वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने 12 फरवरी, 2019 को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बिहार राज्य का बजट प्रस्तुत किया।

बजट के मुख्य अंश

  • 2019-20 के लिए बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) मौजूदा मूल्यों पर 5,72,827 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 5% अधिक है।
     
  • 2019-20 के लिए कुल व्यय 2,00,501 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 5% अधिक है। 2018-19 में, संशोधित अनुमान के अनुसार, बजटीय अनुमान की तुलना में व्यय 13,928 करोड़ रुपए की वृद्धि (7.9%) का अनुमान है।
     
  • 2019-20 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 1,79,849 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 11.9% अधिक है। 2018-19 में कुल प्राप्तियों के (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान (1,60,735 करोड़ रुपए) के बराबर रहने का अनुमान है।
     
  • 2019-20 के लिए राजस्व अधिशेष 21,517 करोड़ रुपए या जीएसडीपी के 3.76% पर लक्षित है। राजस्व घाटा 16,101 करोड़ रुपए पर लक्षित है (जीएसडीपी का 2.81%)।
     
  • कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों (24%), पुलिस (16%) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (14%) जैसे क्षेत्रों के लिए सर्वाधिक आबंटन किए गए। बिजली और शिक्षा क्षेत्र के आबंटनों में क्रमशः 23% और 4% की गिरावट हुई है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • शिक्षा: शिक्षा के लिए 35,942 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया। मुख्यमंत्री बालक-बालिका साइकिल योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यार्थी को साइकिल दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत सहायता राशि को 2,500 रुपए से बढ़ाकर 3,000 रुपए कर दिया गया। मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के अंतर्गत कक्षा 9 से 12 की छात्राओं को मिलने वाली 1,000 रुपए की सहायता राशि को भी बढ़ाकर 1,500 रुपए कर दिया गया है।
     
  • स्वास्थ्य: 2019-20 के दौरान केंद्र और राज्य सरकार 11 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण प्रारंभ करेंगी। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की क्षमता को बढ़ाकर 5,000 बिस्तर करने और विद्यार्थियों की दाखिला क्षमता को बढ़ाकर 250 करने के लिए 5,540 करोड़ रुपए को मंजूरी दी गई है।
     
  • कृषि: हाल ही में घोषित मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के लिए 1,692 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। राज्य में सूखे की आशंका वाले 24 जिलों में किसानों को कृषि इनपुट सबसिडी के लिए 1,430 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि इनपुट अग्रिम अनुदान को 6,000 से बढ़ाकर 8,000 रुपए किया गया है।

बिहार की अर्थव्यवस्था

·   अर्थव्यवस्था: बिहार की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वार्षिक वृद्धि (मौजूदा मूल्यों पर) 2011-12 से 2016-17 के दौरान 10.9% की दर से बढ़ी है।

·   क्षेत्र: 2017-18 में राज्य सकल मूल्य संवर्धन (जीएसवीए) में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 23%, 15% और 62% का योगदान दिया। क्षेत्रवार जीएसवीए राज्य की अर्थव्यवस्था में किसी क्षेत्र के योगदान को प्रदर्शित करता है। 2017-18 में इन क्षेत्रों में क्रमशः 6.1%, 4.1%,और 17.9% की दर से वृद्धि हुई।

·   प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2017-18 में बिहार की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) 42,242 रुपए थी। 2016-17 के आंकड़ों (37,478 रुपए) की तुलना में यह 12.7% अधिक थी।

रेखाचित्र 1: बिहार में जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों का विकास (वर्ष दर वर्ष)

Sources:  Bihar Economic Survey 2018-19; PRS.

