उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री राजेश अग्रवाल ने 16 फरवरी, 2018 को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
- 2018-19 के लिए उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (मौजूदा मूल्यों पर) 14,88,934 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है।
- 2018-19 के लिए कुल व्यय 4,28,385 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 16.3% अधिक है। 2017-18 में बजटीय अनुमान की तुलना में व्यय में 16,259 करोड़ रुपए की गिरावट (4.2%) का अनुमान है।
- 2018-19 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 3,53,784 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 15.9% अधिक है। 2017-18 में कुल प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान से 14,369 करोड़ रुपए कम थीं।
- अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व अधिशेष 27,099 करोड़ रुपए या सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 1.82% पर लक्षित है। राजकोषीय घाटा 44,053 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.96%) पर लक्षित है।
- उर्जा, सिंचाई और ग्रामीण विकास के आबंटनों में पिछले वर्ष की तुलना में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज किए जाने का अनुमान है। कृषि क्षेत्र के आबंटनों में 59% की गिरावट होने की उम्मीद है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- स्वास्थ्य देखभाल: डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ में 500 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और पैरामेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज स्थापित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त संजय गांधी पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग को विस्तार दिया जाएगा और 200 बिस्तर बढ़ाए जाएंगे।
- जिला स्तर पर कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ‘एक जनपद एक उत्पाद’ नामक योजना शुरू करेगी।
- सरकार ने खनन क्षेत्र के लिए ‘उत्तर प्रदेश खनन नीति-2017’ को लागू किया है। यह नीति गैर कानूनी खनन को नियंत्रित करने और पारदर्शिता लाने का प्रयास करती है। सरकार राज्य में खनन गतिविधियों की सैटेलाइट ट्रैकिंग के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से एक विकसित खनन प्रणाली को लागू करेगी।
- सौर ऊर्जा: सरकार ने 2022 तक सौर ऊर्जा का प्रयोग करते हुए 10,700 मेगावाट बिजली उत्पादित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। बजट में ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट्स को लगाने के लिए 25 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त पंडित दीन दयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट स्कीम के लिए 30 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
- राज्य में स्टार्ट-अप फंड स्थापित करने के लिए 250 करोड़ आबंटित किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था · अर्थव्यवस्था: 2012-13 और 2016-17 के दौरान उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी में 4% से 8% के बीच वृद्धि हुई। · पिछले वर्ष की तुलना में 2016-17 में जीएसडीपी में सेवा क्षेत्र में 7% वृद्धि हुई। जीएसडीपी में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 51% है। कृषि क्षेत्र में, जिसका योगदान जीएसडीपी में 25% है, 6.8% की वृद्धि हुई। 2016-17 में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 5.1% की वृद्धि हुई। इस क्षेत्र की हिस्सेदारी जीएसडीपी में 24% है। · प्रति व्यक्ति आय: 2016-17 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय (मौजूदा मूल्यों पर) 58,626 रुपए थी। 2015-16 की तुलना में यह 12% अधिक थी, जब प्रति व्यक्ति जीएसडीपी 52,320 रुपए थी। |
रेखाचित्र 1: जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों का विकास (वर्ष दर वर्ष)
