2021, https://crsorgi.gov.in/web/uploads/download/MCCD_Form.pdf.
[6] Model Registration of Births and Deaths Rules, 1999, Office of the Registrar General and Census Commissioner, Government of India, https://crsorgi.gov.in/web/uploads/download/Births_and_Deaths_Rules_1999.pdf.
[7] Order No 40-3/2020-DM-I(A), Ministry of Home Affairs, September 28, 2021, https://www.mha.gov.in/sites/default/files/MHAOrderdt_28092021.pdf.
[8] “Department of Biotechnology Mission COVID Suraksha Supported Biological E Limited Novel Covid-19 Vaccine candidate – CORBEVAX receives DCGI approval for Two Clinical Trials", Press Information Bureau, Ministry of Science and Technology, September 3, 2021.
[9] “Press Statement by the Drugs Controller General of India (DCGI) on Restricted Emergency approval of COVID-19 virus vaccine”, Press Information of Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, January 3, 2021.
[10] “Russia’s Sputnik V has been approved for emergency use in India, Govt. authorises foreign-produced COVID vaccines with emergency approval of WHO-listed agencies”, Press Information of Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, April 13, 2021.
[11] Twitter handle of Press Information Bureau, June 29, 2021, https://twitter.com/PIB_India/status/1409843877482098688.
[12] Twitter handle of the Minister of Health and Family Welfare, Government of India, August 7, 2021, https://twitter.com/mansukhmandviya/status/1423915409791610886?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1423915409791610886%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fpib.gov.in%2FPressReleaseIframePage.aspx%3FPRID%3D1743567.
[13] “DBT-BIRAC supported ZyCoV-D developed by Zydus Cadila Receives Emergency Use Authorization”, Press Information Bureau, Ministry of Science and Technology, August 20, 2021.
[14] “DCGI approves Phase II/III clinical trial of COVAXIN in the age group of 2 to 18 Years”, Press Information of Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, May 13, 2021.
[15] CG-DL-E-29092021-230052, Gazette of India, Ministry of Finance, September 29, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/230052.pdf.
[16] “Indian visa or stay stipulation period of foreign nationals stranded in India due to COVID-19 pandemic to be considered as deemed to be valid till 30.09.2021”, Press Information Bureau, Ministry of Home Affairs, September 2, 2021.
[17] “Indian visa or stay stipulation period of foreign nationals stranded in India due to COVID-19 pandemic to be considered as deemed to be valid till 31.08.2021”, Press Information Bureau, Ministry of Home Affairs, June 4, 2021.
[18] No. 4/1/2020-IR, Director General of Civil Aviation, September 28, 2021, https://www.dgca.gov.in/digigov-portal/Upload?flag=iframeAttachView&attachId=150684415.
[19] No. 4/1/2020-IR, Director General of Civil Aviation, August 29, 2021, https://twitter.com/DGCAIndia/status/1421016706432995333/photo/1.
[20] Office Memorandum No. Z.28015/185/2021-DMCell, Ministry of Health and Family Welfare, August 31, 2021, https://www.mohfw.gov.in/pdf/AddendumtoGuidelinesonInternationalArrivaldated17thFebruary2021.pdf.
[21] Guidelines for international arrivals, Ministry of Health and Family Welfare, February 17, 2021, https://www.mohfw.gov.in/pdf/Guidelinesforinternationalarrivals17022021.pdf.
[22] “Cabinet approves major reforms in telecom sector”, Press Information Bureau, Union Cabinet, September 15, 2021.
[23] Starred Question No 329, Lok Sabha, Ministry of Communications, December 11, 2019, http://164.100.24.220/loksabhaquestions/annex/172/AS329.pdf.
[24] Union of India vs Association of Unified Telecom Service Providers of India and Others, Civil Appeal No 6328 of 2015, Supreme Court of India, October 24, 2019, https://main.sci.gov.in/supremecourt/2015/23627/23627_2015_4_1502_17864_Judgement_24-Oct-2019.pdf.
[25] “Recommendations on components of Adjusted Gross Revenue”, Telecom Regulatory Authority of India, September 13, 2006, https://www.trai.gov.in/sites/default/files/Recommendation21sep06_0.pdf.
