बजट की मुख्य झलकियां

  • व्यय: सरकार द्वारा 2025-26 में 50,65,345 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 7.4% अधिक है। ब्याज भुगतान कुल व्यय का 25% और राजस्व प्राप्तियों का 37% है।

  • प्राप्तियां: 2025-26 में प्राप्तियां (उधारियों के अतिरिक्त) 34,96,409 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से लगभग 11.1% अधिक है। कर राजस्व जो प्राप्तियों का प्रमुख हिस्सा है, उसके भी 2024-25 के संशोधित अनुमान से 11% बढ़ने की उम्मीद है।

  • जीडीपी: सरकार ने 2025-26 में 10.1% की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया है (यानी, वास्तविक विकास जमा मुद्रास्फीति)।

  • घाटा: 2025-26 में राजस्व घाटा जीडीपी के 1.5% पर लक्षित है। यह 2024-25 के संशोधित अनुमान 1.9% से कम है। 2025-26 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.4% पर लक्षित है जो 2024-25 में जीडीपी के 4.8% के संशोधित अनुमान से कम है।

  • ऋण: केंद्र सरकार का लक्ष्य मार्च 2031 तक अपनी बकाया देनदारियों को जीडीपी के लगभग 50% तक कम करना है। 2025-26 में बकाया देनदारियां जीडीपी का 56.1% होने का अनुमान है।

फाइनांस बिल में मुख्य कर प्रस्ताव

  • नई आयकर व्यवस्था में बदलाव: नई कर व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। प्रस्तावित कर संरचना तालिका 1 में प्रदर्शित है। 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर कर योग्य आय पर 100% छूट मिलेगी। पहले यह सिर्फ सात लाख रुपए तक की आय पर लागू था। पुरानी कर व्यवस्था अपरिवर्तित रहेगी।

  • अनुपालन तंत्र: किसी भी मूल्यांकन वर्ष के लिए अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा दो से बढ़ाकर चार वर्ष कर दी गई है, जिसमें तीसरे और चौथे वर्ष के लिए क्रमशः आयकर और ब्याज पर 60% और 70% का जुर्माना लगाया जाएगा।

  • टीडीएस और टीसीएस के लिए सीमाओं में बढ़ोतरी: किराये पर टीडीएस की सालाना सीमा छह लाख रुपए होगी। रेमिटेंस पर टीसीएस की सीमा सात लाख रुपए से बढ़कर 10 लाख रुपए हो गई है। अगर किसी निर्दिष्ट वित्तीय संस्थान के ऋण से शिक्षा के लिए रेमिटेंस होता है तो उस राशि तक टीसीएस नहीं वसूला जाएगा। ब्याज और लाभांश के लिए टीडीएस या टीसीएस की न्यूनतम सीमा भी बढ़ा दी गई है।

तालिका 1: नई कर व्यवस्था में टैक्स स्लैब

कर दर

मौजूदा इनकम स्लैब

प्रस्तावित इनकम स्लैब

शून्य

3 लाख रुपए तक

4 लाख रुपए तक

5%

3 लाख रुपए से 7 लाख रुपए

4 लाख रुपए से 8 लाख रुपए

10%

7 लाख रुपए से 10 लाख रुपए

8 लाख रुपए से 12 लाख रुपए

15%

10 लाख रुपए से 12 लाख रुपए

12 लाख रुपए से 16 लाख रुपए

20%

12 लाख रुपए से 15 लाख रुपए

16 लाख रुपए से 20 लाख रुपए

25%

-

20 लाख रुपए से 24 लाख रुपए

30%

15 लाख रुपए से अधिक

24 लाख रुपए से अधिक

 

  • सीमा शुल्क: कुछ वस्तुओं पर सीमा शुल्क कम किया गया है लेकिन कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (एआईडीसी) पेश किया गया है। कुल कर पहले के स्तर के समान ही बना हुआ है। हालांकि सीमा शुल्क से उपकर को बदल दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्यों के साथ कम अनुपात में धनराशि साझा की जाएगी। इन वस्तुओं में सोलर सेल और मोटर वाहन शामिल हैं।

  • स्टार्टअप्स के लिए आयकर छूट: 1 अप्रैल, 2025 तक निगमित स्टार्टअप्स को फिलहाल संचालन के पहले 10 वर्षों के दौरान लगातार तीन वर्षों तक आयकर छूट का लाभ मिलता है। इस अवधि को 1 अप्रैल, 2030 तक शामिल स्टार्टअप्स को कवर करने के लिए बढ़ा दिया गया है।

  • अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी): कई कर छूटों के लिए आईएफएससी इकाई के संचालन की शुरुआत की तारीख 31 मार्च, 2030 तक बढ़ा दी गई है। जहाजों को पट्टे पर देने वाली इकाइयों की इक्विटी के हस्तांतरण जैसी कुछ गतिविधियों के लिए कर छूट दी गई है या बढ़ा दी गई है।

  • गैर सरकारी संगठन: सेक्शन 12ए के तहत कर छूट पांच वर्ष के लिए वैध है, और उसके बाद रीन्यूअल की जरूरत होती है। पिछले दो वर्षों में प्रत्येक में पांच करोड़ रुपए तक की आय वाले संस्थानों के लिए वैधता बढ़ाकर 10 वर्ष कर दी गई है।

नीतियों की झलकियां

  • वित्त एवं अर्थव्यवस्था: बीमा क्षेत्र में उन कंपनियों के लिए एफडीआई सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी जाएगी जो अपना पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करती हैं। नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा।

  • गवर्नेस: रेगुलेटरी सुधारों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा ताकि गैर-वित्तीय क्षेत्र के सभी रेगुलेशंस, प्रमाणपत्रों, लाइसेंस और अनुमतियों की समीक्षा की जा सके। समिति एक वर्ष के भीतर अपने सुझाव देगी। वर्तमान वित्तीय रेगुलेशंस के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद के तहत एक तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह वित्तीय क्षेत्र के विकास के लिए एक रूपरेखा भी तैयार करेगा। 2025 में राज्यों का एक निवेश मित्रता सूचकांक लॉन्च किया जाएगा। कई कानूनों में 100 से अधिक प्रावधानों को अपराधमुक्त करने के लिए जन विश्वास बिल 2.0 पेश किया जाएगा।

  • उद्योग एवं वाणिज्य: क्रेडिट की सुविधा बढ़ाने के लिए क्रेडिट गारंटी कवर बढ़ाया जाएगा: (i) सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए पांच करोड़ रुपए से 10 करोड़ रुपए, (ii) स्टार्ट-अप्स के लिए 10 करोड़ रुपए से 20 करोड़ रुपए, और (iii) निर्यातक एमएसएमई के लिए 20 करोड़ रुपए तक। एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर की सीमा कम से कम दोगुनी की जाएगी। उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए योजना के पहले वर्ष के भीतर 5 लाख रुपए की क्रेडिट सीमा वाले 10 लाख क्रेडिट कार्ड प्रदान किए जाएंगे।

  • इंफ्रास्ट्रक्चर: इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित प्रत्येक मंत्रालय परियोजनाओं की तीन वर्ष की पाइपलाइन तैयार करेगा जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में कार्यान्वित किया जा सकता है। 2025-30 के लिए दूसरी परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना शुरू की जाएगी। भूमि रिकॉर्ड और शहरी नियोजन को आधुनिक बनाने के लिए नेशनल जियोस्पैशियल मिशन शुरू किया जाएगा। इंडिया पोस्ट को एक बड़े सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन के रूप में तब्दील किया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में कई सेवाएं प्रदान करने के लिए इसे फिर से स्थापित किया जाएगा। अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों तक कनेक्टिविटी में सुधार और चार करोड़ यात्रियों को ले जाने के लिए एक संशोधित उड़ान योजना शुरू की जाएगी। 25,000 करोड़ रुपए के कोष के साथ एक समुद्री विकास कोष स्थापित किया जाएगा जिसमें सरकार का 49% योगदान होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।

  • ऊर्जा: बिजली वितरण सुधारों और अंतर-राज्य ट्रांसमिशन क्षमता बढ़ाने के आधार पर राज्यों को जीएसडीपी का 0.5% अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी जाएगी। परमाणु ऊर्जा के विकास के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी हेतु परमाणु ऊर्जा एक्ट और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व एक्ट में संशोधन किया जाएगा। 20,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के विकास के लिए एक परमाणु ऊर्जा मिशन शुरू किया जाएगा।

