हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने 4 मार्च, 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
- राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2022-23 (मौजूदा कीमतों पर) के लिए 1,92,690 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2021-22 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान (1,75,173 करोड़ रुपए) से 10% अधिक है। 2021-22 में जीएसडीपी पिछले वर्ष (मौजूदा कीमतों पर) की तुलना में 12% बढ़ने का अनुमान है।
- 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 46,023 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों (44,447 करोड़ रुपए) से 4% अधिक है। साथ ही राज्य द्वारा 2022-23 में 5,342 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा। 2021-22 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 1% कम रहने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 36,420 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (37,356 करोड़ रुपए) से 3% कम है। 2021-22 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान (37,069 करोड़ रुपए) से 1% अधिक होने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 9,602 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 4.98%) पर लक्षित है। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.05% होने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 4.52% के बजट अनुमान से कम है।
- 2022-23 के लिए राजस्व घाटा 3,903 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो जीएसडीपी का 2.03% है। 2021-22 में राज्य को जीएसडीपी का 0.16% राजस्व अधिशेष होने का अनुमान है, जबकि बजटीय स्तर पर 0.85% के राजस्व घाटे का अनुमान था।
नीतिगत विशिष्टताएं
- सामाजिक सुरक्षा: वृद्धावस्था पेंशन के लिए सभी के लिए आयु सीमा, आय कितनी हो, कम करके 60 वर्ष कर दी जाएगी। इससे वृद्धावस्था पेंशन के हकदार लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि होगी।
- शिक्षा: श्रेष्ठ शिक्षा गुणवत्ता प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों को लर्निंग आउटकम्स के आधार पर रैंक किया जाएगा। योजना के तहत राज्य और प्रत्येक जिले के शीर्ष तीन स्कूलों को नकद पुरस्कार दिए जाएंगे।
- ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देना: ड्रोन और ड्रोन फ्लाइंग स्कूलों को बढ़ावा देने के लिए गवर्नेंस एंड रिफॉर्म्स यूजिंग ड्रोन (गरुड़) योजना शुरू की जाएगी। योजना के तहत ड्रोन प्रशिक्षण के लिए 2022-23 में चार फ्लाइंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1: राज्य में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: ये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं जिसका अर्थ है कि वृद्धि दर मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित की गई है। |
2022-23 के लिए बजट अनुमान
- 2022-23 में 46,023 करोड़ रुपए के व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (44,447 करोड़ रुपए) से 4% अधिक है। इस व्यय को 36,420 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 7,188 करोड़ रुपए के शुद्ध उधार के जरिए पूरा करने का प्रस्ताव है। 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2022-23 में प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) के 3% कम होने की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से 1% अधिक होने का अनुमान है।
- 2022-23 में राज्य को 3,903 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है जो कि इसकी जीएसडीपी का 2.03% है। इसकी तुलना में 2021-22 में राज्य को 278 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.16%) के राजस्व अधिशेष की उम्मीद है।
- 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.98% होने का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा से अधिक है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलेगी)। 2021-22 में राज्य ने जीएसडीपी के 4.05% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 4.5% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलती है)।
तालिका 1: बजट 2022-23 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
50,305 |
50,192 |
48,834 |
-3% |
51,365 |
5% |
(-) ऋण का पुनर्भुगतान |
11,141 |
5,334 |
4,387 |
-18% |
5,342 |
22% |
शुद्ध व्यय (E) |
39,164 |
44,858 |
44,447 |
-1% |
46,023 |
4% |
कुल प्राप्तियां |
50,213 |
48,800 |
48,876 |
0.2% |
48,950 |
0.2% |
(-) उधारियां |
16,749 |
11,731 |
11,520 |
-2% |
12,530 |
9% |
शुद्ध प्राप्तियां (R) |
33,464 |
37,069 |
37,356 |
1% |
36,420 |
-3% |
राजकोषीय घाटा (E-R) |
5,700 |
7,789 |
7,090 |
-9% |
9,602 |
35% |
जीएसडीपी का % |
3.64% |
4.52% |
4.05% |
4.98% |
||
राजस्व संतुलन |
-97 |
-1,463 |
278 |
-119% |
-3,903 |
-1504% |
जीएसडीपी का % |
-0.06% |
-0.85% |
0.16% |
-2.03% |
||
प्राथमिक संतुलन |
1,228 |
2,772 |
2,286 |
-18% |
4,498 |
97% |
जीएसडीपी का % |
0.78% |
1.61% |
1.30% |
2.33% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; हिमाचल प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22; पीआरएस।
2022-23 में व्यय
|
