दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च, 2018 को वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
- 2017-18 के लिए दिल्ली का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (मौजूदा मूल्यों पर) 6,86,017 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह 2016-17 के जीएसडीपी से 11.2% अधिक (6,16,826 करोड़ रुपए) है।
- 2018-19 के लिए कुल व्यय 53,000 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 19.5% अधिक है। 2017-18 में बजटीय अनुमान की तुलना में व्यय में 3,630 करोड़ रुपए की गिरावट (7.6%) का अनुमान था।
- 2018-19 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 50,076 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 15.2% अधिक है। 2017-18 में कुल प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान से 1,661 करोड़ रुपए कम थीं।
- अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व अधिशेष 4,465 करोड़ रुपए पर लक्षित है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमानों से 14% अधिक है। राजकोषीय घाटा 2,924 करोड़ रुपए पर लक्षित है जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 2.4% की वृद्धि है।
- शिक्षा क्षेत्र के आबंटन में 46.2% और सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं विकास, प्रत्येक विभाग के आबंटन में 24% की वृद्धि की गई है।
- वायु प्रदूषण कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा (रीन्यूएबल एनर्जी) की ओर बढ़त के प्रयास में सरकार ने अनेक प्रकार के अनुदानों (सबसिडी) की घोषणा की है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं : (i) डीजल जनरेटर को स्वच्छ ईंधन वाले जनरेटर से बदलने पर कंपनियों को 30,000 रुपए की सबसिडी, और (ii) मौजूदा ईंधनों की बजाय पाइप्ड नेचुरल गैस का इस्तेमाल करने पर औद्योगिक इकाइयों को एक लाख रुपए तक की सबसिडी।
नीतिगत विशिष्टताएं
- स्वास्थ्य: सरकार ने एम्पैन्ल्ड निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज को कवर करने के लिए नई सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा योजना की घोषणा की है। इसके लिए विस्तृत दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है। 2018-19 में इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।
- सरकार ने अक्टूबर 2018 तक 530 मोहल्ला क्लिनिकों और स्कूलों में 230 क्लिनिक खोलने का लक्ष्य रखा है।
- परिवहन: सरकार की योजना है कि मार्च 2019 तक 1,000 नई इलेक्ट्रिक बस चलाई जाएं। इसके अतिरिक्त 1,000 नई क्लस्टर बसें भी चलाई जाएंगी। इन क्लस्टर बसों के लिए 450 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
- शिक्षा: सुरक्षा बढ़ाने के लिए सभी सरकारी स्कूलों की इमारतों में 1.3 लाख सीसीटीवी लगाने के लिए 175 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। इसके अतिरिक्त 2018-19 तक 12,748 क्लासरूम और 30 नई स्कूली इमारतें बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
दिल्ली की अर्थव्यवस्था · अर्थव्यवस्था: दिल्ली के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि में गिरावट हुई है। 2014-15 में यह 9.2% से घटकर 2017-18 में 8.1% हो गई। · क्षेत्रगत वृद्धि: 2017-18 में सेवा क्षेत्र ने राज्य की अर्थव्यवस्था मे 85% का योगदान दिया। इसके बाद मैन्यूफैक्चरिंग ने 12% और कृषि ने 3% का योगदान दिया। · हालांकि दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान है, इस क्षेत्र की वृद्धि में भी गिरावट हुई है। 2014-15 में सेवा क्षेत्र की वृद्धि 13% थी, जोकि 2017-18 में गिरकर 7.3% रह गई। · प्रति व्यक्ति आय: 2017-18 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय (मौजूदा मूल्यों पर) 2,92,714 रुपए थी। यह औसत राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से अधिक है, जोकि 2017-18 में 1,12,764 रुपए थी। |
रेखाचित्र 1: दिल्ली में जीएसडीपी का विकास (वर्ष दर वर्ष)
Sources: GSVA by Economic Activities, Central Statistics Office; PRS. |
2018-19 के लिए बजट अनुमान
- 2018-19 में 53,000 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 19.5% अधिक है। इस व्यय को 50,076 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 2,924 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2017-18 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2018-19 के लिए कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के 12% अधिक होने की उम्मीद है।
तालिका 1 : बजट 2018-19- मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2016-17 वास्तविक |
2017-18 बजटीय |
2017-18 संशोधित |
बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का % |
2018-19 बजटीय |
संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
37,263 |
48,000 |
44,370 |
-7.6% |
53,000 |
19.5% |
क. उधारियां* |
1,696 |
2,856 |
2,856 |
0% |
2,924 |
2.4% |
ख. प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) |
34,558 |
45,144 |
43,483 |
-3.7% |
50,076 |
15.2% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
36,254 |
48,000 |
46,339 |
-3.5% |
53,000 |
14.4% |
राजस्व घाटा |
5,264 |
3,789 |
3,921 |
3.5% |
4,465 |
13.9% |
(-)/अधिशेष (+) |
|
|
|
|
|
|
राजकोषीय घाटा |
-1,051 |
-2,856 |
-2,856 |
0.0% |
-2,924 |
2.4% |
(-)/अधिशेष (+) |
|
|
|
|
|
|
प्राथमिक घाटा |
1,832 |
150 |
15 |
-90.3% |
35 |
138.4% |
(-)/अधिशेष (+) |
|
|
|
|
|
|
Note: BE is Budget Estimate; RE is Revised Estimate. In the absence of the GSDP in 2018-19, it is not possible to calculate deficits as a % of GSDP.