Source: Central Statistics Office; PRS. |
2018-19 के लिए बजट अनुमान
- 2018-19 में 4,28,385 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 16.3% अधिक है। इस व्यय को 3,53,784 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 67,115 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2018-19 की कुल प्राप्तियों के (उधारियों के अतिरिक्त) 15.9% अधिक होने की उम्मीद है।
तालिका 1 : बजट 2018-19 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2016-17 वास्तविक |
2017-18 बजटीय |
2017-18 संशोधित |
बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का % |
2018-19 बजटीय |
संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
3,33,425 |
3,84,660 |
3,68,401 |
-4.2% |
4,28,385 |
16.3% |
क. उधारियां |
67,685 |
57,509 |
54,853 |
-4.6% |
67,115 |
22.4% |
ख. प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
2,57,134 |
3,19,682 |
3,05,313 |
-4.5% |
3,53,784 |
15.9% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
3,24,819 |
3,77,191 |
3,60,166 |
-4.5% |
4,20,899 |
16.9% |
राजस्व अधिशेष |
20,283 |
12,279 |
18,515 |
50.8% |
27,099 |
46.4% |
जीएसडीपी के % के रूप में |
1.63% |
0.85% |
1.34% |
1.82% |
||
राजस्व घाटा |
-55,989 |
-42,968 |
-41,074 |
-4.4% |
-44,053 |
7.3% |
जीएसडीपी के % के रूप में |
-4.49% |
-2.97% |
-2.98% |
-2.96% |
||
प्राथमिक घाटा |
-29,053 |
-9,756 |
-10,796 |
10.7% |
-11,620 |
7.6% |
जीएसडीपी के % के रूप में |
-2.33% |
-0.67% |
-0.78% |
-0.78% |
नोट्स: बअ का अर्थ है, बजट अनुमान, संअ का अर्थ है संशोधित अनुमान, ‘-’ घाटे का संकेत है और ‘+’ अधिशेष का।
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2018-19; PRS.
2018-19 में व्यय
2018-19 में उत्तर प्रदेश द्वारा सब्सिडी पर 11,564 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की उम्मीद है जोकि 2017-18 के बजटीय अनुमान से 15% अधिक है। 2018-19 के आबंटनों में 6,200 करोड़ रुपए ऊर्जा और 2,067 करोड़ रुपए कृषि के लिए होंगे। सरकार द्वारा पेंशन पर 45,495 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 22% अधिक है। |
- 2018-19 में पूंजीगत व्यय 1,06,864 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 30.5% अधिक है। इसमें परिसंपत्तियों के सृजन से संबंधित व्यय (जैसे पुल और अस्पताल), ऋण की वापसी इत्यादि शामिल हैं।
- 2018-19 के लिए 3,21,520 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 12.2% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, रखरखाव इत्यादि शामिल हैं।
- 2018-19 में उत्तर प्रदेश द्वारा ऋण चुकाने हेतु 62,980 करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान है (लोन चुकाने हेतु 30,547 करोड़ रुपए और ब्याज भुगतान हेतु 32,434 करोड़ रुपए)। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 20.4% अधिक है।
तालिका 2 : बजट 2018-19 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2016-17 वास्तविक |
2017-18 बजटीय |
2017-18 संशोधित |
बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का % |
2018-19 बजटीय |
संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
पूंजीगत व्यय |
96,833 |
77,541 |
81,887 |
5.6% |
1,06,864 |
30.5% |
राजस्व व्यय |
2,36,592 |
3,07,119 |
2,86,514 |
-6.7% |
3,21,520 |
12.2% |
कुल व्यय |
3,33,425 |
3,84,660 |
3,68,401 |
-4.2% |
4,28,385 |
16.3% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
20,303 |
22,010 |
22,014 |
0.0% |
30,547 |
38.8% |
ख. ब्याज भुगतान |
26,936 |
33,212 |
30,278 |
-8.8% |
32,434 |
7.1% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
47,238 |
55,222 |
52,292 |
-5.3% |
62,980 |
20.4% |
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2018-19; PRS.
