- नैविगेशन के लिए मैरीन एड्स बिल, 2021 को 15 मार्च, 2021 को लोकसभा में पेश किया गया। बिल भारत में नैविगेशन एड्स के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए फ्रेमवर्क प्रदान करने का प्रयास करता है। यह लाइटहाउस एक्ट, 1972 को रद्द करता है जिसमें भारत में लाइटहाउसेज़ के रखरखाव और नियंत्रण का प्रावधान है। बिल की मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
- बिल का दायरा: बिल पूरे भारत पर लागू होता है जिसमें टेरिटोरियल वॉटर्स, कॉन्टिनेंटल शेल्फ और एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन के अंतर्गत आने वाले विभिन्न मैरीटाइम जोन्स शामिल हैं।
- नैविगेशन में सहायता: बिल के अनुसार, नैविगेशन एड वेसल (जलयान) के बाहर लगा ऐसा यंत्र, सिस्टम, या सेवा है जिसे वेसल और वेसल ट्रैफिक के सुरक्षित और कुशल संचालन के लिए डिजाइन और ऑपरेट किया जाता है। एक वेसल में जहाज, नाव, सेलिंग वेसल, फिशिंग वेसेल, सबमर्सिबल और मोबाइल ऑफशोर ड्रिलिंग यूनिट्स शामिल हैं। वेसल ट्रैफिक सेवा को ऐसी सेवा के रूप में परिभाषित किया गया है जोकि वेसल ट्रैफिक की सुरक्षा और कुशलता में सुधार और पर्यावरण की सुरक्षा करती है।
- नैविगेशन एड्स महानिदेशालय: बिल में प्रावधान किया गया है कि केंद्र सरकार निम्नलिखित को नियुक्त करेगी: (i) महानिदेशक, (ii) उप महानिदेशक, और (iii) जिला निदेशक (जिन्हें केंद्र सीमांकित कर सकता है)। महानिदेशक नैविगेशन एड्स के मामलों में केंद्र सरकार को सलाह देगा।
- केंद्रीय सलाहकार कमिटी: केंद्र सरकार केंद्रीय सलाहकार कमिटी (सीएसी) की नियुक्ति कर सकती है। इसमें बिल से प्रभावित हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले या क्षेत्र की विशेष जानकारी रखने वाले शामिल होंगे। सरकार सीएसी से निम्नलिखित के संबंध में सलाह ले सकती है: (i) नैविगेशन एड्स की स्थापना, (ii) इन एड्स को जोड़ना, उनमें फेरबदल या उन्हें हटाना, (iii) इन एड्स से संबंधित किसी प्रस्ताव की लागत, या (iv) किसी उप समिति की नियुक्ति। इसके अतिरिक्त सीएसी इन मामलों पर अतिरिक्त सलाह के लिए उप समितियों की नियुक्ति भी कर सकती है।
- नैविगेशन एड्स और वेसल ट्रैफिक सेवाओं का प्रबंधन: केंद्र सरकार नैविगेशन एड्स और वेसल ट्रैफिक सेवाओं के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगी। इनके प्रबंधन से जुड़ी शक्तियों में निम्नलिखित शामिल हैं (i) नैविगेशन एड्स लगाना, उनका रखरखाव, एड्स को जोड़ना, उनमें फेरबदल या उन्हें हटाना, (ii) एड्स के निरीक्षण के लिए अधिकृत करना जोकि नैविगेशन की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है, और (iii) जरूरत होने पर किसी जमीन का अधिग्रहण करना।
- वेसल ट्रैफिक सेवाओं के प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की शक्तियां में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) वेसल ट्रैफिक सेवा प्रदाता को अधिकृत क्षेत्र में सेवाएं संचालित करने के लिए अधिकृत करना, (ii) वेसल ट्रैफिक सेवा से संबंधित प्रशिक्षण और सर्टिफिकेशन का एक्रेडिट करना और उन्हें मंजूरी देना, और (iii) वेसल ट्रैफिक सेवा के किसी पहलू में जोड़ने, या फेरबदल करने के लिए किसी व्यक्ति से जोड़ने या फेरबदल करने की अपेक्षा करना।
- ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन: बिल में प्रावधान है कि वैध प्रशिक्षण सर्टिफिकेट के बिना किसी व्यक्ति को किसी स्थान पर नैविगेशन एड (एंसिलरी गतिविधियों सहित) या वेसल ट्रैफिक सेवा के संचालन की अनुमति नहीं होगी। केंद्र सरकार प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षण संगठनों को एक्रेडिट करेगी, या नैविगेशन एड्स और वेसल ट्रैफिक सेवाओं का संचालन करने वाले व्यक्तियों का मूल्यांकन करवाएगी।
- एड्स पर देय की वसूली: बिल में प्रावधान है कि नैविगेशन एड्स पर देय को भारत आने और यहां से जाने वाले हर जहाज पर वसूला और जमा किया जाएगा। केंद्र सरकार समय-समय पर देय की दर निर्दिष्ट करेगी। केंद्र सरकार कुछ वेसल्स को देय से पूरी तरह या आंशिक रूप से छूट दे सकती है। इन वेसल्स में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं: (i) कोई सरकारी जहाज, जोकि माल भाड़े या यात्री भाड़े के लिए कार्गो या यात्रियों को कैरी नहीं कर रहा, या (ii) कोई अन्य जहाज, विशेष श्रेणी के जहाज या निर्दिष्ट यात्राएं करने वाले जहाज।
- अगर नैविगेशन एड्स के देय, खर्चे या लागत से संबंधित कोई विवाद पैदा होता है तो उस विवाद की सुनवाई और उस पर फैसला उस स्थान, जहां विवाद पैदा हुआ है, के क्षेत्राधिकार वाली सिविल अदालत द्वारा किया जाएगा।
- हेरिटेज लाइटहाउस: केंद्र सरकार अपने नियंत्रण वाले नैविगेशन को हेरिटेज लाइटहाउस के तौर पर निर्दिष्ट कर सकती है। ऐसे लाइटहाउस नैविगेशन में सहायता तो करेंगे ही, साथ ही शैक्षणिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के लिए भी विकसित किए जाएंगे।
- सजा: बिल कुछ अपराधों और सजा का प्रावधान करता है। उदाहरण के लिए (i) नैविगेशन एड या वेसल ट्रैफिक सेवा के प्रभाव को जानबूझकर बाधित, कम या सीमित करने पर छह महीने तक की सजा या एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है, या दोनों भुगतने पड़ सकते हैं, (ii) नैविगेशन एड या वेसल ट्रैफिक सेवा को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने, या नष्ट करने पर एक वर्ष तक की सजा या पांच लाख रुपए तक का जुर्माना, या दोनों भुगतने पड़ सकते हैं।
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