2019-20 के लिए बजट अनुमान

  • 2019-20 में 2,00,501 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 5% अधिक है। इस व्यय को 1,79,849 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 21,736 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2019-20 में 11.9% अधिक प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) की उम्मीद है।
     
  • संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2018-19 में राज्य में बजटीय अनुमान की तुलना में 13,928 करोड़ रुपए अधिक व्यय का अनुमान है। 2018-19 के लिए प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) के बजटीय अनुमान (1,60,735 करोड़ रुपए) के बराबर रहने का अनुमान है।

तालिका 1: बजट 2019-20 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

1,36,427

1,76,990

1,90,919

7.9%

    2,00,501

5.0%

क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना)

1,18,867

1,60,735

1,60,735

0.0%

    1,79,849

11.9%

ख. उधारियां

11,771

20,520

20,520

0.0%

      21,736

5.9%

कुल प्राप्तियां (ए+बी)

1,30,638

1,81,255

1,81,255

0.0%

    2,01,585

11.2%

राजस्व अधिशेष

14,823

21,312

9,355

-56.1%

      21,517

130.0%

जीएसडीपी का %

3.04%

4.13%

1.72%

 

3.76%

 

राजकोषीय घाटा

14,305

11,204

25,132

124.3%

      16,101

-35.9%

जीएसडीपी का %

2.93%

2.17%

4.62%

 

2.81%

 

प्राथमिक घाटा

5,251

440

14,368

3161.9%

        5,378

-62.6%

जीएसडीपी का %

1.08%

0.09%

2.64%

 

0.94%

 

Sources:  Bihar Annual Financial Statement 2019-20; Bihar Medium Term Fiscal Policy Statement 2019-20; PRS.

2019-20 में व्यय

विभिन्न क्षेत्रों में पूंजीगत परिव्यय

2019-20 में 36,593 करोड़ रुपए के परिव्यय में 10,476 करोड़ रुपए (30.2%) ग्रामीण विकास के लिए आबंटित किए गए। 5,687 करोड़ रुपए (16.4%) परिवहन और 4,477 करोड़ रुपए (12.9%) बिजली के लिए आबंटित किए गए। 3,887 करोड़ रुपए (11.2%) जलापूर्ति, स्वच्छता, आवासन एवं शहरी विकास के लिए आबंटित किए गए।

  • 2019-20 में पूंजीगत व्यय 45,270 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमान से 7.2% की गिरावट है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
     
  • 2019-20 में बिहार में 36,593 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय अनुमानित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में 8% की वृद्धि है। 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में 6% की वृद्धि का अनुमान है।
     
  • 2019-20 के लिए 1,55,231 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 4% की वृद्धि है। इस व्यय में वेतन का भुगतान, पेंशन और ब्याज इत्यादि शामिल हैं। 2019-20 में प्रस्तावित कुल व्यय में राजस्व व्यय का हिस्सा 77% है।

तालिका 2: बजट 2019-20 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

क. पूंजीगत व्यय

          33,803

          40,251

          42,222

4.9%

        45,270

7.2%

जिसमें पूंजीगत परिव्यय

          28,907

          32,417

          33,897

4.6%

        36,593

8.0%

ख. राजस्व व्यय

        1,02,624

        1,36,740

        1,48,696

8.7%

      1,55,231

4.4%

कुल व्यय (क+ख)

        1,36,427

        1,76,990

        1,90,919

7.9%

      2,00,501

5.0%

. ऋण पुनर्भुगतान

            4,654

            7,326

            7,326

0.0%

          7,236

-1.2%

. ब्याज भुगतान

            9,054

          10,763

          10,765

0.0%

        10,723

-0.4%

ऋण चुकौती (ग+घ)

13,707

18,090

18,091

0.0%

17,959

-0.7%

Note:  Capital outlay denotes expenditure which leads to creation of assets.

