बिल का सारांश

केरल निजी वन अधिकार देना और सौंपना) संशोधन बिल, 2023

 

  • केरल निजी वन (अधिकार देना और सौंपना) संशोधन बिल, 2023 को केरल विधानसभा में 18 मार्च, 2023 को पेश किया गया। बिल केरल निजी वन (अधिकार देना और सौंपना) एक्ट, 1971 में संशोधन करता है। यह एक्ट निजी वनों को राज्य सरकार को हस्तांतरित करता है और उन्हें आरक्षित वन घोषित करता है। यह ऐसी भूमि के अनधिकृत कब्जाधारियों को बेदखल करने की भी अनुमति देता है। यह बिल केरल निजी वन (अधिकार देना और सौंपना) (संशोधन) अध्यादेश की जगह लेता है जिसे 22 मई, 2020 को जारी किया गया था।
  • छूट: एक्ट निजी वनों की कुछ श्रेणियों को राज्य सरकार को हस्तांतरित करने से छूट देता है, जोकि क्षेत्र और उसके उपयोग पर आधारित है। इनमें व्यक्तिगत खेती के लिए उपयोग की जाने वाली भूमि शामिल है, जो कि केरल भूमि सुधार एक्ट, 1963 में निर्दिष्ट सीमा के अधीन है। बिल इसमें 20 एकड़ तक के निजी वनों के लिए एक और छूट जोड़ता है, जिसमें आवासीय उद्देश्यों के लिए मालिक द्वारा उपयोग किए जाने वाले मकान शामिल हैं।
  • खेती के उपयोग के लिए सबूत: बिल के अनुसार, केरल भूमि सुधार एक्ट, 1963 के तहत जारी किया गया खरीद प्रमाणपत्र निर्णायक प्रमाण के रूप में काम नहीं करेगा कि मालिक अपनी भूमि का उपयोग निजी खेती के लिए करता है। ऐसा प्रमाणपत्र यह साबित करने के लिए एक प्रासंगिक तथ्य हो सकता है कि भूमि का उपयोग निजी खेती के लिए किया गया था।

 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।