2018-19 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय
2018-19 के दौरान उत्तर प्रदेश के बजटीय व्यय का 57% हिस्सा निम्नलिखित विभागों के लिए खर्च किया जाएगा। उत्तर प्रदेश और अन्य 18 राज्यों में व्यय संबंधी तुलना परिशिष्ट (Annexure) में देखी जा सकती है।
तालिका 3 : उत्तर प्रदेश बजट 2018-19 में विभिन्न विभागों पर व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2016-17 वास्तविक |
2017-18 बजटीय |
2017-18 संशोधित |
2018-19 बजटीय |
संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का% |
2018-19 के लिए बजटीय प्रावधान |
शिक्षा |
49,000 |
62,351 |
56,993 |
63,213 |
10.90% |
इसमें से: (i) 50,142 करोड़ रुपए प्राथमिक शिक्षा, (ii) 9,387 करोड़ रुपए माध्यमिक शिक्षा और (iii) 2,656 करोड़ रुपए उच्च शिक्षा पर व्यय किए जाएंगे। |
सामाजिक कल्याण |
26,364 |
29,511 |
31,278 |
32,019 |
2.40% |
2018-19 में ‘वृद्धावस्था एवं किसान पेंशन’ योजना के लिए 2,560 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
ऊर्जा |
33,977 |
17,728 |
18,061 |
27,575 |
52.70% |
इनमें से 62% राजस्व व्यय (जैसे ब्याज और सब्सिडी का भुगतान करने) और 38% पूंजीगत व्यय के लिए हैं। |
लोक निर्माण |
23,749 |
19,237 |
19,525 |
22,224 |
13.80% |
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस के लिए 500 करोड़ रुपए, पूर्वांचल एक्सप्रेस के लिए 1,000 करोड़ रुपए और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के लिए 500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
मेडिकल और सार्वजनिक स्वास्थ्य |
14,340 |
17,181 |
16,839 |
20,157 |
19.70% |
राज्य पीपीपी मॉडल के जरिए 170 राष्ट्रीय मोबाइल मेडिकल यूनिट्स को चलाएगी। 100 नए आयुर्वेदिक अस्पतालों को स्थापित किया जाएगा। |
ग्रामीण विकास |
10,436 |
15,821 |
15,949 |
19,733 |
23.70% |
इसमें से 2,923 करोड़ रुपए सड़कों एवं पुलों और 1,166 करोड़ रुपए हाउसिंग पर खर्च किए जाएंगे। |
गृह |
15,360 |
17,325 |
16,058 |
18,515 |
15.30% |
इनमें से 17,136 करोड़ रुपए पुलिस पर खर्च करना प्रस्तावित है (93%)। |
सिंचाई |
10,683 |
10,958 |
10,856 |
14,291 |
31.60% |
सरयु नहर कार्यक्रम को 1,614 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। मध्य गंगा नहर कार्यक्रम के लिए 1,701 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
पंचायती राज |
11,058 |
12,278 |
12,738 |
14,228 |
11.70% |
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए 5,000 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
शहरी विकास |
6,238 |
13,189 |
13,144 |
13,484 |
2.60% |
स्मार्ट सिटीज मिशन के लिए 1,650 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। इस मिशन के लिए जिन शहरों को चुना गया है, उनमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, अलीगढ़, झांसी, मुरादाबाद, बरेली और सहारनपुर शामिल हैं। |
कृषि |
6,046 |
39,583 |
28,387 |
11,589 |
-59.20% |
2017-18 की तुलना में आबंटन 59% कम हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य ने 2017-18 में किसानी को ऋण में छूट दी थी, जिसके कारण इस वर्ष के दौरान अधिक खर्च हुआ। |
कुल व्यय का % |
59% |
66% |
62% |
57% |
|
Source: Uttar Pradesh Budget Speech 2018-19 and Demands for Grants; PRS.
