बजट भाषण 2025-26 में की गई घोषणाएं

मेडिकल सीट: अगले वर्ष 10,000 मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी। अगले पांच वर्षों में 75,000 सीटें जोड़ी जाएंगी।

गिग वर्कर्स: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े गिग वर्कर्स को आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा।

भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की जिम्मेदारी राज्यों की होती है। इसमें सरकारी अस्पताल और क्लिनिक शामिल हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के जरिए व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति बनाता है।[i]  मंत्रालय के दो विभाग हैं: (i) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और (ii) स्वास्थ्य अनुसंधान। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को वित्त पोषित करता है। विभाग चिकित्सा शिक्षा को भी रेगुलेट करता है, और एम्स जैसे कुछ मेडिकल कॉलेजों को वित्त पोषित करता है। यह स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन में सुधार के लिए पहल भी करता है। स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग चिकित्सा अनुसंधान से संबंधित कार्यक्रमों को वित्त पोषित करता है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 का उद्देश्य निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करना और अच्छी गुणवत्ता वाली और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना है।1  इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार तीन स्तरों पर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है: (i) प्राथमिक (गांव और ब्लॉक स्तर पर उप-केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रदान की जाती है), (ii) माध्यमिक (जिला अस्पतालों में प्रदान की जाती है), और (iii) तृतीयक (एम्स जैसे विशेष अस्पतालों में प्रदान की जाती है)।[ii] इसके अलावा, सरकार आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को लागू करती है, जो निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में भर्ती होने पर आबादी के सबसे निचले 40% लोगों को पांच लाख रुपए तक का कवरेज प्रदान करती है।[iii] 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत राज्यों को प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।[iv] इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ-साथ मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य में सुधार और संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों के मामलों को कम करना शामिल है।4  महिला और बाल विकास मंत्रालय का लक्ष्य मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के माध्यम से महिलाओं और बच्चों की पोषण की स्थिति को सुधारना है।[v] 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा के अनुसार, देश के कुल स्वास्थ्य व्यय में सरकारी स्वास्थ्य व्यय का हिस्सा 20% से बढ़कर 2021-22 में 48% हो गया है।[vi] कुल स्वास्थ्य व्यय में दवाएं, बीमा, अस्पताल में भर्ती, परामर्श और स्वास्थ्य अवसंरचना पर होने वाला खर्च शामिल है। 2021-22 में सरकारी स्वास्थ्य व्यय का 58% राज्यों द्वारा वहन किया गया।6  मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर जैसे स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार हुआ है, जबकि एनीमिया के मामलों में गिरावट आई है। संक्रामक रोगों के कारण होने वाली मौतों का अनुपात कम हुआ है, लेकिन इसी अनुपात में गैर-संक्रामक रोग बढ़ रहे हैं।

इस नोट में 2025-26 में मंत्रालय को आवंटित धनराशि और पिछले कुछ वर्षों में व्यय के रुझानों की समीक्षा की गई है। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र की समस्याओं पर भी प्रकाश डाला गया है और कुछ परिणामों से संबंधित प्रगति पर चर्चा की गई है।

वित्तीय स्थिति

2025-26 में मंत्रालय को 99,859 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। यह 2024-25 के संशोधित अनुमानों से 11% अधिक है।[vii]  2025-26 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को मंत्रालय के आवंटन का 96% हिस्सा मिला है। विभाग का आवंटन 2024-25 में इसके अनुमानित व्यय से 11% अधिक है। स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को 3,901 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो 2024-25 में इसके अनुमानित व्यय से 15% अधिक है।

तालिका 1: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का व्यय (करोड़ रुपए में)

 

2023-24

वास्तविक

2024-25

संशोधित

2025-26

बजटीय

24-25 संअ से

25-26 बअ में परिवर्तन का %

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

80,292

86,582

95,958

11%

स्वास्थ्य अनुसंधान

2,857

3,392

3,901

15%

कुल

83,149

89,974

99,859

11%

नोट: बअ बजट अनुमान और संअ संशोधित अनुमान है। स्रोत: मांग संख्या 46 और 47, व्यय बजट 2025-26; पीआरएस।

व्यय की मुख्य मदें

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन: 2025-26 में एनएचएम के लिए आवंटन मंत्रालय के बजट का 37% है। 2025-26 में आवंटन 37,227 करोड़ रुपए है जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 3% अधिक है।

चिकित्सा संस्थान: कुछ केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों जैसे कि एम्स, दिल्ली को हस्तांतरित धनराशि और नए एम्स की स्थापना व्यय 2025-26 में मंत्रालय के आवंटन का 20% है। यह 2024-25 के संशोधित अनुमानों से 6% अधिक है।

एबी-पीएमजेएवाई: 2025-26 में इस योजना के लिए 9,406 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो 12 करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है। यह 2024-25 के संशोधित अनुमानों से 24% अधिक है।

और पढ़ें