Sources:  Bihar Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

2019-20 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय

2019-20 के दौरान बिहार के बजटीय व्यय का 69% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में बिहार और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक में प्रस्तुत है।

तालिका 3 : बिहार बजट 2019-20 में विभिन्न विभागों पर व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2017-18

2018-19

2018-19

2019-20

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का%

2019-20 के बजटीय प्रावधान

वास्तविक

बजटीय

संशोधित

बजटीय

शिक्षा

         24,833

          33,411

          37,385

          35,942

-4%

·   सर्व शिक्षा अभियान के लिए 14,353 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ग्रामीण विकास

         17,600

          24,075

          24,471

          27,095

11%

·   प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए क्रमशः  5,900 करोड़ रुपए और 4,950 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

जलापूर्ति, स्वच्छता, आवासन एवं शहरी विकास

           7,609

          18,763

          19,848

          20,744

5%

·   स्मार्ट सिटी मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के लिए क्रमशः 620 करोड़ रुपए और 390 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सामाजिक कल्याण एवं पोषण

           9,897

           8,326

          12,138

          12,586

4%

·   एकीकृत बाल विकास योजना के लिए 3,153 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

           6,006

           7,548

           7,984

           9,286

16%

·   पुलिस अच्छी तरह कार्य कर सके, इसके लिए अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) के लिए 32.2 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

           6,182

           7,564

           8,025

           9,157

14%

·   राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 1,905 करोड़ रुपए और आयुष्मान भारत योजना के लिए 335 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

बिजली

         11,236

           9,864

          11,486

           8,795

-23%

·   बिजली कंपनियों के लिए 5,106 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

परिवहन

           6,804

           7,856

           8,055

           8,360

4%

·   सड़क निर्माण के लिए 5,536 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय किया गया है।

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

           3,824

           5,176

           5,254

           6,537

24%

·   राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 253 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

कुल व्यय का %

69%

69%

71%

69%

 

 

Sources:  Bihar Budget Speech, Annual Financial Statement and Demands for Grants, 2019-20; PRS.

प्रतिबद्ध देनदारियां: प्रतिबद्ध देनदारियों में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध देनदारियों के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम व्यय कर पाता है।

2019-20 में बिहार द्वारा प्रतिबद्ध देनदारियों, यानी वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज पर 52,539 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है (कुल व्यय का 26%)। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान (46,933 करोड़ रुपए, जोकि संशोधित अनुमान का 25% है) से 12% अधिक है। इन प्रतिबद्ध देनदारियों में वेतन का हिस्सा सबसे अधिक (44%) है। 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2019-20 में वेतन संबंधी व्यय में 15% की वृद्धि का अनुमान है। इन प्रतिबद्ध देनदारियों में पेंशन और ब्याज भुगतान की हिस्सेदारी क्रमशः 35% और 21% है।

तालिका 4: 2019-20 में राज्य में प्रतिबद्ध देनदारियों पर व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

वेतन

16,941

20,232

20,339

0.5%

23,358

14.8%

पेंशन

14,293

15,829

15,829

0.0%

18,458

16.6%

ब्याज भुगतान

9,054

10,763

10,765

0.0%

10,723

-0.4%

प्रतिबद्ध देनदारियां

40,289

46,825

46,933

0.2%

52,539

11.9%

SourcesBihar Budget Summary 2019-20; PRS.

2019-20 में प्राप्तियां

  • 2019-20 के लिए 1,76,748 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमानों से 11.8% अधिक है। इनमें से 38,606 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 21.8%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे। 1,38,141 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 78.2%) केंद्र द्वारा अनुदान और केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में हस्तांतरित किए जाएंगे। 2019-20 में स्वयं राजस्व और केंद्रीय हस्तांतरणों के पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 9% और 13% अधिक रहने की संभावना है।
     
  • केंद्रीय हस्तांतरण: 2019-20 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी से प्राप्त होने वाले राजस्व में पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना मे 17% की वृद्धि का अनुमान है। सहायतानुदान के रूप में राजस्व के पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में 5.6% (2,588 करोड़ रुपए) की वृद्धि का अनुमान है। 2019-20 में राज्य की 28% राजस्व प्राप्तियों के केंद्रीय अनुदान के रूप में प्राप्त होने का अनुमान है।
     
