हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) बिल, 2023 को 25 अगस्त, 2023 को हरियाणा विधानसभा में पेश किया गया। बिल हरियाणा नगरपालिका एक्ट, 1973 में संशोधन करता है और हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश, 2023 को निरस्त करता है। एक्ट राज्य में नगरपालिकाओं के गठन का प्रावधान करता है।
पिछड़े वर्गों के लिए सीटों का आरक्षण: एक्ट के तहत, प्रत्येक नगरपालिका में दो सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं। आरक्षित सीटें उन निर्वाचन क्षेत्रों में आवंटित की गई हैं, जिनमें पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों की अधिकतम आबादी है। बिल के अनुसार, सीटें पिछड़ा वर्ग ‘ए’ के लिए आरक्षित की जाएंगी, जो अधिसूचित पिछड़ा वर्ग का एक उपसमूह है। आरक्षित सीटों की संख्या, जहां तक संभव होगी, नगरपालिका की कुल जनसंख्या में पिछड़ा वर्ग 'ए' की जनसंख्या के अनुपात की आधी होगी। पिछड़ा वर्ग 'ए' के लिए आरक्षित कम से कम एक तिहाई सीटें समुदाय की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। आरक्षण निर्धारित करने के लिए जनसंख्या के आंकड़े एफआईडीआर से लिए जाएंगे। यह डेटा रिपॉजिटरी हरियाणा परिवार पहचान एक्ट, 2021 के तहत स्थापित की गई है।
यह निर्धारित करने के लिए कि पिछड़ा वर्ग ‘ए’ के लिए कौन सी सीटें आरक्षित होंगी, आरक्षित सीटों की तीन गुनी संख्या में से लॉटरी निकाली जाएगी। पिछड़ा वर्ग ‘ए’ की जनसंख्या के सबसे बड़े प्रतिशत वाली सीटों को रोटेशन में आरक्षण के लिए चुना जाएगा।
प्रत्येक नगरपालिका में कम से कम एक पिछड़ा वर्ग ‘ए’ का सदस्य होगा, अगर उनकी जनसंख्या कुल जनसंख्या का 2% या उससे अधिक है। अगर आरक्षित सीटों की कुल संख्या, अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित सीटों सहित, 50% से अधिक है, तो पिछड़े वर्ग 'ए' के लिए आरक्षित सीटें अधिकतम संख्या तक सीमित रहेंगी ताकि वह सीमा के भीतर रहे।
आरक्षित सीटों की समीक्षा: एक्ट में प्रावधान है कि हर दस साल में होने वाली जनगणना के आधार पर अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों सहित विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या की समीक्षा की जाएगी। बिल इसमें से पिछड़ा वर्ग के संदर्भ को हटाता है।
अध्यक्ष का पद: एक्ट में प्रावधान है कि नगरपालिका अध्यक्ष का पद निम्नलिखित के सदस्यों से भरा जाएगा: (i) सामान्य वर्ग, (ii) महिला, (iii) अनुसूचित जाति, और (iv) पिछड़ा वर्ग, रोटेशन में। बिल में पिछड़ा वर्ग के संदर्भ को पिछड़ा वर्ग ‘ए’ से बदल दिया गया है।
टाउन प्लानिंग स्कीम्स के लिए प्रस्ताव और सार्वजनिक नोटिस: एक्ट नगर समितियों को टाउन प्लानिंग स्कीम (टीपी स्कीम) तैयार करने का अधिकार देता है। व्यक्ति या कंपनियां अपनी जमीन पर टीपी स्कीम की मंजूरी के लिए समिति में आवेदन कर सकती हैं। ऐसे मामले में दो प्रमुख प्रक्रियाएं लागू होती हैं: (i) समिति को प्रस्ताव की मंजूरी के संबंध में एक प्रस्ताव पारित करना होगा, और (ii) ऐसे प्रस्ताव पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की जानी चाहिए। उपरोक्त मामले में बिल इन दोनों आवश्यकताओं को हटाता है। बिल में कहा गया है कि उपायुक्त को प्रस्ताव प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर राज्य सरकार को उसे भेजना होगा। बिल में आगे कहा गया है कि समिति के प्रस्ताव की जरूरत तब होगी, अगर समिति अपनी भूमि पर या किसी व्यक्ति या कंपनी के साथ संयुक्त रूप से अनिर्मित क्षेत्र के लिए एक टीपी स्कीम और निर्मित क्षेत्र के लिए एक बिल्डिंग स्कीम तैयार करती है।
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