अध्यादेश का सारांश
उत्तर प्रदेश आपराधिक कानून (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) अध्यादेश, 2023
- उत्तर प्रदेश आपराधिक कानून (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) अध्यादेश, 2023 को मार्च 2023 में जारी किया गया। अध्यादेश उत्तर प्रदेश आपराधिक कानून (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) एक्ट, 1979 में संशोधन करता है। एक्ट कुल सात कानूनों के तहत कुछ अपराधों की कंपाउंडिंग और कुछ अपराधों के लिए मुकदमों के उपशमन (समय से पहले समाप्त करना) का प्रावधान करता है। इनमें निम्नलिखित कानून शामिल हैं: (i) मोटर वाहन एक्ट, 1939, (ii) न्यूनतम वेतन एक्ट, 1948, (iii) पुलिस एक्ट, 1861, (iv) दंड प्रक्रिया संहिता, 1973। कंपाउंडिंग का अर्थ है, जब दो पक्ष कानूनी कार्यवाहियों को रोकने और विवाद को निपटाने के लिए सहमत हो जाते हैं।
- मुकदमों के उपशमन की तारीख को बढ़ाना: एक्ट दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत कुछ अपराधों की सुनवाई का उपशमन करता है जो मजिस्ट्रेट के सामने 31 दिसंबर, 2016 से पहले से लंबित हैं। इनमें निम्नलिखित अपराधों से संबंधित सुनवाई शामिल है: (i) सार्वजनिक रूप से शांति भंग करने या सार्वजनिक शांति भंग करने की आशंका, औऱ (ii) संज्ञेय अपराध करने के मद्देनजर शारीरिक मौजूदगी या पहचान छिपाने की कोशिश करना। अध्यादेश इन अपराधों के मामले में मुकदमों की समाप्ति की अवधि को 31 दिसंबर, 2016 से बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 करता है।
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