- राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (संशोधन) बिल, 2021 को 9 अगस्त, 2021 को लोकसभा में पेश किया गया। यह बिल राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग एक्ट, 2020 में संशोधन करता है।
- 2020 का एक्ट भारतीय मेडिकल सेंट्रल काउंसिल एक्ट, 1970 को रद्द करता है। 1970 का एक्ट भारतीय चिकित्सा पद्धतियों (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा) की शिक्षा और प्रैक्टिस को रेगुलेट करने के लिए भारतीय मेडिकल सेंट्रल काउंसिल की स्थापना करता है। 2020 का एक्ट काउंसिल की जगह राष्ट्रीय आयोग की स्थापना करता है। यह आयोग भारतीय चिकित्सा प्रणाली की शिक्षा और प्रैक्टिस को रेगुलेट करता है। चूंकि राष्ट्रीय आयोग के गठन में समय लग रहा था, इसलिए 2020 के एक्ट के पारित होने के तुरंत बाद 1970 का एक्ट रद्द नहीं हुआ।
- इस बीच सेंट्रल काउंसिल के पुनर्गठन के लिए 1970 के एक्ट को सितंबर 2020 में संशोधित किया गया। सेंट्रल काउंसिल को संशोधनों की अधिसूचना की तारीख से एक वर्ष के भीतर पुनर्गठित किया जाना था। अप्रैल 2021 में अध्यादेश के जरिए इस अवधि को बढ़ाकर दो वर्ष किया गया। 1970 के एक्ट में भी इस प्रावधान के लिए संशोधन किया गया कि जब तक काउंसिल का पुनर्गठन किया जाए, तब केंद्र सरकार द्वारा गठित बोर्ड ऑफ गवर्नर्स उसकी शक्तियों का इस्तेमाल करें।
- सेंट्रल काउंसिल का स्थान लेने के लिए 11 जून, 2021 को राष्ट्रीय आयोग का गठन किया गया और उसी तारीख को 1970 का एक्ट रद्द हो गया। 2021 का बिल निर्दिष्ट करता है कि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा इस्तेमाल की गई शक्तियों और उनके द्वारा किए गए कार्यों (1970 के एक्ट के अंतर्गत) को 2020 के एक्ट के तहत किया गया माना जाएगा और ये जारी रहेंगे।
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