सोनीपत महानगर विकास प्राधिकरण बिल, 2023 को 28 अगस्त, 2023 को हरियाणा विधानसभा में पेश किया गया। बिल में सोनीपत महानगर क्षेत्र की घोषणा से संबंधित प्रावधान हैं। यह बिल अधिसूचित क्षेत्र के विकासात्मक पहलुओं की देखरेख के लिए सोनीपत महानगर विकास प्राधिकरण की स्थापना करता है।
सोनीपत महानगर क्षेत्र: राज्य सरकार सोनीपत जिले के किसी भी क्षेत्र को अधिसूचित क्षेत्र के रूप में घोषित कर सकती है जिसमें शहरी विस्तार की संभावनाएं हैं। इसमें निम्नलिखित में से किसी एक या सभी स्थानीय सरकारों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शामिल हो सकते हैं: (i) सोनीपत नगर निगम, और (ii) सोनीपत जिले में पंचायतें।
सोनीपत महानगर विकास प्राधिकरण (एसएमडीए): राज्य सरकार अधिसूचित क्षेत्र के विकासात्मक पहलुओं की देखरेख के लिए एसएमडीए की स्थापना करेगी। एसएमडीए के प्रमुख कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरी सुविधाओं की योजना बनाना, उनका कार्यान्वयन और रखरखाव, (ii) सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए उपाय करना, (iii) अधिसूचित क्षेत्र के समग्र विकास पर राज्य सरकार को सलाह देना, और (iv) क्षमता निर्माण के माध्यम से स्थानीय अधिकारियों की सहायता करना।
इन उद्देश्यों के लिए एसएमडीए राज्य सरकार को अधिसूचित क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण का सुझाव दे सकता है। यह प्राधिकरण अधिग्रहण, खरीद, एक्सचेंज, हस्तांतरण, पट्टे और बिक्री सहित भूमि और अन्य चल या अचल संपत्ति से जुड़े लेनदेन कर सकता है।
विकास योजनाएं: एसएमडीए निम्नलिखित योजनाएं तैयार करेगा: (i) इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना, जिसमें अधिसूचित क्षेत्र के लिए सड़क, जल आपूर्ति और अपशिष्ट प्रबंधन सहित इंफ्रास्ट्रक्चर एवं शहरी सुविधाओं की रूपरेखा शामिल है, (ii) गतिशीलता प्रबंधन योजना, जिसमें सार्वजनिक परिवहन, यातायात प्रबंधन, और सड़क जंक्शनों में सुधार सहित गतिशीलता से संबंधित मुद्दे शामिल हैं, और (iii) सतत पर्यावरणीय प्रबंधन योजना जिसमें शहरी वानिकी और जल संरक्षण आदि प्रावधान शामिल हैं।
एसएमडीए का संयोजन: राज्य के मुख्यमंत्री एसएमडीए के अध्यक्ष होंगे। अन्य सदस्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) शहर और ग्राम नियोजन, शहरी स्थानीय निकाय और परिवहन विभागों के प्रभारी मंत्री, (ii) अधिसूचित क्षेत्र में निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक, (iii) सोनीपत नगर निगम के मेयर और सोनीपत जिला परिषद के अध्यक्ष सहित स्थानीय सरकारों के प्रतिनिधि, (iv) राज्य सरकार के अधिकारी, जिसमें शहर और ग्राम नियोजन विभागों और शहरी स्थानीय निकायों के मुख्य सचिव, और सोनीपत के मंडल आयुक्त और पुलिस आयुक्त शामिल हैं, और (v) शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर, गवर्नेंस और वित्त जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ। राज्य सरकार के एक अधिकारी, जो सचिव स्तर से नीचे का न हो, को एसएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
कार्यकारी समिति: एसएमडीए एक कार्यकारी समिति का गठन कर सकता है, जिसमें उसके कम से कम तीन सदस्य हों। यह अपने कार्य समिति को सौंप सकता है, लेकिन इन कार्यों में निम्नलिखित शामिल नहीं होंगे: (i) इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना को तैयार और उसे प्रकाशित करना, (ii) गतिशीलता प्रबंधन और सतत पर्यावरण प्रबंधन योजना को मंजूरी देना, (iii) बजट को मंजूरी देना, और (iv) नियम बनाना।
निवासी सलाहकार परिषद: एसएमडीए को सलाह देने के लिए निवासी सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा। परिषद सुझाव देगी और वार्षिक कार्य योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी। एसएमडीए के सीईओ परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। परिषद के अन्य सदस्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) पुलिस और नगर निगम आयुक्त, और उपायुक्त, (ii) हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक, (iii) प्राधिकरण के चार सदस्य, (iv) राज्य सरकार के तीन अधिकारी और (v) अधिसूचित क्षेत्र के कम से कम 10 निवासी।
एसएमडीए के फंड्स: प्राधिकरण अपना खुद का फंड बनाएगा। इसमें निम्नलिखित से प्राप्त धनराशि जमा होगी: (i) राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त प्रारंभिक राशि, (ii) सोनीपत नगर निगम के फंड में से एक हिस्सा, जैसा कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जा सकता है, और (iii) किराया, मुनाफा, सुविधाओं के उपयोग के लिए एसएमडीए द्वारा लगाया जाने वाला शुल्क और उपयोगकर्ता शुल्क। इस धनराशि का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, परिसंपत्तियों के रखरखाव और प्रशासनिक खर्चों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। एसएमडीए के खातों का ऑडिट हरियाणा के महालेखाकार द्वारा किया जाएगा।
समीक्षा समिति: बिल के लागू होने के तीन वर्ष के भीतर और उसके बाद हर पांच वर्ष में, राज्य सरकार एसएमडीए के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए एक समिति स्थापित करेगी।
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