बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश

विधायकों (एमएलएज़) के वेतन और भत्तों में संशोधन करने वाले अध्यादेश और नियम

 

मुख्य विशेषताएं

  • एमएलए, एमएलसी, मंत्रियों और व्हिप के वेतन और भत्तों में 15से 30% की कटौती के लिए संशोधन 
  • यह कटौती एक वर्ष की अवधि के लिए की गई है और 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी है

विचारणीय मुद्दे

  • विधायक अपने वेतन खुद तय करते हैं। क्या कोई वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जा सकती है। 
  • क्या उनके वेतन की तुलना वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के वेतन से की जा सकती है
  • वेतन कटौती का वित्तीय असर बहुत कम होगा 

 भारत के अधिकतर राज्यों में विधायक कानून पारित करके अपना वेतन और भत्ते निर्धारित करते हैं। बिहार जैसे कुछ राज्यों में कानून पारित किया गया है जोकि राज्य सरकार को विधायकों के मेहनताने को निर्धारित और संशोधित करने का अधिकार देता है।[1]  अप्रैल 2020 में छह राज्यों ने अपने विधायकों (एमएलए और एमएलसी), मंत्रियों, अध्यक्ष और व्हिप के मेहनताने में कटौती की। ये राज्य हैं, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश।[2],[3],[4],[5],[6],[7]  ऐसा कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण किया गया ताकि राज्य सरकारों को राहत उपायों के लिए अतिरिक्त धनराशि प्राप्त हो।[8] आंध्र प्रदेश, ओड़िशा और तेलंगाना जैसे अन्य राज्यों ने विधायकों (एमएसए और एमएलसी) और मंत्रियों के वेतन को स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं।[9]  इस नोट में बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश के उन अध्यादेशों और नियमों पर चर्चा की गई है जिसमें विधायकों के वेतन और भत्तों में कटौती के प्रावधान हैं। 

 

 

 

 

मुख्य विशेषताएं

  • एमएलए और एमएलसीगुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश ने एमएलएज़ और एमएलसीज़ के मूल वेतन और कुछ भत्तों में 30की कटौती करने के लिए अध्यादेश जारी किए हैं। बिहार सरकार ने वेतन और भत्तों का प्रावधान करने वाले नियमों में संशोधन किया है ताकि विधायकों के वेतन में 15% की कटौती की जा सके। ये संशोधन एक वर्ष की अवधि हेतु किए गए हैं और 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी हैं।7  तालिका 1 में इन राज्यों में विधायकों के पूर्व और मौजूदा मेहनताने के बीच तुलना की गई है। 

तालिका 1: पांच राज्यों ने विधायकों के वेतन-भत्तों में 30और बिहार ने 15की कटौती की

विषय

पूर्व पात्रता (रुपए प्रति माह में)

नई पात्रता (रुपए प्रति माह में)

बिहार7

   

मूल वेतन

40,000

34,000

गुजरात4

   

मूल वेतन

78,800

55,160

हिमाचल प्रदेश5

   

मूल वेतन

55,000

38,500

निर्वाचन क्षेत्र भत्ता

90,000

63,000

कर्नाटक3

   

वेतन और भत्ता

1,40,000

98,000

केरल2

 

   

मूल वेतन

2,000

1,400

निर्वाचन क्षेत्र भत्ता

25,000

17,500

टेलीफोन भत्ता

11,000

7,700

सूचना भत्ता

4,000

2,800

सत्कार भत्ता 

8,000

5,600

उत्तर प्रदेश6

   

मूल वेतन

25,000

17,500

निर्वाचन क्षेत्र भत्ता

50,000

35,000

सचिवालयी भत्ता

20,000

14,000

         

NoteThe given changes in all these states are being made for a period of one year, effective from April 1, 2020.  

SourcesActs and Ordinances providing and amending salaries and allowances of MLAs and MLCs – please see endnotes for details; PRS.