  • गैर कर राजस्व: बिहार द्वारा 2019-20 में गैर कर राजस्व से 4,806 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 2.7%) उगाहने का अनुमान है। गैर कर राजस्व स्रोतों में ब्याज प्राप्तियां, लाभांश और रॉयल्टी इत्यादि शामिल होते हैं। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में 8.1% (361 करोड़ रुपए) की वृद्धि है।

तालिका 5 : 2019-20 में राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

राज्य के अपने कर

      23,136

      31,002

      31,002

0.0%

       33,800

9.0%

राज्य के अपने गैर कर

       3,507

       4,446

       4,446

0.0%

         4,806

8.1%

केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी

      65,083

      76,172

      76,172

0.0%

       89,122

17.0%

केंद्र से सहायतानुदान

      25,720

      46,431

      46,431

0.0%

       49,019

5.6%

कुल राजस्व प्राप्तियां

1,17,447

1,58,051

1,58,051

0.0%

     1,76,748

11.8%

उधारियां

      11,771

      20,520

      20,520

0.0%

       21,736

5.9%

अन्य प्राप्तियां

       1,421

       2,684

       2,684

0.0%

         3,101

15.6%

कुल पूंजीगत प्राप्तियां

      13,191

      23,204

      23,204

0.0%

       24,837

7.0%

कुल प्राप्तियां

1,30,638

1,81,255

1,81,255

0.0%

     2,01,585

11.2%

Sources:  Bihar Annual Financial Statement 2019-20; Bihar Detailed Revenue and Capital Receipts 2019-20; PRS.

जीएसटी राजस्व

2019-20 में बिहार का कुल जीएसटी राजस्व (केंद्रीय हस्तांतरण सहित) 52,273 करोड़ रुपए अनुमानित है (राजस्व प्राप्तियों का 29.6%)। इसमें 3,500 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 2%) शामिल है जिसे राज्य ने जीएसटी के बाद राजस्व के नुकसान के मुआवजे के रूप में अनुमानित किया था।   

  • कर राजस्व: 2019-20 में बिहार को 33,800 करोड़ रुपए का कुल स्वयं कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है (राजस्व प्राप्तियों का 19%)। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 9% अधिक है। 2018-19 में स्वयं कर राजस्व के बजट अनुमान के बराबर रहने का अनुमान है (31,002 करोड़ रुपए)।
     
  • 2019-20 में स्वयं कर-जीएसडीपी अनुपात 5.9% पर लक्षित है जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 5.7% अधिक है। इसका अर्थ यह है कि करों के एकत्रण में होने वाली वृद्धि अर्थव्यवस्था की वृद्धि से अधिक है।
रेखाचित्र 2: 2019-20 में राज्य के कर राजस्व का संघटन (बअ)Sources:  Bihar Detailed Revenue and Capital Receipts 2019-20; PRS.

·   राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) राज्य के कर राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा होता है। 2019-20 में एसजीएसटी से 17,812 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। 2018-19 के संशोधित अनुमान से इसमें 18.7% की वृद्धि है।

·   2019-20 में राज्य को सेल्स टैक्स और वैट के जरिए 7,150 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है जिसमें पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में 9.4% की गिरावट है।

·   2019-20 में राज्य को स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के जरिए 4,700 करोड़ रुपए और 2,500 करोड़ रुपए वाहन कर के जरिए प्राप्त होने की उम्मीद है। 

2019-20 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

बिहार के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2006 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा।

2018-19 में राजकोषीय घाटे में वृद्धि

2018-19 के संशोधित अनुमान के अनुसार, राजस्व घाटे की तुलना में (जीएसडीपी के 2.17%) राजकोषीय घाटे के बढ़कर जीएसडीपी के 4.62% होने का अनुमान है। इसका कारण यह है कि शिक्षा, बिजली और सामाजिक कल्याण एवं पोषण के क्षेत्रों में 2018-19 में आबंटित राशि की तुलना में अधिक खर्च किया गया।