[26] Developments in India’s Balance of Payments during the First Quarter (April-June) of 2021-22, Reserve Bank of India, September 30, 2021, https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR960D8FBE681A2174626B3EC1DD3D11031DC.PDF.
[27] F. No. 225/49/2021-ITA-II, Circular No. 17 of 2021, Central Board of Direct Taxes, Department of Revenue, Ministry of Finance, September 9, 2021, https://incometaxindia.gov.in/communications/circular/circular-no-17-of-2021.pdf.
[28] F. No. 225/49/2021-ITA-II, Circular No. 9 of 2021, Central Board of Direct Taxes, Department of Revenue, Ministry of Finance, May 20, 2021, https://www.incometaxindia.gov.in/communications/circular/circular_9_2021.pdf.
[29] S-31011/12/2021-DIR(NC), Department of Revenue, Ministry of Finance, September 24, 2021, http://www.gstcouncil.gov.in/sites/default/files/GoM-Dynamic/OM-GoM-on-Rate-Rationalization.pdf.
[30] S-31011/12/2021-DIR(NC), Department of Revenue, Ministry of Finance, September 24, 2021, http://www.gstcouncil.gov.in/sites/default/files/GoM-Dynamic/OM-GoM-GST-System-Reforms.pdf.
[31] Introduction of T+1 rolling settlement on an optional basis, Securities and Exchange Board of India, September 2, 2021, https://www.sebi.gov.in/legal/circulars/sep-2021/introduction-of-t-1-rolling-settlement-on-an-optional-basis_52462.html.
[32] Guidance Document on Product Structure for Cyber Insurance, Insurance Regulatory and Development Authority of India, September 8, 2021, https://www.irdai.gov.in/ADMINCMS/cms/whatsNew_Layout.aspx?page=PageNo4560&flag=1.
[33] IRDAI (Trade Credit Insurance) Guidelines, 2021, Insurance Regulatory and Development Authority of India, September 8, 2021, https://www.irdai.gov.in/ADMINCMS/cms/whatsNew_Layout.aspx?page=PageNo4561&flag=1.
[34] Guidelines on Trade Credit Insurance, Insurance Regulatory and Development Authority of India, March 10, 2016, https://www.irda.gov.in/ADMINCMS/cms/whatsNew_Layout.aspx?page=PageNo2783&flag=1.
[35] “Frequently Asked Questions regarding Central Government guarantee to back Security Receipts issued by National Asset Reconstruction Company Limited for acquiring of stressed loan assets”, Press Information Bureau, September 16, 2021.
[36] Tokenisation – Card Transactions: Permitting Card-on-File Tokenisation (CoFT) Services, Reserve Bank of India, September 7, 2021, https://rbi.org.in/Scripts/NotificationUser.aspx?Id=12159&Mode=0.
[37] Tokenisation of Card Transactions – Enhancements, Reserve Bank of India, September 7, 2021, https://rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=52188.
[38] Tokenisation – Card transactions, Reserve Bank of India, January 8, 2019, https://rbi.org.in/Scripts/NotificationUser.aspx?Id=11449&Mode=0.
[39] Master Direction – Reserve Bank of India (Securitisation of Standard Assets) Directions, 2021, Reserve Bank of India, September 24, 2021, https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_ViewMasDirections.aspx?id=12165.
[40] Guidelines on Securitisation of Standard Assets, Reserve Bank of India, February 1, 2006, https://www.rbi.org.in/Scripts/NotificationUser.aspx?Id=2723&Mode=0.
[41] Risk Management Framework (RMF) for Mutual Funds, Securities and Exchange Board of India, September 27, 2021, https://www.sebi.gov.in/legal/circulars/sep-2021/risk-management-framework-rmf-for-mutual-funds_52943.html.
[42] Risk Management System, Securities and Exchange Board of India, September 30, 2002, https://www.sebi.gov.in/circulars/2002/cirmfd15.html.
[43] SEBI Board Meeting, Securities and Exchange Board of India, September 28, 2021, https://www.sebi.gov.in/media/press-releases/sep-2021/sebi-board-meeting_52976.html.