पूंजीगत परिव्यय के लिए राजकोषीय उपलब्धता हिमाचल प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण (2021-22) के अनुसार, राज्य का कर और जीएसडीपी अनुपात कम है। सरकार को राजकोषीय अनुशासन बरकरार रखते हुए निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.98% रहने का अनुमान है। यह केंद्रीय बजट के अनुसार 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा से अधिक है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि राज्य अपने व्यय का एक बड़ा हिस्सा राजस्व व्यय पर खर्च करता है। 2022-23 में राजस्व व्यय कुल व्यय का 88% (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) होने का अनुमान है। सर्वेक्षण में प्रतिबद्ध व्यय (वेतन, पेंशन और ब्याज) में वृद्धि देखी गई। पिछले पांच वर्षों में प्रतिबद्ध व्यय का हिस्सा राजस्व प्राप्तियों के 65% से 70% के बीच रहा है। इसके अतिरिक्त यह हिस्सा 2025-26 में बढ़कर 87% होने की उम्मीद है। |
तालिका 2: बजट 2022-23 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राजस्व व्यय |
33,535 |
38,491 |
37,034 |
-4% |
40,279 |
9% |
पूंजीगत व्यय |
5,309 |
6,013 |
7,099 |
18% |
5,647 |
-20% |
राज्यों द्वारा दिए गए ऋण |
320 |
354 |
314 |
-11% |
97 |
-69% |
शुद्ध व्यय |
39,164 |
44,858 |
44,447 |
-1% |
46,023 |
4% |
स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से विकास योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2022-23 में हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 28,058 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो कि इसकी राजस्व प्राप्तियों का 77% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 42%), पेंशन (21%) और ब्याज भुगतान (14%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय 2021-22 के संशोधित अनुमान से 14% अधिक होने का अनुमान है। पेंशन पर खर्च में 20% की वृद्धि और वेतन एवं ब्याज पर खर्च में क्रमशः 14% और 6% की वृद्धि होने का अनुमान है।
तालिका 3: 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
वेतन |
12,149 |
14,403 |
13,273 |
-8% |
15,163 |
14% |
पेंशन |
6,088 |
7,082 |
6,500 |
-8% |
7,790 |
20% |
ब्याज |
4,472 |
5,018 |
4,805 |
-4% |
5,105 |
6% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
22,709 |
26,503 |
24,578 |
-7% |
28,058 |
14% |
स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस
क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान हिमाचल प्रदेश के बजटीय व्यय का 60% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।
तालिका 4: हिमाचल प्रदेश बजट 2022-23 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
बजटीय प्रावधान (2022-23 बअ) |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
6,700 |
8,272 |
7,862 |
8,669 |
10% |
सर्व शिक्षा अभियान के लिए 314 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। मिड-डे मील योजना के लिए 130 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सड़कें और पुल |
3,852 |
4,046 |
3,337 |
3,958 |
19% |
सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए 2,013 करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रस्ताव पेश किया गया है। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
2,497 |
2,976 |
3,185 |
3,032 |
-5% |
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 344 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर पूंजीगत परिव्यय 155 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। |
कृषि एवं संबंधित गतिविधियां |
2,481 |
2,672 |
2,895 |
2,709 |
-6% |
खाद्य सबसिडी के लिए 159 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
समाज कल्याण एवं पोषण |
1,959 |
2,128 |
2,128 |
2,300 |
8% |
सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन के लिए 716 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। समेकित बाल देखभाल सेवाओं के लिए 237 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
2,097 |
2,243 |
2,397 |
1,850 |
-23% |
शहरी जलापूर्ति कार्यक्रम के लिए 421 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
1,408 |
1,377 |
1,465 |
1,627 |
11% |
मनरेगा के लिए 262 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के लिए 109 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
1,214 |
1,527 |
1,549 |
1,593 |
3% |
जिला पुलिस के लिए 820 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
783 |
900 |
913 |
935 |
2% |
लघु सिंचाई के लिए 770 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
शहरी विकास |
829 |
728 |
853 |
734 |
-14% |
स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 75 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 26 करोड़ रुपए पीएमएवाई-शहरी के लिए आबंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
61% |
60% |
60% |
60% |
3% |
|
स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस
2022-23 में प्राप्तियां
- 2022-23 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति 36,375 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 3% कम है। इसमें से 13,651 करोड़ रुपए (38%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों (कर और गैर-कर राजस्व) के माध्यम से जुटाए जाएंगे और 22,725 करोड़ रुपए (62%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 19%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 44%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
