• कर्नाटक एडवोकेट्स के साथ हिंसा का निषेध बिल, 2023 को 23 फरवरी, 2023 को कर्नाटक विधानसभा में पेश किया गया। बिल वकीलों को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा से उन्हें बचाने का प्रयास करता है ताकि वे प्रभावी ढंग से अपना पेशेवर काम कर सकें। बिल की प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
  • हिंसा का निषेध: बिल वकीलों के साथ किए जाने वाले हिंसक कृत्यों को प्रतिबंधित करता है जो लंबित मुकदमों के संबंध में उनके कर्तव्यों के निर्वहन में रुकावट पैदा करते हैं। हिंसा किसी भी ऐसी गतिविधि को कहा जाता है, जो जीवन को खतरे में डालती है, शारीरिक नुकसान पहुंचाती है या एक वकील को आपराधिक रूप से डराती है। वकीलों में लीगल प्रैक्टीशनर्स शामिल होते हैं जिनका नाम कर्नाटक राज्य बार काउंसिल के तहत दर्ज है। कानून प्रवर्तन एजेंसी के कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए किसी वकील के खिलाफ किसी भी कानूनी कठोरता या कार्रवाई को हिंसा नहीं माना जाएगा।
  • वकील की गिरफ्तारी: अगर किसी वकील को संज्ञेय अपराध के लिए गिरफ्तार किया जाता है, तो पुलिस को 24 घंटे के भीतर उस एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष या सचिव को सूचित करना होगा जिससे वह वकील संबंधित है।
  • दंड: किसी वकील के साथ हिंसा करने पर छह महीने से लेकर तीन साल तक की कैद और/या एक लाख रुपए तक का जुर्माना, या दोनों भुगतने होंगे। बिल के तहत सभी अपराधों की सुनवाई प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय से निचली अदालत में नहीं की जाएगी।

 

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