[44] NFRA Consultation Paper on Statutory Audit and Auditing Standards for Micro, Small and Medium Companies (MSMCs), National Financial Reporting Authority, September 29, 2021, https://nfra.gov.in/sites/default/files/NFRAConsultationPaperMSMCs_0.pdf.
[45] Companies Act, 2013, Ministry of Corporate Affairs, https://www.mca.gov.in/Ministry/pdf/CompaniesAct2013.pdf.
[46] “Constitution of an Expert Committee on Sustainable Finance”, Press Information Bureau, IFSC Authority, September 30, 2021.
[47] Committee of Experts on Sustainable Finance, International Financial Services Centres Authority, September 30, 2021, https://ifsca.gov.in/IFSCACommittees#.
[48] Exposure Draft on IRDAI (Surety Insurance Contracts) Guidelines, 2021, Insurance Regulatory and Development Authority of India, September 8, 2021, https://www.irdai.gov.in/ADMINCMS/cms/whatsNew_Layout.aspx?page=PageNo4559&flag=1.
[49] Draft regulations relating to IIB, Insurance Regulatory and Development Authority of India, September 8, 2021, https://www.irdai.gov.in/ADMINCMS/cms/whatsNew_Layout.aspx?page=PageNo4557&flag=1.
[50] The Tribunal (Conditions of Service) Rules, 2021, Ministry of Finance, September 16, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/229684.pdf.
[51] The Tribunals Reforms Act, 2021, Ministry of Law and Justice, August 13, 2021, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2021/The%20Tribunals%20Reforms%20Act,%202021.pdf.
[52] The Tribunals Reforms (Rationalisation And Conditions Of Service) Ordinance, 2021, Ministry of Law and Justice, April 4, 2021, https://prsindia.org/files/bills_acts/bills_parliament/2021/Tribunals%20Reforms%20Ordinance%202021.pdf.
[53] Madras Bar Association vs Union of India, W.P.(C) No. 000502 of 2021, Supreme Court of India, July 14, 2021, https://main.sci.gov.in/supremecourt/2021/10688/10688_2021_36_1501_28573_Judgement_14-Jul-2021.pdf.
[54] S. P. Sampath Kumar Etc. versus Union of India and Ors., 1987 AIR 386, Supreme Court of India, December 9, 1986, https://main.sci.gov.in/judgment/judis/8881.pdf.
[55] Madras Bar Association versus Union of India and Anr., Civil appeal no. 3067 of 2004 and 3717 of 2005, Supreme Court of India, May 11, 2010, https://main.sci.gov.in/judgment/judis/36365.pdf.
[56] Madras Bar Association versus Union of India, 2014 (308) ELT209 (S.C.), Supreme Court of India, September 25, 2014, https://main.sci.gov.in/judgment/judis/41962.pdf.
[57] Rojer Mathew versus South Indian Bank Ltd & Ors., 2019 (369) ELT3 (S.C.), Supreme Court of India, November 13, 2019, https://www.sci.gov.in/pdf/JUD_4.pdf
[58] Madras Bar Association vs Union of India & Anr., Civil Writ Petition No. 804 of 2020, November 27, 2020, https://main.sci.gov.in/supremecourt/2020/16100/16100_202%200_35_1501_24869_Judgement_27-Nov-2020.pdf.
[59] The Narcotic Drugs and Psychotropic Substances (Amendment) Ordinance, 2021, September 30, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/230086.pdf.
[60] Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985, https://legislative.gov.in/sites/default/files/A1985-61.pdf.
[61] “Prime Minister of India launches countrywide Ayushman Bharat Digital Mission”, Press Information Bureau, Ministry of Health and Family Welfare, September 27, 2021.
[62] S.O. 3627 (E), Gazette of India, Ministry of Road Transport and Highways, September 3, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/229453.pdf.
[63] Motor Vehicles Act, 1988, Ministry of Road Transport and Highways, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1798/1/AAA1988___59.pdf.
[64] G.S.R. 615 (E), Gazette of India, Ministry of Road Transport and Highways, September 3, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/229454.pdf.
[65] G.S.R. 653 (E), Gazette of India, Ministry of Road Transport and Highways, September 23, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/229931.pdf.
[66] Motor Vehicles Act, 1988, Ministry of Road Transport and Highways, https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/1798/1/AAA1988___59.pdf.