- 2017-18 के दौरान उत्तर प्रदेश द्वारा सामाजिक कल्याण (6%), पंचायती राज (3.7%), ऊर्जा (1.9%) और लोक निर्माण (1.5%) जैसे क्षेत्रों में अपने बजट अनुमान से अधिक खर्च करने की उम्मीद है। दूसरी ओर कृषि (28.3%), शिक्षा (8.6%) और गृह (7.3%) पर बजट अनुमान से कम खर्च करने की उम्मीद है।
2018-19 में प्राप्तियां
2017-18 के दौरान बजट अनुमान की तुलना में उत्तर प्रदेश में कर राजस्व में 15% की गिरावट हुई। बजट अनुमान की तुलना में स्टाम्प ड्यूटी से प्राप्त राशि भी 28% कम थी। |
- 2018-19 के लिए 3,48,619 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमानों से 14.3% अधिक है। इनमें से 1,51,522 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 43%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाया जाएगा, जबकि 1,97,098 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 57%) केंद्र द्वारा अनुदान और केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के रूप में हस्तांतरित किए जाएंगे।
- गैर कर राजस्व: उत्तर प्रदेश द्वारा 2018-19 में गैर कर राजस्व से 28,822 करोड़ रुपए उगाहने का अनुमान है। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 64.7% अधिक है। सिंकिंग फंड (जिसे आम तौर पर उधार चुकाने के लिए मेनटेन किया जाता है) से होने वाली प्राप्तियों में 187% (8,271 करोड़ रुपए) की वृद्धि के कारण ऐसा होने की उम्मीद है।
तालिका 4 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2016-2017 वास्तविक |
2017-2018 बजटीय |
2017-18 संशोधित |
बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का % |
2018-2019 बजटीय |
संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
राज्य के अपने कर |
85,966 |
1,11,502 |
94,959 |
-14.8% |
1,22,700 |
29.2% |
राज्य के अपने गैर कर |
28,944 |
18,437 |
17,502 |
-5.1% |
28,822 |
64.7% |
केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी |
1,09,428 |
1,21,407 |
1,21,407 |
0.0% |
1,33,548 |
10.0% |
केंद्र से सहायतानुदान |
32,537 |
68,052 |
71,161 |
4.6% |
63,549 |
-10.7% |
कुल राजस्व प्राप्तियां |
2,56,875 |
3,19,397 |
3,05,029 |
-4.5% |
3,48,619 |
14.3% |
उधारियां |
67,685 |
57,509 |
54,853 |
-4.6% |
67,115 |
22.4% |
अन्य प्राप्तियां |
259 |
284 |
284 |
0.0% |
5,165 |
1717.5% |
कुल पूंजीगत प्राप्तियां |
67,944 |
57,793 |
55,137 |
-4.6% |
72,280 |
31.1% |
कुल प्राप्तियां |
3,24,819 |
3,77,191 |
3,60,166 |
-4.5% |
4,20,899 |
16.9% |
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2018-19; PRS.
- कर राजस्व: 2018-19 में उत्तर प्रदेश को 1,22,700 करोड़ रुपए का कुल कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। राज्य के कर राजस्व का संघटन रेखाचित्र 2 में प्रदर्शित है। 2018-19 में कर-जीएसडीपी अनुपात 8.2% पर लक्षित है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 6.9% अधिक है। इसका अर्थ यह है कि करों के एकत्रण में होने वाली वृद्धि अर्थव्यवस्था की वृद्धि (8%)से अधिक है।
रेखाचित्र 2: 2018-19 के कर राजस्व का संघटन (बअ)
|
· 2018-19 में उत्तर प्रदेश के स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा राज्य वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से प्राप्त होने का अनुमान है। इससे 49,422 करोड़ रुपए (स्वयं कर राजस्व का 40%) अर्जित होने की उम्मीद है। · राज्य द्वारा राज्य एक्साइज ड्यूटी द्वारा 23,000 करोड़ रुपए अर्जित करने की उम्मीद है। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 19% अधिक है। इसके अतिरिक्त राज्य द्वारा मानव उपभोग के लिए एल्कोहल और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं पर सेल्स टैक्स की वसूली से 22,078 करोड़ रुपए अर्जित करने की उम्मीद है। · रियल एस्टेट के लेनदेन पर प्राप्त होने वाली स्टाम्प ड्यूटी, वाहनों पर टैक्स और भू-राजस्व की वसूली से भी कर राजस्व अर्जित होगा। |
2018-19 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
