अध्यादेश का सारांश

हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2023

 

  • हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2023 को 12 मई, 2023 को जारी किया गया। यह हरियाणा नगरपालिका एक्ट, 1973 में संशोधन करता है। एक्ट राज्य में नगरपालिकाओं के गठन का प्रावधान करता है।
  • पिछड़े वर्गों के लिए सीटों का आरक्षण: एक्ट नगरपालिका समिति/परिषद में पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों के लिए दो सीटों को आरक्षित करता है। आरक्षित सीटें उन निर्वाचन क्षेत्रों को आवंटित की गई हैं, जहां पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों की सबसे अधिक संख्या है। इसके बजाय अध्यादेश प्रावधान करता है कि सीटें पिछड़ा वर्ग ‘ए’ के लिए आरक्षित होंगी, जो अधिसूचित पिछड़े वर्गों का एक उपवर्ग है। आरक्षित सीटों की संख्या, जहां तक ​​संभव हो, नगरपालिका की कुल जनसंख्या में पिछड़े वर्ग ‘ए’ की जनसंख्या के अनुपात का आधा होगी। पिछड़े वर्ग 'ए' के ​​लिए आरक्षित कम से कम एक तिहाई सीटें समुदाय की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। आरक्षण के निर्धारण के लिए हरियाणा परिवार पहचान एक्ट, 2021 के तहत स्थापित परिवार सूचना डेटा रिपॉजिटरी से जनसंख्या के आंकड़े लिए जाएंगे।
  • अध्यादेश यह निर्धारित करने के लिए एक व्यवस्था निर्दिष्ट करता है कि पिछड़ा वर्ग ‘ए’ के लिए किन निर्वाचन क्षेत्रों को आरक्षित किया जाए। इसके लिए आरक्षित सीटों की तीन गुनी संख्या में से लॉटरी निकाली जाएगी और उन नगर पालिकाओं के बीच बारी-बारी से आवंटित की जाएगी, जिनमें पिछड़े वर्ग 'ए' की जनसंख्या का सबसे बड़ा प्रतिशत है।
  • इसके अतिरिक्त यह प्रावधान करता है कि प्रत्येक नगर पालिका में पिछड़ा वर्ग 'ए' का कम से कम एक सदस्य होगा, अगर उनकी जनसंख्या कुल जनसंख्या का 2% या उससे अधिक है। अगर आरक्षित सीटों की कुल संख्या, अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित सीटों सहित, 50% से अधिक है, तो पिछड़े वर्ग 'ए' के ​​लिए आरक्षित सीटें अधिकतम संख्या तक सीमित रहेंगी ताकि वह सीमा के भीतर रहे।
  • आरक्षित सीटों की समीक्षा: एक्ट प्रावधान करता है कि दस साल की जनगणना के बाद अनुसूचित जातियों, महिलाओं (अनुसूचित जातियों सहित) और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित सीटों की समीक्षा की जाएगी। अध्यादेश इसमें से पिछड़े वर्गों के संदर्भ को हटाता है।
  • अध्यक्ष का पद: एक्ट में प्रावधान है कि नगर पालिका के अध्यक्षों के पद को लॉटरी के आधार पर बारी-बारी से निम्नलिखित वर्गों के सदस्यों द्वारा भरा जाएगा: (i) सामान्य श्रेणी, (ii) महिला, (iii) अनुसूचित जाति और (iv) पिछड़ा वर्ग। अध्यादेश में पिछड़ा वर्ग की जगह पिछड़ा वर्ग ‘ए’ को रखा गया है।  

 

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