राजस्थान की वित्त मंत्री सुश्री दिया कुमारी ने 19 फरवरी, 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश किया।

बजट के मुख्य अंश

  • 2025-26 के लिए राजस्थान का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (वर्तमान मूल्यों पर) 19,89,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2024-25 की तुलना में 16.7% की वृद्धि है।
  • 2025-26 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 3,79,617 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2024-25 के संशोधित अनुमान से 14% की वृद्धि है। इसके अतिरिक्त राज्य द्वारा 1,57,452 करोड़ रुपए का ऋण चुकाया जाएगा।
  • 2025-26 के लिए प्राप्तियां (उधार को छोड़कर) 2,94,973 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसमें 2024-25 के संशोधित अनुमान की तुलना में 12% की वृद्धि है।
  • 2025-26 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.6% (31,009 करोड़ रुपए) रहने का अनुमान है, जबकि 2024-25 में संशोधित अनुमान चरण में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.9% (31,939 करोड़ रुपए) रहने का अनुमान है।
  • 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.3% (84,644 करोड़ रुपए) रहने का लक्ष्य है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.1% रहने की उम्मीद है, जो बजट में निर्धारित 3.9% से अधिक है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • युवा और रोजगार: सरकार युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप प्रदान करने के लिए राजस्थान रोजगार नीति 2025 पेश करेगी। राज्य में काउंसलिंग, नियोक्ता-कर्मचारी संबंध बनाने, परीक्षा केंद्र स्थापित करने और रोजगार मेले आयोजित करने के लिए 500 करोड़ रुपए की लागत से विवेकानंद रोजगार सहायता कोष की स्थापना की जाएगी।
  • सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में युवाओं के लिए अतिरिक्त 1.25 लाख पद सृजित किए जाएंगे। गिग वर्कर्स/ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्कर्स और असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए 350 करोड़ रुपए की लागत से एक नया गिग और असंगठित श्रमिक विकास कोष स्थापित किया जाएगा।
  • स्वास्थ्य: गर्भवती महिलाओं को पोषण-किट उपलब्ध कराने के लिए 25 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिससे राज्य की करीब 2.35 लाख महिलाओं को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना के तहत आंगनवाड़ी के तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चों को दूध उपलब्ध कराने पर करीब 200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
  • पोषण एवं कृषि: मिड-डे मील कार्यक्रम और मां-बाड़ी केंद्रों में पायलट आधार पर बाजरा शामिल किया जाएगा। बाजरा की उपलब्धता और पहुंच को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में बाजरा उत्पाद आउटलेट भी स्थापित किए जाएंगे। राम जल सेतु लिंक परियोजना के तहत 9,300 करोड़ रुपए के काम किए जाएंगे।

 

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