[67] S.O. 4044 (E) – Production Linked Incentive (PLI) scheme for drones and drone components in India, Ministry of Civil Aviation, September 30, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/230076.pdf.
[68] “Railways plan to spread Rail based tourism among masses through leasing of coaching stock to interested parties to run them as theme based cultural, religious and other Tourist Circuit train”, Press Information Bureau, Ministry of Railways, September 11, 2021.
[69] G.S.R. 652 (E), Gazette of India, Ministry of Road Transport and Highways, September 23, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/229935.pdf.
[70] File: 13-20012/2/2020-ENGG - DGS, Draft Merchant Shipping (Provision of Waste Reception Facilities at Indian Ports) Rules, 2021, Ministry of Ports, Shipping and Waterways, September 13, 2021, https://www.dgshipping.gov.in/writereaddata/News/202109130230099389365Portreceptionfacilitiesrules-draftforlegislativeconsultation13-09-2021.pdf.
[71] Merchant Shipping Act, 1958, Ministry of Ports, Shipping and Waterways, https://legislative.gov.in/sites/default/files/A1958-44.pdf.
[72] “Government Notifies PLI Scheme for Automobile & Auto components”, Press Information Bureau, Ministry of Heavy Industries, September 24, 2021.
[73] S.O. 3946 (E), The Gazette of India, Ministry of Heavy Industries, September 23, 2021, https://dhi.nic.in/writereaddata/UploadFile/PLI%20Auto%20Scheme.pdf.
[74] S.O. 3947 (E), The Gazette of India, Ministry of Heavy Industries, September 23, 2021, https://dhi.nic.in/writereaddata/UploadFile/PLI%20AUto%20Guidelines.pdf.
[75] “Ministry of Education forms a National Steering Committee for the Development of National Curriculum Frameworks”, Press Information Bureau, Ministry of Education, September 21, 2021.
[76] National Education Policy 2020, Ministry of Education,
https://www.education.gov.in/sites/upload_files/mhrd/files/NEP_Final_English_0.pdf.
[77] G.S.R. 641(E), Gazette Of India, Ministry of Women and Child Development, September 20, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/229759.pdf.
[78] Juvenile Justice Act, 2015, Ministry of Women and Child Development, http://cara.nic.in/PDF/JJ%20act%202015.pdf.
[79] Adoption Regulations, 2017, http://cara.nic.in/PDF/Regulation_english.pdf.
[80] Convention of 29 May 1993 on Protection of Children and Co-operation in Respect of Intercountry Adoption, https://www.hcch.net/en/instruments/conventions/full-text/?cid=69.
[81] Hindu Adoption and Maintenance Act, 1956, https://tcw.nic.in/Acts/Hindu%20adoption%20and%20Maintenance%20Act.pdf.
[82] “Cabinet approves Continuation/Revisions/Modifications of Centrally Sponsored National Scheme for PM POSHAN in Schools for five more years”, Press Information Bureau, Cabinet Committee on Economic Affairs, September 29, 2021.
[83] Mid Day Meal Scheme, Ministry of Education, http://mdm.nic.in/mdm_website/.
[84] The Plastic Waste Management (Second Amendment) Rules, 2021, Ministry of Environment, Forest and Climate Change, September 17, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/229867.pdf.
[85] The Plastic Waste Management (Amendment) Rules, 2018, Ministry of Environment, Forest and Climate Change, March 27, 2018, https://cpcb.nic.in/displaypdf.php?id=cGxhc3RpY3dhc3RlL1BXTV9HYXpldHRlLnBkZg==.
[86] “Cabinet increases Minimum Support Prices (MSP) for Rabi crops for marketing season 2022-23”, Press Information Bureau, Cabinet Committee on Economic Affairs, September 8, 2021.
[87] “First Advance Estimates of production of major kharif crops released”, Press Information Bureau, Ministry of Agriculture and Farmers’ Welfare, September 21, 2021.
[88] Augmenting Infrastructure Facilities to Boost Exports, 164th Report, Department Related Parliamentary Standing Committee on Commerce, September 11, 2021, https://rajyasabha.nic.in/rsnew/Committee_site/Committee_File/ReportFile/13/141/164_2021_9_11.pdf.
