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शिपिंग
  • समुद्री माल परिवहन बिल, 2024 को लोकसभा में 9 अगस्त, 2024 को पेश किया गया। बिल भारतीय समुद्री माल परिवहन एक्ट, 1925 का स्थान लेने का प्रयास करता है। एक्ट भारत के एक बंदरगाह से भारत के दूसरे बंदगाह या दुनिया के किसी भी बंदरगाह तक माल की ढुलाई की जिम्मेदारियों, देनदारियों, अधिकार और छूट से संबंधित प्रावधान करता है। यह एक्ट अगस्त 1924 के बिल्स ऑफ लेडिंग संबंधी कानून के कुछ नियमों के एकीकरण हेतु अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन (हेग नियम) और उसमें बाद के संशोधनों के अनुरूप है। बिल एक्ट के सभी प्रावधानों को बरकरार रखता है।

  • केंद्र सरकार की शक्तियां: बिल केंद्र सरकार को निम्नलिखित शक्तियां प्रदान करता है: (i) बिल के प्रावधानों को लागू करने के लिए निर्देश जारी करना, और (ii) बिल्स ऑफ लेडिंग (लदान हुंडी) पर लागू होने वाले नियमों को निर्दिष्ट करते हुए अनुसूची में संशोधन करना। बिल्स ऑफ लेडिंग यानी लदान हुंडी उस दस्तावेज को कहा जाता है, जो कोई मालवाहक (फ्रेट करियर) किसी माल भेजने वाले व्यक्ति या कंपनी (शिपर) को जारी करता है। इस दस्तावेज में वस्तुओं के प्रकार, मात्रा, स्थिति और गंतव्य का विवरण होता है। नियमों में मालवाहकों की जिम्मेदारियों, देनदारियों, अधिकार और छूट को स्पष्ट किया गया है।

 

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