  • मुख्यमंत्री, मंत्री, व्हिप, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष: गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल और उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री, मंत्री, व्हिप, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के मूल वेतन और कुछ भत्तों में 30% कटौती के लिए अध्यादेश जारी किए। इन भत्तों में सत्कार भत्ता, महंगाई भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र भत्ता शामिल है। एक वर्ष की अवधि के लिए संशोधन किए गए हैं और ये 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी हैं।7 अनुलग्नक की तालिका 5 में मंत्रियों, अध्यक्षों और नेता प्रतिपक्ष एवं व्हिप इत्यादि की पूर्व और वर्तमान पात्रता के बीच तुलना की गई है।

 

विचारणीय मुद्दे

अध्यादेश और नियमों में विधायकों के वेतन को कम किया गया है। विधायकों के वेतन से संबंधित मुद्दे बहुत जटिल हैं। एक प्रश्न यह है- विधायकों का यथोचित वेतन क्या है, यह कौन तय करेगा। इसके अतिरिक्त यह भी कौन तय करेगा कि उनका यथोचित वेतन क्या होना चाहिए। चूंकि कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम हेतु धन जुटाने के लिए वेतन में कटौती की गई है, दूसरा सवाल यह है कि क्या इन उपायों से पर्याप्त धनराशि जुटाई जा सकती है। हम यहां इन मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।  

विधायकों के वेतन का निर्धारण

वेतन निर्धारण की प्रक्रिया 

संविधान के अनुच्छेद 106 और 195 में सांसदों और विधायकों को यह शक्ति प्रदान की गई है कि वे क्रमशः संसद और संबंधित विधानमंडलों में कानून पारित करके अपने वेतन और भत्ते निर्धारित कर सकते हैं।[10]  राज्य विधानमंडल समय समय पर वेतन में संशोधन के लिए कानून पारित करते हैं, या बिहार जैसे कुछ राज्यों ने कानून पारित करके यह शक्ति राज्य सरकार को दे दी है।1 इससे हितों के टकराव का प्रश्न भी उठता है।

संसद और भारत के कुछ राज्यों ने विधायकों के वेतन और भत्तों को निर्धारित करने वाले कानूनों में संशोधन किए हैं ताकि हितों में टकराव को कम किया जा सके और नियमित संशोधन किए जा सकें। उदाहरण के लिए 2018 में फाइनांस एक्ट के जरिए संसद ने 1954 के उस एक्ट में संशोधन किए जोकि संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन का प्रावधान करता है। इस संशोधन में यह प्रावधान है कि सांसदों के वेतन, दैनिक भत्ते और पेंशन को हर पांच वर्ष में बढ़ाया जाएगा और इसका आधार इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के अंतर्गत प्रदत्त लागत मुद्रास्फीति सूचकांक होगा।[11]  कुछ राज्यों ने अपने विधायकों के वेतन को प्रशासनिक कर्मचारियों के वेतन के बराबर कर दिया है।[12] उदाहरण के लिए महाराष्ट्र ने इसे राज्य सरकार के प्रमुख सचिव के न्यूनतम मूल वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) के बराबर कर दिया है, जबकि गुजरात ने उप सचिव के न्यूनतम मूल वेतन और डीए के बराबर कर दिया है।12

ऑस्ट्रेलिया और यूके जैसे संसदीय लोकतांत्रिक देशों में लेजिसलेटर्स के वेतन को निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र अथॉरिटीज़ नियुक्त की जाती हैं।[13] उदाहरण के लिए यूके में एक स्वतंत्र पार्लियामेंटरी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी सांसदों के वेतन और उनमें संशोधनों का निर्धारण करती है। इस अथॉरिटी के सदस्यों में पूर्व सांसद, प्रशिक्षित ऑडिटर और न्यायिक पद पर रहे व्यक्ति शामिल होते हैं।[14] फ्रांस जैसे अन्य देशों में सांसदों को उतना वेतन मिलता है, जितना औसत वेतन सर्वोच्च पद वाले प्रशासनिक अधिकारियों को मिलता है।13 तालिका 2 में प्रदर्शित किया गया है कि विधि निर्माताओं के वेतन को निर्धारित करने के लिए विभिन्न देशों में क्या तरीके अपनाए जाते हैं।

तालिका 2: विभिन्न लोकतांत्रिक देशों में वेतन तय करने के तरीके 13 

देश

विधि निर्माताओं के वेतन तय करने की प्रक्रिया

मुद्रास्फीति के अनुसार वेतन

भारत

सांसदों का वेतन: लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर हर पांच वर्ष में वृद्धि

कनाडा

पिछले वर्ष के औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार हर वर्ष समायोजित