Sources: Budget at a Glance, Delhi Budget Documents 2018-19; PRS.
- राजस्व अधिशेष: इसका अर्थ यह है कि राजस्व व्यय की तुलना में राजस्व प्राप्तियां अधिक हैं। राजस्व अधिशेष सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के व्यय पर आय को दर्शाता है। सरकार ने 2018-19 में 4,465 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया है। 2017-18 के लिए सरकार ने अपने राजस्व अधिशेष को 3,921 करोड़ रुपए पर संशोधित किया है जोकि 3,789 करोड़ रुपए के बजटीय लक्ष्य से 3.5% अधिक है।
- राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2018-19 में 2,924 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जिसमें 2017-18 के संशोधित अनुमानों से 2.4% की वृद्धि है। प्राथमिक घाटा राजकोषीय घाटे और ब्याज भुगतान के बीच का अंतर होता है। 2018-19 में सरकार ने 35 करोड़ रुपए का प्राथमिक अधिशेष अनुमानित किया है। इसका अर्थ यह है कि पिछले ऋण दायित्वों को पूरा करने के लिए सरकार को शुद्ध उधारियों की जरूरत है।
2018-19 में व्यय
- 2018-19 में पूंजीगत व्यय 9,908 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 23.2% अधिक है। इसमें ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं और परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) और ऋण का पुनर्भुगतान इत्यादि करते हैं।
- 2018-19 के लिए 43,092 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 18.6% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान और पेंशन तथा मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर का रखरखाव इत्यादि शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 2017-18 में दिल्ली का राजस्व व्यय, बजट अनुमान से 5.5% और पूंजीगत व्यय 16% कम था।
- 2018-19 में दिल्ली द्वारा ऋण चुकाने हेतु 4,688 करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान है (ऋण के पुनर्भुगतान हेतु 1,729 करोड़ रुपए और ब्याज भुगतान हेतु 2,959 करोड़ रुपए)। 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में यह 3% अधिक है।
तालिका 2 : बजट में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2016-17 वास्तविक |
2017-18 बजटीय |
2017-18 संशोधित |
बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का % |
2018-19 बजटीय |
संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
पूंजीगत व्यय |
8,182 |
9,573 |
8,044 |
-16.0% |
9,908 |
23.2% |
राजस्व व्यय |
29,082 |
38,427 |
36,326 |
-5.5% |
43,092 |
18.6% |
कुल व्यय |
37,263 |
48,000 |
44,370 |
-7.6% |
53,000 |
19.5% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
1,655 |
1,682 |
1,682 |
0.0% |
1,729 |
2.7% |
ख. ब्याज भुगतान |
2,883 |
3,006 |
2,871 |
-4.5% |
2,959 |
3.1% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
4,537 |
4,689 |
4,553 |
-2.9% |
4,688 |
3.0% |
Note: Capital expenditure includes: (i) spending that creates assets, (ii) repayments on the loans taken by the government, and (iii) loans provided by the government. Sources: Delhi Budget Documents 2018-19; PRS.
