हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) बिल, 2023 को 28 अगस्त, 2023 को हरियाणा विधानसभा में पेश किया गया। बिल हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर एक्ट, 2017 में संशोधन करता है। एक्ट वस्तुओं और सेवाओं की अंतरराज्यीय और राज्यों के भीतर सप्लाई करने पर एसजीएसटी वसूलने और उसके संग्रह का प्रावधान करता है।
निर्दिष्ट कार्रवाई योग्य दावों पर एसजीएसटी: एक्ट के तहत, कार्रवाई योग्य दावों वाले लेनदेन को वस्तुओं या सेवाओं की सप्लाई नहीं माना जाता है। इस प्रकार वे कर के दायरे में नहीं आते हैं। कार्रवाई योग्य दावा किसी भी ऋण के दावे को कहा जाता है जो अचल संपत्ति को गिरवी रखकर या चल संपत्ति को गिरवी रखकर प्रत्याभूत (सिक्योर) नहीं किया जाता है। इसमें लॉटरी, सट्टेबाजी और जुआ शामिल नहीं हैं।
बिल में प्रावधान है कि निर्दिष्ट कार्रवाई योग्य दावों के सप्लायर सीजीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे। बिल निर्दिष्ट कार्रवाई योग्य दावों को निम्नलिखित में शामिल कार्रवाई योग्य दावों के रूप में परिभाषित करता है: (i) सट्टेबाजी, (ii) कैसीनो, (iii) घुड़दौड़, (iv) लॉटरी, (v) जुआ, या (vi) ऑनलाइन मनी गेमिंग। ऑनलाइन मनी गेमिंग उन ऑनलाइन गेम को कहा जाता है जिनमें खिलाड़ी धनराशि या धनराशि के मूल्य (मनीज़ वर्थ) की जीत की उम्मीद के साथ धनराशि का भुगतान या उसे जमा करते हैं (वर्चुअल डिजिटल एसेट सहित)। यह किसी भी खेल, योजना, प्रतियोगिता या अन्य गतिविधि पर लागू होता है, भले ही इसका परिणाम कौशल, अवसर या दोनों पर आधारित हो। इसमें ऐसे ऑनलाइन मनी गेम शामिल हैं जिन्हें किसी भी कानून के तहत अनुमति दी जा सकती है या प्रतिबंधित किया जा सकता है। ऑनलाइन गेम के मायने इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर पेश किए जाने वाले गेम हैं।
निर्दिष्ट कार्रवाई योग्य दावों के सप्लायर्स: बिल के तहत, जो व्यक्ति निर्दिष्ट कार्रवाई योग्य दावों की सप्लाई का आयोजन या व्यवस्था करता है, उसे उनका सप्लायर माना जाएगा। इसमें ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जो ऐसी सप्लाई करने वाले डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफ़ॉर्म के मालिक हैं, उसे संचालित करते हैं या उसका प्रबंधन करता है। यह इस पर निर्भर नहीं करेगा कि उन दावों की सप्लाई का बदला, उस व्यक्ति को किस तरह से हस्तांतरित किए जाता है, या उसे दिया जाता है। प्रतिफल में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सहित धन या धनराशि का मूल्य शामिल हो सकता है। बिल में प्रावधान है कि भारत के बाहर से भारत में व्यक्तियों को ऑनलाइन मनी गेमिंग की सप्लाई करने वाले व्यक्तियों को भी एक्ट के तहत पंजीकरण कराना होगा।
कुछ अपराधों को हटाना: बिल कर योग्य व्यक्तियों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए निम्नलिखित अपराधों को हटाता है: (i) किसी अधिकारी के कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालना, (ii) भौतिक साक्ष्य या दस्तावेजों से छेड़छाड़ करना या नष्ट करना, और (iii) एक्ट के तहत आवश्यक जानकारी प्रदान करने में विफल होना या गलत जानकारी देना।
ई-कॉमर्स में कुछ गतिविधियों पर दंड: बिल में कहा गया है कि ई-कॉमर्स ऑपरेटर निम्नलिखित के लिए जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी होंगे: (i) किसी अपंजीकृत व्यक्ति को वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई की अनुमति देना, (ii) किसी अपात्र व्यक्ति को वस्तुओं और सेवाओं की अंतर-राज्यीय सप्लाई की अनुमति देना, या (iii) छूट प्राप्त संस्थाओं द्वारा बाहरी आपूर्ति के आवश्यक विवरण न दे पाना। इसका जुर्माना 10,000 रुपए होगा, या उस कर के बराबर राशि जुर्माने के तौर पर चुकानी होगी, जो किसी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा की गई सप्लाई पर लगाया जाता।
अपराधों की कंपाउंडिंग: एक्ट के तहत अपराध कंपाउंडिंग के योग्य हैं। बिल कंपाउंडिंग की राशि कम करता है। एक्ट के अनुसार, कंपाउंडिंग के लिए न्यूनतम राशि 10,000 रुपए या उसके तहत वसूले जाने वाले कर का 50% (जो भी अधिक हो) है। अधिकतम राशि कम से कम 30,000 रुपए या कर का 150% (जो भी अधिक हो) है। बिल न्यूनतम राशि को घटाकर कर मूल्य का 25% और अधिकतम राशि को घटाकर कर मूल्य का 100% करता है।
कुछ विवरण प्रस्तुत करने की समय अवधि: बिल पंजीकृत व्यक्तियों को निम्नलिखित प्रस्तुत करने के लिए तीन साल की समय सीमा देता है: (i) बाहरी आपूर्ति का विवरण और (ii) एक निर्दिष्ट अवधि के लिए रिटर्न/वार्षिक रिटर्न। समय सीमा की गणना नियत तिथि से की जाएगी। हालांकि राज्य सरकार, जीएसटी परिषद के सुझाव पर, तीन साल की अवधि की समाप्ति के बाद रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दे सकती है।
रिफंड में देरी होने पर ब्याज का तरीका निर्धारित किया जाएगा: एक्ट के तहत, राज्य सरकार को आवेदन प्राप्त होने के 60 दिनों के भीतर टैक्स रिफंड का निपटान करना होगा। रिफंड में देरी होने पर सरकार 6% की दर से ब्याज देने के लिए उत्तरदायी है। बिल में प्रावधान है कि रिफंड में देरी पर ब्याज की गणना का तरीका और किसी भी शर्त या प्रतिबंध को नियमों के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है।
सीएसआर गतिविधियों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट हटाना: बिल में कहा गया है कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी गतिविधियों से संबंधित दायित्वों के लिए उपयोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं उठाया जा सकता है।
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