- हरियाणा योग आयोग बिल, 2021 को 10 मार्च, 2021 को हरियाणा विधानसभा में पेश किया गया। बिल निम्नलिखित का प्रयास करता है: (i) राज्य में योग के प्रशिक्षण और प्राकृतिक चिकित्सा के संवर्धन, प्रबंधन और रेगुलेशन के लिए योग आयोग बनाना, (ii) प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देना (दवा रहित थेरेपी जिसमें बीमारी के इलाज के लिए प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग किया जाए), और (iii) योगासन को खेल के रूप में बढ़ावा देना। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
- योग आयोग के कार्य: योग आयोग के कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) राज्य सरकार की सलाह से योग और प्राकृतिक चिकित्सा का संवर्धन, प्रशिक्षण और रेगुलेशन, (ii) स्कूलों में योग की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित करना, और (iii) योग पाठ्यक्रम और शैक्षिक मानदंडों की आवर्ती समीक्षा और राज्य सरकार को इस संबंध में सुझाव देना। वह कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए कमिटियों का गठन भी कर सकता है।
- आयोग का संयोजन: आयोग में कुछ आधिकारिक और गैर आधिकारिक सदस्य होंगे। आधिकारिक सदस्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) राज्य सरकार के कुछ विभागों (जैसे खेल और युवा मामले) के निदेशक या उनके प्रतिनिधि, (ii) श्री कृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी के डीन/रजिस्ट्रार या उनके प्रतिनिधि और (iii) राज्य आयुष विभाग का मेडिकल ऑफिसर।
- गैर आधिकारिक सदस्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) आयुष में बैचलर्स डिग्री और योग शिक्षा या प्रशिक्षण या प्रैक्टिस में कम से कम पांच वर्ष के अनुभव वाले तीन सदस्य, (ii) प्राकृतिक चिकित्सा और योग विज्ञान में बैचलर्स डिग्री और प्राकृतिक चिकित्सा में कम से कम पांच वर्ष के अनुभव वाले दो सदस्य, और (iii) योग या प्राकृतिक चिकित्सा के दो पंजीकृत प्रैक्टीशनर्स। राज्य सरकार गैर आधिकारिक सदस्यों में से चेयरमैन और वाइस-चेयरमैन को नामित करेगी। गैर आधिकारिक सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष होगा, जिसे राज्य सरकार आगे बढ़ा सकती है।
- रजिस्ट्रार के कार्य और शक्तियां: आयुष विभाग के मेडिकल ऑफिसर को आयोग का रजिस्ट्रार नियुक्त किया जाएगा। वह आयोग की बैठकों के सभी फैसलों और पारित प्रस्तावों को प्रमाणित करेगा। वह योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रैक्टीशनर्स को पंजीकृत और उनके पेशेवर आचरण को रेगुलेट करेगा। वह राज्य के ऐसे प्रैक्टीशनर्स का रजिस्टर भी बनाएगा। रजिस्ट्रार के फैसलों के खिलाफ आयोग में शिकायत की जा सकती है।
- आयोग का फंड: फंड में पंजीकरण राशि और रीन्यूअल फीस जमा होगी। फंड को किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक के बैंक खाते में रखा जाएगा। आयोग के चेयरमैन और रजिस्ट्रार संयुक्त रूप से बैंक खाते को ऑपरेट करेंगे।
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