- श्रम और रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने 15 दिसंबर, 2016 को लोकसभा में वेतन का भुगतान (संशोधन) बिल, 2016 पेश किया। बिल वेतन का भुगतान एक्ट, 1936 में संशोधन करता है।
- वेतन के भुगतान का तरीका : 1936 के एक्ट के तहत सभी प्रकार के वेतन को या तो सिक्कों या करंसी नोट या दोनों में चुकाया जाना चाहिए। लेकिन कर्मचारी की लिखित अनुमति हासिल करने के बाद नियोक्ता उसे चेक द्वारा वेतन दे सकता है या वेतन को उसके बैंक खाते में जमा कर सकता है।
- बिल किसी कर्मचारी के वेतन को निम्नलिखित तरीके से चुकाने की अनुमति देने के लिए 1936 के एक्ट में संशोधन करता है : (i) सिक्कों या करंसी नोट्स में, (ii) चेक द्वारा, या (iii) उनके बैंक खाते में जमा करके। बिल इस शर्त को हटाता है कि वेतन को चेक द्वारा देने या उसे बैंक खाते में जमा करने के लिए किसी नियोक्ता को कर्मचारी की लिखित अनुमति लेनी होगी।
- हालांकि संबंधित केंद्र या राज्य सरकार कुछ विशिष्ट औद्योगिक या अन्य इस्टैबलिशमेंट्स को यह निर्देश दे सकती है कि उनके नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को केवल (i) चेक द्वारा, या (ii) कर्मचारी के बैंक खाते में जमा करने के माध्यम से वेतन चुकाना होगा।
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