- असम सार्वजनिक सुरक्षा (उपाय) प्रवर्तन बिल, 2023 को 10 मार्च, 2023 को असम विधानसभा में पेश किया गया। बिल सरकार के साथ-साथ निजी प्रतिष्ठानों में सार्वजनिक सुरक्षा उपायों के लिए प्रावधान करने का प्रयास करता है। बिल की प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
- सार्वजनिक सुरक्षा उपाय: बिल निर्दिष्ट प्रतिष्ठानों और आवासीय भवनों के लिए यह अनिवार्य करता है कि वे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कुछ उपाय करें। इसके लिए उन्हें निम्नलिखित स्थापित करना होगा: (i) फिजिकल और तकनीकी साधनों के माध्यम से एक्सेस कंट्रोल, और (ii) सभी एंट्री और एक्जिट प्वाइंट्स तथा कॉमन एरियाज़ में क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे। सीसीटीवी कैमरों को 30 दिनों के वीडियो फुटेज को स्टोर करना होगा और जब भी जरूरत हो, पुलिस को उपलब्ध कराना होगा। प्रतिष्ठानों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ऐसा कोई भी व्यापार स्थल या कार्यालय जहां कम से कम पांच लोग काम करते हों, (ii) सरकारी भवन, सार्वजनिक संस्थान, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन, (iii) औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, (iv) स्कूल, कॉलेज, खेल परिसर, अस्पताल, सिनेमा हॉल, सभा स्थल, और स्टोरेज बिल्डिंग, और (v) राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य प्रतिष्ठान। आवासीय भवन आवासीय उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली इमारत को कहा जाता है जो: (i) जमीन से ऊपर और दो मंजिला हैं और (ii) जिसमें एक या एक से अधिक परिवार की आवासीय इकाइयां या आवास हैं।
- उपायों को लागू करने की समय अवधि: बाध्य संस्थाओं को एक्ट के लागू होने के एक वर्ष के भीतर या प्रतिष्ठानों के मामले में लाइसेंस के नवीनीकरण की नियत तारीख से पहले, जो भी पहले हो, आवश्यक उपायों को लागू करना होगा।
- समय-समय पर रिटर्न: बाध्य संस्थाओं को हर छह महीने में यह प्रमाणित करते हुए रिटर्न दाखिल करना होगा कि आवश्यक उपाय चालू हैं।
- परिसर का निरीक्षण: एक पुलिस इंस्पेक्टर सार्वजनिक सुरक्षा उपायों के परिचालन की जांच करने के लिए किसी इकाई के परिसर में प्रवेश कर सकता है। इसके लिए इंस्पेक्टर को पहले नोटिस देना होगा। बिल के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में, इंस्पेक्टर को सहायक पुलिस आयुक्त, पुलिस उपाधीक्षक, या उस क्षेत्राधिकार वाले उप मंडल पुलिस अधिकारी को एक रिपोर्ट भेजनी होगी।
- अनुपालन न करने पर दंड: इंस्पेक्टर से रिपोर्ट मिलने पर संबंधित अधिकारी उल्लंघन करने वाली इकाई को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। कारण बताओ नोटिस के 15 दिनों के भीतर अनुपालन करना जरूरी होगा। निर्धारित अवधि में अनुपालन न करने पर, निम्नलिखित जुर्माना लगाया जाएगा: (i) डिफ़ॉल्ट के पहले महीने के लिए 5,000 रुपए और (ii) डिफ़ॉल्ट के दूसरे महीने के लिए 10,000 रुपए। दो माह में भी उल्लंघन न होने की स्थिति में इंस्पेक्टर परिसर को सील कर देगा और प्रतिष्ठान के लाइसेंसिंग प्राधिकारी को रिपोर्ट भेजेगा।
- लाइसेंसिंग प्राधिकारी उल्लंघन करने वाली संस्था को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा और लाइसेंसिंग से संबंधित कानून के तहत कार्रवाई शुरू करेगा।
- अपील: संस्था पर कार्रवाई के खिलाफ आदेश के 30 दिनों के भीतर पुलिस आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, या किसी अन्य निर्धारित अधिकारी के पास अपील दायर की जा सकती है।
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