- जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम ने 11 फरवरी, 2019 को राज्यसभा में संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश, (तीसरा संशोधन) बिल, 2019 पेश किया। इसे 13 फरवरी, 2019 को राज्यसभा में पारित कर दिया गया।
- संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश, 1950 उन जनजातियों और जनजाति समुदायों को विनिर्दिष्ट करता है जिन्हें अनुसूचित जनजातियां माना जाता है। बिल आदेश के भाग 18 में संशोधन करता है जिसमें अरुणाचल प्रदेश की जनजातियां विनिर्दिष्ट हैं।
- बिल कुछ समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए 5 प्रविष्टियां करता है। ये समुदाय हैं: (i) गालो, (ii) मिशमी-कमन (मिजु मिशमी), इदु (मिशमी), तारोन (दिगारु, मिशमी), (iii) मोन्पा, मेम्बा, सतरां, सजोलां (मिजी), (iv) नोक्ते तांग्सा, तुत्सा, वांचो, और (v) ताई खाम्ती।
- बिल छह जनजातियों के संदर्भ हटाता है। ये निम्नलिखित हैं: (i) अबोर, (ii) गेलांग, (iii) खाम्प्ती, (iv) मिशमी (इदु, तारून), (v) कोई नागा जनजातियां और (vi) मोम्बा।
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।