2018-19 में विभिन्न विभागों के लिए व्यय
2018-19 के दौरान दिल्ली के बजटीय व्यय का 83.1% हिस्सा निम्नलिखित विभागों के लिए खर्च किया जाएगा। दिल्ली और अन्य 18 राज्यों में व्यय संबंधी तुलना परिशिष्ट (Annexure) में की गई है।
तालिका 3 : दिल्ली बजट 2018-19 में विभिन्न विभागों का योजना परिव्यय (करोड़ रुपए में)
विभाग |
2016-17 |
2017-18 |
2018-19 |
संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का% |
2018-19 के लिए बजटीय प्रावधान |
वास्तविक |
संशोधित |
बजटीय |
|||
शहरी विकास (इसमें लोक निर्माण और पावर विभाग शामिल हैं) |
12,744 |
13,772 |
16,448 |
19.4% |
· पुरानी टूटी-फूटी सड़कों और गलियों की मरम्मत के लिए 1,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। · 16 किलोमीटर से अधिक लंबे साइकिल ट्रैकों पर सोलर पैनल लगाने के लिए पायलट प्रॉजेक्ट शुरू किया जाएगा। |
शिक्षा (इसमें स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग शामिल हैं) |
6,844 |
8,524 |
12,460 |
46.2% |
· 12,748 क्लासरूम और 30 नई स्कूली इमारतें बनाई जाएंगी। · सभी सरकारी स्कूलों की इमारतों में 1.3 लाख सीसीटीवी लगाने के लिए 175 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
समाज कल्याण (इसमें महिला एवं बाल निदेशालय, परिवहन और पर्यटन विभाग शामिल हैं) |
5,344 |
7,124 |
6,304 |
-11.5% |
· मार्च 2019 तक 1,000 नई इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। 450 करोड़ रुपए 1,000 क्लस्टर बसें चलाने के लिए आबंटित किए गए हैं। · अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को कोचिंग देने के लिए 45 करोड़ के परिव्यय वाली “जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा योजना” शुरू की गई है। |
चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य (इसमें स्वास्थ्य सेवा निदेशालय और मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों को किया जाने वाला आबंटन शामिल है) |
3,671 |
4,728 |
5,867 |
24.1% |
· 2018-19 में नए मोहल्ला क्लिनिक और पॉलीक्लिनिक बनाने के लिए 403 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। · अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 20,000 की जाएगी। |
विकास (इसमें पर्यावरण तथा सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण शामिल है) |
1,821 |
2,401 |
2,981 |
24.2% |
· डीजल जनरेटर को स्वच्छ ईंधन वाले जनरेटर से बदलने पर कंपनियों को 30,000 रुपए तक की सबसिडी दी जाएगी। · मौजूदा ईंधनों की बजाय पाइप्ड नेचुरल गैस का इस्तेमाल करने पर औद्योगिक इकाइयों को एक लाख रुपए तक की सबसिडी दी जाएगी। |
कुल |
30,424 |
36,549 |
44,060 |
20.5% |
|
कुल व्यय का % |
81.7% |
82.4% |
83.1% |
||
Sources: Delhi Budget Speech 2018-19; Detailed Demand for Grants 2018-19; PRS.
सबसिडी
राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लिए सबसिडी प्रदान करती है। तालिका 4 में कुछ सबसिडीज़ के बारे में बताया गया है। प्रत्यक्ष सबसिडी देने के अतिरिक्त बजट में कुछ अप्रत्यक्ष अनुदान भी हैं, जैसे डीटीसी को 1,825 करोड़ रुपए और दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन को 25 करोड़ रुपए का सहायतानुदान।
तालिका 4: 2017-18 में सबसिडी (करोड़ रुपए में)
सबसिडी |
वास्तविक 2016-17 |
संशोधित 2017-18 |
बजटीय 2018-19 |
संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
सबसिडी निम्नलिखित के लिए लक्षित |
बिजली सबसिडी |
1,578 |
1,720 |
1,720 |
0% |
बिजली के 400 यूनिट तक खर्च करने पर उपभोक्ताओं को सबसिडी |
पानी पर सबसिडी (दिल्ली जल बोर्ड के जरिए) |
320 |
425 |
425 |
0% |
हर महीने 20 किलोलीटर तक खर्च करने पर परिवारों को मुफ्त पानी के लिए सबसिडी |
डीटीसी का रियायती पास |
92 |
100 |
100 |
0% |
डीटीसी के यात्रियों को जारी किए जाने वाले रियायती पास |
उपभोक्ता सबसिडी |
47 |
20 |
3.1 |
-84.50% |
अनिवार्य वस्तुओं, मुख्य रूप से चीनी पर प्रदान की जाने वाली सबसिडी |
Source: Detailed Demand for Grants 2018-19; PRS.