स्वतंत्र अथॉरिटी द्वारा निर्धारित वेतन 

युनाइडेट किंगडम

अथॉरिटी में पूर्व सांसद, पूर्व जज और ऑडिटर शामिल; सार्वजनिक क्षेत्र की औसत आय के अनुसार वेतन में वार्षिक संशोधन 

ऑस्ट्रेलिया

अथॉरिटी में सरकार, अर्थशास्त्र, कानून और सार्वजनिक प्रशासन के क्षेत्र के सदस्य शामिल, वेतन में वार्षिक संशोधन

न्यूजीलैंड

अथॉरिटी में जज, सांसद औऱ स्वतंत्र सांविधिक निकायों के सदस्य शामिल, विधि निर्माता की संसदीय स्थिति पर आधारित 

प्रशासनिक कर्मचारियों के वेतन के अनुसार वेतन 

फ्रांस

सर्वोच्च पद पर सर्वाधिक एवं निम्नतम वेतन पाने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के औसत वेतन के आधार पर वेतन निर्धारित। प्रशासनिक अधिकारियों के वेतन को संसद के ट्रेज़रार्स (तीन सांसद) द्वारा निर्धारत किया जाता है। 

 SourcesVarious government websites of respective countriesplease see endnotes for details; PRS.

उल्लेखनीय है कि अगस्त, 2015 में दिल्ली विधानसभा ने एक स्वतंत्र कमिटी का गठन किया था। इस कमिटी का काम दिल्ली के विधायकों के वेतन और भत्तों का अध्ययन करना और उनके संबंध में सुझाव देना था।[15] कमिटी के सदस्यों में लोकसभा के पूर्व महासचिव, एक वरिष्ठ पत्रकार और सर्वोच्च न्यायालय के वकील शामिल थे।15 कमिटी के सुझावों के आधार पर दिल्ली विधानसभा में नया बिल पारित किया गया जिसके अंतर्गत दिल्ली के विधायकों का मूल मासिक वेतन 12,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए किया गया और दूसरे भत्ते भी बढ़ाए गए। हालांकि 2016 में लेफ्टिनेंट गवर्नर ने इस बिल को लौटा दिया और इस कारण इस बिल का अधिनियमन लंबित है।[16]  

भारत के कुछ राज्यों ने सरकारी अधिकारियों के मेहनताने की जांच और उनमें संशोधन के लिए स्वतंत्र आयोगों की नियुक्ति की है। उदाहरण के लिए केरल सरकार सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन में संशोधन के लिए समय समय पर वेतन आयोगों का गठन करती है।[17]  इन आयोगों में सरकारी सेवा का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश या वकील शामिल होते हैं। केंद्र सरकार भी अपने कर्मचारियों और पेंशनयाफ्ता कर्मचारियों की वेतन संरचना में संशोधन के लिए हर दस साल में एक बार स्वतंत्र वेतन आयोग का गठन करती है।[18] 

राज्य के अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ विधायकों के वेतन की तुलना 

दिल्ली के विधायकों के वेतन और भत्तों का अध्ययन करने वाली स्वतंत्र कमिटी ने कहा था कि विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्र, सार्वजनिक कार्यों और विधि निर्माण की जिम्मेदारियों के कारण अनेक प्रकार के खर्चे करने पड़ते हैं।15  उसने यह भी कहा था कि भारत में विधायकों का वेतन इतना नहीं कि उनके खर्चे पूरे कर सके और उनके काम की गुणवत्ता में इजाफा कर सके।15 यहां यह प्रश्न उठता है कि विधायक अपना काम प्रभावशाली तरीके से कर सकें, इसके लिए उन्हें कितना यथोचित मेहनताना मिलना चाहिए। 

तालिका 3 में देश के विधायकों के मूल वेतन और राज्य स्तरीय सरकारी अधिकारियों के वेतन के बीच तुलना की गई है। इस तालिका में हम देख सकते हैं कि विधायकों का मासिक मूल वेतन, राज्य के प्रमुख सचिव के मूल वेतन के आधे से भी कम है।  

तालिका 3: विधायकों का वेतन राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से काफी कम है 

पद

कोविड-19 से पहले वेतन (रुपए प्रति माह)

राज्यों में विधायकों का वेतन

2,000 – 78,800

राज्य चुनाव आयुक्त 

2,50,000

राज्य का राज्यपाल

3,50,000

राज्य का प्रमुख सचिव

2,25,000

उच्च न्यायालय का न्यायाधीश

2,25,000

डीजी पुलिस

2,25,000

NoteThis table only gives the basic pay and does not include allowances, such as daily allowance, housing, medical care, and pensions.  

