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पंजाब की 15वीं विधानसभा का कामकाज

वाइटल स्टैट्स

पंजाब की 15वीं विधानसभा का कामकाज 

पंजाब की 16वीं विधानसभा के चुनाव 20 फरवरी, 2022 को होने निश्चित हैं। 15वीं विधानसभा के सत्र मार्च 2017 और नवंबर 2021 के दौरान संचालित हुए थे। इस नोट में 11 नवंबर, 2021 तक पंजाब की 15वीं विधानसभा के कामकाज का विश्लेषण किया गया है। डेटा उपलब्ध न होने के कारण (बैठक के दिनों को छोड़कर), इस नोट में 2017 के पहले और दूसरे सत्र को शामिल नहीं किया गया है।

विधानसभा की बैठकें साल में औसतन 14 दिन हुईं

  • मार्च 2017 से नवंबर 2021 के बीच विधानसभा के 16 सत्र हुए और उसकी कुल 68 बैठकें हुईं। एक साल में सबसे अधिक बैठकों की संख्या 15 थी (2019 में)।
     
  • पंजाब विधानसभा के कार्य प्रक्रिया के नियमों में यह अपेक्षित है कि एक वित्तीय वर्ष में विधानसभा की कम से कम 40 दिन बैठकें हों। लेकिन विधानसभा ने अपने पूरे कार्यकाल में इस मानदंड को पूरा नहीं किया। इस कार्यकाल में एक वित्तीय वर्ष में बैठकों की सबसे अधिक संख्या 20 थी (2017-18 के दौरान)।
     
  • विधानसभा की 56% बैठकें (38 दिन) बजट सत्र के दौरान हुईं। 2017 के मानसून सत्र को छोड़कर (आठ दिन) किसी भी मानसून या बजट सत्र के दौरान विधानसभा की बैठकें तीन दिन से ज्यादा नहीं हुईं।
     
  • कई वर्षों के दौरान विधानसभा की बैठकों के दिन कम होते गए हैं। सबसे अधिक दिन 42 थे (1967 में)। 1997 के बाद से एक बार भी विधानसभा की एक वर्ष में 20 दिनों से अधिक बैठक नहीं हुई हैं।  

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नोट: *वर्ष में कभी न कभी, या पूरे वर्ष राष्ट्रपति शासन लागू था। 

विधानसभा में निश्चित समय का औसतन 71% काम किया गया

  • विधानसभा के कार्य प्रक्रिया के नियमों के अनुसार, एक बैठक 4.5 घंटे होनी निर्धारित है। 15वें कार्यकाल के दौरान विधानसभा ने अपने निर्धारित घंटे का 71% काम किया। 
     
  • औसत बैठक 3.6 घंटे चलीं, जोकि अपेक्षित 4.5 घंटे से एक घंटा कम है। विधानसभा की 28 बैठकें 4.5 घंटे या उससे अधिक तक चलीं, जोकि उसकी कुल बैठकों के आधे से भी कम है। 2020 के मानसून और शीतकालीन सत्रों के दौरान विधानसभा की बैठकें निर्धारित घंटों का 40% और 56% हुईं। इन सत्रों के दौरान विधानसभा की बैठकें क्रमशः एक और तीन दिन ही हुईं। ये दो सत्र मार्च 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन की शुरुआत के बाद संचालित किए गए थे। 

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सभी 117 बिल एक ही दिन पेश और पारित किए गए 

  • नवंबर 2021 तक विधानसभा ने 117 बिल पेश और पारित किए। इन बिल्स को उसी दिन पारित कर दिया गया, जिस दिन वे पेश किए गए।
     
  • 11 नवंबर, 2021 को आखिरी बैठक में विधानसभा ने एक ही दिन में 16 बिल पेश और पारित किए। उस दिन विधानसभा ने करीब आठ घंटे काम किया। जिन बिल्स को पारित किया गया, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं- पंजाब ऊर्जा सुरक्षा, टैरिफ में सुधार, टर्मिनेशन और पुनर्निर्धारण बिल, 2021 तथा पंजाब अक्षय ऊर्जा सुरक्षा, टैरिफ में सुधार, टर्मिनेशन और पुनर्निर्धारण बिल, 2021।   

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नोट: इसमें विनियोग बिल्स शामिल नहीं हैं। 

  • इस कार्यकाल के दौरान पारित होने वाले मुख्य कानूनों में केंद्रीय कृषि कानूनों में संशोधन करने वाले तीन बिल्स (संसद में सितंबर 2020 में पारित और दिसंबर 2021 में निरस्त) शामिल हैं जिन्हें पंजाब में लागू करने के लिहाज से संशोधित किया गया था। इसके अतिरिक्त इन कानूनों में पंजाब में पंजाबी और अन्य भाषाओं की शिक्षा (संशोधन) बिल, 2021, पंजाब व्यापार का अधिकार बिल, 2020 और पंजाब सामाजिक सुरक्षा बिल, 2018 भी शामिल हैं।   

कोविड के प्रतिक्रियास्वरूप मुख्य कानूनी परिवर्तन अध्यादेशों के जरिए किए गए

  • कोविड-19 के मद्देनजर पंजाब क्लिनिकल इस्टैबलिशमेंट्स (पंजीकरण और रेगुलेशन) एक्ट, 2020 को लागू किया गया ताकि प्राकृतिक आपदाओं और महामारियों की स्थिति में निजी क्लिनिकल इस्टैबलिशमेंट्स को रेगुलेशन के दायरे में लाया जा सके। पंजाब कैदियों का अच्छा आचरण (अस्थायी रिहाई) एक्ट, 2020 को भी लागू किया गया ताकि आपात स्थितियों के मामलों में कैदियों की पेरोल बढ़ाई जा सके। इन दोनों कानूनों को पहले अध्यादेशों के तौर पर जारी किया गया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 213 के अनुसार, अगर विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा हो तो तत्काल कार्रवाई की जरूरत पड़ने पर राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है। अध्यादेश को अगले सत्र के शुरू होने के छह हफ्ते के भीतर विधानसभा द्वारा मंजूर करना होता है। 

छह सत्रों के दौरान कोई तारांकित प्रश्न नहीं लिए गए

  • तारांकित प्रश्न वे होते हैं जिनका संबंधित मंत्री को सदन में मौखिक उत्तर देना होता है। अध्यक्ष के कहने पर कई भी सदस्य किसी तारांकित प्रश्न के साथ अनुपूरक प्रश्न पूछ सकता है। 
     
  • मार्च 2018 में बजट सत्र के दौरान 104 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए जोकि इस कार्यकाल के किसी भी सत्र में सर्वाधिक थे।
     
  • ऐसे छह सत्र थे जिनके दौरान कोई तारांकित प्रश्न नहीं लिया गया। इनमें से एक जनवरी 2020 का विशेष सत्र था जबकि बाकी के सत्र, मानसून या शीतकालीन सत्र थे।

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नोट: इस चार्ट में 2017 के पहले और दूसरे तथा 2018 के तीसरे सत्र के प्रश्न शामिल नहीं हैं।

 

स्रोत: पंजाब विधानसभा की वेबसाइट, विधानसभा का बुलेटिन और कार्य प्रक्रिया के नियम। 2017 के पहले और दूसरे तथा 2018 के तीसरे सत्रों के बुलेटिन विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं थे; पीआरएस। 

     

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह रिपोर्ट मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार की गई है। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी की मूल रिपोर्ट से इसकी पुष्टि की जा सकती है। 

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