  • शहरी एवं ग्रामीण विकास: शहरों के विकास की परियोजनाओं को लागू करने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का शहरी चुनौती कोष स्थापित किया जाएगा। स्ट्रैस्ड प्रॉजेक्ट्स में एक लाख आवासीय इकाइयों का निर्माण पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपए की योजना शुरू की जाएगी।

  • कृषि: केंद्र सरकार दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए छह वर्ष का मिशन शुरू करेगी। केंद्रीय एजेंसियां ​​अगले चार वर्षों में किसानों तीन दालें खरीदेंगी, जितना वे पेशकश करेंगे। इसके अलावा हाई-यील्ड वैरायटी के बीजों की उपलब्धता और कपास उत्पादकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। 100 कम उत्पादकता वाले जिलों में उत्पादकता और फसल विविधीकरण में सुधार के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना लागू की जाएगी। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए गए ऋण के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत ऋण सीमा तीन लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए की जाएगी।

  • श्रम एवं रोजगार: रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को किफायती ऋण प्रदान करने के लिए पीएम स्वनिधि योजना को नया रूप दिया जाएगा ताकि 30,000 रुपए की सीमा वाले यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड, बैंक ऋण में वृद्धि और क्षमता निर्माण में सहायता प्रदान की जा सके। आयुष्मान भारत के तहत गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्रदान की जाएगी। पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के फर्स्ट टाइम इंटरप्रेन्योर्स को दो करोड़ रुपए तक ऋण प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की जाएगी। आय में सुधार करने के लिए शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान हेतु एक और योजना लागू की जाएगी।

  • शिक्षा: अगले वर्ष मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी और अगले पांच वर्षों में 75,000 सीटें जोड़ने का लक्ष्य है। 2014 के बाद शुरू हुए पांच आईआईटी में 6,500 से अधिक विद्यार्थियों के लिए शिक्षा की सुविधा हेतु अतिरिक्त इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। पीएम रिसर्च फेलोशिप योजना के तहत आईआईटी और आईआईएससी में तकनीकी अनुसंधान के लिए 10,000 फेलोशिप प्रदान की जाएंगी।

 

2024-25 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2025-26 का बजट अनुमान

  • कुल व्यय: सरकार द्वारा 2025-26 में 50,65,345 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है। इसमें 2024-25 के संशोधित अनुमान की तुलना में 7.4% की वृद्धि है।

  • 2024-25 के संशोधित अनुमान की तुलना में राजस्व व्यय में 6.7% और पूंजीगत व्यय में 10.1% की वृद्धि का अनुमान है। प्रमुख योजनाओं- मनरेगा और पीएम-किसान के लिए आवंटन 2024-25 के संशोधित अनुमान के समान है। सबसिडी पर खर्च 2024-25 के संशोधित अनुमान के समान रहने का अनुमान है। स्थापना व्यय (जिसमें पेंशन और वेतन शामिल है) पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान से 3% बढ़ने का अनुमान है।

  • कुल प्राप्तियां: सरकारी प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 34,96,409 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 11.1% अधिक है। इन प्राप्तियों और व्यय के बीच के अंतर को उधारी से पूरा किया जाएगा जिसका बजट 15,68,936 करोड़ रुपए होगा। यह लगभग 2024-25 के संशोधित अनुमान के समान है।

  • राज्यों को हस्तांतरण: केंद्र सरकार 2025-26 में राज्यों को 25,59,764 करोड़ रुपए हस्तांतरित करेगी जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 12.5% ​​अधिक है। राज्यों को हस्तांतरण में 14,22,444 करोड़ रुपए का कर हस्तांतरण और 11,37,320 करोड़ रुपए का अनुदान शामिल है। इसके भीतर पूंजीगत व्यय ऋण के लिए 1,50,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

  • घाटा: राजस्व घाटा जीडीपी के 1.5% पर लक्षित है जो 2024-25 के संशोधित अनुमान (जीडीपी का 1.9%) से कम है। 2025-26 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.4% पर लक्षित है जो 2024-25 के संशोधित अनुमान (जीडीपी का 4.8%) से कम है। कम राजकोषीय घाटा 7.4% की व्यय वृद्धि की तुलना में प्राप्तियों में 11.1% की उच्च वृद्धि के कारण है।

  • जीडीपी वृद्धि का अनुमान: 2025-26 में नॉमिनल जीडीपी 10.1% की दर से बढ़ने का अनुमान है।

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