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17वीं लोकसभा का प्रोफाइल

 542 निर्वाचन क्षेत्रों के अंतिम नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। एक निर्वाचन क्षेत्र- तमिलनाडु के वेल्लोर में चुनाव स्थगित कर दिया गया है। 303 सीटों के साथ भाजपा ने 17वीं लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा है। इस आलेख में हम 17वीं लोकसभा में नवनिर्वाचित संसद सदस्यों के प्रोफाइल का विश्लेषण कर रहे हैं।

भाजपा को सर्वाधिक प्रतिनिधित्व

  • राष्ट्रीय दलों के 397 सांसदों को चुना गया है। इनमें 303 सांसद भाजपा के, 52 कांग्रेस के और 22 टीएमसी के हैं।
  • राज्य स्तरीय दलों में डीएमके (23) और वाईएसआरसीपी (22) ने सबसे अधिक सीटें जीती हैं।

17वीं लोकसभा कम अनुभवी

  • लोकसभा में 300 सांसदों का पहला कार्यकाल है। निवर्तमान लोकसभा के 197 सांसदों को दोबारा चुना गया है। इसके अतिरिक्त 45 सांसद पिछली लोकसभाओं के भी सदस्य रहे हैं।
     
  • यह विभाजन पिछले आम चुनाव से बहुत अधिक अलग नहीं है।

 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले सांसद कम, 40 वर्ष से कम उम्र वाले अधिक

  • सांसदों की औसत आयु 54 वर्ष है।
     
  • 17वीं लोकसभा में 12% सांसद 40 वर्ष से कम उम्र के हैं। यह 16वीं लोकसभा से अधिक है जिसमें 8% सांसद 40 वर्ष से कम उम्र के थे।
     
  • यह परिदृश्य लोकसभा में उम्रदराज सांसदों के बड़ी संख्या में होने की प्रवृत्ति से उलट है। 40 वर्ष से कम उम्र के सांसदों का अनुपात पहली लोकसभा में 26% के साथ निरंतर कम हुआ है।
     
  • 17वीं लोकसभा में पुरुष सांसदों की तुलना में महिला सांसदों की उम्र 6 वर्ष कम है।

394 सांसद कम से कम स्नातक स्तर तक शिक्षित

  • 17वीं लोकसभा में 27% सांसदों ने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की हुई है। इसकी तुलना में 16वीं लोकसभा में 20% सांसदों ने 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की थी।
     
  • 1996 से प्रत्येक लोकसभा के कम से कम 75% सांसद ग्रैजुएट रहे हैं।

17वीं लोकसभा में 78 महिला सांसद  

  • 716 महिला उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। इनमें से 78 महिला सांसदों को 17वीं लोकसभा में चुना गया। 2014 में 62 महिला सांसद चुने गए थे।
     
  • लोकसभा में महिला सांसदों के प्रतिनिधित्व में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। पहली लोकसभा में महिला सांसद 5% थीं और 17वीं लोकसभा में 14%।
     
  • हालांकि पिछले कुछ वर्षों में महिला सांसदों का प्रतिशत बढ़ रहा है लेकिन यह अन्य देशों की तुलना में अब भी कम है। इनमें रवांडा (61%), दक्षिण अफ्रीका (43%), यूके (32%), यूएसए (24%), बांग्लादेश (21%) शामिल हैं।

अधिकतर सांसदों ने राजनैतिक और सामाजिक कार्यों को अपना पेशा घोषित किया

  • 39% सांसदों ने राजनैतिक और सामाजिक कार्यों को अपना पेशा बताया है।
     
  • 38% कृषि गतिविधियों में संलग्न हैं जबकि 23% व्यवसायी हैं।
     
  • केवल 4% सांसद वकील हैं।
     
  • नोट: अनेक सांसदों ने एक से अधिक पेशे की घोषणा की है।

Sources: The list of MPs is based on information from the Election Commission of India (results.eci.gov.in).  The data on the newly elected MPs has been taken from candidate affidavits collated by Association of Democratic Reforms (ADR), Data on other Parliaments is from Inter Parliamentary Union (http://www.ipu.org/wmne/classif.htm) as on May 24, 2019.  Other data is from the publications and website of Lok Sabha.

 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है। 

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