SourcesActs of states providing salaries and allowances of MLAs; Seventh Pay Commission; the Election Commission (Condition of Service of Election Commissions and Transaction of BusinessAct, 1991; the Governors (Emoluments, Allowances and PrivilegesAct, 1982; the High Court and the Supreme Court Judges (Salaries and Conditions of ServiceAmendment Act, 2017; PRS.

कोविड-19 की रोकथाम हेतु संशोधनों का प्रभाव 

विधायकों (एमएलए और एमएलसी), मंत्रियों, अध्यक्षों और व्हिप के वेतन और भत्तों में कटौती संबंधी संशोधन इसलिए किए गए हैं ताकि कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए संसाधन जुटाए जा सकें।8  यहां यह प्रश्न उठता है कि क्या विधायकों का वेतन कम करने से इस महामारी की रोकथाम के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी। 

तालिका 4 में 2020-21 में राज्यों के कुल बजटीय व्यय की तुलना में इन कटौतियों के कारण उनकी बचत के अनुमान को पेश किया गया है। उल्लेखनीय है कि इन राज्यों में प्रति वर्ष कुल बचत बिहार में 2.1 करोड़ रुपए से लेकर उत्तर प्रदेश में 17.4 करोड़ रुपए तक है। इससे प्रदर्शित होता है कि महामारी की रोकथाम हेतु संसाधन जुटाने के लिए विधायकों के वेतन-भत्तों में कटौती जैसे उपायों का राज्य की वित्तीय स्थिति पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला।  

तालिका 4: वेतन में कटौती के जरिए बहुत अधिक बचत नहीं होगी (प्रति वर्ष करोड़ रुपए) 

राज्य

कुल बजट 

कुल बजटीय व्यय

2020-21

कुल बजटीय व्यय में कुल बजत का %

बिहार

2.1

2,11,761

0.001%

गुजरात

5.8

2,14,133

0.003%

हिमाचल प्रदेश

4.3

49,131

0.009%

कर्नाटक

15.9

2,37,893

0.007%

केरल

3.1

1,44,265

0.002%

उत्तर प्रदेश

17.4

5,12,861

0.003%

SourcesActs of states providing and amending salaries and allowances of MLAs, MLCs, Ministers, Whips, Speakers, and Leader of Opposition; Budget Documents 2020-21 for Bihar, Gujarat, Himachal Pradesh, Karnataka, Kerala, and Uttar Pradesh; PRS.

अनुलग्नक

तालिका 5: मंत्रियों, व्हिप, अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के मेहनतानों में भी कटौती

पद और विषय

पूर्व पात्रता

नई पात्रता

(रुपए प्रति माह)

(रुपए प्रति माह)

गुजरात4

अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री, उपमंत्री और नेता प्रतिपक्ष

मूल वेतन

98,500

68,950

हिमाचल प्रदेश5

अध्यक्ष, उपाध्यक्ष

सत्कार भत्ता

95,000

66,500

मंत्री, मुख्य व्हिप, उप मुख्य व्हिप 

सत्कार भत्ता 

90,000

63,000

मुख्यमंत्री

तय वेतन

95,000

66,500

कैबिनेट मंत्री, मुख्य व्हिप

तय वेतन

80,000

56,000

अध्यक्ष

तय वेतन

80,000

56,000

राज्य मंत्री, उप मुख्य व्हिप

तय वेतन

78,000

54,600

उप राज्यमंत्री 

तय वेतन

75,000

52,500

उपाध्यक्ष

तय वेतन

75,000

52,500

कर्नाटक3

मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद अध्यक्ष

तय वेतन

50,000

35,000

सत्कार भत्ता 

25,000

17,500

मंत्री

तय वेतन

40,000

28,000

सत्कार भत्ता

25,000

17,500

विधान परिषद उपाध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष

तय वेतन

40,000

28,000

सत्कार भत्ता 

16,667

11,667

राज्य मंत्री, सरकारी मुख्य व्हिप और विपक्ष का मुख्य व्हिप 

तय वेतन

35,000

24,500

सत्कार भत्ता 

16,667

11,667

उप मंत्री

तय वेतन

30,000

21,000

सत्कार भत्ता 

12,500

8,750

केरल2

मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य व्हिप, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष

तय वेतन

2,000

1,400

महंगाई भत्ता

19,400

13,580

निर्वाचन क्षेत्र भत्ता

40,000

28,000

उत्तर प्रदेश6

मुख्यमंत्री, मंत्री और राज्य मंत्री

मूल वेतन

40,000

28,000

Note:  The given changes in all these states are being made for a period of one year, effective from April 1, 2020.  For Karnataka, the table does not cover certain allowances such as travel allowance, and daily allowance.