2019-20 के बजट अनुमानों में 21,517 करोड़ रुपए (या राज्य जीडीपी का 3.76% हिस्सा) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। इसका अर्थ यह है कि राजस्व प्राप्तियां, राजस्व व्यय से अधिक होने की उम्मीद है जिसके परिणामस्वरूप अधिशेष होगा। इसके अतिरिक्त राज्य ने 2018-19 से 2021-22 की अवधि के लिए राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया है।

राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2019-20 में 16,101 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जोकि राज्य जीडीपी के 2.81% के बराबर है। यह अनुमान 14वें वित्त आयोग की 3% की निर्धारित सीमा के भीतर है। 2018-19 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.62% था, जोकि 3% की सीमा से अधिक था।

बकाया देनदारियां: पिछले कई वर्षों की राज्य की उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2019-20 में बिहार की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 25.7% के बराबर होने का अनुमान है। यह 2017 में एफआरबीएम रिव्यू कमिटी द्वारा राज्यों के कुल ऋण के लिए निर्धारित 20% की सीमा से अधिक है। बकाया देनदारियां 2005-06 में 40.9% से गिरकर 2013-14 में 20.27% हो गईं। हालांकि इसमें फिर बढ़ोतरी हुई और 2018-19 के संशोधित अनुमान के अनुसार इसमें 24% की वृद्धि हुई। 2021-22 तक इसके बढ़कर 26.8% होने का अनुमान है।

तालिका 6 : 2019-20 में बिहार के बजट में विभिन्न घाटों के लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)

वर्ष

राजस्व

राजकोषीय

बकाया देनदारियां

घाटा (-)/अधिशेष (+)

घाटा (-)/अधिशेष (+)  

2017-18

3.0%

-2.9%

23.5%

2018-19 (संअ)

1.7%

-4.6%

24.0%

2019-20 (बअ)

3.8%

-2.8%

25.7%

2020-21

3.4%

-3.0%

26.3%

2021-22

3.1%

-3.0%

26.8%

 

Sources:  Bihar Medium Term Fiscal Policy Statement 2019-20; Bihar Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

Figures 3 and 4 show the trend in deficits and outstanding liabilities targets from 2017-18 to 2021-22.

रेखाचित्र 3: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

 Sources: Bihar Medium Term Fiscal Policy Statement 2019-20; Bihar Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

रेखाचित्र  4:  बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

Sources: Bihar Medium Term Fiscal Policy Statement 2019-20; PRS.

 

 

अनुलग्नक

निम्नलिखित तालिकाओं में कुछ मुख्य क्षेत्रों में 26 अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में बिहार के कुल व्यय की तुलना की गई है।[*]  इस तुलना में कुल व्यय में राजस्व व्यय और पूंजीगत परिव्यय को शामिल किया गया है।

  • शिक्षा: 2019-20 में बिहार ने शिक्षा के लिए बजट का 9% हिस्सा आबंटित किया है। 2018-19 में अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.9%), उसकी तुलना में बिहार का आबंटन अधिक है।
  • स्वास्थ्य: बिहार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6% का आबंटन किया है। 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.2%) से यह कम है।
  • कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां: राज्य ने 2019-20 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 3.3% हिस्सा आबंटित किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के आबंटनों (6.4%) से काफी कम है।
  • ग्रामीण विकास: 2019-20 में बिहार ने ग्रामीण विकास के लिए 13.5% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से काफी अधिक है।
  • बिजली: राज्य ने 2019-20 के लिए बिजली क्षेत्र के लिए 4.4% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत (5.2%) की तुलना में कम है।
  • पुलिस: 2019-20 में बिहार ने पुलिस के लिए 4.6% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत (3.9%) से अधिक है।

 

Sources: Bihar Annual Financial Statement 2019-20; Annual Financial Statement 2018-19 of respective states; PRS.

 

[*] The 26 other states include all states except Arunachal Pradesh, Manipur, and Meghalaya.  It also includes the Union Territory of Delhi.

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