• राजस्थान एडवोकेट्स संरक्षण बिल, 2023 को 15 मार्च, 2023 को राजस्थान विधानसभा में पेश किया गया। यह वकीलों को मारपीट और आपराधिक धमकी जैसे अपराधों से बचाने का प्रयास करता है जो उनके पेशेवर काम में बाधा पैदा करते हैं। बिल की प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
  • हमला करने पर रोक: बिल प्रावधान करता है कि वकीलों पर: (i) हमला, (ii) उन्हें गंभीर चोट पहुंचाना, (iii) आपराधिक बल का प्रयोग, और (iv) आपराधिक धमकी देना अपराध होगा। ऐसा अपराध न्यायालय परिसर में वकील के कर्तव्यों के निर्वहन से संबंधित होना चाहिए। एक वकील को एडवोकेट्स एक्ट, 1961 के तहत नामांकित होना चाहिए और राजस्थान में प्रैक्टिस करना चाहिए।
  • दंड: बिल वकीलों के खिलाफ ऐसे कृत्यों के लिए अलग-अलग दंड निर्धारित करता है। उदाहरण के लिए एक वकील पर हमला करने पर दो साल तक की कैद और 25,000 रुपए तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। एक वकील को गंभीर चोट पहुंचाने पर सात साल तक की कैद और 50,000 रुपए तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। न्यायालय जुर्माने की एक निश्चित राशि वकील को मुआवजे के रूप में देने का आदेश दे सकता है। इसके अलावा अपराधी चिकित्सा व्यय और एक वकील की संपत्ति के नुकसान के भुगतान के लिए भी उत्तरदायी होगा, जैसा कि न्यायालय द्वारा निर्धारित किया जाए।
  • पुलिस संरक्षण: अगर कोई वकील अपने साथ हुए अपराध की रिपोर्ट करता है तो पुलिस उसे सुरक्षा प्रदान कर सकती है। सुरक्षा की अवधि और तरीका नियमों में निर्धारित किया जाएगा।
  • वकील का अभियोजन: अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान वकील द्वारा संज्ञेय अपराध की रिपोर्ट केवल जांच के बाद दर्ज की जाएगी। इस तरह की जांच कम से कम सात दिनों के भीतर पुलिस उपाधीक्षक द्वारा की जानी चाहिए। अगर ऐसा कोई मामला दर्ज किया जाता है, तो राजस्थान बार काउंसिल को सूचित किया जाएगा।
  • कानून का दुरुपयोग: अगर कोई वकील इस कानून का दुरुपयोग करता है, दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करता है, या झूठी शिकायत करता है, तो उसे तीन साल तक की कैद या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा।

 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) की स्वीकृति के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।