उत्तर प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2004 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश ने 2016-17 के लिए बजट चरण में 4% के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा था। वर्ष के लिए वास्तविक राजकोषीय घाटा 4.49% था। |
राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा।
2018-19 में 27,099 करोड़ रुपए (या राज्य जीडीपी का 1.82% हिस्सा) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। इसका अर्थ यह कि राजस्व व्यय की तुलना में राज्य प्राप्तियां अधिक होने का अनुमान है जिसके कारण अधिशेष होगा। अनुमान संकेत देते हैं कि राज्य द्वारा राजस्व घाटे को समाप्त करने का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है, जैसा कि 14 वें वित्त आयोग में विनिर्दिष्ट किया गया है।
राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2018-19 में 44,053 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जोकि राज्य जीडीपी के 2.96% के बराबर है। 14 वें वित्त आयोग की 3% की निर्धारित सीमा से यह अनुमान अधिक है। इस सीमा को निर्धारित करते हुए वित्त आयोग ने सुझाव दिया था कि इसमें दशमलव पांच प्रतिशत की छूट दी जा सकती है, अगर राज्य एक विशिष्ट स्तर तक अपने ऋण और ब्याज भुगतान को बरकरार रख पाते हैं।
बकाया देनदारियां: पिछले कई वर्षों की देनदारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2018-19 में बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 29.8% के बराबर होने का अनुमान है।
तालिका 5 : उत्तर प्रदेश के बजट में विभिन्न घाटों के लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)
वर्ष |
राजस्व |
राजकोषीय घाटा (-)/अधिशेष (+) |
बकाया देनदारियां |
2016-17 |
1.63% |
-4.49% |
29.90% |
2017-18 (संअ) |
1.30% |
-2.98% |
29.50% |
2018-19 (बअ) |
1.80% |
-2.96% |
29.80% |
2019-20 |
2.10% |
-2.90% |
29.10% |
2020-21 |
2.50% |
-2.94% |
29.10% |
Note: ‘-’ means data not available. Sources: Uttar Pradesh Budget Documents 2018-19; PRS.
रेखाचित्र 3 और 4 में 2016-17 से 2018-19 के दौरान घाटे और बकाया देनदारियों के रुझान प्रदर्शित हैं:
रेखाचित्र 3: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents; PRS.
रेखाचित्र 4: बकाया देनदारियां (जीएसडीपी का %)
Sources: Uttar Pradesh Budget Documents; PRS.
परिशिष्ट
निम्नलिखित तालिकाओं में चार मुख्य क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के कुल व्यय की तुलना 18 राज्यों से की गई है।[1]
- शिक्षा: 2018-19 में उत्तर प्रदेश ने शिक्षा के लिए 14.5% का आबंटन किया है। अन्य 18 राज्यों ने शिक्षा पर जितनी राशि का आबंटन किया गया है (2017-18 के बजटीय अनुमान का प्रयोग करते हुए), उसकी तुलना में उत्तर प्रदेश का आबंटन कम है।
- ग्रामीण विकास: उत्तर प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए कुल 5.9% का आबंटन किया है। यह अन्य 18 राज्यों द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (5.6%) से अधिक है।
- स्वास्थ्य: उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 5.5% का आबंटन किया है। यह अन्य 18 राज्यों द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय से अधिक है।
- कृषि: राज्य ने कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए 5% का आबंटन किया है। यह अन्य 18 राज्यों के आबंटनों (6.4%) से कम है।
Note: 2016-17, 2017-18 (BE), 2017-18 (RE), and 2018-19 (BE) figures are for Uttar Pradesh.
Source: Annual Financial Statement (2017-18 and 2018-19), various state budgets; PRS.
[1] The 18 states apart from Uttar Pradesh are: Andhra Pradesh, Assam, Bihar, Chhattisgarh, Delhi, Gujarat, Haryana, Jammu and Kashmir, Karnataka, Kerala, Madhya Pradesh, Maharashtra, Odisha, Punjab, Rajasthan, Tamil Nadu, Telangana, and West Bengal.
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