- जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019 को 1 मार्च, 2019 को जारी किया गया। यह अध्यादेश जम्मू और कश्मीर आरक्षण एक्ट, 2004 में संशोधन करता है। एक्ट प्रोफेशनल संस्थानों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, तथा सामाजिक एवं शैक्षणिक स्तर पर पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों के लिए नियुक्ति और भर्ती में आरक्षण का प्रावधान करता है।
- नियुक्ति में आरक्षण का दायरा बढ़ा: एक्ट सामाजिक एवं शैक्षणिक स्तर पर पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों के लिए राज्य सरकार के पदों पर नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान करता है। एक्ट के अनुसार सामाजिक एवं शैक्षणिक स्तर पर पिछड़े वर्गों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास रहने वाले लोग शामिल हैं। अध्यादेश में इसमें संशोधन किया गया है और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी इसमें शामिल किया गया है।
- इसके अतिरिक्त एक्ट में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को नियंत्रण रेखा के पास के क्षेत्र में निवास करने के आधार पर नियुक्त किया है तो उसे उन क्षेत्रों में कम से कम सात साल तक सेवारत रहना होगा। अध्यादेश इस शर्त को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर भी लागू करता है।
- आरक्षण से बाहर: एक्ट कहता है कि जिस व्यक्ति की वार्षिक आय तीन लाख रुपए या राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट राशि से अधिक है, उसे सामाजिक एवं शैक्षणिक स्तर पर पिछड़े वर्गों में शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि यह प्रावधान वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर लागू नहीं होगा। अध्यादेश कहता है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर भी यह प्रावधान लागू नहीं होगा।
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