SourcesVarious Acts and Ordinances of these states providing and amending salaries and allowances of various state constitutional positions – please see endnotes for details; PRS.

 

[1] Bihar Legislature (Members Salary, Allowance and PensionAct, 2006, http://vidhansabha.bih.nic.in/pdf/member_salary_acts.pdf.

[2] The Payment of Salaries and Allowances (AmendmentOrdinance, 2020https://prsindia.org/files/covid19/notifications/4442.KL_Salaries_Ordinance_2020_Apr%2030.pdf; Kerala Payment of Salaries and Allowances Act, 1951, http://www.niyamasabha.org/codes/14kla/The%20kerala%20Payment%20of%20Salaries%20and%20Allowances%20-Act.pdf; Revised rates of Dearness Allowance for state government employees, April 2019,  http://www.finance.kerala.gov.in/includeWeb/fileViewer.jsp?dId=b8yh2sf4uc7xc7xf

[3] Karnataka Legislature Salaries, Pensions and Allowances and certain other law (AmendmentOrdinance, 2020https://prsindia.org/files/covid19/notifications/3127.KA_Salaries_Pension_Ordinance_2020_Apr%2010.pdfFacilities to Members of Karnataka Legislaturehttp://www.kla.kar.nic.in/council/FTMANDEXM.PDFKarnataka Legislature Salaries, Pensions and Allowances Act, 1956https://indiacode.nic.in/bitstream/123456789/7160/1/2%20of%201957%28E%29.pdf;  Karnataka Ministers Salaries and Allowances Act, 1956, http://dpal.kar.nic.in/pdf_files/5%20of%201957(E).pdf

[4] Gujarat Salaries and Allowances of Members, Speaker and Deputy Speaker of the Gujarat Legislative Assembly, Ministers and Leader of the Opposition Laws (AmendmentOrdinance, 2020https://prsindia.org/files/covid19/notifications/5214.GJ_Ordinance_MLA_Salaries_Reduction_Apr%208.pdfSalaries and Allowances to the Member of the Legislative Assemblyhttp://www.gujaratassembly.gov.in/mlafacility.htmGujarat Salaries and Allowances of Members, Speaker and Deputy Speaker of the Gujarat commencementLegislative Assembly, Ministers and Leader of the Opposition Laws (AmendmentAct, 2018, https://lpd.gujarat.gov.in/assets/downloads/ACT_NO_18_OF_2018.PDF

[5] Himachal Pradesh Regulation of Salaries and Allowances of different categories in Certain Exigencies Ordinance, 2020https://prsindia.org/files/covid19/notifications/6754.HP_ordinance_salaries_legislators_apr_11.pdfSalary and Allowances of Speaker, Deputy Speaker and Members Himachal Pradeshhttps://hpvidhansabha.nic.in/Home/FormFilePdf?filepathName=http%3A%2F%2F10.25.128.163%2FFileStructure%2FAssemblyFiles%2F12%2F19.pdf&Filename=%2FAssemblyFiles%2F12%2F19.pdfSalaries and Allowances of Ministers (Himachal PradeshAct, 2000https://indiacode.nic.in/bitstream/123456789/5729/1/the_salaries_and_allowances_of_ministers_%28himachal_pradesh%29_act%2C_2000.pdfSalaries, Allowances and Other Benefits of the Chief Whip and the Deputy Chief Whip in the Legislative Assembly of Himachal Pradesh Act, 2018, https://indiacode.nic.in/bitstream/123456789/3335/1/CHIEF%20WHIP%20OF%20HP.pdf

