बिल का सारांश
महाराष्ट्र माथाडी, हम्माल और अन्य श्रमजीवी मजदूर (रोजगार के नियम और कल्याण) तथा महाराष्ट्र निजी सुरक्षा गार्ड (रोजगार के नियम और कल्याण) (संशोधन) बिल, 2023
यह बिल 27 जुलाई, 2023 को महाराष्ट्र विधानसभा में पेश किया गया। यह दो कानूनों में संशोधन करता है: (i) महाराष्ट्र माथाडी, हम्माल और अन्य श्रमजीवी मजदूर (रोजगार के नियम और कल्याण) एक्ट, 1969, और (ii) महाराष्ट्र निजी सुरक्षा गार्ड (रोजगार के नियम और कल्याण) एक्ट, 1981। ये दोनों एक्ट्स श्रमजीवी यानी मैनुअल मजदूरों और सुरक्षा गार्डों की रोजगार की स्थितियों को रेगुलेट करते हैं। प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
माथाडी एक्ट से कुछ बाजारों में रोजगार को हटा दिया गया: माथाडी एक्ट अनुसूचित रोजगार के रूप में विभिन्न बाजारों में माल की लोडिंग, अनलोडिंग, स्टैकिंग या ले जाने जैसी गतिविधियों में लगे मजदूरों को शामिल करता है। बिल कुछ बाजारों में रोजगार को माथाडी एक्ट के दायरे से हटाता है। इनमें निम्न शामिल हैं: (i) लोहा और स्टील बाजार, (ii) नमक की क्यारियां या मैदान, (iii) खोखा निर्माण, और (iv) मत्स्य उद्योग। बिल उन गतिविधियों को भी एक्ट के दायरे से हटाता है जो विभिन्न बाजारों में ऐसे काम की तैयारी के लिए की जाती हैं या आकस्मिक हैं।
असुरक्षित मजदूरों की परिभाषा सीमित: बिल असुरक्षित मजदूर की परिभाषा को बदलता है। माथाडी एक्ट के तहत, एक असुरक्षित मजदूर को अनुसूचित रोजगार में लगे मैनुअल मजदूर के रूप में परिभाषित किया गया है। बिल असुरक्षित मजदूर की परिभाषा को 18-60 वर्ष की आयु के बीच के व्यक्तियों तक सीमित करता है, जो माथाडी (हेड लोडर), हम्माल (कुली) या अनुसूचित रोजगार में लगे अन्य मैनुअल मजदूर हैं। निम्नलिखित में काम करने वाले मजदूर इसके दायरे से बाहर हो जाएंगे: (i) मैन्यूफैक्चरिंग की प्रक्रिया में, (ii) शॉप फ्लोर पर, (iii) उनके परिवार द्वारा, या (iv) जहां प्रक्रिया मैकेनिकल पद्धति या ऑटोमेटेड प्रोसेसिंग के जरिए की जाती है।
बोर्डों की निगरानी के लिए अथॉरिटी का गठन: दोनों एक्ट राज्य सरकार को अधिकार देते हैं कि वह श्रमिक कल्याण की योजनाओं को संचालित करने के लिए बोर्ड का गठन करे। ये बोर्ड नियोक्ताओं, असुरक्षित मजदूरों/सुरक्षा गार्डों और राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। बिल हर एक्ट के तहत एक अलग अथॉरिटी का गठन करता है जोकि: (i) व्यय को मंजूरी देगी और बोर्ड के काम की निगरानी करेगी, (ii) बोर्ड के प्रस्तावों की जांच करेगी, और (iii) एक्ट के तहत प्रदान की गई सभी सुविधाओं की निगरानी करेगी। अथॉरिटी में राज्य सरकार के अधिकारी ही शामिल होंगे।
सलाहकार समिति को भंग किया जाएगा: एक्ट्स के तहत, योजनाओं या प्रशासनिक मामलों पर राज्य सरकार को सलाह देने के लिए सलाहकार समितियों का गठन किया जाता है। इन समितियों में मजदूरों/सुरक्षा गार्डों, नियोक्ताओं, विधानसभा के सदस्यों और राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व होता है। माथाडी एक्ट के तहत, राज्य सरकार को यह निर्णय लेने के लिए समिति से परामर्श करना जरूरी है कि क्या असुरक्षित मजदूरों के एक निश्चित वर्ग को एक्ट या योजनाओं से छूट दी जा सकती है। बिल इन समितियों से संबंधित सभी प्रावधानों को हटाता है।
राज्य सरकार की अतिरिक्त निर्णय लेने की शक्तियां: बिल में कहा गया है कि राज्य सरकार यह भी तय कर सकती है: (i) क्या कोई मजदूर या मजदूरों का एक वर्ग असुरक्षित मजदूर के तौर पर क्वालिफाई करता है, और (ii) कौन सा काम मैनुअल या मैकेनिकल काम कहलाता है। इन मामलों को संयुक्त श्रम आयुक्त (माथाडी) को भेजा जाएगा।
मजदूरों का पंजीकरण रद्द करने की शक्ति: एक्ट्स के तहत, राज्य सरकार, योजनाओं के माध्यम से, असुरक्षित मजदूरों और निजी सुरक्षा गार्डों के पंजीकरण की व्यवस्था कर सकती है। बिल राज्य सरकार को उनका पंजीकरण रद्द करने का भी अधिकार देता है।
असुरक्षित मजदूर को देय राशि: माथाडी एक्ट के तहत, बोर्ड किसी नियोक्ता या कर्मचारी से देय राशि को निर्धारित करने का आदेश दे सकता है। बिल नियोक्ताओं और असुरक्षित मजदूरों के लिए राशि के निर्धारण को सीमित करता है। एक्ट निर्दिष्ट करता है कि बोर्ड का आदेश अंतिम होगा, और किसी भी न्यायालय में उस पर सवाल नहीं उठाया जाएगा। बिल आदेश की अंतिमता से संबंधित प्रावधान को हटाता है।
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।