2018-19 में प्राप्तियां
2017-18 में बजटीय अनुमानों की तुलना में सरकार की राजस्व प्राप्तियां 4.7% (1,968 करोड़ रुपए) कम होने का अनुमान है। यह कमी कर राजस्व एकत्रण में 5.4% (2,100 करोड़ रुपए) की गिरावट के कारण है, जो राज्य के राजस्व का सबसे बड़ा घटक है (88%)। पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2018-19 में केंद्र से सहायतानुदान 67% बढ़ने का अनुमान है। यह केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के आबंटन में 2,357 करोड़ रुपए (248%) की वृद्धि के लिए कारण है। |
- 2018-19 के लिए 47,557 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमानों से 12% अधिक है। इनमें से 42,800 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 90%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे, जबकि 4,757 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 10%) केंद्र द्वारा अनुदान और केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के रूप में हस्तांतरित किए जाएंगे।
- गैर कर राजस्व: दिल्ली द्वारा 2018-19 में गैर कर राजस्व से 800 करोड़ रुपए उगाहने का अनुमान है। 2017-18 के संशोधित अनुमान की तुलना में इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।
तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2016-2017 वास्तविक |
2017-2018 बजटीय |
2017-18 संशोधित |
बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का % |
2018-2019 बजटीय |
संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
राज्य के अपने कर |
31,140 |
38,700 |
36,600 |
-5.4% |
42,000 |
14.8% |
राज्य के अपने गैर कर |
381 |
800 |
800 |
0.0% |
800 |
0.0% |
सहायतानुदान और योगदान |
2,825 |
2,716 |
2,848 |
4.8% |
4,757 |
67.0% |
कुल राजस्व प्राप्तियां |
34,346 |
42,216 |
40,248 |
-4.7% |
47,557 |
18.2% |
ऋणों की रिकवरी और अग्रिम |
211 |
400 |
600 |
50.0% |
550 |
-8.3% |
उधारियां |
1,696 |
2,856 |
2,856 |
0.0% |
2,924 |
2.4% |
अन्य प्राप्तियां |
- |
2,528 |
2,635 |
4.2% |
1,969 |
-25.3% |
कुल पूंजीगत प्राप्तियां |
1,908 |
5,784 |
6,091 |
5.3% |
5,443 |
-10.6% |
कुल प्राप्तियां |
36,254 |
48,000 |
46,339 |
-3.5% |
53,000 |
14.4% |
Note: Other receipts for the years 2017-18 and 2018-19, include the opening balances for those years.
Sources: Delhi Budget Documents 2018-19; PRS.
- कर राजस्व: 2018-19 में दिल्ली को 42,000 करोड़ रुपए का कुल कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। राज्य के कर राजस्व का संघटन रेखाचित्र 2 में प्रदर्शित है।
रेखाचित्र 2: 2018-19 के कर राजस्व का संघटन (बजट अनुमान)
Sources: Delhi Budget Documents 2018-19; PRS. |
· दिल्ली के कर राजस्व में राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) का सबसे बड़ा हिस्सा है। इससे 23,400 करोड़ रुपए के योगदान की उम्मीद है (55.7%)। · राज्य के कर राजस्व में दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा सेल्स टैक्स का है। चूंकि सेल्स टैक्स का काफी बड़ा हिस्सा जीएसटी में शामिल कर दिया गया है, यह टैक्स अब कुछ वस्तुओं, जैसे मानव उपभोग के लिए एल्कोहल और पेट्रोलियम उत्पादों से प्राप्त होता है। 2018-19 में सेल्स टैक्स से 6,600 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में इसमें 40.5% की गिरावट है। · इसके अतिरिक्त सरकार को वाहन टैक्सों से 2,500 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में इसमें 16.3% की वृद्धि है। · स्टाम्प ड्यूटी 4,298 करोड़ रुपए का योगदान देगी, जोकि राज्य के कर राजस्व का 10.2% हिस्सा है। इसमें 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 14.7% की वृद्धि है। |
परिशिष्ट
निम्नलिखित तालिकाओं में दो मुख्य क्षेत्रों में दिल्ली के कुल व्यय की तुलना 18 राज्यों से की गई है।[1]
- शिक्षा: 2018-19 में दिल्ली ने शिक्षा के लिए बजट राशि का 26.3% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य 18 राज्यों ने शिक्षा पर जितनी औसत राशि आबंटित की है (2017-18 के बजटीय अनुमान का प्रयोग करते हुए), उसकी तुलना में दिल्ली का आबंटन अधिक है।
- स्वास्थ्य: दिल्ली ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 12.7% हिस्से का आबंटन किया है जोकि अन्य 18 राज्यों द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय से काफी अधिक है।
[1] The 18 states apart from Delhi are: Andhra Pradesh, Assam, Bihar, Chhattisgarh, Gujarat, Haryana, Jammu and Kashmir, Karnataka, Kerala, Madhya Pradesh, Maharashtra, Odisha, Punjab, Rajasthan, Tamil Nadu, Telangana, Uttar Pradesh, and West Bengal.
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