[89] Directorate General of Foreign Trade, Department of Commerce, Ministry of Commerce & Industry, September 28, 2021, https://content.dgft.gov.in/Website/dgftprod/c6743e56-0ce1-4171-ba3c-c8506a8a6409/Notification%20no%2033%20english.pdf.
[90] “Foreign Trade Policy 2015-2020 extended for one year”, Press Information Bureau, Ministry of Commerce & Industry, March 31, 2020.
[91] “Foreign Trade Policy 2015-2020 extended for 6 months till September 2021”, Press Information Bureau, Ministry of Commerce & Industry, March 31, 2021.
[92] The Foreign Trade (Development and Regulation) Act, 1992, Legislative Department, Ministry of Law and Justice, https://legislative.gov.in/sites/default/files/A1992-22_0.pdf.
[93] “Centre Revises "Transport and Marketing Assistance" (TMA) scheme for Specified Agriculture Products”,Press Information Bureau, Ministry of Commerce and Industry, September 10, 2021.
[94] “Ministry of Coal Constitutes Task Force and Expert Committee to Prepare Road Map for Coal based Hydrogen Production”, Press Information Bureau, Ministry of Coal, September 7, 2021.
[95] “No. 428/07/2021 – AVD.IV(B)”, Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions, September 3, 2021, https://documents.doptcirculars.nic.in/D2/D02ser/SOP-Processing-under-Section-17A-of-Preservation-of-Corruption-Act3pX4G.pdf.
[96] “District Level Committees to be constituted which shall exercise oversight over all power related schemes of Government of India: Power Ministry”, Press Information Bureau, Ministry of Power, September 17, 2021.
[97] “Ministry of Power Redesigns Renewable Energy Certificate (REC) Mechanism”, Press Information Bureau, Ministr of Power, September 29, 2021.
[98] No. 23/6/2021-R&R Part 1 – Seeking comments on Discussion paper on redesigning the Renewable Energy Certificate (REC) Mechanism, Ministry of Power, June 4, 2021, https://powermin.gov.in/sites/default/files/revised_discussion_paper_on_REC_mechanism_07_June_2021.pdf.
[99] The Draft Electricity (Rights of Consumers) Amendment Rules, 2021, Ministry of Power, September 30, 2021, https://powermin.gov.in/sites/default/files/webform/notices/Seeking_comments_on_draft_electricity_rights_of_consumers_amendment_rules_2021.pdf.
[100] The Electricity (Rights of Consumers) Rules, 2020, Ministry of Power, https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/final%20-%20Copy%202.pdf.
[101] The Electricity Act, 2003, Ministry of Law and Justice, May 26, 2003, https://cercind.gov.in/Act-with-amendment.pdf.
[102] Public Notice No. L-1/260/2021/CERC, Central Electricity Regulatory Commission, September 7, 2021, https://cercind.gov.in/2021/draft_reg/Notice%20for%20Publication-DSM-1.pdf.
[103] Notification No. L-1/260/2021/CERC, Central Electricity Regulatory Commission, September 7, 2021, https://cercind.gov.in/2021/draft_reg/Draft%20DSM%20Regulations_070921.pdf.
[104] F. No. 12015/03/2020-IT, Gazette of India, September 24, 2021, https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/229974.pdf.
[105] Technical Textiles: The Future of Textiles, Strategic Investment Research Unit (SIRU), Invest India, August 19, 2020, https://www.investindia.gov.in/siru/technical-textiles-future-textiles.
[106] “Notification for Extension of PLI Scheme for Large Scale Electronics Manufacturing”, Ministry of Electronics and Information Technology, September 23, 2021, https://www.meity.gov.in/content/notification-extension-pli-scheme-large-scale-electronics-manufacturing.
[107] “Ministry constitutes Committee to review guidelines of Journalist Welfare Scheme”, Press Information Bureau, Ministry of Information and Broadcasting, September 2, 2021.
[108] Revised Guidelines for Journalist Welfare Scheme, Ministry of Information and Broadcasting, March 5, 2019, https://mib.gov.in/sites/default/files/Revised%20guidelines%20for%20Journalist%20Welfare%20Scheme%20-%20English%20Version_0.pdf.
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