- हस्तांतरण: 2022-23 में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 6,778 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 10% अधिक है।
- राज्य का स्वयं कर राजस्व: 2022-23 में राज्य का कुल स्वयं कर राजस्व 10,881 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 11% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राज्य का स्वयं कर राजस्व 2020-21 में जीएसडीपी के 5.2% (वास्तविक के अनुसार) से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 5.6% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है। 2021-22 में जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर को जीएसडीपी के 5.4% के बजट अनुमान की तुलना में जीएसडीपी के 5.6% तक संशोधित किया गया है।
- राज्य का गैर कर राजस्व: 2022-23 में राज्य को गैर कर राजस्व के रूप में 2,769 करोड़ रुपए अर्जित होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 6% अधिक है। 2021-22 में राज्य के गैर कर राजस्व में बजट अनुमानों से 5% की कमी दर्ज होने का अनुमान है।
तालिका 5: राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राज्य के स्वयं कर |
8,083 |
9,282 |
9,770 |
5% |
10,881 |
11% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
2,188 |
2,754 |
2,625 |
-5% |
2,769 |
6% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
4,754 |
5,524 |
6,163 |
12% |
6,778 |
10% |
केंद्र से सहायतानुदान |
18,413 |
19,468 |
18,755 |
-4% |
15,946 |
-15% |
राजस्व प्राप्तियां |
33,438 |
37,028 |
37,312 |
1% |
36,375 |
-3% |
गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
26 |
41 |
44 |
6% |
45 |
3% |
शुद्ध प्राप्तियां |
33,464 |
37,069 |
37,356 |
1% |
36,420 |
-3% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस
|
जून 2022 के अंत में जीएसटी क्षतिपूर्ति जब जीएसटी पेश किया गया था, तो केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 में खत्म हो रही है। 2018-22 के दौरान हिमाचल प्रदेश ने गारंटीशुदा एसजीएसटी राजस्व स्तर हासिल करने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पर भरोसा किया है। 2021-22 में हिमाचल प्रदेश को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 2,695 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है, जो उसके अपने कर राजस्व का लगभग 28% है। इसलिए जून 2022 के बाद राज्य की राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट हो सकती है। |
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राज्य जीएसटी |
3,467 |
4,142 |
4,500 |
9% |
5,130 |
14% |
राज्य एक्साइज |
1,600 |
1,868 |
1,903 |
2% |
2,131 |
12% |
सेल्स टैक्स/वैट |
1,630 |
1,643 |
1,625 |
-1% |
1,810 |
11% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
253 |
311 |
399 |
29% |
399 |
0% |
वाहन टैक्स |
380 |
488 |
488 |
0% |
512 |
5% |
भूराजस्व |
7 |
23 |
22 |
-3% |
23 |
5% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
402 |
431 |
403 |
-6% |
403 |
0% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
1,764 |
3,834 |
2,695 |
-30% |
1,700 |
-2% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
1,717 |
0 |
0 |
0 |
स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस
2022-23 के लिए घाटे और ऋण के लक्ष्य
हिमाचल प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा, और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2022-23 में हिमाचल प्रदेश को 3,903 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 2.03% है। 2020-21 में राज्य में 97 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.06%) का राजस्व घाटा दर्ज हुआ था। संशोधित अनुमानों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 2021-22 में 278 करोड़ रुपए (0.16% जीएसडीपी) का राजस्व अधिशेष होने की उम्मीद है। बजट के साथ प्रस्तुत मध्यम अवधि की राजकोषीय योजना के अनुसार, राज्य का राजस्व घाटा 2025-26 में जीएसडीपी के 4.61% तक और बढ़ने की उम्मीद है।
15वें वित्त आयोग ने सुझाव दिया है कि 17 राज्यों को राजस्व घाटे को खत्म करने के लिए 2021-26 के दौरान अनुदान दिए जाएं। इन पांचों वर्षों में हिमाचल प्रदेश को अनुदान प्राप्त होगा। 2022-23 में राज्य को 9,377 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुदान मिलने की उम्मीद है। 2021-22 में राजस्व घाटा अनुदान 10,249 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और यह राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा 9,602 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 4.98%) रहने का अनुमान है। यह केंद्रीय बजट के अनुसार 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा से अधिक है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध कराई जाएगी)। संशोधित अनुमानों के अनुसार 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.05% रहने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी के 4.52% के बजट अनुमान से कम है। यह 2021-22 के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत 4.5% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होती है)। बजट के साथ प्रस्तुत मध्यम अवधि की राजकोषीय योजना के अनुसार राज्य का राजकोषीय घाटा 2025-26 में जीएसडीपी के 7.50% तक बढ़ने की उम्मीद है।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। बकाया देनदारियां 2019-20 में जीएसडीपी के 35.25% से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी के 40.49% होने का अनुमान है।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। पॉजिटिव आंकड़ा अधिशेष और नेगेटिव घाटा दर्शाता है। *2023-24, 2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमानित हैं। |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। |
