ग्रामीण विकास मंत्रालय का लक्ष्य ग्रामीण भारत में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है और यह देश के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश विकास और कल्याणकारी गतिविधियों के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।[i] मंत्रालय में दो विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और भूमि संसाधन विभाग हैं। ग्रामीण विकास विभाग का उद्देश्य आजीविका के अवसरों को बढ़ाना, कमजोर वर्गों को सामाजिक सहायता प्रदान करना और ग्रामीण विकास के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना है।1 भूमि संसाधन विभाग का उद्देश्य वर्षा सिंचित खेती योग्य और बंजर भूमि का सतत विकास सुनिश्चित करना और देश में भूमि संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करना है।[ii]
इस नोट में 2025-26 के लिए मंत्रालय के प्रस्तावित व्यय और पिछले वर्षों में बजट के रुझानों को स्पष्ट किया गया है। इसमें क्षेत्र के व्यापक रुझानों और कार्यक्रमों को लागू करने में मंत्रालय के सामने आने वाली चुनौतियों का भी विश्लेषण किया गया है।
वित्तीय स्थिति
2025-26 में आवंटन
2025-26 में ग्रामीण विकास मंत्रालय को 1,90,406 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।[iii],[iv] ग्रामीण विकास विभाग को 1,87,755 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है।3 भूमि संसाधन विभाग को 2,651 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 35% अधिक है।4
तालिका 1: ग्रामीण विकास मंत्रालय का बजटीय आवंटन (करोड़ रुपए में)
विभाग |
23-24 वास्तविक |
24-25 संअ |
25-26 बअ |
% परिवर्तन* |
ग्रामीण विकास |
1,61,932 |
1,73,912 |
1,87,755 |
8% |
भूसंसाधन |
1,711 |
1,966 |
2,651 |
35% |
कुल |
1,63,643 |
1,75,878 |
1,90,406 |
8% |
नोट: बअ बजट अनुमान और संअ संशोधित अनुमान है।
*% परिवर्तन 2024-25 संअ की तुलना में 2025-26 बअ में परिवर्तन है।
स्रोत: ग्रामीण विकास मंत्रालय की अनुदान मांगें 2025-26; पीआरएस।
बजट भाषण की मुख्य घोषणाएं (2025-26)[v]
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था की स्थिति
2021 तक भारत की 65% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और 47% लोग आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं।[vi] 2024-25 में कृषि क्षेत्र में 3.8% की वृद्धि का अनुमान है जो पिछले वित्तीय वर्ष की विकास दर (1.4%) से अधिक है।[vii] हालांकि कृषि समग्र अर्थव्यवस्था की तुलना में लगातार धीमी गति से बढ़ी है। 2001-02 के बाद से कृषि उत्पादन 3% की औसत वार्षिक दर से बढ़ा है, जबकि शेष अर्थव्यवस्था 7% प्रति वर्ष की दर से बढ़ी है।[viii],[ix] इसके परिणामस्वरूप इस अवधि में कृषि उत्पादन दोगुना हो गया जबकि अर्थव्यवस्था का शेष हिस्सा 4.6 गुना बढ़ गया।