बिल का सारांश

पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल, 2023

 

  • पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल, 2023 को 20 जून, 2023 को पंजाब विधानसभा में पेश किया गया। यह बिल पंजाब पुलिस एक्ट, 2007 में संशोधन का प्रयास करता है। एक्ट पंजाब में पुलिस के रेगुलेशन और प्रबंधन का प्रावधान करता है।
  • पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति: एक्ट के तहत, राज्य सरकार पंजाब कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों में से पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का चयन करती है। एक पात्र अधिकारी को महानिदेशक का पद धारण करना चाहिए या उसके लिए पात्र होना चाहिए। बिल निर्दिष्ट करता है कि डीजीपी (पुलिस बल के प्रमुख) के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र उम्मीदवार पंजाब कैडर से संबंधित आईपीएस अधिकारी होंगे, जिन्हें: (i) पंजाब में डीजीपी के पद पर पदोन्नत किया गया हो और उसने रिक्ति की तारीख से कम से कम 30 वर्ष की सेवा पूरी की हो और (ii) रिक्ति की तारीख के अनुसार न्यूनतम छह महीने का कार्यकाल शेष हो।
  • राज्य सरकार तीन अधिकारियों के पैनल में से डीजीपी की नियुक्ति करेगी जिसका सुझाव एक एम्पैनल समिति देगी। एम्पैनल समिति में सात सदस्य होंगे जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) अध्यक्ष के रूप में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या सेवानिवृत्त न्यायाधीश, (ii) पंजाब के मुख्य सचिव, (iii) संघ लोक सेवा आयोग का एक नामित व्यक्ति, और (iv) पंजाब लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष या नामित व्यक्ति।
  • पुलिस महानिदेशक का कार्यकाल: एक्ट में प्रावधान है कि डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो वर्ष का होगा, जब तक कि वह सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त नहीं कर लेता। राज्य सरकार निम्नलिखित कारणों से अपने दो वर्ष के कार्यकाल के पूरा होने से पहले डीजीपी को स्थानांतरित कर सकती है: (i) किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया जाना या भ्रष्टाचार के मामले में आरोप लगाया जाना, (ii) शारीरिक या मानसिक बीमारी के कारण वह ड्यूटी के लिए अयोग्य हो जाता है, या (iii) राज्य या केंद्र सरकार में उच्च पद पर पदोन्नति। बिल के तहत, डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो वर्ष का होगा, भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख कुछ भी हो। राज्य सरकार कुछ आधार पर डीजीपी को उनके कार्यकाल के खत्म होने से पहले हटा सकती है। इन आधारों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के तहत उसके खिलाफ किसी भी कार्रवाई की शुरुआत, (ii) किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया जाना या भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आरोप लगाया जाना, या (iii) शारीरिक या मानसिक बीमारी उसे कर्तव्य के लिए अयोग्य मानती है। अगर उपर्युक्त आधारों के कारण डीजीपी को हटा दिया जाता है, तो राज्य सरकार पंजाब में किसी भी डीजीपी रैंक के अधिकारी को नए डीजीपी की नियुक्ति होने तक अस्थायी रूप से पद संभालने के लिए नियुक्त कर सकती है। अनिवार्य सेवानिवृत्ति की आयु पर सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पेंशन दी जाती है।

 

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