अध्यादेश का सारांश

उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन पर प्रतिबंध अध्यादेश, 2020

 

  • उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन पर प्रतिबंध अध्यादेश, 2020 को 27 नवंबर, 2020 को जारी किया गया। अध्यादेश धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को निर्दिष्ट करता है और गैरकानूनी धर्म परिवर्तन पर प्रतिबंध लगाता है।
  • धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया: अध्यादेश में धर्म परिवर्तन करने वाले और धर्म परिवर्तन करवाने वाले लोगों (कनवर्टर्स) से यह अपेक्षा की गई है कि वे जिलाधीश (डीएम) को प्रस्तावित धर्म परिवर्तनों की पूर्व सूचना देंगे। यह सूचना (i) व्यक्ति द्वारा 60 दिन, और (ii) कनवर्टर द्वारा एक महीने के नोटिस के साथ देनी होगी। इस प्रक्रिया का उल्लंघन करने पर (i) छह महीने से तीन वर्ष की जेल हो सकती है, और कम से कम 10,000 रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है (धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के लिए), और (ii) एक वर्ष से पांच वर्ष की जेल हो सकती है और कम से कम 25,000 रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है (कनवर्टर्स के लिए)। इस प्रक्रिया का उल्लंघन करने पर धर्म परिवर्तन गैर कानूनी और अमान्य हो जाएगा।
  • दोनों सूचनाएं मिलने पर डीएम को प्रस्तावित धर्म परिवर्तन के इरादे, उद्देश्य और कारण की पुलिस जांच करनी होगी।
  • धर्म परिवर्तन के 60 दिनों के भीतर धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को डीएम को एक डेक्लेरेशन सौंपना होगा। इस डेक्लेरेशन में नाम, पता और उस व्यक्ति के पुराने और नए धर्म आदि का विवरण होगा। डीएम धर्म परिवर्तन की पुष्टि होने की तारीख तक सार्वजनिक रूप से इस डेक्लेरेशन की कॉपी को प्रदर्शित करेगा और धर्म परिवर्तन पर किसी भी आपत्ति को दर्ज करेगा। धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को डेक्लेरेशन भेजने के 21 दिनों के भीतर अपनी पहचान को साबित करने के लिए डीएम के सामने पेश होना होगा और डेक्लेरेशन में दर्ज बातों की पुष्टि करनी होगी। इस प्रक्रिया का उल्लंघन करने पर धर्म परिवर्तन गैर कानूनी और अमान्य हो जाएगा।
  • धर्म परिवर्तन: अध्यादेश (i) बल से, बहका कर, अनुचित प्रभाव और प्रलोभन, या (ii) फ्रॉड से, या (iii) शादी के जरिए धर्म परिवर्तन को प्रतिबंधित करता है। अध्यादेश धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने, यकीन दिलाने और उसके लिए षडयंत्र रचने को भी प्रतिबंधित करता है। हालांकि व्यक्ति को अपने पहले के धर्म में दोबारा परिवर्तन करने की अनुमति है।
  • धर्म परिवर्तन वाली शादियां: अध्यादेश के अंतर्गत शादियों को अमान्य माना जाएगा, अगर (i) शादी सिर्फ गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से की गई है, या धर्म परिवर्तन के लिए शादी की गई है, और (ii) धर्म परिवर्तन अध्यादेश के अंतर्गत निर्दिष्ट प्रक्रिया से नहीं किया गया है।  
  • बलपूर्वक धर्म परिवर्तन के खिलाफ शिकायत: अध्यादेश के अंतर्गत, गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के खिलाफ निम्न लोग फर्स्ट इनफॉरमेशन रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करा सकते हैं: (i) पीड़ित व्यक्ति, (ii) उसके माता-पिता या भाई-बहन, या (iii) उनसे रक्त, शादी या एडॉप्शन के जरिए जुड़ा कोई व्यक्ति।
  • गैरकानूनी धर्म परिवर्तन कराने के लिए सजा: अध्यादेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन कराने या उसे आसान बनाने के लिए सजा का प्रावधान करता है, जैसा कि तालिका 1 में निर्दिष्ट है। इसके अतिरिक्त हर बार अपराध करने पर, उस अपराध के लिए निर्दिष्ट सजा को दोगुना कर दिया जाएगा। साथ ही आरोपी को धर्म परिवर्तन के पीड़ित को पांच लाख रुपए तक का हर्जाना देना होगा। अध्यादेश के अंतर्गत सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती हैं।

तालिका 1: गैर कानूनी धर्म परिवर्तन के लिए सजा

अपराध के प्रकार

सजा की अवधि

जुर्माने की राशि

लोगों द्वारा अपराध

सामूहिक धर्म परिवर्तन (दो या उससे अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन)

3-10 वर्ष

50,000 रुपए या उससे अधिक

नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों का धर्म परिवर्तन

2-10 वर्ष

25,000 रुपए या उससे अधिक

कोई अन्य धर्म परिवर्तन

1-5 वर्ष

15,000 रुपए या उससे अधिक

संगठन द्वारा अपराध

अपराध के प्रकार

सजा

अगर किसी संगठन ने उपरिलिखित कोई अपराध किया

(i) रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है

(ii) सरकार से कोई वित्तीय सहायता या अनुदान न मिलना।

 

  • धर्म परिवर्तन के लिए बर्डन ऑफ प्रूफ: अध्यादेश के अनुसार, यह धर्म परिवर्तन कराने या उसे आसान बनाने वाले की जिम्मेदारी होगी (बर्डन ऑफ प्रूफ) कि वह साबित करे कि धर्म परिवर्तन वैध है।

 

 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।