बकाया सरकारी गारंटी: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो आकस्मिक हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (एसपीएसई) वित्तीय संस्थानों से जो उधारी लेते हैं, उनकी गारंटी राज्य सरकारें देती हैं। 2020-21 के अंत में राज्य की बकाया गारंटी जीएसडीपी का 1.37% होने का अनुमान है जो 2019-20 के अंत में जीएसडीपी के 1.45% से कुछ कम है। बिजली क्षेत्र और राज्य बिजली बोर्ड में गारंटी का स्तर बढ़ गया है।
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में हिमाचल प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (हिमाचल प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2021-22 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]
- शिक्षा: 2022-23 में हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के लिए बजट का 18.9% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.2%) उसकी तुलना में हिमाचल प्रदेश का आबंटन अधिक है (2021-22 बजट अनुमान)।
- स्वास्थ्य: हिमाचल प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.6% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6%) से यह ज्यादा है।
- कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 5.9% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.2%) से कम है।
- ग्रामीण विकास: हिमाचल प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 3.5% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के औसत आबंटन (5.7%) से कम है।
- पुलिस: हिमाचल प्रदेश ने पुलिस के लिए अपने व्यय का 3.5% आबंटित किया है जोकि राज्यों द्वारा पुलिस पर किए गए औसत व्यय (4.3%) से कम है।
- सड़क और पुल: हिमाचल प्रदेश ने सड़कों और पुलों के लिए 8.6% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.7%) से ज्यादा है।
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नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। 2020-21, 2021-22 (बअ), 2021-22 (संअ), और 2022-23 (बअ) के आंकड़े हिमाचल प्रदेश के हैं।
स्रोत: हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।
अनुलग्नक 2: 2020-21 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
शुद्ध प्राप्तियां (1+2) |
38,465 |
33,464 |
-13% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
38,439 |
33,438 |
-13% |
क. स्वयं कर राजस्व |
9,090 |
8,083 |
-11% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
2,410 |
2,188 |
-9% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
6,266 |
4,754 |
-24% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
20,673 |
18,413 |
-11% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
3,338 |
1,764 |
-47% |
2. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
26 |
26 |
0% |
3. उधारियां |
7,554 |
16,749 |
122% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
1,717 |
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शुद्ध व्यय (4+5+6) |
45,737 |
39,164 |
-14% |
4. राजस्व व्यय |
39,123 |
33,535 |
-14% |
5. पूंजीगत परिव्यय |
6,255 |
5,309 |
-15% |
6. ऋण और अग्रिम |
359 |
320 |
-11% |
7. ऋण पुनर्भुगतान |
3394 |
3,394 |
228% |
राजस्व संतुलन* |
-684 |
-97 |
-86% |
राजस्व संतुलन * (जीएसडीपी का %) |
-0.38% |
-0.06% |
- |
राजकोषीय घाटा |
7,272 |
5,700 |
-22% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) |
4.00% |
3.64% |
- |
नोट: नेगेटिव राजस्व संतुलन घाटा दर्शाता है। बअ: बजट अनुमान
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
भूराजस्व |
18 |
7 |
-61% |
वस्तुओं और यात्रियों पर टैक्स |
166 |
84 |
-50% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
328 |
253 |
-23% |
वाहन टैक्स |
457 |
380 |
-17% |
राज्य एक्साइज ड्यूटी |
1,788 |
1,600 |
-11% |
एसजीएसटी |
3,855 |
3,467 |
-10% |
सेल्स टैक्स/वैट |
1,685 |
1,630 |
-3% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
403 |
402 |
0% |
नोट: बअ: बजट अनुमान
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
आवासन |
182 |
101 |
-45% |
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण |
1,042 |
783 |
-25% |
पुलिस |
1,541 |
1,214 |
-21% |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
8,304 |
6,700 |
-19% |
ग्रामीण विकास |
1,739 |
1,408 |
-19% |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण |
2,976 |
2,497 |
-16% |
परिवहन |
5,445 |
4,624 |
-15% |
इसमें सड़कें और पुल |
3,986 |
3,852 |
-3% |
कृषि और संबंधित गतिविधियां |
2,856 |
2,481 |
-13% |
जलापूर्ति और सैनिटेशन |
2,357 |
2,097 |
-11% |
समाज कल्याण और पोषण |
1,965 |
1,959 |
0% |
शहरी विकास |
763 |
859 |
13% |
बिजली |
645 |
727 |
13% |
एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण |
100 |
127 |
27% |
नोट: बअ: बजट अनुमान
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
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