[6] Uttar Pradesh State Legislature (Members Emoluments and Pension) (AmendmentOrdinance, 2020https://prsindia.org/files/covid19/notifications/6972.UP_Ordinance%20MLA%20MLC%20Salary_April%2011.pdfUttar Pradesh Ministers (Salaries, Allowances and Miscellaneous Provisions) (AmendmentOrdinance, 2020https://prsindia.org/files/covid19/notifications/6976.UP_Ordinance%20Ministers'%20Salary_April%2011.pdfUttar Pradesh State Legislature (Members Emoluments and PensionAct, 1980http://uplegisassembly.gov.in/getImageHandler.ashx?ID=21267&con=11Uttar Pradesh State Legislature (Members' Emoluments and Pension) (AmendmentAct, 2016http://www.upvidhai.gov.in/MediaGallery/21_of_2016.pdfUttar Pradesh Ministers (Salaries, Allowances and Miscellaneous ProvisionsAct, 1981, http://uplegisassembly.gov.in/getImageHandler.ashx?ID=21244&con=11

[7] Bihar State Legislature (Members’ Salaries, Emoluments and Pension) (AmendmentRules, 2020, April 17, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/BR_MLA_Salaries_Amendment_Rules_Apr_17.pdf

[8] Gujarat Salaries and Allowances of Members, Speaker and Deputy Speaker of the Gujarat Legislative Assembly, Ministers and Leader of the Opposition Laws (AmendmentOrdinance, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/5214.GJ_Ordinance_MLA_Salaries_Reduction_Apr%208.pdf.

[9] Order no27, Certain austerity measures due to economic slowdown, Finance Department of Telangana, March 30, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/1682.TS_salaries_deferment_MAr_30.PDF; Order no26, Deferment of payment of salaries, Finance Department of Andhra Pradesh, March 31, 2020, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/1330.AP_deferrement_salaries_mar_31.PDF; Order no13686/F, Deferment of salary in view of economic impact of COVID-19, Finance Department of Odisha, https://prsindia.org/files/covid19/notifications/1147.OD_Deferment_salary_Mar_31.pdf.

[11] Finance Act, 2018, March 29, 2018, http://egazette.nic.in/writereaddata/2018/184302.pdf.

[12] Maharashtra Legislature Members’ Salaries and Allowances Act, 1956, https://indiacode.nic.in/bitstream/123456789/7833/1/mah._xlix_of_1956.pdfGujarat Salaries and Allowances of Members, Speaker and Deputy Speaker of the Gujarat commencementLegislative Assembly, Ministers and Leader of the Opposition Laws (AmendmentAct, 2018, https://lpd.gujarat.gov.in/assets/downloads/ACT_NO_18_OF_2018.PDF.

[13] UK Parliament website, https://www.parliament.uk/about/mps-and-lords/members/pay-mps/The National Assembly in the French Institutions, International Affairs and Defence Service, February 2013, http://www.assemblee-nationale.fr/connaissance/fiches_synthese/septembre2012/national-assembly.pdf; Website of Remuneration Tribunal – Australia, https://www.remtribunal.gov.au/about-us#:~:text=The%20Remuneration%20Tribunal%20is%20an,appointed%20by%20the%20Governor%2DGeneral.; Website of Victorian Independent Remuneration Tribunal, https://www.vic.gov.au/members-victorian-independent-remuneration-tribunal; Website of Remuneration Authority of New Zealand, https://www.remauthority.govt.nz/, Salaries and Allowances of Members, Website of Parliament of Canada, https://lop.parl.ca/sites/ParlInfo/default/en_CA/People/Salaries – all last accessed on June 16, 2020.

[14] Schedule 1, Parliamentary Standards Act, 2009, United Kingdom, http://www.legislation.gov.uk/ukpga/2009/13/schedule/1.

[15] Report of Committee of experts constituted by Honble Speaker to recommend revision of salaries and allowances for Members of Legislative Assembly, Legislative Assembly of National Capital Region of Delhi, October 5, 2015, http://delhiassembly.nic.in/Archives/SalaryReport.pdf.

[16] FNo25(3)/16-RN/24/A-2306, Letter by Lieutenant Governor on The Members of Legislative Assembly of National Capital Territory of Delhi (Salaries, Allowances, Pension, etc.) (AmendmentBill, 2015, April 1, 2016, http://delhiassembly.nic.in/Legislation/2015-18-LG-M.pdf.

[17] Kerala Pay Revision Commissions, Finance Department, Website of Kerala Pay Commission, last accessed on June 10, 2020, http://www.prc.kerala.gov.in/history.jsp

[18] Report of the Seventh Central Pay Commission, November 2015, https://doe.gov.in/sites/default/files/7cpc_report_eng.pdf.

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